Thursday, February 28, 2019

जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य पार्ट 3 !!!

भले ही हम जीवन में कितनी भी अहसाय स्थति का सामना क्यों न कर रहे हों जिसे बदलना नामुमकिन लग रहा हो या किसी ऐसी स्थति को झेल रहे हो ,लेकिन हमे यह नही  भूलना चाहिए कि ऐसे समय में भी हम जीवन का अर्थ ढूढ़ सकते हैं | जब हम किसी हालात को बदलने की स्थति में नही होते उसी समय हमे अपने आपको बदलने की चुनौती मिलती है | जब पीडा को उसके होने के मायने मिल जाते हैं तो वह पीड़ा नहीं रह जाती जैसे कुछ लोगो के लिए उस पीड़ा का अर्थ बलिदान भी हो सकता है | 




जीवन का अर्थ पाने के लिए यह कतई आवश्यक नहीं कि आपके जीवन में दुःख व कष्ट होना ही चहिए |  जो चीजे जीवन से अर्थ छीन लेती हैं उनमे न केवल पीड़ा बल्कि मृत्यु भी शामिल है | कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं जिनके कारण इंसान को अपना काम करने या जीवन का आनंद प्राप्त करने के अवसर नहीं मिल पाते | लेकिन इस बात से कभी इनकार नहीं किया जा सकता कि अनपेक्षिक पीड़ा को सहन करना ही होता है | पूरी बहादुरी के साथ अपनी पीड़ा को सहन करने की चुनौती लेते ही आपके जीवन को अंतिम क्षण  तक के लिए अपना एक अर्थ मिल जाता है | 


निराशा वादी आदमी अपनी दीवार पर लगे उस कैलेंडर को भय और उदासी के साथ देखता है ,  दिन - ब - दिन पन्ने फाड़े जाने के कारण पतला होता जा रहा है और उम्र बीतने का प्रतीक है | वही दूसरी ओर जीवन की समस्याओं पर सक्रिय रूप से धावा  बोलने वाला व्यक्ति ,अपनी दीवार लगे कैलेंडर के पुराने पन्ने फाड़ता है लेकिन वह उनके पीछे अपने अनुभव से जुड़े कुछ नोट्स लिखकर उन्हें कहीं संभालकर रख देता हैं |  






Wednesday, February 20, 2019

सफलता आपका जन्म सिद्ध अधिकार है !!!

कोई भी अपनी जोखिम भरी कल्पनाओं से परे  सफलता हासिल नही कर सकता ,बशर्ते पहले जोखिम भरी कल्पनाओं पर सोचना शुरू कर  देना चाहिए
-राल्फ चैरेल    

कुछ हासिल करने की द्रष्टि किसी और इंसान को  देना ही इंसान की सबसे बड़ी भेंट है |
          -आयन रैंड 

हम में से हर एक प्रतिभावन व्यक्ति के रूप में पैदा हुआ है | दुःख की बात यह है कि ज्यादातर लोग  सामान्यता के बीच जीते हुए ही मर जाते हैं | 
आप  जो भी कार्य श्रेष्टता  के साथ करना चाहेंगे कर पाएंगे | और बार आपने वह काम कर दिया आप घर जाकर आराम से चैन की नींद सो सकोगें |

 जो अपने बस में नही है उसके बारे में चिंता करते रहने से इंसान बीमारियों को आंमत्रित करता है | ज्यादातर हम उन चीजों पर ध्यान देते या सोचते रहते है जो अपने वस में नही है या जो कभी हो ही नही सकती | इस बारे में कर्ट वोनेगट का बहुत ही अच्छा व्यक्तव्य है | 

आपके जीवन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि आपके मन में जो विचार आते हैं वह चिंता युक्त मन में नहीं आते बल्कि वह उस वक्त आते हैं जब आप किसी दिन आराम से बैठे हैं और वह आपके मन में  आ जाते हैं | 

खुले और सशक्त इंसान की विशेषता यह है कि वह हमेशा सीखने के लिए तैयार रहता है | कठिन समय लोगो को बेहतर बनाता है | हम में से हर कोई जीतने के लिए ही आया हुआ है - काम और जिंदगी दोनों में | 

दोस्तों ! ये समरी रॉबिन शर्मा की '' बुक ''नेता जिसको कोई उपाधि नहीं की पार्ट 1" नेतृत्व व सफलता आपका जन्म सिद्ध अधिकार है"  की है | 





Monday, February 18, 2019

जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य पार्ट 2 की समरी !!!

