हाय दोस्तों ! कहते हैं कि वाहन हो या जीवन जब भी पहिया धरती मे फस जाता है तब किसी की सहायता के बिना नही निकलता | हम सभी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए कभी ना कभी दुसरो की मदद की जरूरत पड़ती है | आज किसी और को हमारे सपोट की जरूरत है, कल हमे किसी के सपोट की जरूरत पड़ सकती है | महाभारत में लिखा है कि -
" जीवन हो या वाहन जब भार मर्यादा से ज्यादा बढ़ जाए, पहिया तभी भूमि में धसता है "
आज किसी और के जीवन की गाड़ी का पहिया धंसा हुआ है कल हमारे जीवन की गाड़ी का पहिया धंस सकता है | फिर क्यों हम एक दुसरे की मदद करने से कतराते हैं ? क्यों हम मै और मेरे तक सिमित रह जाते हैं ? क्यों हम मै और मेरे से ऊपर नही सोच पाते ? हम खुद में खुद के परिवार में खुद के समाज में इतने मग्न हो जाते हैं कि हमे दुसरो का दुःख ,परेशानी , जरूरत दिखाई ही नहीं देती | समाज के झूठे दिखावे में अनलिमिट खर्च करते हैं, समय बर्बाद करते हैं | लेकिन जरूरत मंदो के बारे में एक बार भी नही सोचते | चाहे वो अपने ही भाई बहन क्यों ना हो | जबकि -
"खुद गर्ज दुनिया में ये इंसान की पहंचान है ,जो पराई आग में जल जाए वो इंसान है "
ईश्वर ने हमे सिर्फ अपने लिए जीने के लिए नही भेजा | सिर्फ अपने लिए जिए और अपने लिए मरें ये गलत है | मै इसके समर्थन में नही हूं | दुनियां में इंसान बन कर आये हो तो कुछ तो इंसानो वाले कार्य करो | एक गाना है -
"अपने लिए जिए तो क्या जिए ,जी ले दिल जमाने के लिए "
किसी एक की मदद, किसी एक को सहारा, किसी एक की लाइफ चेंज कर के इस दुनिया से जाओ | एक नई सोच और नई विचार धारा समाज में छोड़ कर जाओ |
आपके हालात कितने ही बद से बदतर हो लेकिन अपने टारगेट के प्रति समर्पण होना चाहिए | आप के पास सौ हैं तो आप उसमे से दस रूपये दुसरो की मदद के लिए खर्च कर सकते हो, हजार हैं तो सौ कर सकते हो, लाख हैं तो हजार कर सकते हैं और करोड़ हैं तो लाख कर सकते हो |
ज्यादातर लोग अपने व अपने बच्चो के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं | लेकिन ये भूल जाते हैं कि बच्चो के अपने कर्म हैं, अपनी किस्मत है, जैसा वो करेंगे, जैसा उनकी किस्मत में लिखा है वो उन्हें मिल जायेगा | उनकी किस्मत आप नही बदल सकते | कर्म हमारे हाथ में है, कर्म करने के लिए हम आजाद हैं | कर्म अच्छे करें या बुरे करें लेकिन फल उस ईश्वर के हाथ में है | कोई भी कर्म करते हुए अपना होश ना खोए | ये जरूर सोच लें कि-
" कर्म करने के लिए हम आजाद हैं और फल भोगने के लिए मजबूर "
वैसे भी जो धन तिजौरी में बंद पड़ा है किसी की मदद में , किसी गरीब लड़की की शादी करने में या किसी धार्मिक कार्य करने में खर्च नही किया जाता ऐसे धन का क्या करोगे ? बच्चों के लिए जोड़ोगे ?
"बच्चों को विरासत में धन देने की बजाए संस्कार दो, हॉइयर एजुकेशन दो जिससे कल वो आपकी विरासत पर नियत ना रखें, बल्कि आपसे ज्यादा कमा सकें ,आपसे बेटर लाइफ जी सकें और समाज में आपका नाम रोशन कर सकें "
हम सीधे साधे लोग है दुसरो की बातो में आकर डिसीजन ले लेते हैं | आप जो भी सोचते हैं उसे कर डालें | समय के अनुसार सोच बदलती रहती है | थोड़ी देर कुछ सोचते है और थोड़ी देर बाद में कुछ और सोचने लगते हैं | ज्यादा ना सोचे, ज्यादा सोचने से सही डिसीजन नही ले पाते | ईश्वर पर भरोषा रखें, पोजेटिव सोचें, नेगेटिव सोच वाले लोगो से दूर रहें | और बड़े से बड़ा लक्ष्य बना कर जीवन में आगे बढ़े |
" कर्म करने के लिए हम आजाद हैं और फल भोगने के लिए मजबूर "
वैसे भी जो धन तिजौरी में बंद पड़ा है किसी की मदद में , किसी गरीब लड़की की शादी करने में या किसी धार्मिक कार्य करने में खर्च नही किया जाता ऐसे धन का क्या करोगे ? बच्चों के लिए जोड़ोगे ?
"बच्चों को विरासत में धन देने की बजाए संस्कार दो, हॉइयर एजुकेशन दो जिससे कल वो आपकी विरासत पर नियत ना रखें, बल्कि आपसे ज्यादा कमा सकें ,आपसे बेटर लाइफ जी सकें और समाज में आपका नाम रोशन कर सकें "
हम सीधे साधे लोग है दुसरो की बातो में आकर डिसीजन ले लेते हैं | आप जो भी सोचते हैं उसे कर डालें | समय के अनुसार सोच बदलती रहती है | थोड़ी देर कुछ सोचते है और थोड़ी देर बाद में कुछ और सोचने लगते हैं | ज्यादा ना सोचे, ज्यादा सोचने से सही डिसीजन नही ले पाते | ईश्वर पर भरोषा रखें, पोजेटिव सोचें, नेगेटिव सोच वाले लोगो से दूर रहें | और बड़े से बड़ा लक्ष्य बना कर जीवन में आगे बढ़े |