आत्मनिर्भर बनना चाहते हो ? ९ बातों को ध्यान में रखना !!!
आप सिर्फ डिग्री लेकर या सपने देखकर ही मंजिल तक नही पहुंच सकते। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी पसंद की फिल्ड चुन कर उसके मुताबिक खुद को काबिल बनाएं व बदलते वक्त के साथ साथ उस फिल्ड की नॉलिज रखें और बदलाव के लिए तैयार रहें ।
२ अपने कार्य के प्रति समर्पित रहिए :- आपको अपने कार्य पर औरो से अधिक विश्वाश होना चाहिए। यदि आप में काम के प्रति पैशन है तो आप अपने अंदर की सारी खामियों को पार कर लोगे । आप उसमे बेस्ट दोगे और आपके साथी भी आपके काम में पुरे मनोयोग से आपका साथ देंगे।मान अपमान की परवाह ना करें। आप को किसी ने गलत बोला है या किसी ने आपको को नीचा दिखाने की कोशिश की है तो उसे अपमान ना समझ कर उससे सीख लें और आगे बढ़ जाये खुद को उत्साहित व कर्मठ रखने की कोशिस करें ।
८ हार से ना घबराएं :- दरअसल जीत की मंजिल तक पहुचने के लिए हार की सीडी से ही गुजरना पड़ता है। लेकिन इसमें उम्मीद का दामन पकड़े रहें । उम्मीद टूटने से झटका तो लगता है। लेकिन अगर आप हार मानकर बैठ गए तो आपके हाथ कुछ भी नही लगेगा। महाभारत में आया है कि -
" भविष्य का दूसरा नाम है संघर्ष । कई बार ह्रदय में प्रबल इच्छा होती है। वो पूर्ण नही होती तो ह्रदय भविष्य की योजना बनाने लगता है। भविष्य में योजना पूरी होगी ऐसी कल्पना करने लगता है किन्तु जीवन न भविष्य में है ना अतीत में जीवन तो इस पल के अनुभव में है । पर हम जानते हुए भी इतना सा सत्य समझ नही पाते। या तो बीते हुए समय के स्मरण को घेरे बैठे रहते हैं या आने वाले समय के लिए योजना बनाते रहते हैं । और सारा जीवन इसी में बीत जाता है। एक सत्य यदि हम जीवन में उतार लें कि ना हम भविष्य देख सकते हैं और ना भविष्य निर्मित कर सकते हैं सिर्फ भविष्य का स्वागत कर सकते हैं "

१ फस्ट इम्प्रेशन व इज था लास्ट इम्प्रेशन :- देखिये जब आप पहली बार किसी से मिलते हैं ,सामने वाला इंसान आपके पैसे या डिग्री नही देखता।वह सबसे पहले आपके नजरिया को देखता है । किसी भी इंसान के सामने हाथ बढ़ाने से पहले ये जरूर सोचता है, कि इस इंसान में क्या क्वाल्टी है और क्या इसके वीक पॉइंट हैं ? इस इंसान के साथ मेरी कितनी निभ सकती है ? महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि -
" जब दो व्यक्ति निकट आते हैं तो वो कुछ मर्यादाएं या सीमाएं निर्धारित करते हैं। अगर हम संबंधो पर विचार करें तो देखेगें कि सारे संबंधो में सीमाएं हैं जिन्हें हम निर्धारित करते हैं । अगर अनजाने में भी कोई इन्हें तोड़ता है उसी क्षण हमारा ह्रदय क्रोध से भर जाता है । हम अपनी मर्जी थोपते हैं अथार्त दुसरो की स्वतंत्रा को छीनने की कोसिश करते हैं "
दुसरो स्वतंत्रता छीनने की बजाए खुद की कमियों को देखर उन्हें निकालने की कोशिस करें। प्रयास करेंगे तो जरूर कामयाब हो जाओगे और एक बार कामयाब हो गए तो फिर मुड़कर देखने की जरूरत नही है । अवसर का पुरा लाभ उठाएं, जमकर मेहनत करें, ईमानदारी से आगे बढ़े ।
" जब दो व्यक्ति निकट आते हैं तो वो कुछ मर्यादाएं या सीमाएं निर्धारित करते हैं। अगर हम संबंधो पर विचार करें तो देखेगें कि सारे संबंधो में सीमाएं हैं जिन्हें हम निर्धारित करते हैं । अगर अनजाने में भी कोई इन्हें तोड़ता है उसी क्षण हमारा ह्रदय क्रोध से भर जाता है । हम अपनी मर्जी थोपते हैं अथार्त दुसरो की स्वतंत्रा को छीनने की कोसिश करते हैं "
