Monday, November 2, 2015

विरोध क्यों करते हैं लोग \

          
               

मै आप से पूछती हूँ कि जब कोई कुछ करना चाहता है तो उस का विरोध क्यों करते है \ अगर आप कुछ करना चाहे जिससे किसी का कोई नुकसान नही है और फिर आपके परिवार वाले दोस्त या रिलेटिव या अन्य कोई आप को रोकें तो आपको कैसा लगेगा \ अछा नही लगेगा ना । तो फिर आप दुसरो को क्यों रोकते हो या अपनी क्यों थोपते हो  ये जेल्सी है \ फितरत या उनकी चिंता है \ देखिए अगर फितरत है तो इसे बदल दीजिए और अगर चिंता है तो सही से आत्मविलोकन कीजिए और साथ दीजिए। किसी ने सही कहा है कि  

**हर किसी को मुकमल जहाँ नही मिलता किसी को  जमीं किसी को आसमा नही मिलता]]  

 कही ना कही ये जेलसी ही है। चलों में आप को एक छोटी सी कहानी सुनती हूँ &

एक बार कोई इंसान शिप के अंदर एक खुले ड्रिम में केकड़ों चढ़ा रहा था एक बजुर्ग से ये देखकर रहा ना गया और बोला भाई आप ये क्या कर रहे हो ये डर्म में से निकल कर सारे में फेल जायेगे। वह इंसान बोला कि अंकल इनसे घबराने की आवश्कता नही है जब भी एक केकड़ा बहार निकलने की कोशिस करेगा तो दस केकड़े मिलकर उसे पीछे खींच लेगें ।  

हम भारतीयों की तुलना भी केकड़ों से की जाती है जब एक आगे बढ़कर कुछ करना चाहता है तो और दस लोग मिलकर उसे पीछे खीचने लग जाते है। कुछ तो ऐसे लोग होते हैं जिन का उस काम से कुछ लेना देना नही होता । आप जानते हो कि ऐसा काम कौन  से  लोग करते हैं ? जिन लोगो में कुछ कर दिखने का जज्बा नही होता । जिन लोगो में कुछ करने का जज्बा होता है वे लोग ओरो को आगे बढ़ाने में हमेशा सहयोग करते हैं और खुद आगे कैसे बढ़ा जाए ये सीखने की कोशिस में रहते हैं । लेकिन एक बात कहु  जो लोग पीछे खींचने की कोशिस करते हैं इनसे  भी हमे अनुभव मिलते हैं । और कहते कि -
" हमारे शत्रु हमारा विरोध इसलिये करते हैं क्युकि वे हमसे शत्रुता रखते हैं जब कि शुभचिंतक हमारा विरोध इसलिए करते हैं क्यु कि वे चाहते हैं कि हम असफल या बर्बाद ना हो "

कड़वे अनुभवों से क्यों घबराते हो \ कोई भी पढ़ने की बजाए प्रक्टिकल से अधिक सीखता है। कड़वे अनुभवों से जीवन में काम आने वाली सीख मिलती है।अनीता कहती है कि       
]]अगर आपने अपने जीवन में कड़वे अनुभवों का स्वाद चखा है तो इससे आप में परिपक्ता आती है । आप का सामना जब दोबारा किसी विस्म परिस्थिति से होता है तो पहले की भाति डर का भाव नही रहता। निडर हो कर उसका मुकाबला करने के लिए तैयार हो जाते हो]]   
      
''जिंदगी सबसे अछी अध्यापक है ज्यादतर वक्त जिंदगी से बातें नही करती ये आपको धक्का देती है। हर धक्के के जरिए जिंदगी आपसे कहती है ,जाग जाओ । में तुम्हे कुछ सीखना चाहती हू " 

जिंदगी हर इंसान को धक्का देती है जो कमजोर प्रवर्ति के होते हैं , वो हार जाते हैं और जो मजबूत प्रवर्ति के लोग हैं वो सीख लेकर आगे बढ़ जाते हैं। जो लोग हिम्मत हार जाते हैं  वे लोग जिंदगी के थपेड़ो के सामने घुटने टेक देते है और समय बदलने का इंतजार करते हैं। आप को एक बात माननी होगी कि आप किसी भी परिस्थति या इंसान को नही बदल सकते आप खुद को बदल कर ही उन्हें फेस कर सकते हो।

