Friday, January 29, 2016

जो चाहते हो, वो संभव है

               
                 जो चाहते हो, वो संभव  है

सम्भव की सीमा जानने का केवल एक ही रास्ता है असम्भव से भी आगे निकल जाना । भारत देश में १० % लोग  दौलत मंद हैं ।  ९० % लोग देखते रह जाते हैं  कि  ये संभव कैसे हुआ । 10%  लोग ही दौलत मंद क्यों ? क्यों कि उन्हें अपने ऊपर पूरा  विश्वास था की वो पैसा कमा सकते हैं ।जो भी लोग कामयाब हुए है उनके दिल में सिर्फ एक  इच्छा थी की उन्हें कामयाब होना है हर हाल में ।  इच्छा में आकर्षण शक्ति होती  है जिससे वस्तु  आकर्षण की छोर से बंधी चली आती है। बसर्ते आपका फोक्स उस पर हो  जो तुम चाहते हो ।     


आपको चुनना है कि आपको क्या करना  है ? बेहतर करके प्रसद्धि या कुछ ना करके गुमनामी :- अगर आप को कुछ करना ही है तो बेहतर करके मिसाल बनो । यदि आपको आपका लक्ष्य नही मिल रहा है तो ढुडो ।अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी शक्ति व निष्ठां से लगे रहो । अपने काम के लिए मौके ढुडो । जो जीवन में चाहते हो उसका परिणाम निर्धारित करो । खुद से क्या अपेक्षा रखते हो इसका ज्ञान रखो।भटकाव व व्यवधान तो आते ही रहते हैं। लेकिन   निरंतर पर्यत्न करने से,सक्षम मष्तिक से, श्रेष्ट विचारो से , समस्याओ को सुलझाने  की कला से आप वास्तव में चमत्कार कर सकते हो ।    
       
              " मनुष्य की प्रतिभा उसकी छाया की तरह होती है जब वह आगे चलती है तो बहुत बड़ी हो  जाती है"  


ये सोच लो की सफलता आपको सस्ते में नही मिल सकती । आधा अधूरा काम आपकी क्षमता पर असर डालेगा। और आपके पुरे काम आपकी क्षमता और योग्यता को बढ़ाएंगे।  किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए चाहे सामाजिक हो या व्यवसायिक हो पारिवारिक हो सही दिशा मे  कड़ी मेहनत और जागरूता का बहुत बड़ा योगदान होता है । 


खुद का मूल्यांकन कम ना आंके :- सबसे बड़ी कमजोरी जानते हो इंसान की क्या है ? अपना मूल्यांकन कम आंकना। हम खुद नही जानते की हम क्या कर सकते हैं ? हम जानते हैं तो अपनी कमियां ,अयोग्यता । चलो इतना जानते हो तो अच्छा  है अपना सुधार कर सकते हो। साथ ही अपने गुणो  को देखो अपनी योग्यता पहचानो । जब आप अपनी योग्यता पहचानोगे तो पाओगे की आप कई बातो में सफल लोगो से आगे हो । इसलिए पहले खुद को पहचानों की आपमें कुछ कर गुजरने की क्षमता है ?आप अपने बारे जितना जानते हो उससे कई  गुना बेहतर हो  ।    

                  " मनुष्य की जगह वह है जहां वह जाना चाहता है " 
                                                                -डॉ वान 


कामयाबी से पहले हर इंसान को संघर्ष से गुजरना पड़ता है सही फैसले लेने पड़ते है । रात  दिन कड़ी मेहनत की  हद से गुजरना पड़ता ।   कई बार सही आइडियाज भी हमे लाभ नही पहुंचाते इसलिए विचार विमर्श से फायदा उठाएं। सही समय पर निर्णय ले और बेहतर पर्द्शन दे। बेहतर पर्द्शन से ही ऊचाई पर पहुंच कर धन संपदा प्राप्त कर सकते हो।  

जो तुम सोचते हो बोलते हो उसे पा सकते हो :- कोशिस तो करो उसकी तरफ चलो, जो भी इच्छा है उसे अपने आपसे कहो कि  ये मुझे चाहिए। अपनी अंतरात्मा से दोहराओ, मन से इतना चाहो की आप का जनून बन जाएं । फिर देखो की वो इच्छा कैसे पूरी कर लेते हो । आपको पता भी नही चलेगा की आप की इच्छा कब पुरी हो गई । जब आप सोचते हो कि  आप को धन की आवश्य्कता है तो आप उसे हासिल करने का कोई  ना कोई रास्ता निकाल ही लेते हो । और जब आप किसी फिल्ड में सक्सेस चाहते हो तो कड़ी मेहनत करोगे और उसे पाने के लिए जी जान लगा दोगे। जिससे जो आपके लिए असम्भव था वो सम्भव हो जायेगा । बस आप पहला कदम उठाओ ।


