
अपना जनून पहंचाने :- दोस्तों! कहते है कि बिना जनून के आपके अंदर ऊर्जा नही रहती , बिना ऊर्जा के आप कुछ नही कर सकते । अपने जनून को पहंचानो अपने महत्व एव सार को जानो । कहते हैं कि -
" जो अपने जीवन के महत्व एव सार को पहंचान लेते हैं वे ही सही फैसला लेते हैं "
इसके लिए अपने दिल की सुने और वो ही फैसला लें जो आपका दिल कहता है। ज्यादातर हम दुसरो से कंपेयर करते हैं, दुसरो के देखा देखी कैरियर चुनते हैं। हम ये नही देखते की हमे क्या पसंद है हमारी रूचि किस में है। इसलिए हम टेलेंटिड होते हुए भी सक्सेस नही हो पाते ।
खुद को झूठी दिलासा ना दें :- दोस्तों ! जब काम अच्छा होता है तो इससे सम्मान व पहंचान दोनों मिलते हैं । लेकिन अच्छा काम अनुभव से होता है।इसलिए कभी खुद को झूठी दिलासा ना दें। अगर आप अच्छा पढ़ना,चाहते हो या लाइफ में अलग पहंचान बनाना चाहते हो तो इसके लिए आप व्यवहारिक कदम उठाये और उन्हें धरातल पर रख कर देखें। किसी अज्ञात व्यक्ति ने कहा था -
" जो अपने जीवन के महत्व एव सार को पहंचान लेते हैं वे ही सही फैसला लेते हैं "
इसके लिए अपने दिल की सुने और वो ही फैसला लें जो आपका दिल कहता है। ज्यादातर हम दुसरो से कंपेयर करते हैं, दुसरो के देखा देखी कैरियर चुनते हैं। हम ये नही देखते की हमे क्या पसंद है हमारी रूचि किस में है। इसलिए हम टेलेंटिड होते हुए भी सक्सेस नही हो पाते ।
खुद को झूठी दिलासा ना दें :- दोस्तों ! जब काम अच्छा होता है तो इससे सम्मान व पहंचान दोनों मिलते हैं । लेकिन अच्छा काम अनुभव से होता है।इसलिए कभी खुद को झूठी दिलासा ना दें। अगर आप अच्छा पढ़ना,चाहते हो या लाइफ में अलग पहंचान बनाना चाहते हो तो इसके लिए आप व्यवहारिक कदम उठाये और उन्हें धरातल पर रख कर देखें। किसी अज्ञात व्यक्ति ने कहा था -
" सिर्फ सोच सोच कर आप कभी अपने लक्ष्य की और नही पहुंच सकते ना ही सुन सुनकर लक्ष्य प्राप्त कर सकते। सिर्फ सोच कर कही कोई पहुंचता है ? कोई कितना ही सोचे हाथो में केवल राख ही मिलती है "
जीतने की जिद और सकरात्मक सोच रखें :- सिर्फ सपने देखने या सोचने से सक्सेस नही मिल जाती । आप जीतने की जिद्द कर लो तो मंजिल तक पहुंच ही जाओगें । इसके लिए ये देखना अनिवार्य है कि आप में कितनी सामर्थ्य है ? कितने प्रयासों की जरूरत है ? आप कर्मठता से कर सकते हैं या नही ? शुरुआत करने के बाद हो सकता है कि आपकी राह में ऐसे रोड आएं जो आपको निरुत्साहित कर दें। ऐसी परिस्थिति में आप नकरात्मकता को हावी ना होने दें।परिस्थितियों के सामने घुटने टेकने की बजाए उसे पार करने का सलूशन ढूढें । कहते है कि -
" सम्पनता दिमाग को जंग लगा देती है और कठनाई उसे पैना करती है "
कार्य को रुचिकर बनाएं :- हो सकता है कि आपकी पढ़ाई या कार्य बोरींग हो, आप उससे ऊब गए हो, कार्य करने में मन नही लगता हो । तो ऐसे में कार्य को रुचिकर बनाने का उपाय सोचें । अगर आपने अपना कार्य रुचिकर बना लिया तो आप निश्चय ही कार्य को इंजॉय करने लगोगे । डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि -
