Monday, November 30, 2015

अकेलापन व अवसाद इंसान को कमजोर बनता है

                                    

कई  बार लगता है कि हमारे के जीवन में कुछ कमी है। जीवन बे मकसद है । अवसाद और अकेलेपन की वजह से हमारे मन में नेगेटिव थॉट आते हैं। ऐसा सोचने से ही जीवन में नीरसता आने लगती है ।मन पर काबू न होने की वजह से हमारे मन पर काबू नही रहता और हम नेगेटिव सोचते चले जाते हैं। जिसकी वजह से सब कुछ ठीक होते हुए भी हम दुखी या अवसाद से घिर जाते हैं । इसलिए नेगेटिव थॉट आते ही वही रोक दें । कुछ लोग  ये नही जानते कि उनके जीवन में क्या कमी है ? उसे कैसे दूर करें ?  दरसल उनके जीवन में खालीपन है। और ये दौर कभी न कभी सभी के जीवन में आता है। और इससे बचने का एक ही रास्ता है पॉजिटिव सोच और पॉजिटिव माहौल । जब भी आप को ऎसा लगे तभी आप अपनी सोच और माहौल बदल दें । कमी की बजाए आप के पास जो है उसके बारे में सोचना शुरू कर दें। तो आप को  बहुत कुछ ऐसा मिलेगा जो आप को खुशी देगा । जैसे अच्छे दोस्त अच्छी सेहत अच्छे रिश्ते दार अच्छे बच्चे या समझदार जीवन साथी ।  दोस्तों से मिलते झूलते रहे अपने आप से प्रेम करें ,आप जैसे भी हो उसी रूप में स्वीकारे ज्यादातर लोगो की आदत होती है कि अपने आप को ही कम आंकते है अपने अंदर ही कमियां ढूढे जाते है जब की ये गलत है अगर आप अपने अंदर दिखने वाली कमियों को दूर कर सकते हो तो कर लो अगर नही तो जैसे भी हो उसे स्वीकार करो।

जिंदगी सघर्ष  का नाम है:-  ज्यादातर तो सभी के जीवन में सघर्ष आता है सभी को सघर्ष से जूझना पड़ता है। जिंदगी में परीक्षा सभी को कभी ना कभी देनी ही  पड़ती है। इस में पास होने के लिए कोई शास्त्रों का सहारा लेता हैं कोई बुजर्गो के अनुभव का। परेशनियों  से निकलना आसान तो नही है लेकिन परेशनियों से हार भी तो नही मान सकते। आपका परेशनियों से मुकाबला ही जीत तय करता है। इसलिए सफलता की राह में खुद को निखारना जरूरी है। इसमें समस्याए तो आएगी लेकिन जितनी मेहनत करोगे जितना सोचने के लिए समय निकलोगे उतना ही सघर्ष का रास्ता आसान होता जाता है। 

 "दुनिया की सभी समस्याए आसानी से सुलझाई जा सकती हैं अगर इंसान सोचने के लिए तैयार हो, दिक्क्त ही ये है कि इंसान सोचना ही नही चाहता क्यों की सोचना कठिन काम है" 
                                       - थॉमस जे वाटसन 

सकारात्मक द्रष्टिकोण रखें:- सकारात्मक द्रष्टिकोण सिर्फ हमारी उपलब्धियां नही बढ़ाता बल्कि ख़ुशी भी देता है।वास्तव में तो हमारा जीवन कितना अनमोल है हम इस बात को नही समझ पाते अपनी वेलू को नही जानते। अपने लिए कोई लक्ष्य नही बनाते। जो लोग अपने जीवन में लक्ष्य बनाते हैं उन्हें अपनी वेलु पता होती है । उन्हें पता होता है की उन्हें कहा जाना है। और अपनी मजिल की तरफ बढ़ते जाते हैं वे नेगेटिव सोचने में अपना कीमती समय बर्बाद नही करते। और जिन लोगो के जीवन में कोई लक्ष्य ही नही है वे लोग थोड़ा सा अपडाउन होते ही नेगेटिव सोचने लगते हैं इसलिए अवसाद में चले जाते हैं या अकेले हो जाते हैं ।अगर किसी ने झूठा इल्जाम लगाया है तो उन लोगो ने भी उपकार ही किया है क्यों कि उन लोगो की वजह से आप के पास से वो लोग दूर हो जाएंगे जो कान के कच्चे है। जो दुसरो के कहने सुनने से अपनी जिंदगी के फैसले लेते हैं। इसलिए परेशान होने की तो जरूरत ही नही है उन लोगो में जो गुण  हैं उन्हें अपने आचरण में उतारो और आगे बढ़ जाओ। अगर कुछ नुकसान हुआ है तो सोच  भगवान आप को कुछ अधिक देना चाहता है और मेहनत करो इससे आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा ।और अगर  किसी ने आप को धोखा दिया है तो भी उसने आप को खोया है आप का उसमे भी कुछ नुकसान नही है। आप को उससे भी अच्छे लोग मिल जाएंगे । ऐसा  है कि जब लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया तब समय हमारे लिए कुछ और अच्छा और अधिक लिए मिलता है। सोच कर देखो हर बुरा समय कुछ अच्छा देकर जाता है। जब आप की सोच बन जाएंगी तो आप की परेशानी दूर होने लगेगी और आप अपने अंदर अलग बदलाव महसूस करने लगेंगे । वैसे भी हम पीछे लौटकर जिंदगी को समझ सकते है जीने के लिए तो आगे बढ़ना ही पड़ेगा ।  

हर बात में ढुढ़े ख़ुशी :-   हर बात के दो पहलू होते हैं एक अच्छा और एक बुरा जो आप देखना चाहोगे वो आप को दिख जायेगा। और आप जो देखोगे वही पहलू आप को कारगर सिद्ध होगा। अगर आपके जीवन में परेशानी बहुत आ रही हैं तो सोच लो कि आप को सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा जो आप सफलता की सीढ़ी बनेगा और  आप बीमार हैं तो आप को आराम करने का मौका मिला है। एक रिसर्च में भी आया है कि जो लोग जितने बीमार होते हैं वे उतना ही अधिक जीते हैं । और ये मेरे जीवन का भी अनुभव है जब मेरे दोस्तों ने धोखा दिया तो मुझे लगा की मेरी जिंदगी सुनी हो गई है। लेकिन आज समझ में आता है कि अगर में उनके साथ रहती तो  जिंदगी के हर इम्तहान मे फ़ैल  रहती । 



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