Friday, April 21, 2017

जीवन में कामयाबी "कर्म" से मिलती है या किस्मत से ?



Image result for kamyabi mehnt se milti hai ya karm se ?दोस्तों ! सदियों से बहस चली आ रही है कि इंसान को कर्म से कामयाबी मिलती है या किस्मत  से ? | कर्म को मानने वाले  लोग कहते हैं कि किस्मत कुछ भी नहीं है|  जीवन में अगर कुछ हासिल करना है तो कर्म करना ही पड़ेगा | और कहा भी गया है कि -

" जग सारा कर्म क्षेत्र है , जीवन है संग्राम | विजय श्री वही पाएंगे जो करेंगा का काम   " 

मंजिल पर वही पहुंचते हैं जो लक्ष्य बना कर उस पर चलते हैं | बस खुद को जानना है कि  हमारी मंजिल कहा है ? हम खुद क्या चाहते हैं ? और जो चाहते हो वो करो उसी कार्य में आपको सक्सेस मिलेगी | और आज तक जो लोग कामयाब कहलाये गए हैं वे वही लोग हैं जिन्होने अपनी पसंद की फिल्ड चुनी और उसी में अपना कैरियर बनाया | उस काम को उन्होंने इंजॉय किया | जगदीश भारद्वाज कथा वाचक का कहना है कि -

" राज तु अपनी हकीकत का अगर पा जायेगा ,जिंदगी जीने का मजा आ जायेगा " 

लेकिन भाग्य का समर्थन करने वाले कहते हैं कि इंसान की किस्मत में जो लिखा है वही होकर रहेगा | उसे कोई नहीं बदल सकता | और जगदीश भारदूआज जी का कहना है कि -

         " होनी होकर के रहे , होनी से सब हारे " 

एक तरफ श्री राम जी  के तिलक की तैयारी हो रही थी दूसरी तरफ उन्हें वनवास हुआ | इसलिए जो लिखा होता है वही होकर रहता है | वैसे ही हालात बनते जाते हैं और वैसी ही इंसान की बुद्धि बन जाती है | 

दोस्तों ! मेरा मानना है कि दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं 'भग्य' के बिना 'कर्म' नही फलता और कर्म के बिना भाग्य साथ नहीं देता | लेकिन अगर हमारे भाग्य में भूखा रहना लिखा है तो कर्म करके पेट तो भर ही सकते हैं कम से कम भीख मांगने से तो बच  ही जाएंगे | भिखारियों से तो जिंदगी अच्छी होगी | 

भगवान श्री कृष्ण जी ने भी श्री मद भागवत में कर्म को ही प्रधान बताया है| कर्म प्रधान पूरी द्रढ़ता ,हिम्मत और उत्साह से  हंसते खेलते अपनी मंजिल तक पहुंचने का प्रयास करते हैं | और आलसी लोग  किस्मत हालत समय व लोगो को दोषी ठहराकर असफलता व गरीबी से समझौता करके बैठ जाते  हैं |जबकि भगवान ने हर इंसान को सोचने समझने की शक्ति दी है जिससे वह सोच समझकर अपने अनुभवों के आधार पर सही गलत का निर्णय लेकर सही रस्ते का चुनाव कर के आगे बढ़ सकता  |  

कई युवा सोचते है कि बिना मेहनत करे सब कुछ हासिल हो जाए|  इसलिए अपनी कुंडली दिखाते हैं, ग्रह दशा दिखा कर पूजा पाठ कराते हैं | जबकि कहा गया है कि - 

" जीवन में संतुलित रहे धर्म, अर्थ और काम | इनका संतुलन जहां बिगड़ा वही बिगड़ा काम " 

जबकि कुंडली व ग्रह दशा का तो कोई जिक्र ही नहीं आया | लेकिन पूजा करना अच्छी बात है भगवान से आशीर्वाद लो लेकिन किस्मत के भरोशे रहकर कर्म से मत भटको | पूजा का  फल मिलता है इसी लिए हमारे धर्म शास्त्रों में भी पूजा पाठ का विधान बतलाया गया है| पूजा पाठ से आत्मविश्वास बढ़ता है  और आत्मविश्वास  से हारी बाजी भी इंसान जीत जाता है | और कहा भी गया है कि -

