Thursday, November 15, 2018

असफलता को सफलता में कैसे बदलें ?



हाय दोस्तों ! स्वेट मार्डन का कहना है कि - मनुष्य अर्थात आप स्वयं ही अपने भाग्य विधाता हैं | अपनी असफलताओं का दोष भाग्य के सिर मढ़ देने के बजाय यदि आप द्रढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ कठनाईयों का मुक़ाबला करें तो आप अपनी असफलता को सफलता में बदल कर जीवन में सभी प्रकार से ख़ुशिया भरने में कामयाब हो सकते हो |

दरिद्रता का एक मात्र कारण है आपके मन की दरिद्रता | यदि आपका मन दरिद्र है तथा उसमे निर्धनता व आभाव के विचार ही भरे हुए हैं तो आप सम्पन कैसे बन सकते हैं | वस्तुत :आप ये कल्पना ही नही कर पाते कि आपमें भी ऐसी अनेक शक्तियां, सामर्थ्य और योग्यताएं  हैं, जिनके थोड़े से प्रयोग मात्र से आप वर्तमान से कई गुना अधिक संपन बन सकते हैं | 

योग्यता बनाने से बनती है | बार -बार रस्सी के घीसने से पत्थर में निशान पड़ जाता है | जहां चाह वहां राह - जीवन की सारी  उपलब्धियों का स्रोत एक चाह होता है | यदि वयक्ति उत्साही और स्वालंबी हो तो उसके लिए संसार में किसी चीज कि कोई कमी नहीं रहती | खोजने पर वह सभी कुछ प्राप्त कर लेता है | कहा भी तो है  "जिन खोजै तिन पाइया "

दोस्तों ये समरी स्वेट मार्डन की बुक आगे बढ़ो की प्राक्क्थन की है | जिसमे स्वेट मार्डन ने बहुत आसान तरीको से इंसान को आगे बढ़ने की राह प्रसस्थ की है | ये पुस्तक निसंदेह मनुष्य को यही संदेश देती है कि आगे बढ़ना ही जीवन है और रुकना मौत के समान 










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