किसी को भी कुछ अनुचित करने का अधिकार नही है | भले ही उसके साथ कितना ही बुरा क्यों न हुआ हो | एक मनुष्य अपने आदर्शो व मूल्यों के लिए ही जीवित रह सकता है | 

जीवन में कोई पीड़ा होने का अर्थ हमेशा ये नही होता कि जीवन दयनीय अवस्था से गुजर रहा है | अगर वह पीड़ा खास तौर पर अस्तित्व संबंधी निराशा से जन्मी हो ,तो वह न्यूरोसिस का लक्षण होने की बजाय ,किसी मनुष्य के लिए एक उपलब्धि भी हो सकती है | 

 अर्थ की तलाश करते हुए ,इंसान के भीतर आंतरिक तालमेल की बजाय आंतरिक तनाव भी उभर सकता है | हालांकि मानसिक स्वास्थ के लिए  ऐसा तनाव होना भी आवश्यक है | में मानती हूं कि जो चीज बद से बदतर हालात में भी इंसान को जीवन का अर्थ जानने में मदद करती है वह उसके लिए संसार की सबसे महत्वपूर्ण चीज है | जिस मनुष्य के पास जीने के लिए एक क्यों है ,वह लगभग हर ' कैसे ' को सहन कर सकता है | 

हमे  किसी भी आदमी को उसके जीवन के संभावित अर्थ की तलाश करने की चुनौती देने में संकोच नहीं करना चाहिए | केवल ऐसा करके ही हम उसे उसके आलस से बाहर निकाल कर जीवन के अर्थ की ऒर भेज सकते हैं | 


दर असल हर मनुष्य के लिए उसके जीवन का अर्थ अलग -अलग होता है , जो हर दिन या हर घंटे के हिसाब से भी अलग -अलग हो सकता है | हर व्यक्ति के पास जीवन में कोई विशेष कार्य या मिशन होता है ,जिसे वह पूरा करना चाहता है उसे ना तो बदला जा सकता है और न ही कोई दूसरा कार्य उसका स्थान ले सकता है |  

जीवन की प्रत्येक परिस्थति मनुष्य के सामने कोई न कोई चुनौती खड़ी करती है और उससे  किसी न किसी समस्या का हल निकलना होता है | जिंदगी हर मनुष्य से सवाल करती है |और वह जिंदगी को इस जवाब तभी दे सकता है जब वह अपने जीवन के लिए जवाब देह हो एक ऐसा जीवन जिसकी वह जिम्मेदारी ले सकता हो |  





Saturday, February 9, 2019

प्रेम ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो......

प्रेम ही एकमात्र ऐसा माध्यम है ,जो किसी दूसरे इंसान के भीतरी व्यक्तित्व तक ले जाता है | जब तक आप सामने वाले व्यक्ति से प्रेम नही करते ,तब तक उसके दिल की गहराइयों के पार नही उतर सकते | इंसान अपने प्रेम के बल पर ही अपने प्रियतम की खूबियों व गुणों को जान पाता है | और इतना ही नही वह उसमे छिपी सम्भावनाओ को साकार करने में अपनी ओर से अहम भूमिका निभाता है | 

प्रेम को केवल काम वासना संबंधी प्रवृतियों व आवेगों का निर्माता ही नही माना जाता | प्रेम भी सेक्स की तरह ही एक प्रमुख कारक है | यदि सेक्स प्रेम व्यक्त करने का साधन बने ,तो ही इसे जायज माना जाता है व पवित्र भी मान लिया जाता है | प्रेम को केवल सेक्स के प्रभाव के तौर पर नहीं लेना चाहिए | सेक्स तो उसे व्यक्त करने का माध्यम है | 


प्रेम में ही मुक्ति है | प्रेम ही अंतिम व उच्चतम लक्ष्य है ,जिसकी एक मनुष्य आकांक्षा कर सकता है | जब अवसाद व दुख के कोहरे के बीच मनुष्य खुद को सकारत्मकता से साथ प्रकट न कर सके ,जब अपने कष्टों को अच्छी तरह सहना ही उसकी एकमात्र नियति रह जाए - जो कि एक सम्मान जनक उपाय है -जो ऐसी दशा में वह अपने मन बसी प्रियतम की छवि का मनन करके संपूर्ण संतोष पा सकता है | एक छोटी सी बात भी आनंद का कारण बन सकती है | 



इंसान  इस संसार में अपनी कामनाओं या वासनाओं की पूर्ति से संतुष्ट होने के लिए नहीं आया है और न ही अपने अहं की पुष्टि करने या समाज व पर्यावरण के अनुसार अनुकलन करने आया है बल्कि किसी अर्थ को पूरा करने के लिए संसार में आया है |