मन को गुलाम बना लो कुछ भी असंभव नही रहेगा : -कहते हैं   "मन के हारे हार है मन के जीते जीत" सारा दामोदार इस मन पर है जिसने इस मन को गुलाम बना लिया उसके लिए कुछ भी असंभव नही है । यदि आप सफल और सुयोग्य बनना चाहते हैं तो हमेशा प्रयत्न शील रहें । जिंदगी का असली  मजा तो उस काम को करने में है जब लोग कहते हैं की तुम ये नही कर सकते और आप वो काम कर लेते हैं । चमत्कार भी इसी दुनिया में होते हैं । चमत्कार होते हैं दृढ़ विश्वास, कड़ी मेहनत ,सही प्लानिंग से । असंभव शब्द को अपनी लाइफ की डिक्सनरी से निकल कर फेंक दें क्यों कि असम्भव शब्द कर्म हीन लोगो के लिए बना है आप के लिए नही । क्योकि आप कुछ करना चाहते हैं,सीखना चाहते हैं इसलिए आपके लिए तो ब्रह्मांडीय शक्तियां स्वयं आपकी मदद करने के लिए आएगी । 

असंभव को संभव बनाने के लिए ऊचा चरित्र, शुद्ध नियत, और दिल से काम करने की जरूरत है :-    बे मन काम करने से तो सिर्फ दाल रोटी ही कमा सकते हो । जब भी आप कोई जिम्मेदारी लें तो उस काम को करने में इतना फोकस करें की गलती से भी कोई गलती ना हो अपनी तरफ से १०० के  १००% अच्छा करें । अपने मन को उस समय इधर उधर ना भटकाए। अगर आप का मन इधर उधर भटका तो आप सही तरीके से काम नही कर पाओगे । और जब तक सही तरीके से काम नही करोगे तब तक आप सफल नही हो सकते।  आदर्श और पूर्ण व्यक्ति ही असम्भव को संभव बनाने की हिम्मत रखता है । जब तक आप पूर्ण नही बनोगे ,गलती करना नही छोड़ोगे ,तब तक आप असफल होते जाओगे सफलता एक चीज मांगती हैं और वो है पूर्णता ।    आपके अंदर वह क्षमता और गुणवत्ता है जो आपको चमका सकती है । बस अभ्यास करो और पुराने खाके को तोड़ कर अपनी क्षमता बढ़ाओ । अगर आप अपने विचारो पर काम कर रहे हो तो खुद पर भरोसा कर सकते हो । तुम जितना बेहतर सोचोगे उतना ही बेहतर कर पाओगे। आप को ये सोचना होगा की  बेहतर सोचना और बेहतर करना ही तुम्हारे जीवन और कैरियर में कमाल का परिणाम लायेगा । आप बेहतर तरीको से काम करके ही कार्य कुशल और अधिक प्रभावशाली व्यक्ति बन सकते हो । 

खुद पर नियंत्रण रखें :-   जब आपका अपने शरीर पर नियंत्रण होगा तो ये आप के दिमाग पर दबाब डालेगा। दिमाग को  सही दिशा में ले जायेगा। जितना स्वस्थ आपका शरीर होगा उतना ही बलशाली आपका दिमाग होगा। उतनी ही सकरात्मक सोच होगी । जब आप सकरात्मक सोचोगे तो आपके पास सुख समृद्धि बढेगी  आमदनी बढ़ेगी और आपको सम्मान मिलेगा । आपका नजरिया ही असम्भव को सम्भव बना सकता है। ऎसे लोगो से जान पहचान बनाये जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं । इस दुनिया में कुछ श्रेष्ट करने के लिए आये हो । अगर आप ने कुछ नही किया तो इससे समाज और विश्व का बहुत बड़ा घाटा होगा । कई बार  डर की  वजह से कुछ बेहतर नही कर पाते। अगर कुछ बेहतर करना चाहते हो तो  डर को भगाओ  डर  बेहतर नही करने देगा ।             

कामयाबी का श्रेय साथियों में बाटें :-  अगर आप कामयाबी का  सारा श्रेय खुद लेना चाहते हो तो ये गलत है । अगर आपको लगता है  कि ये आपके प्रयास से संभव हुआ है तो ये सरासर गलत है बेईमानी है  आप गलत सोच रहे हैं। क्यों कि कुछ भी अकेले  प्राप्त करना असंभव है। ये आपके साथियों की मेहनत, बड़ो के आशीर्वाद, कई लोगो की दुवाओं और प्रभु इच्छा से आपको प्राप्त हुआ है । लोग आपसे जितनी उमीद करते हैं उससे दुगना देकर असंभव को संभव बना लो।  
  

