दोस्तों ! जानें आप व आपके भाव | इतिहास गवाह है कि जिस इंसान ने अपने भावों का इस्तेमाल किया वह ऊचाइयों तक पहुंचा ,फिर चाहे वो राज्य हो या अध्यात्मिकता | अगर आपका भाव मजबूत है तो संतुष्टि भी उतनी ही ज्यादा होगी |
यह भावों की अदभुत देन है | में और आप दिमाग योग को जो आदेश देते हैं ,यह सब उसी पर निर्भर करता है | हमे अपने मष्तिक की कोशिकाओं को अनुकूलित करना पड़ता है ,ताकि वे उसे स्वीकार कर सकें |
हमें जीवन के प्रतयेक क्षेत्र में भावों का प्रबंधन करना पड़ता है | उच्च अवस्था में गहन भाव ही इंसान को आगे बढ़ने व असंभव को संभव में बदलने के लिए विवश कर देते हैं | भाव हींन व्यक्ति कभी कोई भाव नही छोड़ सकता |
धर्म ,जाति या वर्ण की बजाए भीतरी ताकत ही इंसान को आगे लें जाती है |सरल भाषा में ये है कि हम कुंठा में भी बेहतरीन पर्दशन कर सकते हैं | यहाँ तक यदि आपके स्कुल में भी मित्र आपसे बेहतर कर रहा है तो आप कुंठित हो जाते हैं क्योकि आप को लगता है कि आप भी इसे कर सकते थे | ,किन्तु आप अपने ऊपर लगाई गई सीमाओं के कारण कर नही पाएं | इस प्रकार कुंठा अपनी ताकत को पहंचाने का एक ट्रिगल है | अपने भीतर छिपी ताकत को पहंचान ने का ट्रिगल है | अगर कर्ण का भय अर्जुन को नही होता तो अर्जुन की तैयारी अधूरी होती | सफलता गुलामी से नही बल्कि वीरता से हाथ आती है |
अपमानित होने पर ही आपको अपने होने का अहसास होता है | यदि आपके दिल को भी ठेस लगी है तो सही समय का इंतजार करें व पूर्व नियोजित कदम उठाएं |
चिंता एक ऐसा भाव है जो विश्वास पर भरोसा करने का संकेत देता है | यह वह पल है जब मनुष्य को अनावश्यक बातें सोचनी छोड़ देनी चाहिए | इंसान अपने ऊपर व ईश्वर पर भरोसा नहीं रखता वह हमेशा चिंता ग्रस्त रहता है | अपने विश्वास पर भरोषा रखो कभी भी चिंता ग्रस्त नही रहोगे | आपको चिंता घटानी हो तो आवांछित तस्वीर ,आवाज व भावना का आकर घटाना होगा |
चिंता एक ऐसा भाव है जो विश्वास पर भरोसा करने का संकेत देता है | यह वह पल है जब मनुष्य को अनावश्यक बातें सोचनी छोड़ देनी चाहिए | इंसान अपने ऊपर व ईश्वर पर भरोसा नहीं रखता वह हमेशा चिंता ग्रस्त रहता है | अपने विश्वास पर भरोषा रखो कभी भी चिंता ग्रस्त नही रहोगे | आपको चिंता घटानी हो तो आवांछित तस्वीर ,आवाज व भावना का आकर घटाना होगा |
सफल लोगो ने भी कभी ना कभी चुनौतियों का सामना किया है | कभी -कभी तो आपको ऐसे कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं जिनके बारे में आपने कभी सोचा तक नही था |
सकरात्मक भावो से हमेशा सकरात्मक नतीजे तथा नकारात्मक भावों से हमेशा नकारत्मक नतीजे निकलते हैं | सकरात्मक संदर्भ आपको विचारवान व कल्पनाशील बनाते हैं यही वह बिंदु है जहां हमें और भी रचनात्मक होना पड़ता है |
हर्लिन सैंडर्स ने साठ साल की आयु में व्यवसाय प्रारभ किया | उनके पास चिकन पकाने की एक खास विधि थी | ये रेसेपी अब सभी kfces kntucky fried chicken में मिलती है|
सकरात्मक भावो से हमेशा सकरात्मक नतीजे तथा नकारात्मक भावों से हमेशा नकारत्मक नतीजे निकलते हैं | सकरात्मक संदर्भ आपको विचारवान व कल्पनाशील बनाते हैं यही वह बिंदु है जहां हमें और भी रचनात्मक होना पड़ता है |
