Thursday, December 29, 2016

नए साल में खुद को बेहतर बनाए !!!



Image result for new year 2017 me  kuch nyaa kren  in hindiदोस्तों! हर इंसान की कुछ वीकनेस होती हैं ,और इंसान अपनी इन वीकनेस को इस्ट्रेन्थ में बदलना चाहता। इसके लिए वो लाइफ में कुछ चेंजिग करना चाहता है। नई साल से ज्यादा तर कोशिस करते  हैं  कि  हम  अपनी इन  वीकनेस को कंट्रोल करें। 

दोस्तों! आपने भी इस साल अपनी किसी वीकनेस को कंट्रोल करने का सोचा होगा ?  वैसे अपनी वीकनेस को कंट्रोल करना कोई बड़ी बात नही हैं । ऐसी दुनियां में कोई आदत नही है,  कोई वीकनेस नही है जिसे आप नही बदल सकते। बस अपनी आदतों मे परिवर्तन करने के लिए खुद को तैयार करना है। महात्मा बुद्ध ने कहा है - 

"परिवर्तन कभी भी पीड़ादायक नही होता ,केवल परिवर्तन का विरोध पीड़ादायक होता है "
                               


परिवर्तन का अधिकतर विरोध बहार से नही हमारे मन  से होता है । हमारा मन परिवर्तन नही चाहता । हमारा मन परिवर्तन का विरोध करता है । क्यों कि हमारे मन को स्वछंद घूमने की आदत हो चुकी है। हमारा मन किसी बंधन में बंधना नही चाहता। आप खुद सोचें कि आपको इस साल आपनी किस वीकनेस में परिवर्तन लाना  हैं जैसे - 

1  फिजूल खर्चो पर कंट्रोल :- दोस्तों मेरे जैसे फिजूल खर्च करने वालो को इस साल अपने बजट को मैनेज करने का संकल्प लेना चाहिए।  और ऐसी प्लानिग करनी चाहिए की ज्यादा से ज्यादा saving करके अपना बजट मैनेज कर सकें । मेरी मम्मी का कहना है  -

" जिंदगी बिताया करना मीठा बोल बोल कर ,पैसा बचाया करना आत्मा घोल घोल कर, परहित में लगाया करना दिल खोल खोल कर "  


2 समय का सदुपयोग :- दोस्तों अगर लाइफ में सक्सेस चाहते हो तो जीवन का 75 % समय अपने उन कार्य को करने में ,उसकी प्लानिग करने में और उसके बारे में सोचने में लगाना चाहिए जिसमे आप सक्सेस चाहते हो। तभी आप सक्सेस हो सकते हो । ऐसा नही हो सकता की आप चाहो और ओर करो और । 

और आप भी जानते होगें की जिस नम्बर पर हम जिस कार्य को रखते हैं, उसी नम्बर पर आपको वो कार्य रखता है । अब आप सोचिये की आप किस नम्बर पर किस कार्य को देखना चाहते हो। घर को किस नम्बर पर , दोस्त को किस नम्बर पर ,बिजनिस को किस नम्बर पर । जिस को आप जिस नम्बर पर रखना चाहते हैं उस कार्य में आप उतना ही समय दीजिये।  आप  उसी नम्बर पर पहुंच जाओगे। नम्बर 1 पर आप बिजनिस रखना चाहते हो तो बिजनिस पर नम्बर1 का समय दीजिये । ऐसा तो नही हो सकता की आप नम्बर 1 दोस्तों को रखें और बिजनिस में नम्बर 1 पर हो । 


हर कार्य प्लांनिग से करें :-  दोस्तों हम मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन प्लानिग सही तरीके से नही करते। जब की हमे हर कार्य की प्लांनिग पहले दिन ही कर लेनी चाहिए । और फिर पूरी कोशिस करनी चाहिए की अपने जिस कार्य की प्लांनिग की है उसमे से कुछ भी miss  ना हो ।  जब आप प्लांनिग से  कार्य करोगे तो आपके  काम की क्वालटी व क्वांटिटी बेहतर होगी। इससे आप अच्छा फील करोगे और आपकी छवि एक सधे हुए इंसान की होगी । 


कुछ समय अपने परिवार ,दोस्त व रिलेटिव को  दें :- आज की भगदौड़ भरी जिंदगी में हम किसी को  क्वालटी समय नही दे पाते । दोस्तों पैसे कमाने के साथ साथ जरूरी है आपको रिस्ते कमान, सामाजिक जिम्मेदारियां उठाना । हम क्या करते हैं की पैसे कमाने के चक्कर में रिस्तो व परिवार वालो को इग्नोर कर जाते हैं ।  जिंदगी में एक समय ऐसा आता है जब हमे रिस्तो की जरूरत होती हैं समाज की जरूरत होती ।कहते हैं ना - 

" संबंधो को निभाने के लिए समय निकालियें ,वरना जब आपके पास समय होगा तब तक शायद संबंध ही ना बचें " 

