Sunday, July 22, 2018

कुछ तो निस्वार्थ कर जाओ!!!



हाय दोस्तों ! कहते हैं कि वाहन हो या जीवन जब भी पहिया धरती मे फस जाता है तब किसी की सहायता के बिना नही निकलता | हम सभी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए कभी ना कभी दुसरो की मदद की जरूरत पड़ती है | आज किसी और को हमारे सपोट की जरूरत है, कल हमे  किसी के सपोट की जरूरत पड़ सकती है | महाभारत में लिखा है कि -

जीवन हो या वाहन जब भार मर्यादा से ज्यादा बढ़ जाए, पहिया तभी भूमि में धसता है " 

आज किसी और के जीवन की गाड़ी का पहिया धंसा हुआ है कल हमारे जीवन की गाड़ी का पहिया धंस सकता है | फिर क्यों हम एक दुसरे की मदद करने से कतराते हैं ? क्यों हम मै और मेरे तक सिमित रह जाते हैं ? क्यों हम मै और मेरे से ऊपर नही सोच पाते ? हम खुद में खुद के परिवार में खुद के समाज में इतने मग्न हो जाते हैं कि हमे दुसरो का दुःख ,परेशानी , जरूरत दिखाई ही नहीं देती | समाज के झूठे दिखावे में अनलिमिट खर्च करते हैं, समय बर्बाद करते हैं | लेकिन जरूरत मंदो के बारे में एक बार भी नही सोचते | चाहे वो अपने ही भाई बहन क्यों ना हो | जबकि -

"खुद गर्ज दुनिया में ये इंसान की पहंचान है ,जो पराई आग में जल जाए वो इंसान है "

ईश्वर ने हमे सिर्फ अपने लिए जीने के लिए नही भेजा | सिर्फ अपने लिए जिए और अपने लिए मरें ये गलत है | मै इसके समर्थन में नही हूं | दुनियां में इंसान बन कर आये हो तो कुछ तो इंसानो वाले कार्य करो |  एक गाना है -


"अपने लिए जिए तो क्या जिए ,जी ले दिल जमाने के लिए " 

किसी एक की मदद, किसी एक को सहारा, किसी एक की लाइफ चेंज कर के इस दुनिया से जाओ | एक नई सोच और नई विचार धारा समाज में छोड़ कर जाओ | 

आपके हालात कितने ही बद से बदतर हो लेकिन अपने टारगेट के प्रति समर्पण होना चाहिए | आप के पास सौ हैं तो आप उसमे से दस रूपये दुसरो की मदद के लिए खर्च कर सकते हो, हजार हैं तो सौ कर सकते हो, लाख हैं तो हजार कर सकते हैं और करोड़ हैं तो लाख कर सकते हो | 

ज्यादातर लोग अपने व अपने बच्चो के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं | लेकिन ये भूल जाते हैं कि बच्चो के अपने कर्म हैं, अपनी किस्मत है, जैसा वो करेंगे, जैसा उनकी किस्मत में लिखा है वो उन्हें मिल जायेगा | उनकी किस्मत आप नही बदल सकते | कर्म हमारे हाथ में है, कर्म करने के लिए हम आजाद हैं | कर्म अच्छे करें या बुरे करें लेकिन फल उस ईश्वर के हाथ में है | कोई भी कर्म करते हुए अपना होश ना खोए | ये जरूर सोच लें कि- 

कर्म करने के लिए हम आजाद हैं और फल भोगने के लिए मजबूर "

वैसे भी जो धन तिजौरी में बंद पड़ा है किसी की मदद में , किसी गरीब  लड़की की शादी करने में या किसी धार्मिक कार्य करने में खर्च नही किया जाता ऐसे धन का क्या करोगे ?  बच्चों के लिए जोड़ोगे ?

 "बच्चों को विरासत में धन देने की बजाए संस्कार दो, हॉइयर एजुकेशन दो जिससे कल वो आपकी विरासत पर नियत ना रखें, बल्कि आपसे ज्यादा कमा सकें ,आपसे बेटर लाइफ जी सकें और समाज में आपका नाम रोशन कर सकें  "  

हम सीधे साधे लोग है दुसरो की बातो में आकर डिसीजन ले लेते हैं | आप जो भी सोचते हैं उसे कर डालें | समय के अनुसार सोच बदलती रहती है | थोड़ी देर कुछ सोचते है और थोड़ी देर बाद में कुछ और सोचने लगते हैं | ज्यादा ना सोचे, ज्यादा सोचने से  सही डिसीजन नही ले पाते | ईश्वर पर भरोषा रखें, पोजेटिव सोचें, नेगेटिव सोच वाले लोगो से दूर रहें |  और बड़े से बड़ा लक्ष्य बना कर जीवन में आगे बढ़े | 






Wednesday, July 18, 2018

जो समय के साथ चलते हैं उनके ही सफलता कदम चूमती है !!


