
विचारो की शक्ति को पहचानें:- हम पॉजिटिव व बड़ी सोच से ही उन्नति कर जीवन में उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमारा जीवन वैसा ही होता है जैसे हमारे विचार होते हैं। क्यों कि जीवन विचारो का दर्पण है। अगर आपके पास सब कुछ है और फिर भी आप को कमी लगे जाती है तो आप से बढ़कर कोई गरीब नही है। और अगर आपके पास मे थोड़ा है और आप उस में संतुष्ट हैं तो आप सुखी जीवन जी सकते हैं ।
इंसान अपने कर्मों के अधीन है, अपने हालात बदलने के लिए अपनी सोच बदलें :-पॉजिटिव सोच वाले इंसान को पूरी दुनियां जन्नत लगती है । जीवन में सफल होना चाहते हो तो छोटी सोच वाले इंसानो से बचें। जैसे खराब खाने से हमारी सेहत खराब हो जाती है उसी तरह से छोटी सोच वाला इंसान हमारा मष्तिक को खराब कर देता है । इसलिए नेगेटिव सोच वाले इंसान की ना सलाह लेनी चाहिए और न ही इनका संग करना चाहिए। जीवन में कई लोग ऎसे होते हैं जिनकी सोच नेगेटिव होती है वो लोग हमेशा आगे बढ़ने से रोकते हैं । इनकी सोच हमेशा आत्महीनता निराशावादी या भाग्यवादी बनी रहती है ऎसे लोगो की सोच अपने पर हावी ना होने दें। पॉजिटिव सोच से इंसान क्रिया शील बनता है व हौसला बढ़ता है । और नेगेटिव सोच से निराशा बढ़ती है ।
पॉजिटिव सोच बहुमूल्य सम्पति है:- अच्छे खाने के साथ अच्छे विचारो की भी जरूरत है।शरीर व दिमाग दोनों ही स्वस्थ रहने जरूरी हैं। हम अपनी छोटी सोच की वजह से जोखिम लेने से डरते हैं । इसलिए अपनी क्षमता से बढ़कर प्रयास नही करते जिसकी वजह से हम विकाश नही कर पाते। सफलता पाने के लिए बिना सोचे समझे लगे रहने की जरूरत नही है। बल्कि अपनी क्षमता का सही तरीके से उपयोग करने की जरूरत है। और पॉजिटिव सोच वाला इंसान ही अपनी क्षमता का सही नियोजन करता है ।
" अगर आप बड़े काम करेंगे तो आपकी तरफ बड़े लोग आकर्षित होगे "
" अगर आप बड़े काम करेंगे तो आपकी तरफ बड़े लोग आकर्षित होगे "
पॉजिटिव सोच आपको वहां ले जा सकती है जहां अन्य लोग नही पहुंच पाते। पॉजिटिव सोच से ही हम वर्तमान को आनद दायक और भविष्य को उज्वल बना सकते हैं । अगर आप समस्याओ के बजाए सम्भावनाओ पर जोर देंगे तो बड़ा सोचना शुरू कर देगें । जब अपनी समस्याओ को अलग रख कर बेहतर उपयो के लिए सोचते हैं तो हमे नई दिशा मिलती है । जिस से हम अपनी कमियां देख पाते हैं, इससे हम समस्याओ के बारे मे ना सोच कर समाधान की तरफ बढ़ते हैं ।
नेगेटिव सोच वाला इंसान बहुत मेहनत करने के बाबजूद सफलता पर आशंकित रहता है:- नेगेटिव सोच ही सफलता की राह में रोड़े अटकती है, जिसे इंसान चाह कर भी नही बदल पाता और वह निराश होकर अपना रास्ता बदल देता है। नेगेटिव सोच इंसान को महत्वपूर्ण कार्य नही करने देती। ऐसा कोई भी कार्य नही है जिसे आप नही कर सकते । जब आप कमर कस कर काम करने के लिए तैयार हैं तो ईश्वर भी आपके साथ है। सोच को महत्वपूर्ण बनाओ। अगर किसी इंसान का तेज दिमाग पॉजिटिव सोच और समस्या सुलझाने का शौक है तो वो इंसान वाकई चमत्कार कर सकता है ।
