बता मन तेरा क्या करु ?
जिसकी मदद की, उसी ने बेईमान बताया। जिस के लिए झुके ,उसी ने अहंकारी बताया । जिनके के दोष छिपाए, उन्ही ने इल्जाम लगाए l जिनके लिए जिए उन्हीं ने बेगाना बनाया । जिसको अपना समझ कर ,दिल हल्का करने के दिल के दर्द बताए,उसी ने घर घर जाकर बदनाम किया । फिर भी तू उनसे लगा बता मन तेरा क्या करु?
जिसको जितना अपना समझा वो उतना ही पराया निकला । सब से धोखा खाया
जो जितने नजदीक आए उतना ही उसने सताया फिर भी तू उनके लिए रोया l तूने उन्हीं को दुखेडे सुनाए बता मन तेरा क्या करु ?
वही पैसा अपना है, वही टाइम अपना है, वही मेहनत अपनी है, जो प्रभु सेवा में लगे नही तो कुछ भी अपना नही है । वही प्रेम अपना है वही खुशी अपनी है, वही दुख अपना है , वही सुख अपना है जो प्रभु से मिला नही तो कुछ भी अपना नही है । वही रिश्तेदार अपने हैं वही दोस्त अपने हैं जो सिर्फ प्रभु से जुड़े हैं। नही तो कोई अपना नही है ।
कितना ही धन कमाए कितनी ही मेहनत करें कितनी ही प्रॉपर्टी जोड़े कितना ही परिवार ब रिश्तेदार या दोस्तो के लिए करे ये दुनिया स्वार्थी है यहां की हर चीज़ झूठी है । यहां कोई अपना नही है ।
कोई चीज़ खुशी नही देती खुशी प्रभू चिंतन से, भ्ग्गति से मिलती है प्रमार्थ से मिलती है पर ये मन वहा लगता ही नही ये मन दुनिया में भागता है जहां सिर्फ दुख है । बता मन तू प्रभु चरणों में क्यू नही लगता ? जहा सच्चा सुख है