" तुलसी भरोषे राम के ,निर्भय होकर सो | होनी होकर के रहे अनहोनी टल जाये "

लेकिन इंसान को कर्म करते रहना चाहिए क्यु कि कर्म से भाग्य बनता है | इंसान कर्म करके ही कामयाब हो सकता है | इसलिए कहा गया है कि भाग्य भी उन्ही लोगो का साथ देता है जो कर्म करते हैं | कहते हैं कि -

" ख्वाहिशो से नहीं गिरते फूल झोली में , कर्म की साखा को हिलाना पड़ता है | कुछ नहीं होता अँधेरे को कोसने से अपने हिस्से का दिया जलाना पड़ता है  " 


Thursday, April 20, 2017

सक्सेस के चार स्तम्भ हैं !!!


Image result for four pillarsदोस्तों ! जितने हम सक्सेस होते जाते हैं उतना ही  हमारा सामजिक दायरा बढ़ता जाता है| और  जितना हमारा सामाजिक दायरा बढ़ता है उतने ही हम बीजी होते चले जाते हैं | और जितना हमारा सीडुल्य बीजी रहता है उतना ही हम कम समय अपने लक्ष्य पर दें पाते हैं | जबकि ये  जरूरी है कि हमारा फोकस लक्ष्य पर हो | अब  आप बताइये कि अपनी फिल्ड में  सक्सेस के  लिए क्या- क्या  अनिवार्य है   ? 

क्या हम किसी एक चीज को फॉलो करके सक्सेस हो सकते हैं ? क्या एक खूबी हमे सक्सेस बना सकती है ? 'नही दोस्तों ' हमारी एक खूबी किसी भी फीड में सक्सेस नही दिला सकती । सक्सेस के लिए निपुणता जरूरी है जब तक आप के अंदर एक भी कमी है तब तक आप सक्सेस नही हो सकते । सक्सेस के लिए कई चीजों का होना अनिवार्य है जैसे -

जिद्दी होना 1 :- किसी भी कार्य में सक्सेस होने के लिए सक्सेस होने की जिद्द  होना अनिवार्य है |  जिद्द  ही आपको सक्सेस की राह दिखाती  है । जिद्दी इंसान बाकि लोगो से कुछ हटकर होता है । उसे जीतने की जिद होती है उसे अपने लक्ष्य के सिवाय अपनी मंजिल के सिवाय कुछ और नही दिखाई देता। जब तक किसी लक्ष्य को पाने की, किसी मंजिल तक पहुचने की जिद नही होगी, तब तक उस लक्ष्य तक पहुंचा ही नही जा सकता । आप किसी भी सक्सेस इंसान को देख लो आज वो जिस मुकाम पर है वहा तक पहुंचने के लिए उन्होंने खुद से जिद की थी । वे उसी जिद्द की बदौलत बुलंदियों तक पहुंचे हैं । दुनियां में आज तक जो भी बड़े परिवर्तन होते हैं वे किसी ना किसी की जिद की वजह से होते हैं । जब इंसान के अंदर जिद आ जाये तो फिर उसे कोई भी मुश्किल कोई भी समस्या या कोई भी असफलता रोक नही पाती। जिद्दी व्यक्ति जो चाहता है उसे  पा कर  ही रहता। 

कड़ी मेहनत 2 :-अगर जीवन में कामयाब होना है तो लगातार कड़ी मेहनत करनी ही होगी | उसमे एफर्ट डालना ही होगा और बेस्ट काम करना है तो बेस्ट एफर्ट डालना होगा | जितना अधिक एफर्ट डालोगे उतना अच्छा काम होगा | जिंदगी में कामयाब होना है तो लगातार एफर्ट लगाना पड़ेगा |  एफर्ट  के बिना प्लांनिग धरी की धरि रह जाती हैं । आप जो भी कार्य करते हैं उसे बेहतर करने की कोशिस करें| क्युकि एवरेज एफर्ट तो सभी लोग लगा रहे हैं | और ये ना भूलें की सक्सेस  कुछ कीमत देकर मिलती है और वह कीमत है कड़ी व लगातार महेनत और समय | विन्से लोम्बार्डी का  कहना है कि -

