Sunday, September 17, 2017

सामने वाले इंसान को तत्काल प्रभावित कैसे करें ?




दोस्तों ! हमारे काम शब्दो से ज्यादा तेज स्वर में बोलते हैं | आपकी मुस्कराहट कहती है ," में आपको पसंद करता हूं | आपसे मिलकर मुझे ख़ुशी होती है | आपको देखकर में खुश हुआ | 


पर ध्यान रहे झूठी मुस्कराहट से कोई फायदा नही होगा | हम समझ जाते हैं कि ये बनावटी है और इसलिए हम उसे पसंद नही करते | में जिस मुस्कराहट की बात कर रही हूँ वह असली मुस्कराहट होती है | दिल को छूने वाली मुस्कराहट ,एक ऐसी मुस्कान जो दिल से आती है और दिल तक पहुँचती है इसलिए उसकी कीमत बजार में बहुत ज्यादा है | 

मिशिगन यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर जेम्स वी.मैकानल मुस्कराहट के बारे में अपनी भावनाएं बताते हुए कहते हैं -



" मुस्कराने वाले लोग ज्यादा अच्छी तरह सीखा और बेच पाते हैं और अपने बच्चो को ज्यादा सुखद ढंग से पाल पाते हैं मुस्कान में तेवर से ज्यादा शक्ति होती है | इसलिए कोई बात सिखाने के लिए प्रोत्साहन दंड़ की तुलना में ज्यादा प्रभावी तरीका होता है "



आपको मुस्कराना मुश्किल लगता है तो फिर क्या करें ? आप दो काम कर सकते है पहली बात तो ये हैं कि खुद को मुश्कराने पर मजबूर करें  | जब अकेले हो तो सीटी बजाए या गुनगुनाए या गाए | इस तरह व्यवहार करें जैसे आप सचमुच खुश हो और कुछ समय बाद आपको ख़ुशी का अनुभव होने लगेगा | 

हमे लगता है हमारे कार्य हमारी भावना का अनुसरण करते हैं परंतु वास्तव में कार्य और भावना साथ -साथ ही चलते हैं|  और कार्य पर नियंत्रण करने से हमें  अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना ज्यादा आसान है जबकि भावनाओं को नियंत्रित करना अपेक्षाकृत कठिन है | 

खुश रहने का इकलौता रास्ता यह है कि चाहे हम खुश न हों पर हम इस तरह बोलें व्यवहार करें जैसे हम सचमुच खुश हों | 

दुनियां में हर व्यक्ति ख़ुशी की तलाश मे है और इसे हासिल करने का एक ही रास्ता है | अपने विचारो को नियंत्रित करके ख़ुशी हासिल करना | ख़ुशी हमारी बाहरी परस्थतियों पर निर्भर नही करती | यह तो हमारी अंदरूनी परिस्थतियों पर निर्भर करती है |   


सुख या दुःख का इस बात से कोई संबंध नही है कि आपके पास कितना है या आप  क्या हैं या आप कहा हैं या आप क्या कर रहे हैं | इसका संबंध तो इस बात से हैं कि आप इस बारे में क्या सोचते  हैं | 

उदाहरण के तौर पर दो लोग एक ही जगह पर एक काम करें और उनके पास एक बराबर पैसा और प्रतिष्ठा हो तो भी यह हो सकता है कि एक दुखी होगा और एक सुखी | क्यों ?क्यों कि उनका परस्थतियों को देखने का नजरिया अलग -अलग है | 

शेक्सपियर ने कहा था ," कोई भी चीज बुरी या अच्छी नही होती ,हमारा नजरिया ही उसे अच्छी या बुरी बनता है |  
   
अपने मष्तिक में उस योग्य ,गंभीर उपयोगी व्यक्ति की तस्वीर बनाए जो आप बनना चाहते हैं | और आपका यह विचार आपको हर घंटे उस विशिष्ट तस्वीर के करीब ले जायेगा विचार सर्वशक्तिमान है | सही मानसिक नजरिया रखिये साहस ईमानदारी  और ख़ुशी का नजरिया | सही सोचना रचनात्मक होना है | इच्छा से समस्त वस्तुए हासिल हो जाती हैं और सच्चे दिल से की गई प्रार्थना पूरी होती है | जैसा हम दिल से सोचते रहते हैं हम उसी तरह के बन जाते हैं | 