दुसरो स्वतंत्रता छीनने की बजाए खुद की कमियों को देखर उन्हें निकालने की कोशिस करें। प्रयास करेंगे तो जरूर कामयाब हो जाओगे और एक बार कामयाब हो गए तो फिर मुड़कर देखने की जरूरत नही है । अवसर का पुरा लाभ उठाएं, जमकर मेहनत करें, ईमानदारी से आगे बढ़े ।
२ अपने कार्य के प्रति समर्पित रहिए :- आपको अपने कार्य पर औरो से अधिक विश्वाश होना चाहिए। यदि आप में काम के प्रति पैशन है तो आप अपने अंदर की सारी खामियों को पार कर लोगे । आप उसमे बेस्ट दोगे और आपके साथी भी आपके काम में पुरे मनोयोग से आपका साथ देंगे।मान अपमान की परवाह ना करें। आप को किसी ने गलत बोला है या किसी ने आपको को नीचा दिखाने की कोशिश की है तो उसे अपमान ना समझ कर उससे सीख लें और आगे बढ़ जाये खुद को उत्साहित व कर्मठ रखने की कोशिस करें ।
३ दृढ़ संकल्प लें :-
"संकल्प मन के ऐसे वचन हैं, जिनको अपने ह्रदय में धारण कर व्यक्ति समस्त आगामी कर्तव्यो के प्रति पूर्ण अस्वस्थ होता है "
-सीया के राम
दृढ़ संकल्पित लोग रास्ते बदलते हैं मंजिल नही । आने वाली कठनाइयों का सामना करते हैं और हल निकाल कर ही रहते हैं ।किसी ने सही कहा है कि -
" कोशिस कर, हल निकलेगा। आज नहीं तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा निशाना साध, जमीन से भी जल निकलेगा ।
मेहनत कर पौधों को जल दे ,बंजर जमीन से भी फल निकलेगा ।
ताकत जुटा हिम्म्त को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा ।
जिंदा रख दिल में उम्मीदों को , समंदर से भी गंगा जल निकलेगा ।
कोशिस जारी रख कुछ कर गुजरने की, जो है आज थमा थमा वो चल निकलेगा"
"संकल्प मन के ऐसे वचन हैं, जिनको अपने ह्रदय में धारण कर व्यक्ति समस्त आगामी कर्तव्यो के प्रति पूर्ण अस्वस्थ होता है "
-सीया के राम
दृढ़ संकल्पित लोग रास्ते बदलते हैं मंजिल नही । आने वाली कठनाइयों का सामना करते हैं और हल निकाल कर ही रहते हैं ।किसी ने सही कहा है कि -
" कोशिस कर, हल निकलेगा। आज नहीं तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा निशाना साध, जमीन से भी जल निकलेगा ।
मेहनत कर पौधों को जल दे ,बंजर जमीन से भी फल निकलेगा ।
ताकत जुटा हिम्म्त को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा ।
जिंदा रख दिल में उम्मीदों को , समंदर से भी गंगा जल निकलेगा ।
कोशिस जारी रख कुछ कर गुजरने की, जो है आज थमा थमा वो चल निकलेगा"
४ प्राथमिकता तय करना जरूरी है :- एक साथ कई महत्वपूर्ण कार्य नही करने चाहिए। और अगर जरूरी हैं तो उनसे नही घबराएं बल्कि जरूरी कार्यो की लिस्ट बनाये और एक एक करके काम निपटाए, जरूरत के अनुसार कार्यो को प्राथमिकता दें । इससे पायेगे की आप थोड़े ही समय में अपने कार्यो में निपुण होते जाओगे ।
५ अपेक्षाओ पर खरे उतरें :- यदि आप ऐसा करेंगे तो आपके साथी आपके और नजदीक आते जाएंगे। उन्हें वो दो जो वो चाहते हैं उन्हें पता होना चाहिए की आप उनकी परवाह करते हैं। आपको सबसे पहले उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा जो आप से की जा रही हैं । जब आप अपेक्षाओं पर खरे उतरोगे तो सीनियर भी आप पर विश्वास करेंगे और इससे आपकी पदोन्ती के चांस भी बढ़ेंगे । कई लोगो को देखा होगा की वे पदोन्नति ना मिलने का रोना रोये जाते हैं लेकिन अगर ईमानदारी से सोचे तो पायेगे की कभी वे अपेक्षाओं पर खरे ही नही उतरे, सीनियरों का विश्वास ही नही जीत पाये ।
