अच्छी आदतें ही आप को कामयाबी दिलाएंगी

" जिंदगी लम्बी नही , गहरी होनी चाहिए "
-रॉल्फ वाल्डो इमसर्न
किसी ने सही कहा है कि जिंदगी जीने मे और जीवित रहने मे बहुत बड़ा अंतर है । सफलता और असफलता का सिलसिला तो जिंदगी में धुप और छाव की तरह चलता रहता है। कुछ लोग थोड़े से ही अपडाउन मे घुटने टेक देते हैं फिर पूरी जिंदगी असफलता का बोझ कधे पर ढोते हैं । जिसका हर्जाना खुद तो भुगते ही हैं साथ में परिवार वालो को भी भुगतना पड़ता है। इंसान की फ़िक़रत है कि वह असफल हो जाने पर अपनी इस नाकामयाबी का जिम्मेदार किसी और को ठहराने लगता है। अगर वह अपनी गलती परिचितों व दोस्तों पर थोप ने की बजाय अपनी गलती को मानकर उन्हें सुधार कर आगे बढे तो भविष्य में सफलता के चांस बढ सकते हैं । खराब आदतो को जितना जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए और अच्छी आदतो को जीवन में उतार लेना चाहिए। अच्छी आदतो को अपने जीवन में कैसे उतारें आइये जानते हैं ------
सकरात्मक नजरिया रखें :- नामुमकिन जैसे विचार मन में आने लगे, सोच लेना की यहां नजरिया बदलने की जरूरत है । यदि जिंदगी में कुछ करना चाहते हो तो नामुमकिन शब्द को अपनी लाइफ की डिक्सनरी से निकाल फेंको । हर अविष्कार को दुनिया वालो ने नामुमकिन ही बताया था लेकिन फिर भी वो हुए । जो लोग काम को करने से पहले ही काम को नामुमकिन मान लेते हैं, वे लोग पहले ही मन में ना होने की धारणा बना लेते हैं फिर वो कार्य नही हो सकता । कई लोग भूतकाल की असफलता को लिए फिरते हैं जिसकी वजह से सफलता की आहट को नही सुन पाते। अगर आप भूतकाल की असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहते हो तो आज में जीना सीखो और अपना नजरिया बदलो ।
सकरात्मक नजरिया रखें :- नामुमकिन जैसे विचार मन में आने लगे, सोच लेना की यहां नजरिया बदलने की जरूरत है । यदि जिंदगी में कुछ करना चाहते हो तो नामुमकिन शब्द को अपनी लाइफ की डिक्सनरी से निकाल फेंको । हर अविष्कार को दुनिया वालो ने नामुमकिन ही बताया था लेकिन फिर भी वो हुए । जो लोग काम को करने से पहले ही काम को नामुमकिन मान लेते हैं, वे लोग पहले ही मन में ना होने की धारणा बना लेते हैं फिर वो कार्य नही हो सकता । कई लोग भूतकाल की असफलता को लिए फिरते हैं जिसकी वजह से सफलता की आहट को नही सुन पाते। अगर आप भूतकाल की असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहते हो तो आज में जीना सीखो और अपना नजरिया बदलो ।
अवसर पहचानें :- कई बार अवसर समस्या के रूप में आते हैं। उन्हें पहंचान कर स्वयं को उनके लिए परिवर्तित कर लेना ही समझदारी है । कभी भी देखना की हर बुराई में कुछ ना कुछ भलाई छिपी रहती है।लेकिन हमारी समस्या ये है कि हम अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित तो बहुत होते हैं लेकिन उन्हें पाने के लिए मेहनत उतनी नही करते जितनी जरूरी है। ये बात मन में बिठा लो कि कुछ भी हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कड़ी मेहनत । कड़ी मेहनत के बिना आप किसी भी लक्ष्य को पाना तो दुर उसके सपने भी मत देखना ।
