
बाकि के साथी हर हफ्ते छुटी लेते महीने दो महीने में अपने घर वालो से मिलने गांव जाते और साल में एक बार कही दूर घूमने जाते । ये देखकर युवक सोचता था कि वे समय और पैसे की बर्बादी कर रहे हैं ।
जैसे जैसे साल बीतते गए उस ने महसूस किया कि बाकि और लोग उसकी तुलना में अधिक खुश हैं और अधिक प्रोग्रेस कर रहे हैं । में क्यों नही ?
जब कि ये बीच बीच मे काफी छुटटी लेते हैं, बाहर घूमने जाते हैं, अपने परिवार के साथ पिक्चर देखने जाते हैं बाहर खाना खाते हैं फिर भी ये मुझसे अच्छी तरह काम कैसे कर लेते हैं। इन के बीबी बच्चे भी इनसे खुश हैं और पैसे भी मुझसे ज्यादा बचा लेते हैं ऐसा क्यों ?
युवा की मनोस्थिति को एक बुजर्ग साथी समझ गया । वो बुजर्ग लंच समय में युवा के साथ बैठ कर लंच करने लगा ।
बुजर्ग ने युवक से मुस्कराते हुए कहा " कुछ समय खुद को दो " खुद को कुछ समय दिए बिना काम किये जा रहे हो इससे आपकी महेनत बेकार जा रही है। कुछ समय बाद रिटायर्ड हो जाओगें और आपके पास कुछ नही होगा।
युवक ने महसूस किया कि और साथी छुटटी लेने के बाद दुगनी एनर्जी से काम करते हैं और ये खुद भी खुश रहते हैं और इनके बीबी बच्चे भी इनसे खुश रहते हैं ।
बुजर्ग व्यक्ति ने हिदायत दी कि कुछ छुटटी लेकर हमे शरीर को रेष्ट देना चाहिए, परिवार को समय देना चाहिए, रिलेक्स होने के लिए कही बाहर घूमना चाहिए। और फ्री माइड होकर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने की प्लांनिग करनी चाहिए ।
इससे घर परिवार वाले भी खुश रहेगे और आगे बढ़ने के लिए सही सलाह भी देगे । अपना लक्ष्य आप तभी प्राप्त कर सकते हो जब आप समय सीमा तय करोगे , कार्य के महत्व को समझोगे और टाइम मैनेज कर के चलोगे । खुद के कार्य का निरक्षण करोगे। अन्धे होकर काम में लगे रहने से आपका समय व एनर्जी दोनों वैस्ट जाएगी ।
पर्याप्त रेष्ट किये बिना आप अपने कार्य की क्वालटी व क्वांटिटी अच्छी नही कर नही सकते । रेष्ट करने से खर्च हुई एनर्जी वापिस मिल जाती है और प्लांनिग के लिए प्रयाप्त समय मिल जाता हैं । और जितनी अच्छी प्लांनिग होती है उतना ही अच्छा कार्य होता है ।
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