सर्वोत्तम समय अपने कार्य में लगाए :-  श्रेष्ट समय में श्रेष्ट करने की कोशिस करें । आप सर्वश्रेष्ठ तभी कर पाओगे जब उस कार्य के पीछे कोई  बड़ा मकसद होगा । सजगता एकाग्रता विश्वास धैर्य निरंतरता इन गुणों से इंसान कठिन से कठिन कार्य को आसान बना लेता है। जब आप किसी की परवाह किये बिना आगे बढ़ते हो तो मजिल तक  पहुंच ही  जाते हो अगर रस्ते मे कोई मुस्किल आती भी है तो परमात्मा खुद  कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल देता है । जब तक आपके लिए कोई काम करना संभव नही है तब तक उस कार्य की पूरी जानकारी लेकर उसे  करने की  तैयारी  करें ।किसी कार्य में तैयारी का मतलब है त्याग और अनुशासन । कल्पना करो तो उस कल्पना को पूरा करने के लिए ज्ञान भी कही  ना कही से अर्जित  हो  जाता है ।  

        " इंसान की सबसे बड़ी खोज ये है कि वह उस काम को कर सकता  जिस काम को  पहले सोचता था नही कर सकता "
                                                                         ----हेनरी फोर्ड 


हो सकता है कि शुरुआती प्रयासों में आपको सफलता ना मिले :- कई बार ऐसा भी होता है कि पहली बार में सफलता नही मिलती। लेकिन आप अपनी असफलता को पहला कदम ना माने । गहन मंथन करें  की  किन गलतियों की वजह से  असफल  हुए हो, उन्हें दूर करें। सयम  व धैर्य  से आगे बढ़ें ।धैर्य और सयम सफलता  की  महत्व पूर्ण कड़ी हैं। सयम ही आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। अगर संघर्ष के समय आपका सयम जवाब दे गया तो  मंजिल पर पहुचना मुश्किल  हो  जाएगा । अगर आपमें पैशन है मेटली स्ट्रॉग है सपने देखने और पुरा करने की लग्न है, दिल में कुछ कर  गुजरने की चाहत  है तो मुकाम जरूर हासिल कर सकोगे । अगर इरादे मजबूत हो तो रास्ते खुद ब खुद निकल आते हैं । जब आप समझते हो की आप कार्य को कर सकते हो तो दुनिया का  कोई दार्शनिक सिद्धांत ऐसा नही है कि जो आपको उस कार्य को करने से रोक सके । और अगर आप  मानते हो  की आप उस कार्य  को नही कर सकते तो दुनिया में आपसे उस कार्य कोई नही करवा सकता। जब आपको लगता है की आप को मजिल मिल सकती  है तो आप रस्ता ढूढ़ निकलोगे । और उस रस्ते से मंजिल तक पहुंच जाओगे। मनोबल और सकल्प ही वह शक्ति है जो लक्ष्य तक पहुंचाती  है । 






Friday, January 22, 2016

सहन शीलता बनाती है इंसान को कामयाब

                         सहन शीलता बनती है इंसान को कामयाब     
 
                                                                     
सहन सील इंसान हर फिल्ड में कामयाब हो जाता है । सहनशील व्यक्ति विपरीत परिस्थति होने पर भी शांत चित रहकर उससे बहार  निकलने का रास्ता खोज लेता है।अधिकतर काम या रिश्ते हमारी सहनशीलता की कमी की वजह से बिगड़ते हैं । धैर्य क्षमा सहिष्णुता से ही आप अपना लक्ष्य पा सकते हो । धैर्यवान व्यक्ति में अद्धभुत सामर्थ्य होता है। वह किसी भी परिस्थति में अपना या दुसरो का नुकसान नही होने देता। सहनशीलता की कमी इंसान को उदंडी व उचखल बनाती है। और सहनशीलता इंसान को बेहतर  बनाती  है ।   
       
अपनी सोच को सीमा में ना बांधे :- जो कार्य आपकी  नजर में सही हैं, ये जरूरी नही है की  वो किसी और की निगाह में भी सही हो । हो सकता दूसरे के पास उस काम को करने का और भी बेहतर आइडिया हो इसलिए आप अपनी सोच का दायरा छोटा ना रखें । ये सोचे की ये बेहतर करने की अंतिम सीमा नही है । बेहतर को भी बेहतर बनाया जा सकता है। दुसरो की बात ध्यान से सुन्नी चाहिए और दुसरो के नजरिया से भी देखना  चाहिए ।  

ऊचा पद यश कीर्त   सुख सुविधा की इच्छा रखना  गलत बात नही है :-  ये तो प्रगति की जननी है । लेकिन सिर्फ इच्छा से काम नही बनता। काम बनता है कड़ी मेहनत से समय का बेहतर प्रयोग से धैर्य से पॉजिटिव सोच से सही प्लानिंग से अगर इनमे से एक की भी कमी रह जाए तो कार्य की  सफलता में संदेह होता है ।  
  
                      "सैम्यूल जॉनसन एक शब्द की खोज में आधा पुस्तकालय खोज डालते थे " 