आपकी मुस्कराहट आपकी सदभावना का सदेशवाहक है | आपकी मुस्कराहट उन सभी लोगो की ज़िंदगियों को रोशन करती है जो इसे देखते हैं उस व्यक्ति के लिए जिसने दर्जनों लोगो को नाक भौ सिकोड़ते ,झुंझलाते हुए देखा हो आपकी मुस्कराहट बादलो के बीच से झांकते सूर्य की तरह होती है | खाश तोर पर तब जब कोई अपने बॉस ,ग्राहको ,टीचर या माता पिता या बच्चों के कारण दवाब या तनाव में हों ऐसे समय में आपकी मुस्कराहट उसे बता सकती है कि निराशा से समस्याए हल नही होती | मुस्कराहट बताती है दुनियां अब भी खुशगवार और रगीन हैं |  

दोस्तों ! ये बातें मैंने आपको "डेलकारनेगी" की बुक लोक व्यवहार प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला कैसे सीखें से बताई हैं | अगर आप भी प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला सीखना चाहते हैं तो आपके लिए ये बुक काफी हेलफुल रहेगी | 



Wednesday, September 13, 2017

लाइफ में सक्सेस होना चाहते हो ? तो सक्सेस होने के लिए पांच कार्य करने अनिवार्य हैं !!!


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दोस्तों !  किसी भी कार्य की सफलता या असफलता उसके लिए की गई योजना पर निर्भर होती है|पूर्व नियोजित ढंग से किये गए कार्य में सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है |और योजना के साथ ही इंसान की द्रढ़ इच्छा शक्ति भी उसे निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करती है|सक्सेस की सीढ़ी चढ़ने के लिए पांच कार्य करने अनिवार्य हैं - 


1 अपने टैलेंट को पहंचाने  :-  हर इंसान को भगवान ने कुछ ना कुछ टैलेंट के साथ दुनियां में भेजा है | जो इंसान अपने टैलेंट को पहंचान कर उसे अपना कैरियर चुनता है वो आसानी से सक्सेस हो जाता है । कहते भी हैं कि -

" जो अपने जीवन के महत्व एव सार को पहंचान लेते हैं वे ही सही फैसला लेते हैं "

ज्यादातर हम दुसरो से कंपेयर करते हैं, दुसरो के देखा देखी कैरियर चुनते हैं। इसलिए हम टेलेंटिड होते हुए भी सक्सेस नही हो पाते । 

2 खुद को झूठी दिलासा ना दें :-  जब काम अच्छा होता है तो इससे सम्मान व पहंचाना दोनों मिलते हैं । लेकिन अच्छा काम अनुभव से होता है। इसलिए कभी खुद को झूठी दिलासा ना दें। इसके लिए आप व्यवहारिक कदम उठाये और उन्हें धरातल पर रख कर देखें। 

3 जीतने की जिद और सकरात्मक सोच रखें :- अगर इंसान जीतने की जिद कर लें तो मंजिल तक पहुंच ही जाता है लेकिन जिद के साथ ये देखना भी जरूरी है कि आप में सामर्थ्य कितनी है ? ये कार्य आप कर्मठता से कर सकते हैं या नही ? अगर आपके अंदर इतनी ऊर्जा नही है तो , बिना ऊर्जा के आप कुछ नही कर सकते । शुरुआत करने के बाद हो सकता है कि आपकी राह में ऐसे रोड आएं जो आपको निरुत्साहित कर दें। ऐसी परिस्थिति में आप नकरात्मकता को हावी ना होने दें। ये सोच कर मन में तसल्ली रखें कि -

" सम्पनता दिमाग को जंग लगा देती है और कठनाई उसे पैना करती है "

4 कार्य को रुचिकर बनाएं  :-  हो सकता है कि आपकी पढ़ाई या कार्य बोरींग हो,ऐसे में आपका मन कार्य से जल्दी ऊब जायेगा । ऐसे में कार्य को रुचिकर बनाने का उपाय सोचें । अगर आपने अपना कार्य रुचिकर बना लिया तो आप निश्चय ही कार्य को इंजॉय करने लगोगे।डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि -

" अगर आप काम और सुख में बेलेंस बनाने में रूचि रखते हैं तो उन्हें बैलेंस करने का प्रयास छोड़ दीजिये, इसके बजाए अपने काम को सुखद बनाइये "

5 मेंटली स्ट्रॉग बनें  :-  जब भी हम समाज में कुछ नया करने चलते हैं तो दस बातें होती ही हैं पोजेटिव सोच वाले अच्छा बताएंगे और नेगेटिव सोच वाले कमियां। घर परिवार समाज वाले आपका मनोबल तोड़ने लगेंगे इससे निपटने के लिए मेंटली स्ट्रॉग होना जरूरी है । वैसे भी -

" रूढ़िवादी सोच से लड़ने का एक ही तरीका हैं , आप मेंटली स्ट्रॉग बन जाएं  "

जब आप मेंटली स्ट्रॉग होगे तो शरीर भी स्ट्रॉग बन जायेगा । बड़ा लक्ष्य बनाएं, जब लक्ष्य बड़ा होता है तो छोटी छोटी बातें असर नही करती। मन को सुंदर बनाएं। शरीरिक सुंदरता आखों को आकर्षित करती है और अच्छाई दिमाग को आकर्षित करती है। सुंदरता मन से है इसे शरीर से क्यों जोड़े ?


Sunday, September 10, 2017

अगर आप ये चाहते हैं कि दूसरे लोग आपमें रूचि लें !!!


दोस्तों ! ये आर्टिकल मैंने डेल कार्नेगी के लिखे सिद्धांत "हर जगह अपना स्वागत कैसे कराएं" से लिया है | हम सभी ऐसे लोगो को जानते हैं जो  इसी बात की कोशिश करते हैं कि दूसरे लोग उनमें रूचि लें | और इसी वजह से वे एक के बाद एक गलतियां करते चले जाते हैं | जिसकी वजह से उन्हें अपने प्रयास में सफलता नही मिलती और वे असफल हो जाते हैं |

हम ये भूल जाते हैं कि किसीकी किसी में कोई दिलचस्पी नही होती, सबकी दिलचस्पी खुद में होती हैं | जब हम ग्रुप फोटो भी देखते हैं जिसमे हमारी भी तस्वीर हो तो हम सबसे पहले किस की तस्वीर देखते हैं ? अपनी ना ? 

न्यूयार्क कंपनी ने यह जानने के लिए एक सर्वे किया कि टेलीफोन पर होने वाली चर्चा में किस शब्द का प्रयोग सबसे ज्यादा बार किया जाता है | सर्वे से ये पता चला कि "मै" शब्द सबसे ज्यादा बोला जाता है | 500 चर्चाओं में "मै", "मै "३,900 बार बोला गया | 

हम सभी ,चाहे फैक्ट्री में मजदूर हों, आफिस में क्लर्क हो या सिंहासन पर बैठे सम्राट हो -हम सभी ऐसे लोगो को पसंद करते हैं जो हमारी प्रसंशा  करते हैं जो हम में रूचि लेते हैं  | 

अगर आप सचमुच दोस्त बनाना चाहते हैं, किसी का दिल जीतना चाहते हैं तो लोगो से उत्साह से मिलना चाहिए | अगर आप फोन पर किसी से बाते करें तो भी आपको उसी उत्साह का प्रदर्शन करना चाहिए | बात करते वक्त सामने वाले को लगना चाहिए कि आप उससे बात करके खुश हो रहें हैं | दोस्त बनाने के लिए आपको दूसरे लोगो में रूचि लेनी होगी, उन के लिए कुछ करना होगा -ऐसा काम जिसमे समय ,ऊर्जा और विचार की जरूरत होगी | 



प्रसिद्ध रोमन कवि पब्लियस सायरस ने कहा था ," जब दूसरे लोग  हम में रूचि लेते हैं तब हम उनमे रूचि लेते हैं " | रूचि का प्रदर्शन सच्चा होना चाहिए | इससे रूचि प्रदशिर्त करने वाले का ही भला नही होना चाहिए , बल्कि उस व्यक्ति का भी भला होना चाहिए जिसमे रूचि ली जा रही है | यह टू वे स्ट्रीट है -दोनों ही पक्षों को लाभ होता है | 