जिससे भी मनुष्य प्रेम करता है उसे हासिल कर ही लेता है चाहे वह प्रेम किसी व्यक्ति ,सामान या किसी ओहदे से हो यही लो आफ अट्रेक्शन का नियम है | जिन लोगो को किसी ओहदे या बिजनिस में बड़ा मुकाम हासिल करने की चाह होती है वे लाख परेशानी या रुकावट आने के बाबजूद अपना मुकाम हासिल कर लेते हैं | 


प्रेम और मोह में फर्क है प्रेम मजबूत बनाता है और मोह कमजोर बनाता है | चाहे वो मोह  कुर्सी , सत्ता  इंसान या किसी वास्तु से हो जिस चीज से आपको मोह होगा उसके बारे में आपका मोह सही निर्णय नही लेने देगा |  उसे खोने का डर आप पर हावी होगा | जिसकी वजह से आप सब कुछ जानते हुए भी गलत  का साथ दोगे | 

जब बच्चो को प्रेम करते है तो उन्हें संस्कार सभ्यता ,टेलेंटिड बनाने उनका भविष्य संभालने के लिए उन्हें कठोर दंड़ भी देते हैं | उनकी किसी भी गलती को इग्नोर नही करते | लेकिन जब मनुष्य मोह में अँधा होता है तो सही गालत का निर्णय ना करके उनकी गलतियों को इग्नोर कर देते जो की  आगे चलकर बच्चो के लिए घातक सिद्ध होती है | 

दोस्तों! ये सामरी विक्टर ई फ्रैंकल की ' बुक '  "जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य "





Thursday, February 7, 2019

जीवन का उद्देश्य क्या है ?


Related imageअगर जीवन में कहीं भी कोई भी सार्थकता है तो कष्ट के भी अपने मायने हो जाते हैं | कष्ट जीवन का एक ऐसा हिस्सा है जिसे अलग नही किया जा सकता | इसे भाग्य व मृत्यु की तरह जीवन से जुड़ा हुआ ही जानें | कष्ट व मृत्यु के बिना मनुष्य का जीवन पूरा नही हो सकता | 



मनुष्य को हर स्थान पर भाग्य का सामना करना होता है , उसके पास ऐसा अवसर हमेशा होता है कि वह अपने ही कष्टों से स्वयं कुछ हासिल कर लें | जिस व्यक्ति ने खुद को अपने भविष्य से तोड़ लिया हो वह अकसर अतीत के विचारो में ही उलझा रहता | 

असाधारण किस्म की बाहरी कठिन अवस्थाएं ही इंसान को आध्यात्मिक रूप से उन्नत होने का अवसर देती हैं | जिस व्यक्ति के पास जीवन जीने का कोई कारण रहा हो ,उसके लिए सब सहन करना सरल हो जाता है ,जो करना जरूरी हो |

जिस व्यक्ति के जीवन में कोई उद्देश्य ,लक्ष्य या अर्थ न रहा हो उसे किसी तरह से जीने के लिए लुभाना आवश्यक होता है , ताकि उसे लगे जीने का अभी कोई सार बाकि है |अन्यथा उसके लिए जीवन में कुछ भी शेष न रहता | 



जीवन का असली उद्देश्य यही है कि तुम उसकी समस्याओं का उचित हल ढूढ़ने का दायित्व उठाएं और उन सभी कामों को पूरा करें , जो जीवन ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए तय कर रखें हैं | 



जीवन का अर्थ अज्ञात व संदिध नही हो सकता इसे बहुत ही वास्तविक व ठोस होना चाहिए| हर परिस्थति अपने अनूठेपन के कारण सबसे अलग होती हो और उस परस्थति दुवारा सामने रखी गई समस्या का केवल एक ही उचित हल होता है |    



आप किसी सार्थक गतिविधि के माध्यम से सक्रिय सर्जन करते हुए कुछ हासिल करें व एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़े | 


जब किसी मनुष्य को एहसास होता है कि उसका स्थान कोई दूसरा नही ले सकता तो इस तरह  वह अपने असितत्व के लिए एक जिम्मेदारी का अनुभव करता ,ऐसी  जिम्मेदारी जो अपनी पूरी भव्यता के साथ निरंतर बनी रहती है |  

आपने जो भी अनुभव पा लिया है ,संसार की कोई भी ताकत उसे आप से छीन नही सकती | मेरे इन शब्दों का उद्देश्य यही था कि हम अपने जीवन का सम्पूर्ण अर्थ पा सकें | 

दोस्तों ! ये समरी विकटर ई फ्रैंकल की बुक 'जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य '' पार्ट 2 जीवन का उद्देश्य की है |