Sunday, November 18, 2018

गाते गुन गुनाते काम करें !!!



दोस्तों ! संगीत के पीछे अपार शक्ति छिपी है | गायों के गले में बंधी घंटियों की रुनझुन हो या स्त्रियों की पायल की छम -छम स्वर लहरियों में छिपा संगीत  हर सवेदनशील मनुष्य के मन के तारो को झँकृत कर जाता है | मन प्रफुलित तथा प्रसन्न हो जाता है | और इससे जो कार्य शक्ति प्राप्त होती है | वो असंभव कार्य को भी संभव बना देती है | मन में आशा तथा उत्साह का संचार करने के लिए संगीत को अपना साथी बनाइए -फिर देखिये इसका चमत्कार ! 


काम करते करते जब किसी व्यक्ति के मुख से संगीत फूटने लगता है तो उस व्यक्ति की सारी थकान दूर हो जाती है | इस प्रकार प्रसन्नहृदय से जो शक्ति प्राप्त होती है उससे अनेक आश्चर्य जनक कार्य संपन हो जाते हैं | 

एक विद्वान डॉक्टर का कहना है -" शारीरिक परिश्रम ,सर्दी बुखार पौष्टिक भोजन का आभाव ,अंधेरे व अस्वस्छ मकान में निवास, आलस्य प्रियता तथा नशा -यह सब बाते मनुष्य की घोर शत्रु हैं परन्तु इनमे से कोई भी इतना हानिकारक नही है जितना कि क्रोध |

मुझे वो ही व्यक्ति अच्छे लगते हैं ,जो इमरसन की तरह अपने जीवन उद्देश्य को प्राप्त करते हैं | और जिन्हें यह विश्वास होता है कि प्रत्येक भूल को सुधारने के लिए कोई ना कोई उपाय अवश्य है | जो व्यक्ति दुसरो के गुणों को ही देखता है वही व्यक्ति मुझे पसंद है | मुझे व्ही व्यक्ति पसंद है जो सत्य की विजय में विश्वास रखता है जिसे अपने विरोध में भी अनुकूलता दृष्टि गोचर होती है | ऐसे लोग ही राष्ट निर्माता कहलाते हैं | 

मैने अपने स्वभाव की मधुरता को कभी भी समाप्त नही होने दिया और सदा आशा वादी बना रहा कभी निराश हुआ ही नही | में सदा यही मानता  रहा समय और मनुष्य कभी बुरे नही होते | मेरा यह विश्वास है कि इस संसार में अथाह: धन संपत्ति पड़ी है | आवश्यकता है तो सिर्फ इस बात की हम जाए और काम करें तथा धन सम्पति  लें आए | जीवन में मेरी सफलता का रहस्य केवल इतना है कि मैने सदा जीवन के उजले पक्ष पर ही द्रष्टि रखी | 

अस्तु का कहना है कि -यदि कष्ट को हँसते हँसते सहन किया जाए तो वह भी सुखद हो जाता है ,पर यह  तभी हो सकता है जब काम को महान बना दिया जाए | 

बीचर का कहना है कि -उन साथियों से सदा दूर रहो जो जीवन में दुःख भरते हैं और केवल उन्हें अपना साथी बनाओ जो सदा आनंद पूर्ण स्थति में रह सकें | 

प्रसन्न वही रह सकता है जिसे जीवन से आनंद ग्रहण करना आता हो जो हर और से हर अवस्था में आनंद प्राप्त करता रहा है और आनंद के रहस्य को जान चूका है ,वह कभी प्रतिक्षा नहीं करता कि जब उसके पास सुख के साधन एकत्र हो जायेगे तभी उसे आनंद मिलेगा | 

व्यक्ति काम करने के बाद थकान अनुभव करता है , काम करते हुए नही | इसलिए दिन का काम पूरा करने के बाद काम को बंद कर देना चाहिए और मनोरजन में लग जाना चाहिए इससे मष्तिक और शरीर पर पड़ा बोझ हल्का हो जाता है | सच तो ये है कि हम प्रसन्न व संतुष्ट है तो हमे सारी  प्रकृति मुस्कराती हुई प्रतीत होती है | 

आप अपने उद्देश्य को पाने के लिए भरकस कोशिस कर रहे हो तब भी अपने भीतर के संगीत और कविता को दबने मत दीजिए |एक प्रसन्नहृदय और संतुष्ट व्यक्ति घर के सभी लोगो की चित्तवृति को आनंदपूर्वक बना सकता है | क्युकि घर के सुख व आनंद की चाबी ऐसे ही प्रसन्नचित व्यक्तियों के हाथ में होती है | 
    
यदि एक पत्नी अपने घर को स्वच्छ ,उज्जवल एव आनंद दायी स्थान नहीं बना सकती - जहां ,उसका पति विश्राम कर के अपने कष्टों को भुलाकर आराम कर सकें तथा अपनी थकावट करके दोबारा कार्य करने के लिए प्रेरित हो सके - तो ऐसी पत्नी एक सुगड़ पत्नी नही कहला सकती | 

लांगफेलो का कहना है -जो स्त्रियाँ घर का उत्मोत्तम प्रबंधन  करती हैं वही सर्वाधिक सुखी और सर्वाधिक आनंदपूर्ण भी होती हैं | एक उत्तम पत्नी व उत्तम माता कौन  है ? वह धरती पर स्वर्ग से उतरा एक वरदान है | एक पवित्र व कोमल वरदान जिसके स्नेह की महत्त को मापा नही जा सकता | ऐसी स्त्रियां ही अपने घर को सुघड़ बनाती हैं | घर के प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय पर अपने मीठे बोलो का शीतल लेप लगाती हैं और गृहस्ती को ऊंचा उठा देती हैं ऐसी ही स्त्रियां समाज को महान बनाकर संसार की प्रगति में सहायक सिद्ध होती हैं | 

छोटे -छोटे झगड़े ,छोटे -छोटे ताने ,छोटे -छोटे दोष ढूढ़ने की आदत ,आलोचना ,क्रोध ,अधीरता ,अनुदारता अथवा सह्रदयता आदि | अनेक ऐसे कारण हैं जिनसे महिलाओ में मन मुटाव हो जाता है | 

आप किसी से स्नेह करते हैं इतना ही काफी नही है ,उस स्नेह का पूर्ण प्रदर्शन किए बिना आप अपने भावो को दुसरो तक नही पहुंचा सकते |   

गेटे ने कहा है -'' चाहे राजा हो या किसान ,लेकिन सब से सुखी वही इंसान है ,जिसे अपने घर में शांति प्राप्त होती है | 

दोस्तों ये समरी स्वेट मार्डेन की बुक  ''आगे बढ़ो'' पार्ट 1 की है जिसमे स्वेट मार्डेन ने बहुत ही अच्छी तरह खुशाल जीवन  का मन्त्र बताया है|  


No comments:

Post a Comment