Related imageहाय दोस्तों ! दोस्तों समय रेत की भांति मुठी में से कब फिसल जाता है पता ही नही चलता।विभिन्न जिम्मेदारियां निभाते-निभाते हमे ये ही पता नही चलता कि हमारी उम्र कब बीत गई,कितनी बीत गई । इन सबके बीच में कही ना कही हमारे कुछ सपने छूट जाते हैं । फिर एक समय ऐसा आता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और हमारे लिए वक्त ठहर सा जाता है। ऐसा क्यों होता हैं ? क्यों हम समय के साथ खुद को नही बदल पाते ? क्यों हमारे जीवन में ठहराव आ जाता है ।


लाइफ में जब भी समय मिले अपने सपने साकार करने की शुरुवात कर देनी चाहिए । सी एस लुइस ने कहा है कि -

"आप कभी भी इतने बूढ़े नही हो सकते कि एक नया लक्ष्य निर्धारित ना कर सको या एक नया सपना ना देख सको "
आप को अनुशासित जीवन जीना होगा, नही तो वक्त  हाथ से निकल जायेगा :- बीता हुआ वक्त तो हाथ नही आ सकता लेकिन जो समय चल रहा है उसका सही उपयोग करना आना चाहिए। समय की एक- एक मिनट किमती है । समय अपनी गति से चलता रहता है । 

समय के साथ कदम मिलाकर चलने में ही मानव जीवन की भलाई है । जो समय के साथ चलते हैं उनके ही सफलता कदम चूमती है । और जो समय के अनुसार नही चल पाते वे सफलता से दूर होते जाते हैं । हर साँस के साथ जीवन की एक अमूल्य निधि समय की घट रही है । जो समय का महत्व समझते है उन्हें समझो की नई जिंदगी मिल गई है और जो समय की वेल्यु नही समझते उन्हें समझो की वे भाग्य व भविष्य को ठुकरा रहे हैं। जो बहुत बलवान है शक्ति शाली है | जो समय को ठुकराते हैं उन्हें समय ठुकरा देता है । 


खोया हुआ धन व स्वास्थ एक बार को वापिस मिल भी सकता है लेकिन बीता हुआ वक्त कभी भी वापिस नही आता:- जो समय के महत्व को समझते है वो कभी भी अपना समय बर्बाद नही करते। एक-एक घन्टा जुड़कर हफ्ता बन जाता है, हफ्ता महीना और महीना को साल बनते पता ही नही चलता । सही कहा था किसने कि- 
" गपसप मारने वाले लोगो को मना करना सीखो । क्यों कि अगर आप मना ना कर पाए तो आप समय से पिछड़ जाओगे "
जिदगी का पुरा समय खाना, पीना, सोना, दोस्तों के साथ मस्ती करने में मत गवाओ :- जिदगी का मजा लो लेकिन इसे बर्बाद मत करो। आनंद बहारी चीजो से नही मिलता बल्कि हमारी भीतरी स्थिति से मिलता है। बाहरी सुख तो क्षणिक होते हैं। लेकिन आनंद  अपने अंदर से  ही मिलता है और अंदर तब मिलता है जब हमारे अंदर सकारत्मक सोच शांति और अध्यात्म हो  । 


समय रूपी संपदा की किम्मत पर कोई भी सफलता पाई जा सकती है :- जो भी दुनिया में महापुरुष हुए हैं उन्होंने समय की पूजा की है । और जो आलसी होते हैं  वे समय को चूक जाते हैं । इसलिए समय का संयम रखना परम् आवश्यक है। जितना सफलता के लिए परिश्रम व पुरषार्थ जरूरी है उतना ही समय समाजस्य जरूरी है | मनुष्य की तरक्की का सबसे बड़ा रोड़ा अनियमतता है।समय के समाजस्य से श्रम सम्पत्ति बनता है । कार्य का सही समय पर करना कार्य के प्रति ईमानदारी है । 


समय के पाबंद होना सीखें व्यर्थ के कार्यो में:- समय बर्बाद करने की बजाय लक्ष्य तय करे और उसे पाने के लिए सही स्ट्रेजी बनाकर कड़ी मेहनत करे| हम रोजमर्रा की जिदगी में इतने उलझ जाते हैं की काम को महत्व ना देकर फिजूल के कार्य में समय नष्ट करते हैं । और महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़ देते हैं। अगर आप बदलते हुए समय के साथ नही चलोगे तो पीछे रह जाओगे। जिंदगी में दोस्त सबसे पहली रिक्वारमेंट है लेकिन अगर आपके दोस्त ही टाइम पास हैं तो जिदगी में पीछे धकेलेंगे । इस लिए पहले ये जरूर सोच लें की ये लोग आपको सहयोग देगे या पीछे धकेलेंगे। ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहो जो आपको पीछे धकेलते हो। आपके पास सिर्फ 24 घण्टे हैं और इन्ही घण्टो में आपको सारे कार्य करने है। और व्यवस्थित ढंग से करने है।       




Thursday, July 12, 2018

आपके जीवन का उद्देश्य क्या है ?

