Monday, April 8, 2019

सफलता की गारंटी !!!

हाय दोस्तों में ललतेश यादव ! दोस्तों आप क्या मानते हो कि सफलता हमारी मेहनत, प्लानिंग, जनून से मिलती है ? या इसका कोई और कारण है ? में ऐसा नहीं मानती मेरा मानना है कि परमात्मा ने हर इंसान को कोई ना कोई टैलेंट दिया है किस्मत में कुछ विशेष लिखा है और जो जिसके जीवन में लिखा है वैसा ही उसके जीवन में होकर रहता है | मम्मी कहती थी कि -

" देश ,काल और पात्र का जब मिलता संयोग ,करता को ढूढे कर्म" 


जो होना होता है वैसी  ही परिस्थति वैसे ही संयोग वैसा ही माहौल बनता चला जाता है वैसे लोग तुम से जुड़ते चले जाते हैं | आपने देखा होगा कि कई बार छोटी सी बात से परिस्थति बिगड जाती है और तब इंसान लाख कोशिस करने के बाबजूद भी उसे नही संभाल पाता | और कई बार बड़ी से बड़ी परेशानी को भी चुटकियों मे हल कर लेते हैं| 

कई लोगों के साथ हमारा काफी मनमुटाव होने के बाबजूद भी रिश्ते बने रहते है कई बार बिना किसी ठोस वजह के भी  हमारे रिश्ते बिगड़  जाते हैं | इन सभी बातों का क्या मतलब है ? में तो यही मानती हूँ इंसान सिर्फ एक कठपुतली है वह सिर्फ परमात्मा के नचाये नाचता  है | जैसे परमात्मा को नचाना होता है वैसे ही उसकी बुद्धि ,परिस्थति, संयोग, और तो ओर दोस्त भी वैसे ही मिला देता है |  

अगर ऐसा ना होता तो आप देखते हो कि एक घर में एक बच्चा पेरेंट्स का नाम रोशन करता है और दूसरा उनकी बदनामी का कारण बन जाता है | एक बच्चा हर सुख देने की कोशिस करता है और एक टेशन के सिवाय कुछ देता ही नहीं है | 

जो सुख दे रहा है उसके साथ हमारे अच्छे कर्मो का संयोग  है और जो दुःख दे रहा है उसके साथ हमारा दुःख का ही संयोग है | इस लिए लाइफ में जो भी हो रहा है अच्छा या बुरा उसे अपने ही कर्म का फल मानकर स्वीकार कर लो | इसका मतलब ये नही है कि उसे सुधारने की कोशिस ना की जाए इसका मतलब ये है की अगर लाख कोशिस  करने से भी नही संभल पा रहा  हो तो उसे स्वीकार कर लो  समय के अनुसार सब ठीक हो जाता है | मेरी मम्मी कहती थी -

" मौन रहो धैर्य रखो ,समय आने पर सब ठीक  जायेगा "

ऐसे ही अगर आपकी हर कोशिस करने पर भी आप कामयाब नहीं हो रहे तो आप बारीकी से चिंतन करो उसका सलूशन निकालो और फिर भी आप को रास्ता नजर नही आ रहा तो आप उसे समय पर छोड़ दो समय उसका रास्ता निकल ही देगा | परमात्मा में आस्था रखो | आस्था से आज भी चमत्कार होते हैं |  

एक बात और आप लोगो से कहना चाहुगी की सफलता या असफ़लत के बारे में ज्यादा मत सोचो बस जिस काम को कर रहे हो उसे करते जाओ उसे इंजॉय करो उस पर डटे रहो परिस्थतियों के बिगड़ने या निदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़े क्यों कि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालो की राय बदल जाती है | 




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