 "टाल स्टाय एक महान लेखक हैं इनके बारे में कहा जाता है कि वो पांडुलिपि प्रकाशक को देने से पहले छह बार लिखते  थे ।" 

अपने कार्य की गुणवत्ता में सुधार करें । अपने कार्य में धैर्य रखकर काम करते रहें। धैर्य  से कार्य में निखार आएगा और सफलता आपके नजदीक आती जाएगी । आज तक जितने भी लोग कामयाब हुए हैं उन्होंने कडी  मेहनत  की है पसीना बहाया  है और सालो इतजार किया है तब जाकर सफलता का मुंह देखने को मिला है। सफलता विरासत में मिलने वाली चीज नही है । 

             " अक्षर धाम की शिल्पकारी में,  सात शिल्पकारियों को  सात साल लगे थे ''
             " गुफा  अजंता  एलोरा की शिल्पकारी में एक शिल्पकारी की सात पीढ़ी लगी थी "

एक माली को देखो गुठली बोने  के बाद पेड़ उगने और बड़े होने फिर फल लगने में सालो लग जाते हैं ।  और माली धैर्य रख कर ईमानदारी से कार्य करता रहता है । और बासँ के पेड़  में तो सालो बाद अंकुर फूटता है। अगर नतीजा ना भी दिखे तो इस का मतलब ये तो नही है कि उसका असर नही हो रहा है ।  

अपने स्टेट ऑफ़ माइंड से बहार निकले :-अगर आपको किसी की निंदा करने पर या सुझाव देने पर बुरा लगता है तो इसका मतलब है की आप अपने स्टेट ऑफ़ माइड से बहार नही निकलना चाहते ।जिस की वजह से आपको बेहतर करने में मुश्किल होती है । अगर आप ध्यान बात ध्यान से सुनोगे तो आप किसी बात पर असहमत  होने पर सामने वाले इंसान को समझा सकते हो । अगर आप अपनी ही बात पर अड़े रहे तो आप किसी सही निर्णय पर नही पहुंच पाओगे।  जो इंसान सहनशील नही होता वो एक दिन अपने परिवार वालो के लिए भी क्रूर हो जाता है  जिसकी वजह से उसका जीवन कष्टदायी  हो  जाता है । किसी की बात नजर अंदाज करना अच्छी बात नही है जब हम आलोचनाओं का सामना करेंगे तभी तो बेहतर इंसान बन सकेंगे। अगर आपका निदा सुनने से मुड़ खराब हो जाता है। तो सही से काम नही कर पाओगे   आप काम में गलती करोगे और बिना मन के काम करोगे। और बिना मन के काम करने से आपको सफलता कभी  नही मिल सकती । 


मानव व्यक्तित्व कुछ ऐसा है जब तक ये परेशानियों में ना घिरे तब तक इसकी क्षमताए निखर कर बहार नही आती :-  जैसे सोना अग्नि में पड़कर निखरता है, चंदन घिसने पर खुसबू देता है उसी तरह इंसान की क्षमता परेशानियों और आत्मनिरक्षण से बहार निकलती हैं । इसमे धैर्य रखना पड़ता है  भगवान श्री राम ने भी पहले सहन शीलता का परिचय देते हुए रावण को एक मौका दिया था । और भगवान श्री कृष्ण ने भी पहले कौरवो से पांच गांव ही पांडवो को देने के लिए कहा था जिससे कि विवाद टल सके । उन्ही लोगो को याद किया जाता जो सहनशीलता की राह अपनाकर आगे बढ़ते हैं जिनका ह्रदय समुद्र की तरह गहरा है| समाज को उत्तम  और आदर्शवादी बनाने के लिए धनी होने की जरूरत नही है बल्कि सुस्कारित होना जरूरी है। अगर आप इतिहास पर नजर डालोगे तो पाओगे कि मदन मोहन मालवीय , गांधी ,ए पी जे अब्दुल कलाम जी सभी सुस्कारित थे । 


सहनशील इंसान परेशानियों का असर कार्यो पर नही पड़ने देता :- सहन शील इंसान बिना घबराए अपने कार्य पर ध्यान देता है । और आसानी से बहार  निकलने का  रास्ता खोज लेता है । अगर कोई परेशानी आती भी है तो वो विचलित नही होता क्यों की वो जनता कोई भी परेशानी स्थाई  नही है । इस लिए  वह अपना फोकस काम पर रखता है, शांत रह कर समस्या का समाधान ढूढता है। सहन शीलता से  मन की शक्ति बढ़ती है साथ  में सघर्ष  से लड़ने  की क्षमता बढ़ती  है । 
         
