परमात्मा के पास जाने के लिए टिकट है ज्ञान बीजा है पवित्रता, वहा की मनी है निस्वार्थ की सेवा दुआएं
कर्मो का हिसाब किताब चलता है किसी के आपने 100साल पहले लिए उसे 100बाद ब्याज सहित देना पढ़ेगा सौ साल पहले 10गाली दी ब्याज सहित सुन्नी पड़ेगी किसी को धोखा दिया ब्याज सहित धोखा खाना पड़ेगा। खुद हिसाब लगाओ ब्याज कितना हुआ।
जो सोचते हैं बोलते हैं करते हैं उससे कर्म बनते हैं और हर का फल भुगतना पड़ेगा।
पवित्रता,शुद्ध भोजन, ध्यान,
मुरली सुनना ( सत्संग) सत्य सरुप बनना।
किसी भी बुराई को टच ना करें।
सत्यता, पवित्रता ,निर्भयता, सभ्यता , अंतर्मुख्ता , वेराग्यवर्ती, अनिच्छा, उपविरामवृति, एकांत वासी, समेट ने की शक्ती, एकाग्रता, कृतज्ञता अकनामी सरलता, करुणा उदारता मधुरता गंभीरता सहन शीलता, निर्हणकारी, आज्ञाकारी,ईमानदारी, फरमान व्रदारी
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