1 अपने टैलेंट को पहंचाने :- हर इंसान को भगवान ने कुछ ना कुछ टैलेंट के साथ दुनियां में भेजा है | जो इंसान अपने टैलेंट को पहंचान कर उसे अपना कैरियर चुनता है वो आसानी से सक्सेस हो जाता है । कहते भी हैं कि -
" जो अपने जीवन के महत्व एव सार को पहंचान लेते हैं वे ही सही फैसला लेते हैं "
ज्यादातर हम दुसरो से कंपेयर करते हैं, दुसरो के देखा देखी कैरियर चुनते हैं। इसलिए हम टेलेंटिड होते हुए भी सक्सेस नही हो पाते ।
2 खुद को झूठी दिलासा ना दें :- जब काम अच्छा होता है तो इससे सम्मान व पहंचाना दोनों मिलते हैं । लेकिन अच्छा काम अनुभव से होता है। इसलिए कभी खुद को झूठी दिलासा ना दें। इसके लिए आप व्यवहारिक कदम उठाये और उन्हें धरातल पर रख कर देखें।
" जो अपने जीवन के महत्व एव सार को पहंचान लेते हैं वे ही सही फैसला लेते हैं "
ज्यादातर हम दुसरो से कंपेयर करते हैं, दुसरो के देखा देखी कैरियर चुनते हैं। इसलिए हम टेलेंटिड होते हुए भी सक्सेस नही हो पाते ।
2 खुद को झूठी दिलासा ना दें :- जब काम अच्छा होता है तो इससे सम्मान व पहंचाना दोनों मिलते हैं । लेकिन अच्छा काम अनुभव से होता है। इसलिए कभी खुद को झूठी दिलासा ना दें। इसके लिए आप व्यवहारिक कदम उठाये और उन्हें धरातल पर रख कर देखें।
3 जीतने की जिद और सकरात्मक सोच रखें :- अगर इंसान जीतने की जिद कर लें तो मंजिल तक पहुंच ही जाता है। लेकिन जिद के साथ ये देखना भी जरूरी है कि आप में सामर्थ्य कितनी है ? ये कार्य आप कर्मठता से कर सकते हैं या नही ? अगर आपके अंदर इतनी ऊर्जा नही है तो , बिना ऊर्जा के आप कुछ नही कर सकते । शुरुआत करने के बाद हो सकता है कि आपकी राह में ऐसे रोड आएं जो आपको निरुत्साहित कर दें। ऐसी परिस्थिति में आप नकरात्मकता को हावी ना होने दें। ये सोच कर मन में तसल्ली रखें कि -
" सम्पनता दिमाग को जंग लगा देती है और कठनाई उसे पैना करती है "
4 कार्य को रुचिकर बनाएं :- हो सकता है कि आपकी पढ़ाई या कार्य बोरींग हो,ऐसे में आपका मन कार्य से जल्दी ऊब जायेगा । ऐसे में कार्य को रुचिकर बनाने का उपाय सोचें । अगर आपने अपना कार्य रुचिकर बना लिया तो आप निश्चय ही कार्य को इंजॉय करने लगोगे।डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि -
" अगर आप काम और सुख में बेलेंस बनाने में रूचि रखते हैं तो उन्हें बैलेंस करने का प्रयास छोड़ दीजिये, इसके बजाए अपने काम को सुखद बनाइये "
5 मेंटली स्ट्रॉग बनें :- जब भी हम समाज में कुछ नया करने चलते हैं तो दस बातें होती ही हैं पोजेटिव सोच वाले अच्छा बताएंगे और नेगेटिव सोच वाले कमियां। घर परिवार समाज वाले आपका मनोबल तोड़ने लगेंगे इससे निपटने के लिए मेंटली स्ट्रॉग होना जरूरी है । वैसे भी -
" रूढ़िवादी सोच से लड़ने का एक ही तरीका हैं , आप मेंटली स्ट्रॉग बन जाएं "
जब आप मेंटली स्ट्रॉग होगे तो शरीर भी स्ट्रॉग बन जायेगा । बड़ा लक्ष्य बनाएं, जब लक्ष्य बड़ा होता है तो छोटी छोटी बातें असर नही करती। मन को सुंदर बनाएं। शरीरिक सुंदरता आखों को आकर्षित करती है और अच्छाई दिमाग को आकर्षित करती है। सुंदरता मन से है इसे शरीर से क्यों जोड़े ?
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