सहन शील व्यक्ति में सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता अधिक होती है :- सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता तो इंसान में होनी ही चाहिए। जो इंसान सही समय पर सही निर्णय नही लेते उनकी ग्रोथ रुक जाती है । अगर आपके अंदर  भी ये कमी है तो आप इस कमी को दूर कर सकते हो। बस थोड़े से धैर्य और सोचने की आवश्कता है। आप सोचिये की आप को क्या डिसीजन लेने की जरूरत है । आपको इससे क्या फायदा है क्या नुकसान है जब आप ऐसा सोचोगे तो आप को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। आप अपने सीनियर से भी सलाह ले सकते हो ।  
   
               "सहन शीलता को श्री मद भागवत में भी देवी सम्पदा बताया गया है" 

जिस इंसान के पास सहन शीलता नाम की  संपदा है वह कभी अपने मार्ग से विचलित नही होता । इसलिए हमेशा ही सयमित रहें।  कभी भी अपनी सीमा ना लांघे।जो व्यवहार आप को अच्छा नही लगता वह व्यवहार किसी और के साथ ना करें। अपना व्यवहार ना बिगड़ने दें । कई  बार हम अपनी छोटी सी कमी निकालने पर इतना चिड़ जाते हैं कि सामने वाले को गलत ठहरा ने पर तुल जाते हैं। जिसका पछतावा हमे बाद में होता है  और फिर इतनी देर हो चुकी होती है  कि प्रायश्चित  करने  का मौका भी  नही मिलता।  






Saturday, January 9, 2016

अच्छी आदतें ही आप को कामयाबी दिलाएंगी

                                                              अच्छी आदतें ही आप को कामयाबी दिलाएंगी    

                                          
आदतें ही इंसान को सक्सेस या फैलियर बनाती हैं। अच्छी आदते इंसान को सक्सेस और गलत आदते इंसान को फैलियर बना देती हैं। जो गलत आदतों के सामने अपने घुटने टेक देते हैं वे असफलताओं को आंमत्रित करते हैं। जिसका हरजाना वर्तमान व भविष्य में उठाना पड़ता हैं। इसलिए अच्छी आदतें डालें। अच्छी आदत हैं बड़ो का सम्मान करना, छोटो को प्यार करना, जरूरत मंद इंसान का सहयोग करना, सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना,  अच्छे कार्य करना, मधुर वाणी बोलना, किसी को अपशब्द ना बोलना, अच्छा आहार व्यवहार रखना, अच्छे कार्य करना ,समय का सदुपयोग करना, किसी को भी तन मन धन से नुकसान न पहुँचाना,  नशा ना करना, ईमानदारी से जीवन व्यतीत करना आदि । इससे  समाज में  इज्जत भी होगी और आप सक्सेस फुल  भी होंगे ।   
      
                                   " जिंदगी लम्बी नही , गहरी होनी चाहिए "
                                            -रॉल्फ वाल्डो इमसर्न 

किसी ने सही कहा है  कि जिंदगी जीने मे और जीवित रहने मे बहुत बड़ा अंतर है । सफलता और असफलता का सिलसिला तो जिंदगी में धुप और छाव की तरह चलता रहता है। कुछ लोग थोड़े से ही अपडाउन मे घुटने टेक देते हैं फिर पूरी जिंदगी असफलता का बोझ कधे पर ढोते  हैं । जिसका हर्जाना खुद तो भुगते ही हैं साथ में परिवार वालो को भी भुगतना पड़ता है। इंसान की फ़िक़रत है कि वह असफल हो जाने पर अपनी  इस नाकामयाबी का जिम्मेदार किसी और को ठहराने लगता है। अगर वह अपनी गलती परिचितों व दोस्तों पर थोप ने की बजाय अपनी गलती को मानकर  उन्हें सुधार कर आगे बढे  तो भविष्य में सफलता के चांस बढ  सकते हैं  । खराब आदतो को जितना जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए और अच्छी  आदतो को जीवन में उतार लेना चाहिए। अच्छी आदतो को अपने जीवन में कैसे उतारें आइये जानते हैं ------    


सकरात्मक नजरिया रखें :- नामुमकिन जैसे विचार मन में आने लगे,  सोच लेना की यहां नजरिया  बदलने की जरूरत है । यदि जिंदगी में कुछ करना चाहते हो तो  नामुमकिन शब्द को अपनी लाइफ की डिक्सनरी से निकाल फेंको । हर अविष्कार को दुनिया वालो ने नामुमकिन ही बताया था लेकिन फिर भी वो हुए । जो लोग काम को करने से पहले  ही काम को नामुमकिन मान लेते हैं,  वे लोग पहले ही मन में ना होने की धारणा बना लेते हैं  फिर वो कार्य नही हो सकता । कई लोग भूतकाल की असफलता को लिए फिरते हैं  जिसकी वजह से सफलता की आहट को  नही सुन पाते। अगर आप भूतकाल की असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहते हो तो आज में जीना सीखो और अपना नजरिया बदलो ।  


