Tuesday, January 9, 2018

लड़ाई का मुख्य कारण क्रोधित को जवाब देना !!!




Related imageदोस्तो ! बड़े से बड़ा आलोचक भी धैर्यवान ,सहानुभूतिपूर्ण श्रोता के सामने नरम पड़ सकता है | अगर  सामने एक ऐसा स्रोता हो जो उस समय चुप रह सके जब क्रोधित आलोचक किंग कोबरा की तरह फन फैलाकर जहर उगल रहा हो | 



कई लोग इसलिए अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ पाते क्योकि वे ज्यादा बोलने के चक्कर में ध्यान से सुनते ही नही हैं | उनका पूरा ध्यान तो इस बात पर लगा रहता है कि वो आगे क्या बोलें ? महत्वपूर्ण लोग ये बताते  है कि अच्छे वक्ताओं की तुलना में अच्छे श्रोताओ को ज्यादा पसंद किया जाता हैं | इसलिए सुनने की कला सीखनी दूसरी किसी भी कला से ज्यादा महत्वपूर्ण ,जरूरी है | 


अगर आप ये चाहते हो कि लोग आपसे किनारा करे, आपको इग्नोर करें , पीठ पीछे आपकी हंसी उड़ाए,  में आपको इसका अचूक फार्मूला बताती हूं - आप किसी की बात ना सुने, लगातार अपने बारे में ही बोलते रहें, किसी दूसरे के बोलते समय यदि आपके मन में कोई बात आए तो आप सामने वाले की बात बीच में ही काट कर बीच में  ही अपनी बात बोलना शुरू कर दें | 



आप इस तरह के कुछ लोगो को जानते भी होगे  , दुर्भाग्य से में ऐसे कई लोगो को जानती हूँ और आश्चर्य की बात ये है कि इनमे कई प्रसिद्ध व समझदार  लोग भी शामिल हैं | यह बात अलग है कि ऐसे लोगो की गिनती उबाऊ लोगो में  की जाती है ऐसे उबाऊ लोग जो अपने अहंकार में चूर रहते हैं और खुद को ब्रह्मांड का नायक मानते हैं | 


ऐसे लोग अपने व अपनो के बारे में  बाते करते हैं और अपने  ही बारे में सोचते हैं | और जो लोग खुद के बारे में सोचते हैं वे कोलंबिया यूनिवर्स्टी के प्रसिडेंट डॉ  निकोलसमरे बटले के शब्दों में 

"बुरी तरह अशिक्षित होते हैं , वे शिक्षित नही होते | चाहें वे कितने ही पढ़े लिखे क्यों  न हों " 


अगर आप ये चाहते हैं कि लोग आपकी इज्जत करें आपको सम्मान दें ,तो आप सब को सम्मान दें सबकी बाते ध्यान से सुनने की आदत डालें | अच्छे श्रोता बनें |  दिलचस्प बनने के लिए लोगों की बातों में दिलचस्पी लें | ऐसे सवाल करें जिनका जवाब देंने में लोगो को मजा आए | उनके बारे में उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें | 


याद रखें कि लोगो को आपमें या आपकी समस्याओं में जितनी रूचि है उससे सौ गुणा ज्यादा अपने आपमें अपनी परेशानियों में है | अपनी दाढ़ में दर्द हो और अकाल से लाखो लोगो के मरने की खबर आ रही हो तो मरने वालो से ज्यादा परवाह उन्हें अपनी दाढ़ के दर्द की है |अगली बार चर्चा करते  समय इस बात का ध्यान रखें | किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि -

" एक महान चिंतक ,सुनने वाला और फिर कदम उठाने वाला व्यक्ति ही इतिहास रच सकता है " 






Monday, January 8, 2018

dost ki pribhasha kya hai

आपके जीवन का लक्ष्य क्या है ?




Image result for aapke jvan ka lkshy kya haiदोस्तों ! आपने अपने लिए कोई लक्ष्य तय किया ? अगर हाँ तो ये बहुत अच्छी बात है ,अगर नही तो ये थोड़ा चिंता का विषय है | भगवान ने इंसान को अपनी ऊर्जा व दिमाग का सही उपयोग करने के लिए सिमित समय दिया है अगर आप इस समय को चूक गए तो फिर मुश्किल ही समय दुबारा हाथ आएगा | 

लक्ष्य बनाना हमारे लिए इसलिए भी जरूरी है अगर आपने जीवन का लक्ष्य नही पहंचाना और नहीं तय किया तो आपका जीवन इधर उधर भटकने में ही व्यर्थ हो जायेगा |और जिस दिन आपको ये अहसास होगा कि में बहुत कुछ कर सकता था पर कुछ किया नही उस दिन आपको पछतावा के सिवा कुछ नही मिलेगा |    

हर इंसान का लक्ष्य  अलग -अलग  हो सकता  है | जैसे कैलास सत्यार्थी जी का लक्ष्य है मजबूर बच्चो को सहारा देकर उन्हें कामयाब करना और धीरू भाई अंबानी के लिए अरबो का अम्पायर खड़ा करना |

हर इंसान  कुछ बड़ा करने का सपना देखता हैं परंतु कुछ लोग उन्हें पाने के लिए पूरी मेहनत व कोशिस करते हैं और कुछ लोग सिर्फ सपने देखते रह जाते हैं | 


सफलता का इससे कोई तालूक नही है कि आप किसी सम्पन या प्रतिष्ठित परिवार में जन्म लें | अगर ऐसा होता तो गरीबी से अमीरी की कहानी ही नहीं बनती गरीब, गरीब रहता और अमीर,अमीर बनता जाता | कोई नया इतिहास नही रच पाता | 



जो व्यक्ति अपनी अंदुरनी वैचारिक प्रक्रिया से बाहरी दुनियां की समझ को बदल सकता है, उसे सफल होने से कोई नही रोक सकता | इंसान में कड़ी मेहनत ,आने वाली चुनौतियों को झेलने और धैर्य बनाए रखने की हिम्मत होनी चाहिए | जिंदगी वही देती है जो हम उससे मांगते हैं | 


सिर्फ सोचने से सफलता नहीं मिल जाती सोचते तो बहुत लोग है | कई लोग तो सोचने में ही सालों लगा देते है  कदम नहीं उठा पाते और समय हाथ से फिसल जाता है | और ना ही सिर्फ कड़ी मेहनत करने से सफलता मिल जाती है कड़ी मेहनत तो मजदूर पूरी जिंदगी करते हैं | दो रोटी व दो जोड़ी कपड़े भी ढ़ग में नही हासिल कर पाते | 


ईश्वर हर इंसान को अपनी क्षमता दिखाने का मौका देता है |कोई भी अवसर एक मौका है | जब तक कि इसे किसी भी रणनीति दुवारा भाग्य में नहीं बदला जाता | जब तक हम  कोई कदम नहीं उठाते ये कारगर नहीं होता | 


लक्ष्य को पाने के लिए हमे नकारत्मक व अनावश्यक सोच को त्याग कर आगे बढ़ना पड़ता है तभी हम लाइफ में आगे बढ़ सकते हैं | हम सबकी जिंदगी में  हर इंसान को कभी ना कभी ये लगता है कि ईश्वर ने हमारे  साथ  इंसाफ नहीं किया | लेकिन ऐसा नही अगर आपके पास कोई डिग्री नही है तो उन लोगो को देखो जो कभी स्कुल भी नही जा पाए |