हमारी सोच आस पास के महौल से प्रभावित होती है:- जब हमारे चारो तरफ छोटी सोच के लोग होते हैं तो हमे भी प्रभावित करते हैं और जब बड़ी सोच वालो के बीच रहते हैं तो हमारी सोच विकसित होने लगती है। अगर आप अपने जीवन में बड़ी उपलब्धियां चाहते हो तो बड़ा सोचो बड़ी सोच से ही आप बड़े बनोगे। जिंदगी इतनी बड़ी नही है कि आप इसे छोटी सोच में काट दो । हर इंसान सुख खुशी व सफलता चाहता है कोई भी इंसान ऐसा नही देखा होगा जो दुःख गरीबी तंगी व बीमारी चाहता हो। आप सोचो की कही आप पिछड़ तो नही रहे ? अगर ऐसा हो रहा है तो ऐसा क्यों हो रहा है ? इस का क्या कारण है ? जब आप ऐसा सोचोगे तो पता चलेगा कि आप में आत्म विश्वास की कमी है या आप का मष्तिक विरोधी बन गया है जिस की वजह से आप कोई भी फैसला सही नही ले पा रहे हो। जब भी कोई समस्या आए तो सोचो कि में इस का समाधान निकाल लूगा तो आप देखोगे की कोई ना कोई रास्ता जरूर निकल आयेगा । आप सिर्फ अच्छा सोचो इससे लोग आप को पसंद भी करेंगे और साथ भी देंगे । नेगेटिव सोच वाला इंसान बहुत मेहनत करने के बाबजूद सफलता पर आशंकित रहता है:- नेगेटिव सोच ही सफलता की राह में रोड़े अटकती है, जिसे इंसान चाह कर भी नही बदल पाता और वह निराश होकर अपना रास्ता बदल देता है। नेगेटिव सोच इंसान को महत्वपूर्ण कार्य नही करने देती। ऐसा कोई भी कार्य नही है जिसे आप नही कर सकते । जब आप कमर कस कर काम करने के लिए तैयार हैं तो ईश्वर भी आपके साथ है। सोच को महत्वपूर्ण बनाओ। अगर किसी इंसान का तेज दिमाग पॉजिटिव सोच और समस्या सुलझाने का शौक है तो वो इंसान वाकई चमत्कार कर सकता है ।
पॉजिटिव सोचने की आदत डालें :- अगर आप ने पॉजिटिव सोचने की आदत डाल ली तो कोई भी इंसान दुःख नही पहुंचा सकता । और ना ही कोई आप को सफल होने से रोक सकता । पॉजिटिव सोचने से कुंठा तनाव व परेशानियां जाती रहेंगी। अपने चिंतन को नियत्रण करें। नेगेटिव चिंतन दुसरो की कमियां दिखाता है और नेगेटिव सोच ही दुःख का कारण बन जाता है । क्यों कि अधिकतर चिंता हमारी नेगेटिव सोच की वजह से होती हैं। हीन भावना ये सदेश देती है कि आप असफल, लापरवाह व अयोग्य व्यक्ति हैं। जबकि सकारत्मक सोचने से रचनात्मक शक्ति जाग्रत होती है। इसलिए समझदार लोग सोच समझ कर ही कोई कार्य शुरू करते हैं, बोलते हैं । जो लोग अपनी सोच विकसित कर लेते हैं वो सफल हो जाते हैं। सुख शांति आपके हाथ में है बस अपना ध्यान अपनी सोच पर रखें।अपनी गलतियों व कमियों पर ध्यान ना दें अपनी असफलता पर ध्यान ना दें । आपके विचार ही आपके भाग्य को बना और बिगाड़ सकते हैं। शुभ विचार आपको सुख समृद्धि देते हैं और अशुभ विचार पतन की तरफ ले जाते हैं।
इतना बड़ा सोचो की आपको कोई छोटा न लगे:-कोई दीन हीन ना दिखे सब आपकी ही तरह हैं। किसी के स्वाभिमान को ठेस ना पहुंचाए । इंसान काम से ही नौकर या मालिक बनता है। इतना अच्छा सोचो की कोई छोटी सोच वाला इंसान आपका दिल ना दुखा सके, आप लड़ाई झगड़ो से बच सको, अपनी मजिल तक पहुंचने के लिए हर व्यसन से बच सको। जो सोच बचपन में बन जाती हैं वो उम्र भर चलती है इसे बदलना मुश्किल हो जाता है । अगर आप की सोच बचपन से अच्छी है तो ठीक है । अगर किसी वजह से नेगेटिव बन गई है तो क्या पूरी जिंदगी दुखी व परेशान रहेंगे ? या अपनी सोच की वजह से अपने आसपास के लोगो को दुखी करते रहेंगे ? या अपनी सोच को बदल कर खुशहाल जिंदगी जीना चाहेंगे ? आप अपनी नेगेटिव सोच होने के कारण खुद हैं ।
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