Friday, February 19, 2016

बेहतर लाइफ जीने के लिए जरूरी हैं कुछ रूल्स

                                                     बेहतर लाइफ जीने के लिए जरूरी हैं कुछ रूल्स                                    
दोस्तो अपनी लाइफ में बेलेंस बनाये रखने के लिए कुछ रूल्स अनिवार्य हैं। रूल्स हमें डिसिपिलीन में रहना तो सीखाऐगे ही हैं साथ ही साथ हमे टेंसन फ्री भी रखेंगे ।गौतम बुद्ध ने भी कहा है कि 

"अगर आप का खुद पर पूरी तरह नियंत्रण है तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत कम लोग हासिल कर पाते हैं" 
  
जिन लोगो की लाइफ में रूल्स नही होते वे लोग लाइफ में कभी कामयाब  भी नही हो पाते। कामयाबी के लिए जरूरी हैं  लाइफ में  दस रूल्स -


१ समय समय पर अपना मूल्यांकन करें  :- किसी भी कामयाब इंसान को देखो वह कुछ रूल्स फॉलो करके ही कामयाब हुआ है । कामयाबी चाहते हो तो लाइफ में कुछ रूल्स बनाओ और उन्हें फॉलो करो।  हम रूल्स पर चलकर ही ओरो से कुछ अलग बन सकते हैं । कई बार हम रूल्स तो बना लेते हैं पर वो बीच बीच में  टूट जाते हैं।  पर यदि हम उन्हें दुबारा अपनी लाइफ में लागू करने की कोशिस करें तो लाइफ में जरूर कामयाब हो सकते हैं । ज्यादातर लोग  अपनी कमियां देखना ही नही चाहते । अगर आप इस भेड़ चाल से बचना चाहते हो तो इसके लिए एक ही रास्त है कि आप समय समय पर अपना मूल्यांकन करते रहें ।


२ गलतियों से सीख लें  :-गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन इसका मतलब ये नही है की हम उस गलती को बार बार दोहराते जाएं । जब तक आप गलतियां करना नही छोडोगे तब तक आप कामयाब नही हो सकते । अगर आप लाइफ में कामयाबी चाहते हो तो अपनी तो क्या दुसरो की गलतीयों  से भी सबक लो । जो अपनी कमियां ना देखकर दुसरो में कमी देखते हैं उनमे अंहकार आ जाता है जिसकी वजह से वो खुद को श्रेष्ट और ओरो को हीन समझने लगता है। और दुसरो की निंदा करने लग जाता है इसलिए हमेशा दुसरो के गुण और अपनी कमियों पर ध्यान दें । 

 " अगर में महान बनना चाहता हूं तो पहले मुझे अपने आप पर विजय पानी होगी इसे ही स्व अनुशासन कहते हैं 
                                                 -हैरी एस टुमॆन पूर्व अमेरिकी राष्टपति  

३ प्राथमिक कार्य को वरीयता दें :-लाइफ में बेलेंस बनाएं रखने के लिए इंसान को अनेको कार्य करने पड़ते हैं । लेकिन ये ध्यान रखे की आप हर कार्य में कुशल नही हो सकते। इसलिए खुद को अपनी क्षमता से अधिक कार्य में व्यस्त ना रखें । जिन कार्यो में ओरो की मदद ले सकते हो उन कार्यो में मदद लें  और जिन कार्यो को बिना करें काम चल सकता है  उन्हें ना करें ।  जो कार्य आप के लिए अनिवार्य हैं पहले उन्ही कार्यो को निपटाएं। प्राथमिक कार्य वो हैं जिसको आप सबसे मूलयवान समझते हो , प्रथमिक कार्यो को तरहीज देने का मतलब है कि अपना समय और ऊर्जा   अधिक से अधिक उन कार्यो में लगाना ।  

  
४ कंफर्ट जोन से बहार निकलें :-देखिये जोखिम  उठाये बिना आप लाइफ में आगे नही बढ़ सकते । सोच समझ कर जोखिम लेना ही सही निर्णय है । औरो की बनाई  राह पर चलना छोड़ दो । कई  लोग इसलिए कामयाब नही हो पाते क्यों कि वो दुसरो की  राह पर चलते है और इंसान उसी फिल्ड में कामयाबी पा सकता है जो उसने खुद चुनी है । दुसरो को  अपना लीडर ना बनाएं । अपनी लाइफ के खुद लीडर बनें । नए काम में लोग साथ देने की बजाए अपनी सोच थोपते हैं ऎसे में विचिलत ना हों अपने आप को समझाएं, खुद के फैसले पर यकीन रखें ।  

५ हमेशा अपनी तरफ स बेस्ट देने की कोशिस करें :-  इंसान कभी भी परफेक्ट नही बन सकता। कोई काम कितनी ही अच्छी तरह से करो फिर भी सुधार की गुंजाइस  हमेशा बनी  रहती है इसलिए बेस्ट देने की कोशिस करें ना की परफेक्ट बनने की । 


६ हर परस्थिति में खुश रहने की आदत डालें :- ज्यादातर इंसान परस्थिति पर निर्भर रहता है। अनुकूल परस्थिति में खुश व प्रतिकूल में दुखी रहता है । दोस्तों हम कोशिस कर सकते हैं परस्थितियों  पर हमारा जोर नही चल सकता । अगर आप प्रतिकूल परिस्थति में दुखी रहते हो तो आप  एनर्जी व  समय  नष्ट कर रहें हो । सीरियल सीया के राम में भी कहा गया है कि 
              " परिस्थति में सुख या दुःख ढूड़ना तो इंसान की मनोस्थति पर निर्भर करता है "

७ शिष्टाचारी बनें :- शिष्टाचारी इंसान हर जगह मान सम्मान पाता है । जहां भी जाता है वहां अपने  शिष्टाचार से अलग पहंचान बनता है । और ऎसे दोस्त बनता है जो समय पड़ने पर काम आते हैं। और वैसे भी कहते हैं की इंसान की वाणी में वो ताकत है जो होते हुए काम को बिगाड़ सकती है और रुके काम को करवा सकती है। मधुर वाणी ही शिष्टाचार का महत्वपूर्ण हिस्सा है । 

८ शॉर्ट कट से बचें  :-  शॉर्ट कट से कभी भी स्थाई कामयाबी नही मिल सकती । कामयाबी तब ही टिकती है जब सघर्श करके हासिल की हो। कुछ बातें हमेशा ध्यान में रखना जिन लोगो ने आपकी मदद की  है उनके प्रति ईमानदार रहें। मेहनत का उचित फल ना मिलने पर धैर्य रखें और किसी भी परिस्थति  में  गलत रास्ता ना अपनाएं।   

९ खुद को काबिल बनाएं :- जब तक आप खुद काबिल नही हो दुसरो को कुछ कहने का हक नही रखते । और ना ही दुसरो पर आपके कहे का कुछ असर होगा ।इसलिए जैसा आप दुसरो से उम्मीद करते हो उसके लिए पहले खुद वैसे  बनो। कहने की बजाए करके दिखलाओ । 


१० आत्मनिर्भर बनें :- दोस्तों उन लोगो की लाइफ में अधिकतर टेंशन रहती है जो दुसरो पर निर्भर रहते हैं। इसलिए दुसरो पर निर्भर रहने की बजाय आत्मनिर्भर बनें । अपना कार्य स्वयं करें  व दुसरो से अपेक्षा ना करें । अपेक्षा ही परेशानी का सबब बनती है ।