अगर हम किसी व्यक्ति में सचमुच दिलचस्पी  लेते हैं ,तो वह चाहे कितना ही प्रसिद्ध या व्यस्त क्यों ना हो वो हमारी तरफ ध्यान देगा , हमें अपना  समय और सहयोग देगा |

विएना के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड एडलर ने व्हॉट लाइफ शुड मीन टू यू नाम की एक पुस्तक में लिखा है ,"जिस व्यक्ति की दूसरे लोगो में रूचि नही होती उसे जीवन में सबसे ज्यादा कठिनाईयां  आती हैं | और वो दुसरो को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है | इसी तरह के व्यक्ति ही सबसे ज्यादा असफल देखे गए हैं | 

दोस्तों ! अगर आप चाहते है कि दूसरे आपको पसंद करें ,अगर आप सच्चे दोस्त बनाना चाहते हैं ,अगर आप अपनी मदद करने के साथ - साथ दुसरो की भी मदद करना चाहते हैं  तो इस सिद्धांत को याद रखें |  जो आप देंगे वही आपके पास लौटकर आयेगा | इसलिए जो आप दुसरो से चाहते हो वो आप दुसरो को दो |  सम्मान चाहते हो सम्मान करो , प्यार चाहते हो प्यार दो , हैल्प चाहते हो हैल्प करो , साथ चाहते हो साथ दो , वफ़ा चाहते हो तो वफ़ा दो | 

   
  



      


Wednesday, September 6, 2017

जो ये कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है !!!


हम क्या चाहते हैं इस बारें में बात करने से क्या फायदा ? यह तो बचपना है, मूर्खता है | जाहिर है आप जो चाहते हैं उसमे आपकी रूचि है | आपकी उसमे गहरी और प्रबल रूचि है परंतु किसी और की उसमे रूचि नही है | हम सभी आप ही की तरह हैं | हम सब अपने आप में रूचि लेते हैं | 

आप चाहते हैं कि आपके बच्चे सिगरेट पीना छोड़ दें ,तो आप उन्हें डांटिए मत,उन्हें भाषण मत दीजिए ,यह मत बताइये कि आप क्या चाहते हैं इसके बजाए उन्हें ये समझाइये कि अगर वे सिगरेट पिएंगे तो वो कभी बास्केटबॉल में शामिल नही हो पाएंगे | 

कर्म पैदा होता है हमारी मुलभुत इच्छा से | बिजनेस घर ,स्कुल और राजनीति में दुसरो को काम करने के लिए प्रेरित करने वाले लोगो को सबसे बढ़िया सलाह यही दी जा सकती  है सबसे पहले सामने वाले व्यक्ति में काम करने की प्रबल इच्छा जगाए | जो यह कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है | जो ये नही कर सकता वह अकेला ही रहेगा | 

अगर सफलता का कोई रहस्य है ,तो वो ये है कि हममें यह योग्यता हो कि हम सामने वाले का नजरिया समझ सकें और हम किसी घटना को अपने नजरिए के साथ -साथ सामने वाले के नजरिए से भी देख सकें |  

अगर आप अपनी बातो का सकरात्मक प्रभाव चाहते हो तो अपना ध्यान अपनी इच्छाओं की बजाए दुसरो की इच्छाओ पर दो | उनके नजरिये से देखो | 

दुनियां में ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो स्वार्थी हैं और खुद का भला चाहते हैं | इस वजह से उस दुर्लभ व्यक्ति को बहुत लाभ होता है जो निस्वार्थ भाव से दूसरो की मदद करना चाहता है | उसके बहुत कम प्रतियोगी होते हैं | 

महान बिजनेस लीडर ओवेन डी. यंग ने एक बार कहा था : 'जो लोग खुद को दुसरो की जगह रख सकते हैं ,उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नही होनी चाहिए कि उनका भविष्य कैसा होगा | अगर आप ये सीख लें कि किस तरह दूसरे व्यक्ति के नजरिये से सोचा जाए और स्थति को दूसरों के नजरिये से देखा जाए तो ये आपके कैरियर की प्रगति में आधार स्तम्भ साबित हो सकती है | 

दूसरे व्यक्ति के नजरिए से स्थति को देखने और उसमे इच्छा जगाने का मतलब यह नही है कि आप सामने वाले का शोषण करना चाहते हैं जिससे उसे नुकसान हो और आपको फायदा | इससे दोनों को फायदा होना चाहिए | 