अवसर पहचानें  :-   कई बार अवसर समस्या के रूप में आते हैं। उन्हें पहंचान कर स्वयं को उनके लिए परिवर्तित कर लेना ही समझदारी है । कभी भी देखना की हर बुराई में कुछ  ना कुछ भलाई छिपी रहती है।लेकिन हमारी समस्या ये है कि हम अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित तो बहुत होते हैं लेकिन उन्हें पाने के लिए मेहनत उतनी नही करते जितनी जरूरी है। ये बात मन में बिठा लो कि कुछ भी हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कड़ी मेहनत । कड़ी मेहनत के  बिना आप किसी भी लक्ष्य को पाना तो दुर उसके सपने भी मत देखना  ।   

जोखिम लेने से ना डरें :- जो लोग जोखिम  लेने से डरते है वे लोग जिंदगी में कभी कोई बड़ा मुकाम हासिल नही कर पाते । जीवन में मिलने वाली सफलताओं का दरवाजा ही बंद कर लेते है। मेरे हिसाब से तो सक्सेस की पहली शर्त  है जोखिम लो।  सबसे बड़ा जोखिम तो  जिंदगी है जिसके लिए आपने सब कुछ दाव पर लगा रखा है । आप ही बताइये कि जो  कुछ भी करते हैं  सिर्फ अपने लिए ना ? पढ़ते हैं ,काम करते हैं ,शादी करते हैं मकान बनाते हैं, बच्चे और फिर इन्हें पढ़ाकर कामयाब किस लिए करते हैं ? बताओ कोई गारंटी  है कि जो आप  ये इतनी मेहनत कर रहे हो  आप इनका सुख ले पाओगे ? कुछ लोग कहते में ये नही कर सकता । क्यों नही कर सकते ? जब आप इस तरह सोचते हो तो आप पर निराशावादी विचार धारा  हावी रहती है। निराशावादी विचारधारा  इंसान को असफलता की तरफ धकेलती है। और आशावादी विचारधारा इंसान को सफलता की राह प्रसस्त करती है । 


 कोई भी कार्य कल पर ना टालें :-  ये बात  आप जानते हो  कि जो काम कल पर टाल रहे हो उसकी कोई  गारंटी नही है कि  कल भी उस कार्य को करोगे या नही लेकिन फिर भी गलत आदत की वजह से कई कार्यो  को कल पर टाल देते हैं । क्यों  ? क्यों की उससे होने वाले नुकसान पर ध्यान ही नही जाता । ये लापरवाही सफल होने में  रोड़े अटकाती है । कार्य को कल पर टालने के आप के पास हजारो बहाने हो सकते हैं । लेकिन करने के लिए एक ही वजह काफी है कि  ये काम आज ही करना है आज का दिन ही इसे करने के लिए बेहतर है। कल पर टालने का मतलब है कि आप उस कार्य को करना ही नही चाहते । कई कार्य तो ऎसे भी टाल देते हैं जिनमे बहुत ही थोड़ा समय व परिश्रम लगता है । कई चीजो को अंधविश्वासी होने  की वजह से टाल देते हैं  किसी समय  को सही  और किसी समय गलत मानते हैं । कई काम इसलिए भी टाल देते हैं की आज हमारा मुड़ नही है। कुछ भी कहो ये गलत आदत बन गई है । ये भुल जाते हैं  कि  अच्छा वक्त हमारे मुड़ को देख कर नही आएगा । समय  हाथ से रेत की तरह फिसल जाता है जो दुबारा लोट कर वापिस नही आता । सिर्फ पछतावा रह जाता है ।

वादो को नुकसान उठकर भी पूरा करें :-  कई  लोग वादे तो बड़े बड़े कर देते हैं पर उन्हें निभाते नही हैं । जिससे विश्वास टूटता है कई बार रिश्ते तक टूट जाते हैं । अगर आप लोगो की निगाह में विश्वास पात्र बनना चाहते हैं, ये चाहते हो कि लोग आप पर विश्वास करें तो जो वादे आपने किये हैं अगर उससे आपको नुकसान भी होता है तो भी उसे पूरा करें । कहते है कि अगर लाइफ मे सक्सेस चाहते हो तो हाथ के सच्चे, जुबान के पक्के, समय के पाबंद हो जाओ । बिना नफा नुकसान जानें कभी कोई वादा ही न करें अगर कर दिया है तो उसे हर हाल में निभाए। तभी तो कहा गया है कि 

                  " भावुकता में कोई वादा ना करें,  गुस्से में कोई फैसला ना लें "

