दोस्तों ! ये आर्टिकल मैंने डेल कार्नेगी के लिखे सिद्धांत "हर जगह अपना स्वागत कैसे कराएं" से लिया है | हम सभी ऐसे लोगो को जानते हैं जो इसी बात की कोशिश करते हैं कि दूसरे लोग उनमें रूचि लें | और इसी वजह से वे एक के बाद एक गलतियां करते चले जाते हैं | जिसकी वजह से उन्हें अपने प्रयास में सफलता नही मिलती और वे असफल हो जाते हैं |
हम ये भूल जाते हैं कि किसीकी किसी में कोई दिलचस्पी नही होती, सबकी दिलचस्पी खुद में होती हैं | जब हम ग्रुप फोटो भी देखते हैं जिसमे हमारी भी तस्वीर हो तो हम सबसे पहले किस की तस्वीर देखते हैं ? अपनी ना ?
हम ये भूल जाते हैं कि किसीकी किसी में कोई दिलचस्पी नही होती, सबकी दिलचस्पी खुद में होती हैं | जब हम ग्रुप फोटो भी देखते हैं जिसमे हमारी भी तस्वीर हो तो हम सबसे पहले किस की तस्वीर देखते हैं ? अपनी ना ?
न्यूयार्क कंपनी ने यह जानने के लिए एक सर्वे किया कि टेलीफोन पर होने वाली चर्चा में किस शब्द का प्रयोग सबसे ज्यादा बार किया जाता है | सर्वे से ये पता चला कि "मै" शब्द सबसे ज्यादा बोला जाता है | 500 चर्चाओं में "मै", "मै "३,900 बार बोला गया |
हम सभी ,चाहे फैक्ट्री में मजदूर हों, आफिस में क्लर्क हो या सिंहासन पर बैठे सम्राट हो -हम सभी ऐसे लोगो को पसंद करते हैं जो हमारी प्रसंशा करते हैं जो हम में रूचि लेते हैं |
अगर आप सचमुच दोस्त बनाना चाहते हैं, किसी का दिल जीतना चाहते हैं तो लोगो से उत्साह से मिलना चाहिए | अगर आप फोन पर किसी से बाते करें तो भी आपको उसी उत्साह का प्रदर्शन करना चाहिए | बात करते वक्त सामने वाले को लगना चाहिए कि आप उससे बात करके खुश हो रहें हैं | दोस्त बनाने के लिए आपको दूसरे लोगो में रूचि लेनी होगी, उन के लिए कुछ करना होगा -ऐसा काम जिसमे समय ,ऊर्जा और विचार की जरूरत होगी |
प्रसिद्ध रोमन कवि पब्लियस सायरस ने कहा था ," जब दूसरे लोग हम में रूचि लेते हैं तब हम उनमे रूचि लेते हैं " | रूचि का प्रदर्शन सच्चा होना चाहिए | इससे रूचि प्रदशिर्त करने वाले का ही भला नही होना चाहिए , बल्कि उस व्यक्ति का भी भला होना चाहिए जिसमे रूचि ली जा रही है | यह टू वे स्ट्रीट है -दोनों ही पक्षों को लाभ होता है |
अगर हम किसी व्यक्ति में सचमुच दिलचस्पी लेते हैं ,तो वह चाहे कितना ही प्रसिद्ध या व्यस्त क्यों ना हो वो हमारी तरफ ध्यान देगा , हमें अपना समय और सहयोग देगा |
विएना के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड एडलर ने व्हॉट लाइफ शुड मीन टू यू नाम की एक पुस्तक में लिखा है ,"जिस व्यक्ति की दूसरे लोगो में रूचि नही होती उसे जीवन में सबसे ज्यादा कठिनाईयां आती हैं | और वो दुसरो को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है | इसी तरह के व्यक्ति ही सबसे ज्यादा असफल देखे गए हैं |
दोस्तों ! अगर आप चाहते है कि दूसरे आपको पसंद करें ,अगर आप सच्चे दोस्त बनाना चाहते हैं ,अगर आप अपनी मदद करने के साथ - साथ दुसरो की भी मदद करना चाहते हैं तो इस सिद्धांत को याद रखें | जो आप देंगे वही आपके पास लौटकर आयेगा | इसलिए जो आप दुसरो से चाहते हो वो आप दुसरो को दो | सम्मान चाहते हो सम्मान करो , प्यार चाहते हो प्यार दो , हैल्प चाहते हो हैल्प करो , साथ चाहते हो साथ दो , वफ़ा चाहते हो तो वफ़ा दो |
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