Safalta Aapki
Thursday, May 26, 2022
सफलता के आध्यात्मिक नियम पार्ट 9विजय माला में आना है कभी संशय नकरें निश्चय बुद्धि बने। कई बार माया से हारते हैं किसी ने गुस्सा किया हमने भी किया किसी ने गलत बोला हमे चुप रहना था वहा बोले। अपने दिल को बङा बनाओ अपनी बुद्धि को बङा बनाओ।सदा ऊंची स्थिति के श्रेष्ठ आसन पर स्थित रहने वाली माया जीत महान आत्मा भवशांती का दूत बन सबको शांति दो यही आपका काम है।
Monday, May 9, 2022
सफलता का अध्यात्मिक नियम पार्ट 9
संग का रंग बहुत चढ़ता है। तुम सब रावण की जेल में हो।अशोक वाटिका में बैठे हैं जिससे राम आकार ही बचा सकेंगे।
में और मेरे पन की अलाए खाद को समापत करना ही रियल गोल्ड बनना है।
सब से बहुत मीठी बोली बोलनी है। गलत संग से संभालनी है।
मैं और मेरा परमात्म इस विधि द्वारा जीवन मुक्त स्थिति का अनुभव करने वाले सहज योगी भव।
Saturday, May 7, 2022
सफलता के आध्यात्मिक नियम पार्ट 8
तपस्या बड़ा से बड़ा समारोह है। तपस्या से नई दृष्टी नई सृष्टि मिलती है गुणों को दिखने वाली बन जाती है। बोलने का चलने का सोचने का तरीका बदल जाता है। परमात्मा दूर होते पास महसूस होते हैं। देवी गुण आते जाते हैं। हर घड़ी नवीनता आती है।
ज़िंदगी में दुआ लें। दुआ ज़िंदगी को आसान बना देती है। दुखो को टाल देती हैं।
असली घर तो परमात्मा का घर है दुनिया का घर घर तो आपका काम है और काम में तो परेशानी चलती रहती हैं। उन परेशानियों से घबराओ मत।
जो आप बोलते हो उस में सरलता मधुरता सत्यता पवित्रता आनी चाहिए।
हरेक को कुछ ना कुछ देना है। लेना नही है। देने में लेना समाया हुआ है।
अपनी स्थिति मजबूत रखना है बेडौल रखना है।
जो गाली देता है उसका भी बलहरी क्यू कि बहुत पाप होते हैं वो कटे वो हल्के हुए। इससे सहन शक्ति बढ़ेगी। तो बुरा हुआ या अच्छा हुआ ? परमात्मा किसी ना किसी रूप में परीक्षा लेती ही है। खुद खुश रहो ओरो को भी खुश रखो। सफलता के सितारे हो ये मानते हो जहां देवी गुण होते हैं वहा सफलता प्राप्त होती है। विजिय का चेहरा हमेशा हर्षित रहता है।
स्वयं भी डायमंड हो और आपका जीवन भी डायमंड है। तपस्या करनी है तपस्या मतलब परमात्मा को याद करो। सहज योगी बनो।
सुध संकल्प और श्रेष्ठ संग वाले हमेशा खुश रहेंगे।
Tuesday, May 3, 2022
Monday, May 2, 2022
सफलता के अध्यात्मिक नियम
किसी को दुख नही देना। क्रोध नही करना पाप गति को जानते हुए कोन सा कर्म नही करना।
दान भी पात्र को देना है। इस पाप की दुनिया को पुन्य की दुनिया बनाना है। श्रेष्ठ मत से विकारो से बचे रहोगे और श्रेष्ठ बनोगे अपनी मन मत पर मत चलो।
पाप क्यू करते हो अपना खर्चा कम कर दो। कर्जा लेकर भी शादी में लगाते हैं उन्हे पतित बनाते हैं। फिर सहन भी करना पड़ता है।
मीरा ने भी कृष्ण जी के लिए सहा ना। ऐसा पुरषार्थ करो जो बाप दादा से उच्च जाओ। माया से हारे हार माया से जीते जीत। मन संकल्प करेगा पर कर्म बुद्धि विवेक से करना।
घर में रहो पर पवित्र रहो। तुम्हारी लाइफ में रॉयल्टी झलकनी चाहिए। दान करने से पुण्य नही है दान वो है जो पुण्य कार्य में लगाया जाए।
रेगुलर पढ़े बिना उच्च पद पर नही जा सकते
मान शान का त्याग करने से सब के माननीय बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
Sunday, May 1, 2022
सफलता के आध्यात्मिक नियम
परमात्मा के पास जाने के लिए टिकट है ज्ञान बीजा है पवित्रता, वहा की मनी है निस्वार्थ की सेवा दुआएं
कर्मो का हिसाब किताब चलता है किसी के आपने 100साल पहले लिए उसे 100बाद ब्याज सहित देना पढ़ेगा सौ साल पहले 10गाली दी ब्याज सहित सुन्नी पड़ेगी किसी को धोखा दिया ब्याज सहित धोखा खाना पड़ेगा। खुद हिसाब लगाओ ब्याज कितना हुआ।
जो सोचते हैं बोलते हैं करते हैं उससे कर्म बनते हैं और हर का फल भुगतना पड़ेगा।
पवित्रता,शुद्ध भोजन, ध्यान,
मुरली सुनना ( सत्संग) सत्य सरुप बनना।
किसी भी बुराई को टच ना करें।
सत्यता, पवित्रता ,निर्भयता, सभ्यता , अंतर्मुख्ता , वेराग्यवर्ती, अनिच्छा, उपविरामवृति, एकांत वासी, समेट ने की शक्ती, एकाग्रता, कृतज्ञता अकनामी सरलता, करुणा उदारता मधुरता गंभीरता सहन शीलता, निर्हणकारी, आज्ञाकारी,ईमानदारी, फरमान व्रदारी
Thursday, April 28, 2022
मानव तू स्वार्थी क्यों ?
मनुष्य तू स्वार्थी क्यों ?
मै माउंट आबू आई हूं इस वक्त ज्यादातर लोग ऑडिटोरियम देखने गए हैं और मैं आम के पेड़ के नीचे छाया में बैठी हूं आम के पेड़ पर आम लगे हुए हैं जिन्हें देख कर मेरे मन में ये आर्टिकल लिखने की प्रेरणा हुई। मे इस पेड़ को देख सोच रही हूं पुरी सृष्टि सेवा में लगी है और एक हम मानव हैं जो अपने स्वार्थ से ऊपर नही उठते ये धूप सहता गर्मी सहता है पतझड़ सहता है बारिश सहता है और सब कुछ सहने के बाबजूद हम लोगो को धूप से बचाते हैं गर्मी से बचाते हैं बारिश से बचाते हैं खाने के लिए फल देते हैं छाव देते हैं और हम इन्हे अपने स्वार्थ के लिए कटवा देते हैं पुरी श्रष्टि मानव की सेवा करती है और हम मानव अपने स्वार्थ से ऊपर नही उठते😊
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