घर परिवार को नजर अंदाज ना करें :- जिंदगी  हर समय किसी ना किसी उलझन में उलझाती रहती है ।उस उलझन में और कामयाबी पाने के चककर में घर परिवार  और समाज वालो से दूर होते जाते हैं। ये भूल जाते हैं कि पैसा किस लिए  कमाते हैं ? घर परिवार और समाज में एक मुकाम हासिल करने के लिए ? जब परिवार वाले ही पीछे छुट जायेंगे समाज से ही कट जाएंगे फिर कामयाबी किस  के लिए ? कामयाबी किस के साथ सेलिब्रेट करोगे  ? ख़ुशी मनाने के लिए भी तो अपने ही लोग चाहिए। दोस्त और रिस्तेदार भी थोड़ी ही देर के लिए शामिल होगे पूरा समय तो सिर्फ परिवार वाले ही दे सकेंगे। इंसान भावुक प्राणी है इसलिए हमेशा ही दोस्तों   व परिवार  वालो का सहारा चाहिए । इसलिए जितना भी समय मिले उनसे मिलते रहिए। जितना आप उनका ख्याल रखेंगे उतना ही वो आपका ख्याल रखेंगे ।  


बजट के अकोड़िग चलें :- हर इंसान अच्छी जिंदगी जीना चाहता है लेकिन अच्छी जिंदगी जीने के लिए अपने बजट को ना बिगाड़े । कई लोग किस्तों पर समान खरीदे जाते हैं और इतना कर्ज सिर पर रख लेते हैं की फिर वो लोग उस ऋण को ही नही उतार पाते या उसका ब्याज भरने में ही सारी कमाई चली जाती है। प्लानिंग करके नही चलते जिस की  वजह से टेंसन बनी रहती है । जिंदगी  खुल कर जिए पर अपव्य न करें, दुसरो के दिखावे में आकर अपना बजट न बिगाड़े । कई लोगो में देखा जाता है की वो दुसरो के देखा खास तर विवाह शादी या बड़ा मकान बनाने के  के चककर में आकर अपना बजट बिगाड़ लेते हैं। फिर पूरी जिंदगी कर्ज सिर पर लिए फिरते हैं। आज की महगाईं में ये सबसे बड़ी टेंसन है जिससे अधिकतर मध्यवर्गीय लोग गुजरते हैं । किसी महान इंसान ने कहा है कि  खुश रहना चाहते हो तो इनकम बढ़ाओ खर्चे नही । इनकम से अधिक खर्चे बढ़ेंगे तो टेंशन बढ़ेगी ।   

छोटी से छोटी ख़ुशी को सेलिब्रेट करें :-  जिंदगी की भाग दौड़ मे टेंशन ज्यादा हैं और सकून  कम ।  इसलिए जिंदगी में जो भी ख़ुशी मिले उसे इंजॉय करो। कहते हैं ना ख़ुशी बाटने से बढ़ती है तो बाटो और खुशियां बढ़ाओ । आज का इंसान खुश रहना ही भूल गया है। हर इंसान के दिमाग में एक कीड़ा घुस गया है और वो कीड़ा है टेंसन जिसने सब की नींद व ख़ुशी छीन ली है । अगर इस टेंसन को निकाल दें तो इंसान बहुत खुश रह सकता है । और ये निकलेगा तब जब हम दुसरो से  कंपेयर करना छोड़ देंगे, हमेशा अपनों से नीचे वालो को देख कर जिएंगे । तभी खुश रह  सकेंगे । ऎसे कई लोग होते हैं जिन्हे देखकर मन में हलचल मच जाती है ऎसे लोगो से दुरी बना लें ।क्यों कि इंसान सब कुछ कर सकता है लेकिन किसी से कंपेयर नही कर सकता । क्यों  की भगवान ने हर इंसान को एक अलग  विशेषता से नवाजा है इसलिए कंपेयर तो आप किसी से भी कर ही नही सकते । 







Friday, January 1, 2016

जीतना है खुद को

                        
                                     जीतना है खुद को     
   
"हजारों लड़ाईयां जितने से बेहतर है कि आप खुद को जीत लें ,फिर वो जीत आपकी होगी जिसे कोई आपसे नही छीन सकता "

                                                                     -  गौतम बुद्ध 


अधिकतर हार का कारण हमारी अपनी कमियां बनती हैं।  बाहर तो हम हर किसी से जीतने की कोशिस करतें हैं लेकिन अपनी ही कमियों को नही जीत पाते या जितने की कोशिश नही करते।जो अपनी कमियों को जानकर उन पर काबू पाकर सफलता की तरफ अपने कदम बढाते हैं वे लोग सफलता का पचम लहराते हैं । हर इंसान के अंदर कमियां रहती हैं। जैसे डर गुस्सा दृढ़ इच्छा की कमी आत्मस्विभमान की कमी आदि । इंसान को अपनी कमजोरी से लड़ना पड़ता है तब जाकर वह सफलता का मार्ग प्रसस्त करता है । कैसे लड़ें खुद की कमजोरियों से आइए जानते है  .......   
               
