नफरत दिलो को जलाती है इससे बचें!!!

+]] नफरत की भट्टी को इतना तेज मत करो] कि तुम भी उसी आग में जलकर राख हो जाओ ]]
डेल कार्नेगी ने लिखा है कि &
]]नफरत को भूलने के लिए किसी ऐसे कार्य में जुट जाए जो आपकी कैपेबिलिटी से बहुत बड़ा हो]]
---- विचार
ऐसा करने से इंसान अपने अपमान और शत्रुता की प्रवाह नहीं करेगा । क्यों कि उसे अपने विशाल लक्ष्य के आलावा कुछ और दिखाई ही नही देगा। और वह नफरत की भट्टी से बच जाएगा। इंसान के पास नफरत की भट्टी से बचने का एक ही उपाय है की वह इससे दुर रहे। नहीं तो नफरत की भट्टी आपको अपनी तरफ दुर से भी ऐसे खींच लेगी जैसे चुंबक लोहे को अपनी तरफ खींच लेता है। तभी तो कहते हैं कि एक नफरत ही है जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं वरना चाहत का यकीन दिलाने मे जिंदगी बीत जाती है ।
]]अगर लोग आप से नफरत करते हैं तो इस की दो वजह हो सकती हैं aआप में ऐसा कुछ है जिसे वो पसंद नहीं करते या आप में कुछ ऐसा है जो उनमे नहीं है]]
-----विचार
-----विचार
नफरत करने वाला इंसान एक दिन खुद ही गलत साबित हो जाता है । और हार कर एक दिन उसे खुद ही समझौता करना पड़ता है। और जब तक इतनी देर हो चुकी होती है की जहां उसे होना चाहिए वो जगह उसे कभी नहीं मिल पाती। क्यों की जब तक और लोग जुड़ चुके होते है और उस इंसान पर विश्वास भी नहीं किया नहीं जा सकता जिसने पहले लालच में धोखा दिया हो । जीवन में सुख शांति चाहने वाले इंसान को हमेशा ही शत्रु को माफ़ कर देना चाहिए। उनके बारे मे एक भी नेगेटिव विचार न आने देना चाहिए। इससे सिर्फ अपनी ऊर्जा और समय ही नष्ट होता है। सही कहा है किसी ने मेरे पास वक्त नहीं है नफरत करने का उन लोगो से जो मुझसे नफरत करते हैं क्यों की में व्यस्त हुं उन लोगो मे जो मुझ से प्यार करते हैं। और ये भी किसी ने खूब ही कहा है कि प्यार एक ऐसी चीज है जो इंसान को गिरने नहीं देती और नफरत ऐसी चीज है जो इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती।
]]जब लोग किसी को पसंद करते है तो उसकी बुराइयां भूल जाते हैं और जब किसी से नफरत करते हैं तो अच्छाइयां भूल जाते हैं]]
]]यदि इंसान बेपनहा मोहब्त कर सकता है तो नफरत भी कर सकता है क्यों की जब एक खूब सूरत आइना टूटता है तो वह एक हथियार बन जाता है]]
--विचार
--विचार
इसलिए सब से प्यार करो क्यों की इंसान प्यार से आगे बढ़ सकता । प्यार से ही जीवन मे सुख शांति से रहने की शक्ति मिलती है। जो लोग आप से नफरत भी करते हैं उन लोगो से भी नफरत मत करो क्यों की वो लोग आपको अपने से बेहतर मानते हैं। और खुद को कम आंकते है यही सोच उनकी ईर्ष्या का कारण बनती है। वैसे शत्रु आपके बहार नहीं है असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं वो शत्रु हैं क्रोध घमंड लालच आसक्ति और नफरत। अंदर के दुशमनो ने बहार भी दुश्मन बना दिए हैं और जब तक आप अंदर के दुशमनो को नहीं जीतोगे तब तक आप बहारी दुश्मनो को भी नहीं जीत सकते । हमारी छोटी सी जिंदगी है जो मेरे हिसाब से तो प्यार के लिए ही कम है इसे नफरत जैसी बेकार की बातों में क्यों बिताए \ हाँ जिंदगी में नाटक मत करो जो हकीकत में वही रहो। दिखावा मत करो इससे गिड़गि बोझ बन जाएगी।
]]प्यार का नाटक करने वालो से तो नफरत करने वाले अच्छे है कम कम से कम ईमानदारी से तो करते हैं]]
---विचार
---विचार
वरना ऐसे भी बहुत लोग होते है हमारी जिंदगी में जो ऊपर से भले बनते हैं और अंदर ही अंदर हमारी कामयाबियों और सुख शांति से जलते हैं। और हम जानकर भी उन्हें कुछ नहीं कह पाते । कम कम से डबल फेस तो नहीं हैं वरना ऐसे लोगो से तो सावधान रहना भी मुश्किल है। इसलिए जियो और जीने दो। कबीर जी का एक दोहा मेरे दिल के बहुत करीब रहता है
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