Saturday, January 21, 2017

क्यों आ जाती है रिस्तो में खटास ?



Image result for risto me dararदोस्तों ! इंसान के दिलों में प्रेम भगवान का सबसे अच्छा उपहार है । ये उपहार जिसके पास जितना अधिक है उतना ही वो इंसान खुश नसीब है । और जितना जिसके जीवन में प्रेम का अभाव है सोच लो वो उतना ही निर्भाग है । 

दोस्तों भगवान ने तो हर इंसान के दिल में प्रेम दिया है। लेकिन इंसान ने अपने कर्मो से किसी ने उस को ठुकरा दिया है।  और किसी ने अपने कर्मो से और अधिक प्राप्त किया है । क्यों आ  जाती है रिस्तो में  खटास  ? 

1 ईर्ष्या :- दोस्तों हर इंसान अपने कर्म , बुद्धि , योग्यता  व भाग्य के अनुसार जीवन में सक्सेस या अनसक्सेस होता है।लेकिन अन्सक्सेस इंसान, सक्सेस इंसान से ईर्ष्या वश कटने लगता है अपने फैलियर व दुःख की वजह दुसरो को मानने लगता है । जिसकी वजह से रिस्तो में कड़वाहट आने लगती है । रामदेव बाबा ने कहा है कि -

" हमारे सुख दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या विपरीत परिस्थितियां नही हैं अपितु हमारे अच्छे या बुरे विचार होते हैं "


2 लालच :- कुछ लोग कच्चे लालच में आकर रिस्तो को बखेर कर रख देते हैं । जब की किसी का हिस्सा मार कर या बेईमानी से जीवन में आगे नही बढा जा सकता। आपने देखा भी होगा कि जो लोग अपने पार्टन  के साथ चीटिंग करते हैं वे उस समय तो खुश हो जाते हैं लेकिन बाद में जीवन भर दुःख पाते हैं । 

3 घमंड :-  कई लोग घमंड के चलते रिस्तो को वैल्यू नही देते इसलिए रिस्तो में दरार आ जाती है।  " डाउन टू अर्थ बनो "

मतलब जमीन से जुड़े रहो। क्यों कि अगर जीवन में कभी गिरे तो जमीन पर चोट कम लेगी। और अगर आकाश से गिरे तो कही के नही रह पाओगे । कहते हैं कि -

" घमंड को आने मत दो, स्वाभिमान को जाने मत दो ,अभिमान तुम्हें उठने नही देगा और स्वाभिमान गिरने नही देगा''

4 गलत फेमियां :- दोस्तों ! ज्यादातर रिस्तो के टूटने की वजह गलत फेमियां बनती हैं । इसलिए हमेशा रिस्तो में खुल कर बातें करें । कहते हैं कि -

" सबको उसी तराजू में तोलिए जिसमे खुद को तोलते हो ,फिर देखना लोग उतने भी बुरे नही हैं जितना हम समझते हैं "

5 अविश्वास :- दोस्तों ! घरो में बच्चो को पैरेंट्स पर विश्वास नही होता और कई पैरेंट्स को अपने बच्चो पर विश्वास नही रहता । कई लोगो को देखा है कि बच्चे पैरेंट्स से बातें छिपाते हैं और कई पेरेंट्स अपने बच्चो से ही अपनी जमा पूंजी छिपाते हैं जब की एक दूसरे के पूरक हैं ना पैरेंट्स बच्चो के बिना रह सकते हैं और ना बच्चे पेरेंट्स को छोड़  खुश रह सकते हैं । 

6  अज्ञानता :- कई लोग दुसरो के कहने में आकर अपने परिवार से अलग हो जाते हैं । कई घरो में तो बड़े ही घर को तोड़ने का कारण बन जाते हैं । 





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