किसी को भी कुछ अनुचित करने का अधिकार नही है | भले ही उसके साथ कितना ही बुरा क्यों न हुआ हो | एक मनुष्य अपने आदर्शो व मूल्यों के लिए ही जीवित रह सकता है |
जीवन में कोई पीड़ा होने का अर्थ हमेशा ये नही होता कि जीवन दयनीय अवस्था से गुजर रहा है | अगर वह पीड़ा खास तौर पर अस्तित्व संबंधी निराशा से जन्मी हो ,तो वह न्यूरोसिस का लक्षण होने की बजाय ,किसी मनुष्य के लिए एक उपलब्धि भी हो सकती है |
अर्थ की तलाश करते हुए ,इंसान के भीतर आंतरिक तालमेल की बजाय आंतरिक तनाव भी उभर सकता है | हालांकि मानसिक स्वास्थ के लिए ऐसा तनाव होना भी आवश्यक है | में मानती हूं कि जो चीज बद से बदतर हालात में भी इंसान को जीवन का अर्थ जानने में मदद करती है वह उसके लिए संसार की सबसे महत्वपूर्ण चीज है | जिस मनुष्य के पास जीने के लिए एक क्यों है ,वह लगभग हर ' कैसे ' को सहन कर सकता है |
हमे किसी भी आदमी को उसके जीवन के संभावित अर्थ की तलाश करने की चुनौती देने में संकोच नहीं करना चाहिए | केवल ऐसा करके ही हम उसे उसके आलस से बाहर निकाल कर जीवन के अर्थ की ऒर भेज सकते हैं |
जीवन की प्रत्येक परिस्थति मनुष्य के सामने कोई न कोई चुनौती खड़ी करती है और उससे किसी न किसी समस्या का हल निकलना होता है | जिंदगी हर मनुष्य से सवाल करती है |और वह जिंदगी को इस जवाब तभी दे सकता है जब वह अपने जीवन के लिए जवाब देह हो एक ऐसा जीवन जिसकी वह जिम्मेदारी ले सकता हो |
जीवन में कोई पीड़ा होने का अर्थ हमेशा ये नही होता कि जीवन दयनीय अवस्था से गुजर रहा है | अगर वह पीड़ा खास तौर पर अस्तित्व संबंधी निराशा से जन्मी हो ,तो वह न्यूरोसिस का लक्षण होने की बजाय ,किसी मनुष्य के लिए एक उपलब्धि भी हो सकती है |
अर्थ की तलाश करते हुए ,इंसान के भीतर आंतरिक तालमेल की बजाय आंतरिक तनाव भी उभर सकता है | हालांकि मानसिक स्वास्थ के लिए ऐसा तनाव होना भी आवश्यक है | में मानती हूं कि जो चीज बद से बदतर हालात में भी इंसान को जीवन का अर्थ जानने में मदद करती है वह उसके लिए संसार की सबसे महत्वपूर्ण चीज है | जिस मनुष्य के पास जीने के लिए एक क्यों है ,वह लगभग हर ' कैसे ' को सहन कर सकता है |
हमे किसी भी आदमी को उसके जीवन के संभावित अर्थ की तलाश करने की चुनौती देने में संकोच नहीं करना चाहिए | केवल ऐसा करके ही हम उसे उसके आलस से बाहर निकाल कर जीवन के अर्थ की ऒर भेज सकते हैं |
दर असल हर मनुष्य के लिए उसके जीवन का अर्थ अलग -अलग होता है , जो हर दिन या हर घंटे के हिसाब से भी अलग -अलग हो सकता है | हर व्यक्ति के पास जीवन में कोई विशेष कार्य या मिशन होता है ,जिसे वह पूरा करना चाहता है उसे ना तो बदला जा सकता है और न ही कोई दूसरा कार्य उसका स्थान ले सकता है |
जीवन की प्रत्येक परिस्थति मनुष्य के सामने कोई न कोई चुनौती खड़ी करती है और उससे किसी न किसी समस्या का हल निकलना होता है | जिंदगी हर मनुष्य से सवाल करती है |और वह जिंदगी को इस जवाब तभी दे सकता है जब वह अपने जीवन के लिए जवाब देह हो एक ऐसा जीवन जिसकी वह जिम्मेदारी ले सकता हो |
No comments:
Post a Comment