संग का रंग बहुत चढ़ता है। तुम सब रावण की जेल में हो।अशोक वाटिका में बैठे हैं जिससे राम आकार ही बचा सकेंगे।
में और मेरे पन की अलाए खाद को समापत करना ही रियल गोल्ड बनना है।
सब से बहुत मीठी बोली बोलनी है। गलत संग से संभालनी है।
मैं और मेरा परमात्म इस विधि द्वारा जीवन मुक्त स्थिति का अनुभव करने वाले सहज योगी भव।
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