विलियम विन्टर ने एक बार कहा था ,'' आत्माभिव्यक्ति इंसान के स्वभाव की सबसे बड़ी जरूरत है | " हम इसी मनोवैज्ञानिक सूत्र को अपने बिजनेस में क्यों नही उतार पाते ? जब भी हमारे दिमाग में कोई बढ़िया विचार आए तो उसे हम अपने विचार के रूप में दुसरो के सामने पेश क्यों करें इसके बजाए हम ऐसी तरकीब क्यों ना करें कि यह विचार उनके दिमाग में अपने आप आ जाए | तब उन्हें यह विचार अपना लगेगा और वे इसे पसंद करेंगे और शायद वे इसे बिना किसी के कहे अपनी इच्छा से ही मान लेंगे | 

याद रखिए :" पहले तो सामने वाले व्यक्ति में काम करने की प्रबल इच्छा जगाएं | जो ये कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है | जो यह नही कर सकता ,वह अकेला ही रहेगा | " 


लोगो को प्रभावित करने के मुलभुत तीन तरीके | 

 1  बुराई मत करो ,शिकायत ना करो | 

2 सच्ची बड़ाई करने की आदत डालें |  

3 सामने वाले व्यक्ति में प्रबल इच्छा जगाएं |  

दस्तो ! ये बातें मैने आपको 'डेल कार्नेगी की बुक ' लोक व्यवहार के खंड एक  ,लोगो को प्रभावित कैसे करें से बताई हैं | 


Sunday, September 3, 2017

दोस्त की परिभाषा क्या है ? कैसे पहंचाने सच्चे दोस्त ?




Image result for dosti दोस्ती क्या है ? इसकी जरूरत क्या है ? दोस्त कैसे होने चाहिए ? कैसे करें सच्चे दोस्तों की पहंचान ? आइये जानते हैं -

दोस्ती की डेफिनेशन :- जो सुख में खुश हो , दुःख में दुखी हो , जरूरत पड़ने पर तन मन धन लगाने को तैयार हो , अगर कही कुछ गलत हो रहा है उसे सुधारे , गलती हो जाने पर सबके सामने साथ दें , अकेले में गलती बताएं | खुद बेस्ट होने पर भी आपको कमतर ना मापें | किसी लालच में आकर दोस्ती ना करें | 

दोस्तों की जरूरत क्या है ? बचपन से लेकर बुढ़ापे तक जिंदगी के हर मोड़ पर इंसान को एक सच्चे दोस्त की जरूरत पड़ती है । कई बाते  तो ऐसी होती हैं जो हम लाइफ में किसी से  भी शेयर नही कर पाते सिर्फ  दोस्तों से ही करते हैं, एक दोस्त ही हमे सबसे ज्यादा समझ सकता है । रिसर्च में भी बताया गया है कि इंसान सबसे ज्यादा खुश दोस्तों में रहता है । 

दोस्त कैसे होने  चाहिए  ? सच्चा दोस्त जलन की भावना नही रखेगा वह आपकी सफलता देखकर कभी नही जलेगा | बल्कि आपकी खुशियों में शामिल होगा | वो रोज आकर आपका समय बर्बाद नही करेंगा। और ख़ुशी में जलन की वजह से ना आने का बहाना नही बनाएगा | रिस्ते कभी तब नही टूटते जब कोई इंसान आप के दुःख में काम ना आये बल्कि तब टूटते हैं जब सुख मे जलन की वजह से  साथ ना हो ।   

सच्चे व अच्छे दोस्तों की पहंचान कैसे करें ? :- दोस्त तो बहुत होते हैं लेकिन सच्चे दोस्त बहुत कम होते हैं |सच्चे दोस्त किसी किस्मत वाले को ही नसीब होते हैं | सच्चे दोस्तों को आसानी से पहंचना जा सकता है | सच्चे दोस्त कंपेयर की भावना नही रखते, आपकी सफलता देखकर नही जलते | ये मुँह पर मीठा-मीठा नही बोलते और पीठ पीछे बुराई नही करते | सच्चे दोस्तो  का पता दुःख में चलता है | जो आपको मुशीबत में छोड़ कर भाग जाएं वे सच्चे दोस्त नही हो सकते |