खुद को  जितने के लिए द्रढ इच्छा रखें :-  खुद से जीतने के लिए द्रढ इच्छा अनिवार्य है। कई  बार  शरीर की कमजोरी या आत्म शक्ति की कमी इंसान को कमजोर बना देती है। इससे इंसान अपने आप को कमजोर व अहसाय महसूस करने लगता है। जिन लोगो मे सहनशीलता की कमी  होती है वे हार मन कर बैठ जाते हैं । और दृढ़ इच्छा वाले  अपनी कमियों को जीत लेते हैं  इसलिए मजबूत बनकर औरो  की बातो को नजर अंदाज करदें  ओरो की सोच खुद पर हावी ना  होंने दें। ऐसे में हम खुद की शक्तियों को जगाए  और  खुद को जाने खुद की शक्तियों को पहचान कर स्वय का निरक्षण करें  अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसका निरंतर विकाश करें । तभी जाकर आप  सफल हो सकते हो  । द्रढ़  इच्छा शक्ति वाले लोग दृढ़ इच्छा से डर, उदासीनता, शंका  आदि  जैसी कमियों को  जीत लेते  हैं ।     
       
नकारात्मक विचारो को  बदलें :-    हम अपने विचारों को रोक तो नही सकते हाँ बदल सकते हैं इसलिए नकारात्मक विचार आते ही बदल दें ।  कई  बार ऐसा होता है कि इंसान कुछ करना चाहता है  लेकिन मन में कई तरह के नकरात्मक  विचार आकर खड़े हो जाते हैं ।  में ये कर पाउगा या नही ?  मुझे सफलता मिलेगी  या नही ?  ये काम करने की योग्यता मुझमे है  या नही ?  नही शब्द ही आपके मन में हलचल मचाये  रखता  है । ये आपके  मन में छिपा डर या आंशका  ही तो  है।  इसे खत्म कर दें  नही तो ये डर आपको आगे नही बढ़ने देगा। अपनी सोच को परिष्कृत करने  का मार्ग हमेशा खुला रखें  । अपने ईगो को आड़े ना आने दें  , विचारो के विरोध या समर्थन को व्यक्ति विशेष का समर्थन या विरोध नही बनने दें । क्यु कि  गलती तो कभी भी किसी से भी हो सकती है । इसलिए मतभेद को मन भेद ना बनाएं  । 


हमारा जीवन इस स्रष्टि के लिए महत्वपूर्ण है :- ये हमारे  लिए अनिवार्य है कि हम अपना महत्व  व मूल्य कम ना आंके। हमरे अंदर अपरिमित विकाश और संभावनाओं के बीज है। हमारे जीवन के पीछे जरूर कोई विशेष प्रयोजन है । हम चाहे तो अपने और ओरो के जीवन मे खुशियां ला कर जीवन में परिवर्तन ला सकते है। लेकिन हमारे जीवन मे कुछ रुकावटे आ जाती है और उनकी वजह है, अस्वास्वयथ कर आदतें,  मिथ्याअभिमान , अदूरदर्शितापूर्ण उदेद्श्य, विलाषिता ,रिश्तो मे छिछला पन अतीत की दुखपूर्ण घटनाएं । जिसकी वजह से हमारा जीवन अवरुद्ध हो जाता है । 

समझे अपनी जिम्मेदारियां :-    कोई भी जन्म से छोटा बड़ा नही होता।  छोटा बाडा होता है इंसान अपने कर्म से। जो लोग अपनी जिम्मेदारी को समझ कर, राह पर आगे बड़े है वे ही महान बने हैं । वरना इंसान तो सिर्फ इंसान है एक अपने कर्म से अपना ही पेट नही भर पता और दूसरा समाज और दुनिया के लिए बहुत कुछ कर जाता है । जो  देश के लिए कुछ कर जाते हैं उनकी हम बड़ाई करते नही थकते । और कहते हैं कि ये किस्मत का धनी है या गॉड गिफ्ट है । और ये प्रवृति हमे अपने प्रयासों पर यकीन ही नही करने देती । अनुपम खेर  ने हाल ही ट्वीट पर कहा था   कि

                   " अगर आप किस्मत को आजमाते हुए थक गए हो  तो खुद को आजमाना शुरू  कर दो " 

  कामयाब लोगो की लाइफ कुछ अलग नही होती आम आदमी ही जैसी ही होती कुछ की तो और भी जटिल होती  है। और वो कोई काम ये सोच कर भी नहीं करते की लोग उन्हें महान कहे या महान बनना है ।बस वो अपने प्रति व अपनी जिम्मेदारी के प्रति इमानदार रहे। जिम्मेदारी और  ईमानदारी से ही वे महानता की तरफ बढ़ते गए । जहां ईमानदारी से जिम्मेदारी संभाली जाती है वहां मानवता ,शिष्टाचार, सहास , व सहिष्णुता जैसे गुण स्वतः आ जाते हैं ।