हर्लिन सैंडर्स ने साठ साल की आयु में व्यवसाय प्रारभ किया | उनके पास चिकन पकाने की एक खास विधि थी | ये रेसेपी अब सभी kfces kntucky fried chicken में मिलती है|
| क्रॉक मैक्डोनल ने 53 वर्ष की आयु में अपना व्यवसाय आरंभ किया | डोनाल्ड विल्सन रीगन 70 वर्ष आयु में यू एस ए ,के प्रेजिडेंट बनें | कार्ल मार्क्स ने 59 वर्ष की आयु में ' दास केपिटल ' लिखी थी | वाल्ड डिज्नी ने 54 वर्ष की आयु में ' डिज्नीलैंड 'बनाया | यह आप पर निर्भर करता है कि इस भाव का शिकार होंगे या इसका लाभ उठाएंगे | चुनाव आपका ही होगा | यदि भावो का सही से इस्तेमाल हो तो हम किसी भी तरह के व्यव्हार को बदल सकते हैं |
प्रतेयक मनुष्य के पास प्रचुर अवसर होते हैं | जॉन पॉल सेट्रे के अनुसार मनुष्यों में संभावनाओ की भी प्रचुरता विधमान है जिस पल आप कोई अवसर पाते हैं व आपको लगता है कि आप उसके असली हकदार थे तो आप ब्रह्मांडीय ऊर्जा से अविसनीय शक्तियां पाने लगते हैं | और आप अपना पहला कदम उठाएं बाकि सब अपने -आप हो जायेगा |
धर्म में आस्था तथा विश्वास एक शक्तिशाली भाव है | किसी भी धर्म का कोई भी व्यक्ति जो अपने धर्म में विश्वास रखता है तो वह चमत्कार कर सकता है | इस भाव में लोग ईश्वर के आगे आत्मसमर्पण कर देते हैं | चाहे वह मंदिर में गुरुद्वारा मे मस्जिद में या फिर कही और इस तरह से निश्चित हो जाते हैं |
यदि आप हमेशा अपने विश्वास पर सवालिया निशान लगाए बिना भरोसा कायम रखेंगे तो आपको सफल होने से कोई नही रोक सकेगा | यदि आप स्वयं तथा उन्हें सच्चे दिल से धन्यवाद देते हैं तो सफलता के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं |
जिस एक पल में हम सोच लेते हैं कि हम प्रतिभाशाली व गुणी हैं हमारा आत्मविश्वास पहले से कई गुणा बढ़ जाता है |
यदि आप सोचते हैं कि ईश्वर ने आपको ये विशेष शक्ति दी है तो आप इसमें निपुण होकर पूरी दुनियां पर अपना वर्चस्व कायम कर सकते हैं |
किसी भी काम के प्रति वचनवद्धता निभाने के लिए पक्के निश्चय का होना जरूरी है | जीवन में अवरोधों की कमी नही है ,यदि में और आप उनसे पार पाना चाहते है तो हमे दृढ़ निश्चयी बनना होगा |
दोस्तों ! ये समरी पी. एस राठौर की बुक ' चिंगारी जो जिंदगी बदल दे ' की स्वयं को जाने की है
यदि आप हमेशा अपने विश्वास पर सवालिया निशान लगाए बिना भरोसा कायम रखेंगे तो आपको सफल होने से कोई नही रोक सकेगा | यदि आप स्वयं तथा उन्हें सच्चे दिल से धन्यवाद देते हैं तो सफलता के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं |
जिस एक पल में हम सोच लेते हैं कि हम प्रतिभाशाली व गुणी हैं हमारा आत्मविश्वास पहले से कई गुणा बढ़ जाता है |
यदि आप सोचते हैं कि ईश्वर ने आपको ये विशेष शक्ति दी है तो आप इसमें निपुण होकर पूरी दुनियां पर अपना वर्चस्व कायम कर सकते हैं |
किसी भी काम के प्रति वचनवद्धता निभाने के लिए पक्के निश्चय का होना जरूरी है | जीवन में अवरोधों की कमी नही है ,यदि में और आप उनसे पार पाना चाहते है तो हमे दृढ़ निश्चयी बनना होगा |
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