
कई लोग इसलिए अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ पाते क्योकि वे ज्यादा बोलने के चक्कर में ध्यान से सुनते ही नही हैं | उनका पूरा ध्यान तो इस बात पर लगा रहता है कि वो आगे क्या बोलें ? महत्वपूर्ण लोग ये बताते है कि अच्छे वक्ताओं की तुलना में अच्छे श्रोताओ को ज्यादा पसंद किया जाता हैं | इसलिए सुनने की कला सीखनी दूसरी किसी भी कला से ज्यादा महत्वपूर्ण ,जरूरी है |
अगर आप ये चाहते हो कि लोग आपसे किनारा करे, आपको इग्नोर करें , पीठ पीछे आपकी हंसी उड़ाए, में आपको इसका अचूक फार्मूला बताती हूं - आप किसी की बात ना सुने, लगातार अपने बारे में ही बोलते रहें, किसी दूसरे के बोलते समय यदि आपके मन में कोई बात आए तो आप सामने वाले की बात बीच में ही काट कर बीच में ही अपनी बात बोलना शुरू कर दें |
आप इस तरह के कुछ लोगो को जानते भी होगे , दुर्भाग्य से में ऐसे कई लोगो को जानती हूँ और आश्चर्य की बात ये है कि इनमे कई प्रसिद्ध व समझदार लोग भी शामिल हैं | यह बात अलग है कि ऐसे लोगो की गिनती उबाऊ लोगो में की जाती है ऐसे उबाऊ लोग जो अपने अहंकार में चूर रहते हैं और खुद को ब्रह्मांड का नायक मानते हैं |
"बुरी तरह अशिक्षित होते हैं , वे शिक्षित नही होते | चाहें वे कितने ही पढ़े लिखे क्यों न हों "
अगर आप ये चाहते हैं कि लोग आपकी इज्जत करें आपको सम्मान दें ,तो आप सब को सम्मान दें सबकी बाते ध्यान से सुनने की आदत डालें | अच्छे श्रोता बनें | दिलचस्प बनने के लिए लोगों की बातों में दिलचस्पी लें | ऐसे सवाल करें जिनका जवाब देंने में लोगो को मजा आए | उनके बारे में उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें |
याद रखें कि लोगो को आपमें या आपकी समस्याओं में जितनी रूचि है उससे सौ गुणा ज्यादा अपने आपमें अपनी परेशानियों में है | अपनी दाढ़ में दर्द हो और अकाल से लाखो लोगो के मरने की खबर आ रही हो तो मरने वालो से ज्यादा परवाह उन्हें अपनी दाढ़ के दर्द की है |अगली बार चर्चा करते समय इस बात का ध्यान रखें | किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि -
" एक महान चिंतक ,सुनने वाला और फिर कदम उठाने वाला व्यक्ति ही इतिहास रच सकता है "