जोखिम लेने से ना डरें :- जो लोग जोखिम लेने से डरते है वे लोग जिंदगी में कभी कोई बड़ा मुकाम हासिल नही कर पाते । जीवन में मिलने वाली सफलताओं का दरवाजा ही बंद कर लेते है। मेरे हिसाब से तो सक्सेस की पहली शर्त है जोखिम लो। सबसे बड़ा जोखिम तो जिंदगी है जिसके लिए आपने सब कुछ दाव पर लगा रखा है । आप ही बताइये कि जो कुछ भी करते हैं सिर्फ अपने लिए ना ? पढ़ते हैं ,काम करते हैं ,शादी करते हैं मकान बनाते हैं, बच्चे और फिर इन्हें पढ़ाकर कामयाब किस लिए करते हैं ? बताओ कोई गारंटी है कि जो आप ये इतनी मेहनत कर रहे हो आप इनका सुख ले पाओगे ? कुछ लोग कहते में ये नही कर सकता । क्यों नही कर सकते ? जब आप इस तरह सोचते हो तो आप पर निराशावादी विचार धारा हावी रहती है। निराशावादी विचारधारा इंसान को असफलता की तरफ धकेलती है। और आशावादी विचारधारा इंसान को सफलता की राह प्रसस्त करती है ।
कोई भी कार्य कल पर ना टालें :- ये बात आप जानते हो कि जो काम कल पर टाल रहे हो उसकी कोई गारंटी नही है कि कल भी उस कार्य को करोगे या नही लेकिन फिर भी गलत आदत की वजह से कई कार्यो को कल पर टाल देते हैं । क्यों ? क्यों की उससे होने वाले नुकसान पर ध्यान ही नही जाता । ये लापरवाही सफल होने में रोड़े अटकाती है । कार्य को कल पर टालने के आप के पास हजारो बहाने हो सकते हैं । लेकिन करने के लिए एक ही वजह काफी है कि ये काम आज ही करना है आज का दिन ही इसे करने के लिए बेहतर है। कल पर टालने का मतलब है कि आप उस कार्य को करना ही नही चाहते । कई कार्य तो ऎसे भी टाल देते हैं जिनमे बहुत ही थोड़ा समय व परिश्रम लगता है । कई चीजो को अंधविश्वासी होने की वजह से टाल देते हैं किसी समय को सही और किसी समय गलत मानते हैं । कई काम इसलिए भी टाल देते हैं की आज हमारा मुड़ नही है। कुछ भी कहो ये गलत आदत बन गई है । ये भुल जाते हैं कि अच्छा वक्त हमारे मुड़ को देख कर नही आएगा । समय हाथ से रेत की तरह फिसल जाता है जो दुबारा लोट कर वापिस नही आता । सिर्फ पछतावा रह जाता है ।
वादो को नुकसान उठकर भी पूरा करें :- कई लोग वादे तो बड़े बड़े कर देते हैं पर उन्हें निभाते नही हैं । जिससे विश्वास टूटता है कई बार रिश्ते तक टूट जाते हैं । अगर आप लोगो की निगाह में विश्वास पात्र बनना चाहते हैं, ये चाहते हो कि लोग आप पर विश्वास करें तो जो वादे आपने किये हैं अगर उससे आपको नुकसान भी होता है तो भी उसे पूरा करें । कहते है कि अगर लाइफ मे सक्सेस चाहते हो तो हाथ के सच्चे, जुबान के पक्के, समय के पाबंद हो जाओ । बिना नफा नुकसान जानें कभी कोई वादा ही न करें अगर कर दिया है तो उसे हर हाल में निभाए। तभी तो कहा गया है कि
वादो को नुकसान उठकर भी पूरा करें :- कई लोग वादे तो बड़े बड़े कर देते हैं पर उन्हें निभाते नही हैं । जिससे विश्वास टूटता है कई बार रिश्ते तक टूट जाते हैं । अगर आप लोगो की निगाह में विश्वास पात्र बनना चाहते हैं, ये चाहते हो कि लोग आप पर विश्वास करें तो जो वादे आपने किये हैं अगर उससे आपको नुकसान भी होता है तो भी उसे पूरा करें । कहते है कि अगर लाइफ मे सक्सेस चाहते हो तो हाथ के सच्चे, जुबान के पक्के, समय के पाबंद हो जाओ । बिना नफा नुकसान जानें कभी कोई वादा ही न करें अगर कर दिया है तो उसे हर हाल में निभाए। तभी तो कहा गया है कि