" अगर आप काम और सुख में बेलेंस बनाने में रूचि रखते हैं तो उन्हें बैलेंस करने का प्रयास छोड़ दीजिये इसके बजाए अपने काम को और सुखद बनाये "
मेंटली स्ट्रॉग बनें :- जब भी हम समाज में कुछ नया करने चलते हैं तो दस बातें होती ही हैं कुछ फेवर में कुछ अपोजिट । घर परिवार समाज वाले ही आपका मनोबल तोड़ने लगते हैं कई बार आपको डिमोटिवेट कर देते है । इससे निपटने के लिए मेंटली स्ट्रॉग बनों । किसी ने कहा है कि -
" रूढ़िवादी सोच से लड़ने का एक ही तरीका है कि आप मेंटली स्ट्रॉग बनें "
जब आप मेंटली स्ट्रॉग होते हैं तो शरीर भी मजबूत बन सकता है । बड़ा लक्ष्य बनाएं। जब लक्ष्य बड़ा होता है तो छोटी छोटी बातें असर नही करती। मन को सुंदर बनाएं। शरीरिक सुंदरता आखों को आकर्षित करती है और अच्छाई दिमाग को आकर्षित करती है । इसलिए सुंदरता मन से है इसे शरीर से क्यों जोड़े ?
जीतने की जिद और सकरात्मक सोच रखें :- सिर्फ सपने देखने या सोचने से सक्सेस नही मिल जाती । आप जीतने की जिद्द कर लो तो मंजिल तक पहुंच ही जाओगें । इसके लिए ये देखना अनिवार्य है कि आप में कितनी सामर्थ्य है ? कितने प्रयासों की जरूरत है ? आप कर्मठता से कर सकते हैं या नही ? शुरुआत करने के बाद हो सकता है कि आपकी राह में ऐसे रोड आएं जो आपको निरुत्साहित कर दें। ऐसी परिस्थिति में आप नकरात्मकता को हावी ना होने दें।परिस्थितियों के सामने घुटने टेकने की बजाए उसे पार करने का सलूशन ढूढें । कहते है कि -
" सम्पनता दिमाग को जंग लगा देती है और कठनाई उसे पैना करती है "
कार्य को रुचिकर बनाएं :- हो सकता है कि आपकी पढ़ाई या कार्य बोरींग हो, आप उससे ऊब गए हो, कार्य करने में मन नही लगता हो । तो ऐसे में कार्य को रुचिकर बनाने का उपाय सोचें । अगर आपने अपना कार्य रुचिकर बना लिया तो आप निश्चय ही कार्य को इंजॉय करने लगोगे । डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि -
" अगर आप काम और सुख में बेलेंस बनाने में रूचि रखते हैं तो उन्हें बैलेंस करने का प्रयास छोड़ दीजिये इसके बजाए अपने काम को और सुखद बनाये "
मेंटली स्ट्रॉग बनें :- जब भी हम समाज में कुछ नया करने चलते हैं तो दस बातें होती ही हैं कुछ फेवर में कुछ अपोजिट । घर परिवार समाज वाले ही आपका मनोबल तोड़ने लगते हैं कई बार आपको डिमोटिवेट कर देते है । इससे निपटने के लिए मेंटली स्ट्रॉग बनों । किसी ने कहा है कि -
" रूढ़िवादी सोच से लड़ने का एक ही तरीका है कि आप मेंटली स्ट्रॉग बनें "
जब आप मेंटली स्ट्रॉग होते हैं तो शरीर भी मजबूत बन सकता है । बड़ा लक्ष्य बनाएं। जब लक्ष्य बड़ा होता है तो छोटी छोटी बातें असर नही करती। मन को सुंदर बनाएं। शरीरिक सुंदरता आखों को आकर्षित करती है और अच्छाई दिमाग को आकर्षित करती है । इसलिए सुंदरता मन से है इसे शरीर से क्यों जोड़े ?
No comments:
Post a Comment