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हाय दोस्तों ! आपने कभी ये सोचा है कि पुरे दिन मे बे फालतू की कितनी बातेँ करते हैं ? बिना मतलब के कितना सोचते हैं ? कितना टाइम बर्बाद करते हैं ?  बीता हुआ वक्त लौटकर नही आता ये जानते हुए भी हम कितना समय बर्बाद करते हैं । जिदगी में कामयाब होना है तो वक्त की वेलूय समझनी होगी |

इन सब बातो में टाइम बर्बाद करने की बजाए अगर हम उन चीजों पर ध्यान फॉक्स करें जो हमारे लिए कम्पल्सरी हैं तो हम लाइफ में बेटर से बेटर कर सकते हैं | खुद को बेटर बना सकते हैं |


क्या कभी खुद से ये सवाल करते हैं की हमारी लाइफ का उद्देश्य क्या है ? इंसान की श्रेष्ठ और सफल पैतृक सम्पति यही है कि किसी न किसी उद्देश्य के लिए जिए | जीवन का मुख्य उद्देश्य सीधे तरीके से यही है कि जो तुम चाहते हो वो तुम्हें प्राप्त हो | न्यू इग्लैण्ड के महान उपदेशक होरेस बुशनेल कहा करते थे -

" सितारों के तले कही पर ईश्वर के पास आपके करने के लिए कोई काम है और इसे कोई दूसरा नही कर सकता " 

हम सभी में कुछ कर दिखाने की क्षमता होती है जो लोग ये जानते हैं | उस ओर अपना प्रयास जारी रखते हैं | 

कुछ लोगो को अपनी प्रतिभाएं खोजने और उनका सही इस्तेमाल करने में काफी समय लगता है | अगर आप पाते हैं कि अधेड़ अवस्था या इसके बाद भी आप कुछ हासिल नही कर पाए तो इसका मतलब ये नही है कि आप में कोई प्रतिभा नही है या आप आगे  भी प्राप्त नही कर सकते |  


जीवन का उद्देश्य होना बहुत जरूरी है| क्युकि इसके बिना हमारा देखने का नजरिया तंग हो जाता है | जिस व्यक्ति के जीवन में उद्देश्य का एहसास ना हो वह कभी स्वस्थ आत्म सम्मान का आनद नही ले सकता | 

जिसके जीवन में कोई उद्देश्य होता है उसके सामने चाहे कितनी ही मुश्किलें क्यों ना आये उनमे उद्देश्य  पूरा करने का  कोई खास गुण होता है | 

मुश्किलो  को पार करना ही अवसरों को जीतना है | खुशहाल जीवन जीना हमारा पहला उद्देश्य होना चाहिए | इंसान अपनी क्षमता व आत्मविश्वास के दम पर बेहतर जीवन का निर्माण कर सकता है | डेविड जार्डन ने कहा था कि -


" दुनिया हर उस व्यक्ति को जगह देने के लिए एक तरफ हट जाती है जो जानता है कि वह कहा जा रहा है | यह उन सभी लोगो पर लागू है जो ये जान जाते हैं कि वे कहा जा रहे हैं फिर चाहे ये जल्दी हो या देर से "   

कोई भी महिला अपने आध्यात्मिक विकाश से आगे की तरफ जबर्दस्त छलांग लगा सकती है बशर्ते वह इस नतीजे पर पहुंच जाये कि उपयोगी बनना आकर्षक बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है | 

आप कई ऐसे लोगो से मिले  होंगे जो अपनी जिंदगी बेमकसद गुजर रहे हैं ऐसे लोग किस्मत के रस्ते से जो भी पाते हैं उसे कबूल कर लेते हैं | क्या आप भी ऐसी जिंदगी जीना चाहेंगे ?







Monday, July 9, 2018

,प्रसिद्ध व धनवान व्यक्ति कैसे बनें ?

