Monday, April 25, 2022

सफलता के अध्यात्मिक नियम पार्ट 7

पुरानी देह और देह संबंधी जो दुख देने वाले हैं उनको को भूल प्रभु को याद करो
कर्मातित नही बने तो बीच मे रुक कर सजा भुगतोगे।

जब तक जीना है तब तक सीखना है।

पुरसार्थ करने वाले छिप  नही सकते। श्री मत ले पाप आत्मा बनने से बचना भी है और बचाना भी है।

किसी भी प्रकार के डिफेक्ट से परे रहना ही परफेक्ट बनना है।
चलन और चेहरे से प्योर्टी तब झलकेगी जब संकल्प में भी अपवित्रता का नाम निशान न हो

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