" कठिन परिश्रम वह कीमत होती है जो हमे सफलता प्राप्त करने के लिए चुकानी पड़ती है , मुझे लगता है अगर आप ये कीमत चूका सकते हैं तो आप कुछ भी पा सकते हैं " 

और कार्लिन पॉवेल का कहना है कि -

" कोई भी सपना जादू करके  हकीकत नहीं बन सकता इसमें पसीना ,दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत लगती "  

धैर्य 3 :- दोस्तों! अगर आप में धैर्य की कमी है तो आप सक्सेस होने से पहले ही पलायन कर जाओगे जिसकी वजह से आप काबिल होते हुए भी सक्सेस का रस नही चख पाओगें । लेकिन सक्सेस चाहने वालो को धैर्य रखना कठिन लगता है | लेकिन धैर्य रखना होगा सही समय आने का इंतजार करना होगा | खुद को ये समझाना ही होगा कि जैसे  रातो रात कोई बिल्डिंग तैयार नहीं हो सकती उसी तरह रातो रात सक्सेस भी नहीं हो सकते |  कहते हैं कि -

" घर बनाने में महीने लगते हैं और महल बनाने में साल लगते हैं "

4 योग्यता  :- आप जो भी कार्य कर रहे हो अगर आपके अंदर वो योग्यता ही नही है तो आप सक्सेस नही हो पाओगे ।इसलिए आप जिस भी फिल्ड में काम कर रहें हैं उस की रिलेडिड ट्रेनिंग्स हमेशा लेते रहिये | अगर आप उन ट्रेनिंग्स को नहीं लेंगे तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप जिस फिल्ड के अंदर काम कर रहे हैं उसमे क्या क्या नयी चीजे डवलप हो रही हैं |    



Saturday, April 1, 2017

बड़ा बनना है तो बड़े सपने देखो !!!




Image result for jindgi me aage badne ke sutraदोस्तों !  आज युवा वर्ग का बड़ा सपना क्या है ? सिर्फ ये है कि  6 डिजिट में सैलरी हो , 4 वीलर गाड़ी हो , अच्छे दोस्त हो ,मन चाहा लाइफ पार्टनर हो ,  बड़ा सा  घर हो । कुछ और बड़ा सपना  है ? ' नही '

 ज्यादातर  लोग इतने को ही बड़ा  सपना मानते हैं । लेकिन नही ! दोस्तों ! ये बहुत छोटा सपना है । इसमें तो अपना घर परिवार, समाज भी सामिल नही है । फिर देश के लिए आप क्या कर सकोगे ?

 जब अपने परिवार या रिलेटिव को भी साथ लेकर नही चल सकते , तो आप और एक मजदूर में क्या फर्क रह गया ?  अपनी  जरूरतें तो मजदूर भी पूरी कर  लेता हैं, अपना परिवार तो वो भी पालता है । फिर आपने कौन सा बड़ा काम किया ? या कौन सा बड़ा सपना देखा ?  आपसे बड़े सपने तो फिर आतंकवादी ही देखते हैं कि मरना  है तो सैकड़ो को लेकर मरना है । और सैकड़ो को साथ लेकर मरते हैं।   

दोस्तों ! समाज की समस्या ही ये है कि जो कुछ अच्छा करना चाहते हैं वो बहुत छोटा सोचते हैं और छोटा कर पाते है । क्यों कि सही का साथ देने के लिए मजबूत आदमी निकल कर नही आते । और जो गलत सोचते हैं वो बहुत बड़ा सोचते हैं और गलत करते हैं और उनका साथ देने के लिए भी बहुत सारे लोग निकल आते हैं । तभी कहते हैं कि - 

" घास  बिना  बोए उगती है , और गुलाब को  उगाने  के लिए  माली को बहुत महेनत करनी पड़ती है "

लेकिन जो वेल्यु गुलाब की है वो घास की कभी नही हो सकती ।  बडी सोच पर टिके रहने में डर लगता है, थोड़ी ही देर में जोश ठंडा पड़ने लगता है , अपने मन से आवाज आने लगती है कि ये बहुत बड़ा है इतना करना मुशिकल है ना मुमकिन है।