५ अपेक्षाओ पर खरे उतरें :- यदि आप ऐसा करेंगे तो आपके साथी आपके और नजदीक आते जाएंगे। उन्हें वो दो जो वो चाहते हैं उन्हें पता होना चाहिए की आप उनकी परवाह करते हैं। आपको सबसे पहले उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा जो आप से की जा रही हैं । जब आप अपेक्षाओं पर खरे उतरोगे तो सीनियर भी आप पर विश्वास करेंगे और इससे आपकी पदोन्ती के चांस भी बढ़ेंगे । कई लोगो को देखा होगा की वे पदोन्नति ना मिलने का रोना रोये जाते हैं लेकिन अगर ईमानदारी से सोचे तो पायेगे की कभी वे अपेक्षाओं पर खरे ही नही उतरे, सीनियरों का विश्वास ही नही जीत पाये ।
६ ओवर कांफिडेंट ना बनें :- विनम्रता व सहजता से जो नही आता उसे सीखने व समझने की कोशिश करनी चाहिए। अपने दिमाग को हमेशा कुल रखना चाहिए। अपने साथियों की हमेशा सुनिए और ऐसा स्वभाव रखिये की आप से हर बात शेयर कर सकें। यही तरीका है नये आइडिया सामने लाने का। आप ये जानने की कोशिस करें कि आपके साथी क्या कहना चाहते हैं। सही बात पर उनकी प्रशंशा कीजिये । सैलरी और शेयर देने से आपको एक तरह की लॉयल्टी मिलती है ,लेकिन हर इंसान को अपनी प्रशंशा सुनना अच्छा लगता है । इसलिए सही समय पर सही शब्दों से की गई सच्ची प्रसंसा का कोई विकल्प नही है। ये फ्री होते हुए भी किसी खजाने से कम नही है ।
७ अपनी गलतियों को स्वीकारें व उन्हें दूर करें :-मेरा मानना है की कोई भी इंसान जानबुझ कर गलती नही करना चाहेगा। लेकिन जाने अनजाने कई बार गलतियां हो जाती हैं । सफल वही व्यक्ति होता है जो अपनी गलतियों को मानकर सुधारने की कोशिस करता है। गलतियों से सीख लेता है। अपनी गलतियों को मानकर उन्हें सुधारना ही मनुष्य की सफलता की राह प्रसस्त करता है।
७ अपनी गलतियों को स्वीकारें व उन्हें दूर करें :-मेरा मानना है की कोई भी इंसान जानबुझ कर गलती नही करना चाहेगा। लेकिन जाने अनजाने कई बार गलतियां हो जाती हैं । सफल वही व्यक्ति होता है जो अपनी गलतियों को मानकर सुधारने की कोशिस करता है। गलतियों से सीख लेता है। अपनी गलतियों को मानकर उन्हें सुधारना ही मनुष्य की सफलता की राह प्रसस्त करता है।
८ हार से ना घबराएं :- दरअसल जीत की मंजिल तक पहुचने के लिए हार की सीडी से ही गुजरना पड़ता है। लेकिन इसमें उम्मीद का दामन पकड़े रहें । उम्मीद टूटने से झटका तो लगता है। लेकिन अगर आप हार मानकर बैठ गए तो आपके हाथ कुछ भी नही लगेगा। महाभारत में आया है कि -
" भविष्य का दूसरा नाम है संघर्ष । कई बार ह्रदय में प्रबल इच्छा होती है। वो पूर्ण नही होती तो ह्रदय भविष्य की योजना बनाने लगता है। भविष्य में योजना पूरी होगी ऐसी कल्पना करने लगता है किन्तु जीवन न भविष्य में है ना अतीत में जीवन तो इस पल के अनुभव में है । पर हम जानते हुए भी इतना सा सत्य समझ नही पाते। या तो बीते हुए समय के स्मरण को घेरे बैठे रहते हैं या आने वाले समय के लिए योजना बनाते रहते हैं । और सारा जीवन इसी में बीत जाता है। एक सत्य यदि हम जीवन में उतार लें कि ना हम भविष्य देख सकते हैं और ना भविष्य निर्मित कर सकते हैं सिर्फ भविष्य का स्वागत कर सकते हैं "
९ लगातार प्रयास करते रहें :- ये जरूरी नही है की आप जो कार्य कर रहे हो उसमे पहली ही बार में सफलता मिल जाएं। लेकिन लगातार प्रयास करने से सफलता मिलनी सम्भव है। कई लोग असफल होने पर कोशिस करना छोड़ देते हैं । और कई लोग लगातार प्रयास करते रहते हैं और ये लगातार प्रयास करना ही सफलता की मंजिल तक पहुंचाता है ।