
विचारो की अवहेलना अथवा उनकी उपेक्षा करना उचित नही है | शुभ विचारो के महत्व को समझकर उन्हें ग्रहण करना तथा अशुभ विचारो को त्याग देना ही श्रेयकर है | यदि आपके विचार स्वस्थ होंगे तो आपका स्वास्थ भी स्वस्थ रहेगा |
विचारो को सिर्फ विचार समझकर अवॉइड ना करें | एक विचार हमे हंसाता है और एक रुलाता है आपने अनुभव भी किया होगा जब हमारे मन में एक नेगेटिव विचार आता है तो उसके बाद नैगेटिव विचारो की एक श्रखला बन जाती है और एक बाद एक नेगेटिव विचार आता जाता जिससे हम बिना किसी ठोस वजह के ही हम परेशान हो जाता है |
विचारो को सिर्फ विचार समझकर अवॉइड ना करें | एक विचार हमे हंसाता है और एक रुलाता है आपने अनुभव भी किया होगा जब हमारे मन में एक नेगेटिव विचार आता है तो उसके बाद नैगेटिव विचारो की एक श्रखला बन जाती है और एक बाद एक नेगेटिव विचार आता जाता जिससे हम बिना किसी ठोस वजह के ही हम परेशान हो जाता है |
ऐसे ही कभी आपने अनुभव किया होगा कि बिना किसी वजह के हम बहुत खुश रहते हैं | किसी भी कार्य का सर्जन विचार के रूप में ही होता है | जब कोई क्रिएटिव विचार आए तो थोड़ा रुकर उसका मंथन जरूर कर लेना चाहिए | हो सकता है वो विचार आपकी लाइफ चेंज करने की पावर रखता हो | एक विचार में ही संभावना होती है कि वह किसी को डॉक्टर ,इंजीनियर ,वकील या जज बना देता है |
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