Wednesday, September 6, 2017

जो ये कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है !!!


हम क्या चाहते हैं इस बारें में बात करने से क्या फायदा ? यह तो बचपना है, मूर्खता है | जाहिर है आप जो चाहते हैं उसमे आपकी रूचि है | आपकी उसमे गहरी और प्रबल रूचि है परंतु किसी और की उसमे रूचि नही है | हम सभी आप ही की तरह हैं | हम सब अपने आप में रूचि लेते हैं | 

आप चाहते हैं कि आपके बच्चे सिगरेट पीना छोड़ दें ,तो आप उन्हें डांटिए मत,उन्हें भाषण मत दीजिए ,यह मत बताइये कि आप क्या चाहते हैं इसके बजाए उन्हें ये समझाइये कि अगर वे सिगरेट पिएंगे तो वो कभी बास्केटबॉल में शामिल नही हो पाएंगे | 

कर्म पैदा होता है हमारी मुलभुत इच्छा से | बिजनेस घर ,स्कुल और राजनीति में दुसरो को काम करने के लिए प्रेरित करने वाले लोगो को सबसे बढ़िया सलाह यही दी जा सकती  है सबसे पहले सामने वाले व्यक्ति में काम करने की प्रबल इच्छा जगाए | जो यह कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है | जो ये नही कर सकता वह अकेला ही रहेगा | 

अगर सफलता का कोई रहस्य है ,तो वो ये है कि हममें यह योग्यता हो कि हम सामने वाले का नजरिया समझ सकें और हम किसी घटना को अपने नजरिए के साथ -साथ सामने वाले के नजरिए से भी देख सकें |  

अगर आप अपनी बातो का सकरात्मक प्रभाव चाहते हो तो अपना ध्यान अपनी इच्छाओं की बजाए दुसरो की इच्छाओ पर दो | उनके नजरिये से देखो | 

दुनियां में ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो स्वार्थी हैं और खुद का भला चाहते हैं | इस वजह से उस दुर्लभ व्यक्ति को बहुत लाभ होता है जो निस्वार्थ भाव से दूसरो की मदद करना चाहता है | उसके बहुत कम प्रतियोगी होते हैं | 

महान बिजनेस लीडर ओवेन डी. यंग ने एक बार कहा था : 'जो लोग खुद को दुसरो की जगह रख सकते हैं ,उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नही होनी चाहिए कि उनका भविष्य कैसा होगा | अगर आप ये सीख लें कि किस तरह दूसरे व्यक्ति के नजरिये से सोचा जाए और स्थति को दूसरों के नजरिये से देखा जाए तो ये आपके कैरियर की प्रगति में आधार स्तम्भ साबित हो सकती है | 

दूसरे व्यक्ति के नजरिए से स्थति को देखने और उसमे इच्छा जगाने का मतलब यह नही है कि आप सामने वाले का शोषण करना चाहते हैं जिससे उसे नुकसान हो और आपको फायदा | इससे दोनों को फायदा होना चाहिए | 

विलियम विन्टर ने एक बार कहा था ,'' आत्माभिव्यक्ति इंसान के स्वभाव की सबसे बड़ी जरूरत है | " हम इसी मनोवैज्ञानिक सूत्र को अपने बिजनेस में क्यों नही उतार पाते ? जब भी हमारे दिमाग में कोई बढ़िया विचार आए तो उसे हम अपने विचार के रूप में दुसरो के सामने पेश क्यों करें इसके बजाए हम ऐसी तरकीब क्यों ना करें कि यह विचार उनके दिमाग में अपने आप आ जाए | तब उन्हें यह विचार अपना लगेगा और वे इसे पसंद करेंगे और शायद वे इसे बिना किसी के कहे अपनी इच्छा से ही मान लेंगे | 

याद रखिए :" पहले तो सामने वाले व्यक्ति में काम करने की प्रबल इच्छा जगाएं | जो ये कर सकता है उसके साथ पूरी दुनियां है | जो यह नही कर सकता ,वह अकेला ही रहेगा | " 


लोगो को प्रभावित करने के मुलभुत तीन तरीके | 

 1  बुराई मत करो ,शिकायत ना करो | 

2 सच्ची बड़ाई करने की आदत डालें |  

3 सामने वाले व्यक्ति में प्रबल इच्छा जगाएं |  

दस्तो ! ये बातें मैने आपको 'डेल कार्नेगी की बुक ' लोक व्यवहार के खंड एक  ,लोगो को प्रभावित कैसे करें से बताई हैं | 


No comments:

Post a Comment