मनुष्य को हर स्थान पर भाग्य का सामना करना होता है , उसके पास ऐसा अवसर हमेशा होता है कि वह अपने ही कष्टों से स्वयं कुछ हासिल कर लें | जिस व्यक्ति ने खुद को अपने भविष्य से तोड़ लिया हो वह अकसर अतीत के विचारो में ही उलझा रहता |
असाधारण किस्म की बाहरी कठिन अवस्थाएं ही इंसान को आध्यात्मिक रूप से उन्नत होने का अवसर देती हैं | जिस व्यक्ति के पास जीवन जीने का कोई कारण रहा हो ,उसके लिए सब सहन करना सरल हो जाता है ,जो करना जरूरी हो |
जिस व्यक्ति के जीवन में कोई उद्देश्य ,लक्ष्य या अर्थ न रहा हो उसे किसी तरह से जीने के लिए लुभाना आवश्यक होता है , ताकि उसे लगे जीने का अभी कोई सार बाकि है |अन्यथा उसके लिए जीवन में कुछ भी शेष न रहता |
जीवन का असली उद्देश्य यही है कि तुम उसकी समस्याओं का उचित हल ढूढ़ने का दायित्व उठाएं और उन सभी कामों को पूरा करें , जो जीवन ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए तय कर रखें हैं |
जीवन का अर्थ अज्ञात व संदिध नही हो सकता इसे बहुत ही वास्तविक व ठोस होना चाहिए| हर परिस्थति अपने अनूठेपन के कारण सबसे अलग होती हो और उस परस्थति दुवारा सामने रखी गई समस्या का केवल एक ही उचित हल होता है |
आप किसी सार्थक गतिविधि के माध्यम से सक्रिय सर्जन करते हुए कुछ हासिल करें व एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़े |
जब किसी मनुष्य को एहसास होता है कि उसका स्थान कोई दूसरा नही ले सकता तो इस तरह वह अपने असितत्व के लिए एक जिम्मेदारी का अनुभव करता ,ऐसी जिम्मेदारी जो अपनी पूरी भव्यता के साथ निरंतर बनी रहती है |
आपने जो भी अनुभव पा लिया है ,संसार की कोई भी ताकत उसे आप से छीन नही सकती | मेरे इन शब्दों का उद्देश्य यही था कि हम अपने जीवन का सम्पूर्ण अर्थ पा सकें |
दोस्तों ! ये समरी विकटर ई फ्रैंकल की बुक 'जीवन के अर्थ की तलाश में मनुष्य '' पार्ट 2 जीवन का उद्देश्य की है |
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