कड़वे अनुभव अवरोधों को पार करने की छमता बढ़ाते हैं %& कई बार हम जीवन में कर्तव्यविमूढ़ होते हैं तो ये कड़वे अनुभव हमे उस परिस्थिति से उबार लेते हैं और सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करते हैं । जब हमारे साथ कुछ गलत घटना घटती है तो वो हमे अछी नही लगती लेकिन धीरे धीरे हमारी समझ में आ जाती है कि इसमें भी हमारी भलाई थी। जे न यु में मनोविज्ञान के प्रोफेसर अरविंद मिश्रा कहते हैं कि
]]अगर आप कठनाईओं की दौर से गुजरते हो तो ये अनुभव आपको कठनाईओं से मुकाबला करना सीखा देता है आप में विरोध करने की क्षमता विकसित कर देता है जो जीवन में बहुत काम आती है**       

ठोकर लगने पर चलना न छोड़ें] ठोकर को सीढ़ी बना लें %&ज्यादातर लोग क्या करते हैं कि एक बार ठोकर लगते ही या एक बार असफल होते ही रास्ता बदल देते हैं। और किस्मत को दोष देना शुरू कर देते हैं या किसी और के सिर दोष मड़ देते हैं। जब की विश्लेषन करने की जरूरत होती है की असफल क्यों हुआ \ मनोवांछित फल क्यों नही मिला \ उससे एक एक कमी नजर आने लगेगी। उस कमी का सुधर करते जाएं । 

" हर इंसान सफल तो होना चाहता है लेकिन सफलता के लीए जो तैयारी की जाती है ,उसकी कीमत देने के लिए हर इंसान तैयार नही होता" 

ठोकरे ही इंसान को सफल व् मजबूत बनतीं  है। आप ने देखा भी होगा की जिन लोगो का जीवन साधारण होता है] अधिक उतार चढ़ाव नही आते वे लोग साधारण इंसान बन कर ही रह जाते हैं। और जिन लोगो के जीवन में जितनी अधिक समस्याऐ आती हैं वो इतना ही मजबूत व् कामयाब हो कर निकलता है। कहते हैं कि इंसान की जिम्मेदरी ही इंसान को लायक बनती है। जिन लोगो पर जिम्मेदारी नही पड़ती व् बुढ़ापे तक भी कमा कर नही खाह पाते। और जिन पर जिम्मेदरी पड़ती है वे छोटी सी उम्र में कामयाब हो जाते हैं। जब हमारे साथ कुछ गलत होता है तो शुरू शुरू में गलत लगता है लेकिन बाद में समझ आ जाता है की इसमें भी हमारी ही भलाई छिपी थी। इसलिए ठोकर लगनी भी जरूरी हैं।      
                                                          
परिस्थति चाहे जो भी हो] नजरिया पॉजिटिव होना चाहिए %& कई बार ऐसे हादसे होते हैं कि इंसान कुछ दुबारा करने की सोच ही नही पता। अगर पॉजिटिव नजरिया हो तो हादसों से उभरने में मदद मिलती है। नेगेटिवटी हावी नही हो पाती जिसकी वजह से बिना दिक्क्त के आगे बढ़ा जा सकता है तभी तो कहते है कि उम्मीद का दामन थामे रखना चाहिए ।


हमेशा खुश रहने की कोशिस करें %& हमेशा खुश रहना सम्भव नही है लेकिन खुश रहने की कोशिस तो कर सकते हैं। जो लोग हमेशा दुखी रहते हैं ऐसे लोगो को कोई भी पसंद नही करता। अगर आपकी लाइफ में कोई दिक्क्त है तो उसका स्लूसन ढूढे उसे पकड़ कर ना बैठे । अगर आप ऐसा नही करोगे तो आप रुक कर खड़े हो जाओगे और अपनी जिंदगी में कभी भी आगे नही बढ़ पाओगे ।    

 



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