Saturday, May 7, 2022

सफलता के आध्यात्मिक नियम पार्ट 8

तपस्या बड़ा से बड़ा समारोह है। तपस्या से नई दृष्टी नई सृष्टि मिलती है गुणों को दिखने वाली बन जाती है। बोलने का चलने का सोचने का तरीका बदल जाता है। परमात्मा दूर होते पास महसूस होते हैं। देवी गुण आते जाते हैं। हर घड़ी नवीनता आती है।

ज़िंदगी में दुआ लें। दुआ ज़िंदगी को आसान बना देती है। दुखो को टाल देती हैं।
असली घर तो परमात्मा का घर है दुनिया का घर घर तो आपका काम है और काम में तो परेशानी चलती रहती हैं। उन परेशानियों से घबराओ मत।

जो आप बोलते हो उस में सरलता मधुरता सत्यता पवित्रता आनी चाहिए।

हरेक को कुछ ना कुछ देना है। लेना नही है। देने में लेना समाया हुआ है।

अपनी स्थिति मजबूत रखना है बेडौल रखना है।
जो गाली देता है उसका भी बलहरी क्यू कि बहुत पाप होते हैं वो कटे वो हल्के हुए। इससे सहन शक्ति बढ़ेगी। तो बुरा हुआ या अच्छा हुआ ? परमात्मा किसी ना किसी रूप में परीक्षा लेती ही है। खुद खुश रहो ओरो को भी खुश रखो। सफलता के सितारे हो ये मानते हो जहां देवी गुण होते हैं वहा सफलता प्राप्त होती है। विजिय का चेहरा हमेशा हर्षित रहता है।
स्वयं भी डायमंड हो और आपका जीवन भी डायमंड है। तपस्या करनी है तपस्या मतलब परमात्मा को याद करो। सहज योगी बनो।

सुध संकल्प और श्रेष्ठ संग वाले हमेशा खुश रहेंगे।

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