" भावुकता में कोई वादा ना करें, गुस्से में कोई फैसला ना लें "
घर परिवार को नजर अंदाज ना करें :- जिंदगी हर समय किसी ना किसी उलझन में उलझाती रहती है ।उस उलझन में और कामयाबी पाने के चककर में घर परिवार और समाज वालो से दूर होते जाते हैं। ये भूल जाते हैं कि पैसा किस लिए कमाते हैं ? घर परिवार और समाज में एक मुकाम हासिल करने के लिए ? जब परिवार वाले ही पीछे छुट जायेंगे समाज से ही कट जाएंगे फिर कामयाबी किस के लिए ? कामयाबी किस के साथ सेलिब्रेट करोगे ? ख़ुशी मनाने के लिए भी तो अपने ही लोग चाहिए। दोस्त और रिस्तेदार भी थोड़ी ही देर के लिए शामिल होगे पूरा समय तो सिर्फ परिवार वाले ही दे सकेंगे। इंसान भावुक प्राणी है इसलिए हमेशा ही दोस्तों व परिवार वालो का सहारा चाहिए । इसलिए जितना भी समय मिले उनसे मिलते रहिए। जितना आप उनका ख्याल रखेंगे उतना ही वो आपका ख्याल रखेंगे ।
बजट के अकोड़िग चलें :- हर इंसान अच्छी जिंदगी जीना चाहता है लेकिन अच्छी जिंदगी जीने के लिए अपने बजट को ना बिगाड़े । कई लोग किस्तों पर समान खरीदे जाते हैं और इतना कर्ज सिर पर रख लेते हैं की फिर वो लोग उस ऋण को ही नही उतार पाते या उसका ब्याज भरने में ही सारी कमाई चली जाती है। प्लानिंग करके नही चलते जिस की वजह से टेंसन बनी रहती है । जिंदगी खुल कर जिए पर अपव्य न करें, दुसरो के दिखावे में आकर अपना बजट न बिगाड़े । कई लोगो में देखा जाता है की वो दुसरो के देखा खास तर विवाह शादी या बड़ा मकान बनाने के के चककर में आकर अपना बजट बिगाड़ लेते हैं। फिर पूरी जिंदगी कर्ज सिर पर लिए फिरते हैं। आज की महगाईं में ये सबसे बड़ी टेंसन है जिससे अधिकतर मध्यवर्गीय लोग गुजरते हैं । किसी महान इंसान ने कहा है कि खुश रहना चाहते हो तो इनकम बढ़ाओ खर्चे नही । इनकम से अधिक खर्चे बढ़ेंगे तो टेंशन बढ़ेगी ।
छोटी से छोटी ख़ुशी को सेलिब्रेट करें :- जिंदगी की भाग दौड़ मे टेंशन ज्यादा हैं और सकून कम । इसलिए जिंदगी में जो भी ख़ुशी मिले उसे इंजॉय करो। कहते हैं ना ख़ुशी बाटने से बढ़ती है तो बाटो और खुशियां बढ़ाओ । आज का इंसान खुश रहना ही भूल गया है। हर इंसान के दिमाग में एक कीड़ा घुस गया है और वो कीड़ा है टेंसन जिसने सब की नींद व ख़ुशी छीन ली है । अगर इस टेंसन को निकाल दें तो इंसान बहुत खुश रह सकता है । और ये निकलेगा तब जब हम दुसरो से कंपेयर करना छोड़ देंगे, हमेशा अपनों से नीचे वालो को देख कर जिएंगे । तभी खुश रह सकेंगे । ऎसे कई लोग होते हैं जिन्हे देखकर मन में हलचल मच जाती है ऎसे लोगो से दुरी बना लें ।क्यों कि इंसान सब कुछ कर सकता है लेकिन किसी से कंपेयर नही कर सकता । क्यों की भगवान ने हर इंसान को एक अलग विशेषता से नवाजा है इसलिए कंपेयर तो आप किसी से भी कर ही नही सकते ।
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