
1 रिस्तो में फॉर्मेल्टी ना निभाए :-किसी ने सही कहा है कि -
"ऐसे ढेरो लोगो से अच्छे हैं जिनके सामने आपको बनावटी होना पड़े, आपकी लाइफ में बहुत थोड़े लोग हों, जिनके सामने आप खुल कर जी सकें "
हर इंसान को अपना बनाने की कोशिस ना करें । और जिन लोगो से आप खुश हो, जिनको आप खुश रख सकते हो, जिनसे आप मदद ले सकते हो , जिनकी आप मदद करना चाहते हो ,उन्हीं को अपनी लाइफ में रखिये उन्हें खुश रखने की कोशिस कीजिये। बिना मतलब के दोस्त व रिलेटिव आपका समय बर्बाद करेंगे ,आपको पीछे धकेलेंगे । जार्ज वाशिगं ने कहा था -
" सभी के साथ विन्रम रहें ,पर कुछ ही के साथ अंतरंग हो ,और इन कुछ को अपना विश्वास देने से पहले अच्छी तरह परख लें "
"ऐसे ढेरो लोगो से अच्छे हैं जिनके सामने आपको बनावटी होना पड़े, आपकी लाइफ में बहुत थोड़े लोग हों, जिनके सामने आप खुल कर जी सकें "
हर इंसान को अपना बनाने की कोशिस ना करें । और जिन लोगो से आप खुश हो, जिनको आप खुश रख सकते हो, जिनसे आप मदद ले सकते हो , जिनकी आप मदद करना चाहते हो ,उन्हीं को अपनी लाइफ में रखिये उन्हें खुश रखने की कोशिस कीजिये। बिना मतलब के दोस्त व रिलेटिव आपका समय बर्बाद करेंगे ,आपको पीछे धकेलेंगे । जार्ज वाशिगं ने कहा था -
" सभी के साथ विन्रम रहें ,पर कुछ ही के साथ अंतरंग हो ,और इन कुछ को अपना विश्वास देने से पहले अच्छी तरह परख लें "
2 हर कार्य में परफेक्ट दिखने की कोशिस ना :- क्योंकि हर इंसान हर काम में परफेक्ट नही हो सकता । अगर आप हर कार्य मे परफेक्ट बनने की कोशिस करेंगे तो आप किसी भी कार्य में परफेक्ट नही हो पाएंगे। क्युकी आप कोई कार्य बहुत अच्छा कर सकते हो और कोई कार्य आप बिलकुल भी नही कर सकते ।
3 जिन से मिलकर आप डाउन फील करते हो, ऐसे लोगो से दूर रहें :- जिनसे आप खुद को कम आंकते हो,जिनसे मिलकर आपके मन में नेगेटिव थोट आते हो, जिनसे मिलकर आपकी मानसिक शांति भंग होती हो, ऐसे लोगो से मिलना अवॉयड करें। और अगर अगर ऐसे लोगो से मिलना जरूरी है और आपको नीचा दिखाते हैं तो ऐसे लोगो की बातें इग्नोर करें ।
4 जो नही चाहते वो सोचना बंद करें :- वो सोचो जो लाइफ में चाहते हो , वो नही जो नही चाहते। अगर आप अपनी कमियों के बारे में सोचोगे, तो आपकी ये सोच कमियों को ही अपनी तरफ अट्रेक्ट करेंगी। आप जैसा भविष्य मे चाहते हो वैसी ही कल्पना करो । b k शिवानी का कहना है कि -
" भविष्य मनुष्य की स्वयं की रचना है ''
और किसी अज्ञात व्यक्ति ने कहा है कि -
" भुत काल व्याकुल करे ,या भविष्य भरमाए जो वर्तमान विचरण करे तो जीना आ जाये "
5 दुसरो को खुश करने के चक्कर में अपने असूलों से समझौता ना करें :-आप किसी को कितना ही खुश करने की कोशिस करें, आप हर किसी को खुश नही कर सकते । क्यों कि खुश होना सामने वाले के नैचर पर डिपेंड करता है। और हर इंसान का नेचर अलग है, आप किसी के नैचर को नही बदल सकते।
4 जो नही चाहते वो सोचना बंद करें :- वो सोचो जो लाइफ में चाहते हो , वो नही जो नही चाहते। अगर आप अपनी कमियों के बारे में सोचोगे, तो आपकी ये सोच कमियों को ही अपनी तरफ अट्रेक्ट करेंगी। आप जैसा भविष्य मे चाहते हो वैसी ही कल्पना करो । b k शिवानी का कहना है कि -
" भविष्य मनुष्य की स्वयं की रचना है ''
और किसी अज्ञात व्यक्ति ने कहा है कि -
" भुत काल व्याकुल करे ,या भविष्य भरमाए जो वर्तमान विचरण करे तो जीना आ जाये "
6 पास्ट में ज्यादा ताका झांकी ना करें : - जो पास्ट में दुःखद हुआ है उसे सीख लें और आगे बढ़ जाए । जावेद अख्तर जी ने कहा है कि -
" पास्ट के उन्ही पलों को याद करो जो तुम्हें शकुन देते हो ,या जिनसे कुछ सबक लें सको "
जयललिता ने कहा था -
" अगर आप लगातार पीछे ही देखते रहेंगे और जो हो चूका है उसी का राग अलापते रहेंगे ,तो आप आगे नही बढ़ पायेंगे "
" जिस नजर से आप दुनियां को देखेंगे ,ये दुनियां आपको वैसी ही दिखेगी "
8 दूसरों से तुलना करना छोड़े :- दोस्तों ! परमात्मा ने हर इंसान को यूनिक बनाया है। इसलिए दुसरो के जैसे बनने की बजाए अपनी क्वालटी पहंचानो। और अगर आप अपनी क्वालटी नही पहंचान पा रहे हो तो किसी कांउसलर से सलाह लो। जिससे आप तुलना कर रहे हो, हो सकता है आप अपनी फिल्ड में उससे भी बेहतर हो। आप अपनी फिल्ड में उससे आगे जा सकते हो। फर्क सिर्फ ये है की आपका कॉम्पिटिटर आप पर ध्यान ना देकर अपनी क्वालटी को निखार रहा है, अपनी क्वालटी बढ़ा रहा है। और आप उससे तुलना करके अपना समय व एनर्जी बर्बाद कर रहे हो ।