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हाय दोस्तों ! में ललतेश यादव |  व्यक्तित्व को ऊंचा उठानेके लिए दान करना अनिवार्य है| जीवन की सबसे सुखद अनुभूति देने में है |दुनिया एपीजे अब्दुल कलाम , मदरटरेसा ,बिलगेट्स , अक्षय कुमार जैसे देने वालो का नाम याद रखती है | आपको किसी भिखारी का नाम याद है ? आपने किसी भिखारी को प्रसिद्ध होते हुए सुना है ? ब्रज मोहन जी कहते हैं कि - 


" धनवान वही बनते है जो अपनी जेब खोलते हैं मतलब जो अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा दुसरो की मदद के लिए दान करते हैं"

कैसे ? जब आप किसी की निस्वार्थ मदद करते हैं तो लेने वाले का ह्रदय प्रसन होता है | लेने वाला आंतरिक करण से देने वाले को दुआ देता है | वो दुआ उसे यशस्वी बनाती है | और लोग आपकी तरफ आकर्षित होने लगते हैं | पोजेटिव एनर्जी आकर्षित होने लगती है | इससे आपका मनोबल बढ़ने लगता है | जो विपरीत परिस्थति में भी आगे बढ़ने का रास्ता खोज लेता है| और तब आप के आगे बढ़ने का रास्ता खुद ब खुद खुलता जाता  हैं | महाभारत में लिखा है कि -

" दान करने का वास्तविक लाभ दानी को होता , दान लेने वाले को नही | ईश्वर दुवारा दी गई संभावनाओ को आपने जाना ही नही | ये सत्य जान लीजिये जो व्यक्ति समाज के लिए जीता है उसे स्वयं को लाभ होता है | और जो व्यक्ति स्वयं के लिए जीते हैं वो स्वयं को व और समाज दोनों को हानि पहुंचता है "

जब किसी को देते है तो महान बन जाते हैं | और जब किसी से लेते हैं तो डाउन हो जाते हैं | इसलिए अगर महान बनना है, धनवान बनना है. प्रसिद्ध बनना है तो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान करें | 

किसी गरीब को रोटी कपडा देना ही दान नही है | हर जीव व प्राणी मात्र के प्रति करुणा रखना भी दान है | मानव जीवन का ये उद्देश्य होना चाहिए कि समाज के कल्याण के लिए सहयोग करें और ओर लोगो में सहयोग की भावना जगाएं | अपने से कमजोर तबके के लोगो को स्वालंबी बनाने व ऊपर उठने में सहयोग करें | परमात्मा ने आपको सक्षम बनाया है तो आप दुसरो को सक्षम बनाने में सहयोग करें | किसी ने बहुत अच्छी बात कही है कि -

" जो आपके पास है उसे संसार को दो ,अपना अनुभव,अपना ज्ञान, 

अपना तन मन धन उपकार में लग सकें तभी जीवन सार्थक है | तभी जीवन उपयोगी है |  जीवन का बड़ा होना अनिवार्य नही है उपयोगी होना अनिवार्य है | जितना समाज व मानव उथान के हित के लिए आगे बढ़ेंगे उतना ही जीवन सार्थक होगा | तभी अपनी लाइफ में आगे बढ़ सकोगे बड़ा बन सकोगे | 


हर मानव को खुद से एक सवाल करना चाहिए कि में इस दुनिया में क्यों  आया हूँ ? मेरा इस जग में भेजने का परमात्मा का उद्देश्य क्या रहा होगा ? धरती नदी पर्वत हवा जीव, जंतु, पौधे, सभी हम लोगो को कुछ ना कुछ देते हैं |अन कंडिशनली देते हैं विदाउट ऐनी सेल्फ इन्टरेष्ट देते हैं | जो भी उनके पास है वो दिए जाते हैं बिना किसी कंडीशन के बिना किसी एक्सेप्टेशन के  बिना कोई कीमत लिए |  

हम ने अपने परिवार को समाज को व अपने देश को क्या दिया ? माली भी जब एक पौधा लगाता है उसे सालो सींचता है खाद देता है विपरीत परिस्थति में उसकी रक्षा करता है लेकिन जब उस पर फल लगते हैं तब  उन्हें सब खाते हैं | 


मजबूत बनो ,हल्के बर्तन की तरह मत बनो | हल्के बर्तन चूल्हे पर चढ़ते ही आग बबूला हो जाते हैं उसमे डाले गए पदार्थ उफनने लगते हैं पर भारी भरकम बर्तनो में जो पकता है उसकी गति तो धीमी होती है पर परिपाक उन्ही में ठीक से बन पड़ता हमे बबूले की तरह फूलना फुदकना नही चहिये  ऐसी रीति नीति स्थिर नही रहती वह कुछ क्षण में टूट जाती है