
" आलोचना हर एक को मिलती है | दरअसल आपकी जितनी ज्यादा प्रसंसा होती है और आप जितने ज्यादा सफल होते हैं | आप आलोचकों के उतने ही ज्यादा स्पष्ट निशाने पर होते हैं "
हम बचपन से सुनते आये हैं कि आलोचना करना गलत है, किसी की आलोचना नही करनी चाहिए | इससे आलोचना करने वाले और जिस के बारे में की जाती है दोनों का ही नुकसान है जिसकी आलोचना की जाती है वो डिमोटिवेट होता है और जो करता है, उसके उनसे रिश्ते खराब होते हैं और समाज मे नेगेटिव छवि बनती है | मेरा मानना है कि गलत आलोचना से परेशान नही होना चाहिए | धैर्य से सुने और अगर गलत आलोचना है तो अनसुनी कर देनी चाहिए | नेगेटिव बातो का हम पर कोई असर नही पड़ना चाहिए , नही तो हम ज़िंदगी में आगे नही बढ़ पाएंगे | किसी ने सही कहा हैं कि -
" आलोचना हमे जब तक कोई नुकसान नही पहुंचा सकती जब तक हम उसे नुकसान करने की अनुमति ना दे दे "
अगर आप सफलता की राह पर चलना चाहते हैं तो आपकी आलोचना तय है| अगर आप आलोचनओ को पर्सनल अटैक नही मानते तो आलोचना अपनी गलतियों को देखने और उन्हें सुधारने का मौका देती हैं |ये आपकी आगे बढ़ने में बहुत मदद कर सकती हैं | अगर आपकी झूठी अफवाहें फैलाने की कोशिस की जा रही है जो आपके कैरियर या जीवन में नुकसान पहुंचा सकती हैं तो आप उनकी आलोचना मत करो उनमे उलझ कर ना रह जाओ उनसे किनारा करके आगे बढ़ जाओ | किसी ने सही कहा है कि -
" जो लोग बड़े सपने देखते है वे अपने सपनो को हर आघात से बचाते है वे आलोचना के तीरो से नही घबराते हैं क्युकि वे जानते है कि आलोचना करने वालो की मानसिकता उतनी बड़ी नहीं है उनकी भविष्य दृष्टि उतनी व्यापक नही है "
अगर आप सफल व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल होना चाहते हो तो आपको आलोचनाओ को सहन करना व नजर अंदाज करना सीखना होगा | तभी आप सफल हो सकते हो नही तो आप इन्ही में फंस कर रह जाओगे | सफल व्यक्ति आलोचना को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं , और अपने काम में जुट जाते हैं | और असफल आदमी आलोचना को दिल पर ले लेते हैं और रात दिन उसी के बारे सोचते रहते हैं | और दूसरे लोगो के सामने सफाई पेश करते रहते हैं | ये याद रखना ज्यादातर जो लोग हमारे सामने दुसरो की बातें करते हैं वे हमारी पीठ पीछे हमारे बारे में भी बातें करते हैं |
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