Monday, January 2, 2017

उदास दिनचर्य से कैसे बचें !!!





Image result for udas in hindiदोस्तों ! जो लोग हमेशा उदास रहते हैं वे किसी भी कार्य में रूचि नही लेते, किसी भी कार्य से खुश नही होते। ऐसे लोग जहां भी जाते हैं वहां दुःख पीड़ा व क्लेश ही लेकर जाते हैं। हर चीज के नेगेटिव पहलू को देखते हैं। उदासीन व्यक्ति खुद तो कभी खुश नही रह सकते, बल्कि दुसरो की खुशियो पर भी ग्रहण लगा देते हैं । जब की स्वेट मार्डन का कहना है  -   

" संसार में कोई भी व्यक्ति दुखी और दरिद्र होने के लिए नही आया।  किसी का जन्म इसलिए नही हुआ कि वह उदासी फैलाकर दुसरो को भी दुखी करे। जब कि उदासी , दुःख क्लेश के विचार पैदा करने वाले लोग चारो ओर एक जहर सा फैलाते हैं " 


उदास लोगो के सामने आप कितने ही प्रसन्न व उल्लास से जाएं ,आपको उनके सामने हंसते व बोलते हुए संकोच होगा । आपके चेहरें से ख़ुशी गायब हो जाएगी ।  आपको ऐसा लगेगा कि आप कहा नर्क में आ घुसे हैं।आपका मन खीनता से भर जायेगा। उदास रहने वाले व्यक्ति के पास कोई भी खुश नही रह सकता । उदास व्यक्ति दुसरो के जीवन में भी कष्ट व चिंता भर देता है । स्वेट मार्डन का कहना है कि  -

" सचाई ये है कि सबसे भयंकर रोग उदासी है । उदासी व उदासीनता जैसी भयंकर बीमारी शायद ही कोई और संसार में होती होगी। ये अच्छे भले लोगो को भी परेशान कर सकती है " 

अगर आप किसी घटना या समस्या के कारण दुखी हैं, तो आप उस समस्या दुःख व घटना से हुई उदासी को टाल सकते हो । आपको सोचना होगा कि जो घटना घट चुकी है उस को उदासी दूर नही कर सकती । उदासी केवल दुःख का प्रदर्शन करती है । और दुखी दिखने वाला इंसान किसी को पसंद नही आता । स्वेटमार्डन ने भी कहा है कि -

" मनहूस शकलों से सभी लोग घृणा करते हैं, क्यों की ऐसे लोग ना तो कुछ कर सकते हैं, और न दुसरो को करने दे सकते हैं । आप ऐसे मत बनिए , आप समस्त रोग उदासी और भय का त्याग करके अपने कर्म करते रहिये  " 

उदासीन व्यक्ति का चित डामाडोल रहता उसके मन में संदेह व  भय बना रहता है। जिसकी वजह से सही समय पर सही डिशिजन नही ले पाता। और गलत डिशिजन की वजह से वो असफल हो जाता है। इसलिए हमेशा मुस्कराते रहिये, और विपति के समय अपने मन मष्तिक को शांत रखने की कोशिस कीजिये । अशांत मन से महत्वपूर्ण निर्णय मत लीजिये । 

दुनियां में जिन लोगो ने महान कार्य किये  हैं, वो शांत मन से निर्णय लेकर ही किये हैं। मनोविकार से ग्रस्त मन शांत नही रहता और अशांत मन से किया कार्य आपको महान नही बना सकता । आपने देखा भी होगा की जब आपके मन में कोई चिंता या भय बना होता है तो आप कोई भी कार्य अच्छी तरह  से  समय पर नही कर पाते । किसी ने सही कहा है कि -

" आखिर में आप इससे नही मापे जाते कि आपने कितना काम लिया है ,बल्कि इससे मापे जाते हैं कि आपने कितना काम सही से और समय से किया है "

कुछ कर गुजरने की साध मन में रखने वाले इंसान को, एकाग्रचित होकर ,हर समस्या, हर परेशानी को भूलकर अपना मन उस कार्य में लगाना चाहिए, जिसे कर रहे हो। नही तो दुखी व विचलित मन से कार्य को बिगाड़ बैठोंगे । 





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