Thursday, November 19, 2015

अपनी योग्यता पहचानें

                                                                       
                                                      
 कोई भी फिल्ड हो उसमें व्यवस्था बनाए रखने के लिए पतिभा की जरूरत होती है। समाजिक हो राजनितिक हो या धार्मिक ही क्यों न हो सभी के  सुचलन के लिए एक कुशल व्यक्ति की जरूरत होती है। एक ऎसे व्यक्ति की जरूरत होती है जिसमे अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए समझदारी सहास और ईमानदारी से कार्य करने की क्षमता हो।प्रतिभा अपनी अनुभव कुशलता और नैसिगरता से अनेक रचनात्मक व् कल्याणकारी विचारों को जन्म देती है और अपनी अनोखी योजना से की व्यवस्था एक अलग पहँचान देती है।प्रतिभावान व्यक्ति की लाइफ की डिक्सनरी में असंभव श्ब्द नही होता। जहां प्रतिभा होती है वहा व्यवस्था का तो कोई मतलब ही नही बनता। व्यवस्था खुद पर खुद बन जाती है।प्रतिभा किसी इंसान को नही कहा गया प्रतिभा का मतलब है सहास] शौर्य] समझदारी]ईमानदारी और जिम्मेदारी।जहां ये पांच हैं वहा व्यवस्था चरम पर होगी।  


सोच व्यवहारिक हो%& दूसरो की कामयाबी देखकर उस जैसा बनने का सपना ठीक नही है। आप किसी की कामयाबी को देखकर प्रेरित जरूर हो पर उसके सघर्षो से सीखना का प्रयास जरूरी है अपने लिए कोई लक्ष्य या मजिल तय करने से पहले  योग्यता व क्षमता को आंके । अगर आपको लगता है कि आपने अपना लक्ष्य अपनी योग्यता व क्षमता से बड़ा तय किया है तो एक  बार पुनः विचार करें ।

सुने सब की करें अपने मन की%&  जब भी आप अपनी लाइफ में कुछ करना चाओगे तो कुछ लोग उसमे कई कमियां व गलतियां बता कर पीछे हटने के लिए कहते हैं। परंतु आप ये  ध्यान रखना कि जब तक आप नैगेटिव लोगों की सुनते रहोंगे या उन की बातों पर ध्यान देते रहोगे तब तक आप किसी भी  फिल्ड में सक्सेस नही हो सकते।आप किसी भी कामयाब इंसान की बातें  करो उनमे एक बात कॉमन मिलेंगी की उन्होंने अपने मन की सुनी मन की करी। उन्होंने सब का विरोध झेला। लेकिन दुसरो के मुताबिक नही चले सामने वालों को मनाया या उनके विरोध करने के बाबजूद अपनी राह पर चलने की हिम्मत जुटाई। और एक दिन कामयाब हुए और फिर विरोधी भी साथ हो लिए ।
अलग बनाएं अपनी राह %&हर इंसान अपनी अलग पहंचान बनाना चाहता है। और ये जरूरी भी नही है कि जो कार्य दुनिया करती आई है वो हम भी करें। जिस कार्य में अपनी रूचि हो वो कार्य निसंकोच करना चाहिए। और जो लोग अपनी प्रवर्ति को जानते व् समझते हुए उसके मुताबिक कैरियर चुनते हैं और ओरो की  परवाह किये बिना अपनी मंजिल की राह पर चलते हैं वे एक दिन अपनी मजिल पा लेते हैं। लेकिन ये इच्छा तभी पूरी हो सकती है जब हम उसके सभी मानकों को पूरा करते हुए बेजोड़ प्रयास करें। दुसरो की नकल से तो पहचान मिलनी मुशिकल है। किसी दिक्क्त में जरूर आ सकते हो इसलिए दुसरो की कॉपी करने की बजाए अपनी क्वालटी पहचानें और उसे निखारे। जिस काम को करते हुए आप उसमे डूब जाएं] थके ना उसे करते हुए आप और सब कुछ भूल जाए आप को दुनिया की प्रवाह न रहे। कमको एन्जॉय करो तो  सोच लो यही आपका टैलेंट है इसी में आपकी पहचान बनेगी अगर आप दुसरो की देखा देखी कर रहे हो तो इसका मतलब है कि आप अपनी पसंद को नही पहंचान पा रहे। इसके लिए खुद के साथ वक्त बिताए। देखे की आप किस काम को इंजॉय करते हो इससे आपको अपनी पसंद एक दो हफ्ते में पता चल जाएगी। अगर तब भी निर्णय नही ले पा रहे हो तो किसी काउंसलर से  मिलें। 