ऐसा क्यों ? क्योंकि सालो से हमे छोटा सोचने की आदत बन चुकी है । छोटा सोचने की आदत को हमे बदलना होगा और ये तभी संभव है जब हम अपने मन की व बाहर से आने वाली नैगेटिव  आवाज को सुनना अवॉयड करेंगे। जब आप ऐसा करेंगे तो एक दिन आपको अंदर बाहर की नैगेटिव आवाज आनी भी बन्द हो जाएगी। और जो आपने सपना देखा है उसे हकीकत में बदलता हुआ देख पाएंगे।  d r apj अब्दुलकलाम जी ने बहुत अच्छी बात कही थी।

" सपने वो नही होते जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमे सोने नही देते "  

 जो सपने हम अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए देखते हैं, कुछ करने के लिए देखते हैं,समाज के उथान के लिए देखते हैं  वो सपने वास्तव में सोने नही देते। चौबीसों घन्टे वही सपने, उनकी प्लांनिग हमारे दिमाग में घूमते  रहते हैं।और तब तक रात दिन हमे शांति से नही बैठने देते जब तक हमारा सपना सच नही हो जाता। अनोनीमौस ने कहा है कि -

" जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता है, उन्हें रात छोटी लगती है। जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है, उन्हें  दिन छोटा लगता है "


जब हम किसी लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं तो अनेको समस्याएं आती हैं । लेकिन जब तक हर समस्या का समाधान नही मिल जाता तब तक हमारा दिमाग दौड़ता रहता है । दोस्तों ! दुनियां में ऐसी कोई चीज नही है जिसे आप चाहो और वो आपको ना मिले । बस हमारे सपने में जान होनी चाहिए उसके प्रति मन में जनून होना चाहिए। सपने के प्रति समर्पित होने चाहिए तभी आप अपने सपने को सच होते हुए देख सकते हो । 



हर अविष्कार किसी ना किसी का सपना रहा है। फिर एक दिन वह हकीकत बन के सामने आया है। जहाज बनाने का सपना राइट ब्रादर ने देखा ,बिजली का बल्ब बनाने का सपना थॉमस एडिसन ने देखा, रेल बनाने का सपना जेम्स वाट ने देखा, tv बनाने का सपना जान लाजी बायर्ड ने देखा, इंटरनेट का सपना विटेन कर्फ़ ने देखा । सुई से लेकर जहाज बनाने तक का  पहले सपना ही था । हर चीज का पहले सपना देखा गया फिर हकीकत बनी । 

और ये सभी सपने सच हुए। और सभी बड़े सपनो पर पहले दुनिया हंसी।और जब ये अविष्कार हुए तब दुनिया ने इन्हें माना और आज हर इंसान इन अविष्कारो का फायदा उठा रही है ।अविष्कारो से ही हमारी जिंदगी बदली है ।

1755 में एक प्रोफेसर ने फ्रिज का डिजाइन बनाया था उस पर किसी ने ध्यान नही दिया । बाद मे 1805 में oliver evans  एक अमरीकी अविष्कारक ने फ्रिज के बारे में बताया पर तरीका वही थालेकिन इसके बाद 1876 में  carl von linde  ने फ्रिज बनाने के तरीके को बेहतर बनाया ।समय के अनुसार सभी चीजो को बेहतर बनाया जा रहा है  


इसलिए दोस्तों ! जो भी आप सपने देखते हो उन पर विश्वास करो । उन्हें पूरा करने की कोशिस जरूर करो । क्या पता परमात्मा ने आपको किस अविष्कार के लिए या समाज के उथान के लिए दुनिया में भेजा है । 


सोचो आपकी हॉबी क्या है ? आप क्या  करते हुए खुद को भूल जाते हो ? क्या लाइफ में करना चाहते हो ? कुछ ना कुछ तो ऐसा जरूर होगा जिसे करके आपको ख़ुशी मिलती हो , जिसे करते हुए आप खुद को भूल जाते हो उसे जरूर करो। ज्यादा से ज्यादा समय उस कार्य को करने में लगाओ ।