Sunday, January 15, 2017

असफलता त्यागिए !!!


   
Image result for asafalta ka tyagदोस्तों ! आँखें बंद कीजिये! और कुछ पल के लिए  ' सफलता  की '  कल्पना कीजिये क्या कल्पना की ?  जीवन में सुख, शांति ,  सम्रद्धि ,आकाश को छूने वाले आंखों में सपने ? दुनियां को अपनी मुठी में लेने का साहस और मंजिल पा लेने का अटूट आत्मविश्वास। एक हँसता मुस्कराता चहरा ? रिस्तो में आत्मीयता  , दिल में सबके लिए ढेरो प्यार ।   


अब  ' असफलता की  ' कल्पना  कीजिये, जीवन में हर तरह का आभाव ,  थका हारा इंसान,  लटका मायूस चेहरा ,  अकेला, तन्हा ,आंखों में हार का डर, सब कुछ खो देने का पश्च्याताप , अपनों से अलगाव , सबसे शिकायत, दीन- हीन, लाचार, सबसे  से ना उम्मीद ,  अविश्वास, घर रिस्ते पुरी दुनियां ही उजड़ी हुई नजर आती है ।  

असफलता शब्द की कल्पना कितनी  डरावनी  है ना ? सोच कर भी रूह काँपती हैं । तो जो लोग असफल  हैं, असफलता से समझौता कर चुके हैं उन पर क्या बीतती होगी ? सफलता की कल्पना से भी सुकून मिलता है और असफलता के बारे में सोच कर भी डर लगता है । तो  फिर आप बताइये कि - जिंदगी में असफल क्यों  रहें ? संदीप महेश्वरी ने कहा है - 

" न मैदान छोड़ो ,न इंतजार करो ...  बस चलते रहो "

 - अब्दुलकलाम जी ने कहा था -
     
" अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो ,पहले सूरज की तरह जलो "


जब आप बार बार कोशिस करते रहोगे  लगे रहोगे तो आखिर में कामयाब हो ही जाओगे । 

असफल  लोग सभी को टेंशन देते हैं :-  असफल  लोग खुद जिंदगी में असफलता  से समझौता करते हैं अपनी लापरवाही  की आदत की वजह से  असफल  बनते हैं और हमेशा ऐसी बातें करेगे की वे अपनी वजह से नही दुसरो की वजह से असफल हुए हैं। लेखक मोरली कालाघन का कहना है कि -

" नाकाम होने पर कई लोग इस तरह व्यवहार करते हैं ,जिससे वे खुद को बहुत हानि पहुंचाते हैं, खुद पर तरस खाने लगते हैं और सभी को दोषी ठहराते हैं" 


" डरे  और असफल  लोग अल्फाजो के पीछे छिपते हैं "
                                                          -फिल्म 

असफल होने पर भाग्य को,  समय को, रिस्ते नाते को और तो क्या भगवान  तक को  कोसने लगते हैं :-  लेकिन ये भूल जाते हैं कि जो हमारे साथ  जो गलत हो रहा है ये हमारे ही कर्मो का दोष है । याद कीजिये जीवन में जब आपको कभी थोड़ी सी सफलता मिली,  तब आप घमंड से भर गए । उस सफलता  को आपने कर्मठता और योग्यता का परिणाम माना । जब की वहा आपको सावधान होने की आवश्यकता थी । जब भी कोई सफलता मिलती है तो वो सिर्फ इंसान की योग्यता या कर्मठता से नही मिलती उसमे प्रकृति से लेकर परिवार दोस्त व अन्य लोगो के सहयोग से मिलती है । किसी ने कहा भी है कि -

 " अहंकार रहित मन ही एक दिन जीवन में बड़ी सफलता की नीव डालती है "




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