अपनी प्रतिभा को निखारें %& कामयाबी पाने लिए अपनी योग्यता को बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। अपने टैलेंट को पहंचान कर उसे तराशना व निखरना जरूरी है। आज हर तरफ अपडेट स्किल की मांग है तो ऐसे में कोर्स करना या डिग्री लेना ही काफी नही है । इसके लिए जरूरी है की आप अपने क्षेत्र में एंट्री के लिए स्किल को सीखते व अपडेट करते रहें। आप सोचो  कि  क्या आप अपने पद से जुडी सभी जिम्मेदारियो को ईमान दारी से निभाते हो \ आने वाली चुनौतियों को हँसते हुए स्वीकार करते हो \ क्या वक्त के साथ बदलने में बिलीव करते हो \ क्या अपनी योग्यता व क्षमता बढ़ाने के लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तैयार हो अगर आपके अंदर ये सारी क्वालटी हैं तो आपको नया काम हाथ में लेने में डरने की जरूरत नही है। अगर आपके अंदर टैलेंट की कमी है तो आप स्किल बढ़ाने पर ध्यान दें ।  
  
प्रतिभा को निखारने के लिए ये ६ गुण जरूरी हैं :- ईमानदारी अखंडता आत्मानुशासन सीखने की क्षमता विश्वनीयता लग्न अछा चरित्र जब तक ये गुण नही हैं तब तक आप अपने टैलेंट को नही निखार सकते । आप किसी भी इंसान के गुणो व् योग्यताओं की प्रसंसा तो कर सकते हो लेकिन अच्छे चरित्र के बिना विश्वास नही कर सकते। किसी भी नए काम को करने में परेशानी तो आती हैं कुछ गलतियां भी होती हैं लेकिन सफल रिकॉड वही बनाते हैं जो गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ते हैं । 

पॉजिटिव एटीट्यूट जरूरी है :-स्किल डेवलप की राह पर चलते समय इतना ध्यान  जरूर रखें कि दुसरो से सिखने के लिए विन्रम व्यवहार जरूरी है । नम्र व्यवहार रखकर ही आप कुछ सीख सकते हो । नम्र व्यवहार से ही आपको एंट्री मिल सकती है । आप ये घमंड न करें की आप को  सब कुछ आता है सीखने की प्रक्रिया तो उम्र भर चलती है । आशा वादी रहें आशा वादी लोग ही वास्तविक उनत्ति करते हैं ।  आशावादी लोग ही मन लगाकर काम करते हैं। कठिन मेहनत से ही सफल होना संभव है। इसलिए जो भी काम करो  प्रसन्ता से करो पूजा मानकर करो     
       
     ]]वर्क इज वर्शिप]]  
                                         
 कृतम सुख के पीछे भागने की बजाए] उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहें   "
   & ए पी जे अब्दुल कलाम   
कर्म के बिना आस्था एक भटकाव बन जाती है , आस्था चम्त्कारो का इंतजार नही करती , बल्कि चमत्कारो को जन्म देती है 
                                                               - हेनरी फोर्ड 
                     
डर व् संकोच को दिल से निकाल फेंके%& आप का डर व संकोच आपको कुछ भी नही करने देगा। दुसरो की कामयाबी देखकर आप प्रेरित तो हो जाते हो लेकिन जब उसे पाने की डगर पर चलते हैं तो फैल होने का डर लगा रहता है। अगर आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए जरूरी क्वालटी को समझते हैं और सामर्थ्य पर भरोसा करते हैं तो आप जरूरत के अनुसार अपनी क्षमता को बढ़ा कर अपने डर पर काबू पा सकते हो। ऐसा करने के लिए सबसे पहले अपने टैलेंट को जानें। हो सकता है की आप को इस फिल्ड की जानकारी ज्यादा न हो लेकिन ये सोचना छोड़ कर अपनी योग्यता को निखारने का प्रयास करें। ऐसा करने से आपकी योग्यता निखरने लगेगी जिससे आपका मनोबल बढ़ेगा।जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाए ये विश्वास जरूर रखें कि उसमें कामयाबी जरूर हासिल करेंगे इसके लिए हाथ पर हाथ रख कर ना बैठे स्ट्रेटेजी बनाकर विश्वास के साथ काम करें। 






    


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