कुछ अपने बारे में भी सोचें :- सबसे बड़ा मंदिर सबसे बड़ा घर हमारा खुद का शरीर है।  अगर ये ही सही नही रहा, हम खुद ही खुश नही रहे   तो हम जिंदगी में कुछ भी नही कर सकते। इसलिए कुछ समय योग, मेडिटेशन व घूमने फिरने के लिए जरूर निकालें । कही ऐसा ना हो की सबके लिए समय समय निकालते निकालते खुद को दुसरो के मोहताज कर  दें । 


" कोई भी व्यत्कि बीते हुए समय में जाकर कोई बदलाव नही कर सकता पर वह आज एक नई शुरुआत कर  सकता है अपने आने वाले कल को अच्छा बनाने के लिए "


दोस्तों ! अपनी वीकनेस पकड़िए और नई साल में उस वीकनेस को अपनी इस्ट्रेन्थ बनाइये । 







Monday, December 26, 2016

दूसरे की मदद करने वाले जीवन की दौड़ में सबसे आगे रहते हैं !!!


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दोस्तों ! कहते हैं कि जो धन घर की तिजोरी में बंद पड़ा है, जो किसी की मदद में, स्कुल व अस्पताल बनवाने में, गरीबो को भोजन कराने में,  गरीब लड़कियों की शादी कराने  में, या किसी धार्मिक कार्यो में खर्च नही किया जाता ऐसा धन होना बेकार है । ऐसा धन आपको सुख दे सकता है खुशियां नही । कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता का कहना है कि -

"चाहे मदद करने में, खर्च की गई रकम, छोटी ही क्यों ना हो ,व्यक्ति को प्रसन्न बनाती है "
खुश रहने की एक ही शर्त है की आप खुशियां बाटें । इंसान  के समाज के प्रति भी कुछ कर्तव्य हैं और सबसे बड़ा कर्तव्य हैं कि एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल हो, एक दूसरे की यथा शक्ति मदद करें। दान देने और दुसरो की मदद करने की आदत ही इंसान को इंसान बनाती है । इंसानो के बीच रहने लायक बनाती है । कहते हैं कि -

" वो ही कर्म श्रेष्ठ है जो दुसरो को ज्यादा सुख दें "

लेकिन क्यों आज का इंसान दूसरे की परवाह नही करता ? क्यों घर, समाज,देश के प्रति अपने कर्तव्यो को भूलता जा रहा है ? क्या इंसान जैसी सबसे खूबसूरत रचना भगवान ने इस लिए की कि वो पशु- पक्षी की तरह सिर्फ अपना पेट भरे ? अपने व अपनों के लिए दुसरो का धन लूट लूट कर इकठा करता रहे ? क्या उसे दुसरो का दुःख या जरूरत दिखाई नही देती ? क्या दुसरो का दुःख सुनकर उसकी अंतरात्मा नही कचोटती ?  जब की अंर्तात्मा ही अच्छाई या बुराई का निर्धारक है । 

अंतरात्मा सब की कचोटती है, लेकिन लोग अंतरात्मा की आवाज को अनसुना कर देते हैं। अंतरात्मा से तो बार बार आवाज आती है ये गलत है ये सही है। सही करो गलत मत करो, लेकिन उस आवाज की अवहेलना करते हैं। और धीरे अपने अंतर्मन की आवाज को दबा देते हैं। कवि पाब्लो नेरुदा ने अपनी कविता की पंक्ति में लिखा था जिसका अर्थ हैं  - 

" आप धीरे धीरे मरने लगते हैं जब आप मार डालतें हैं अपना स्वभिमान , जब आप नही करने देते मदद अपनी , न करते हैं मदद दुसरो की, आप मरने लगते हैं, अगर आप नही महसूस करना चाहते आवेगों को ,और उनसे जुडी अशांत भवनाओं को वे जिनसे नम होती हैं आपकी आँखें ,और करती हो आपकी तेज धड़कनो को " 

भगवान ने मानव जीवन की सबसे सुंदर रचना, सृष्टि को और खूबसूरत बनाने  में मदद करने के लिए की है । जार्ज वाशिंगटन ने कहा है -

" अपने ह्रदय को हर किसी की वेदना और संकटो को महसूस करने दीजिये ,और अपने हाथों को अपने बटवे के हिसाब से देने दीजिये "

आप रोज न्यूज पढ़ते हो देखते हो कि रोज छापे पड़ रहे हैं लाखो नोट मिल रहे हैं । एक एक इंसान करोड़ो  दाबे बैठा है और हमारे भारत देश में ही 20 करोड़ लोग रोजाना भूखे सोते हैं । गरीब लोगो की मदद जरूर करो थोड़ा थोड़ त्याग करना सबके लिए जरूरी है। और आप इस बात से इंकार नही कर सकते कि जो जीवन में त्याग करते हैं अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनते हैं वही समाज में नया इतिहास रचते है । और देश व समाज को सुख व वैभव देते हैं । 


जो लोग दुसरो को देते हैं आगे बढ़ने में  मदद करते हैं उनके जीवन में हमेशा शकुन व शांति बनी रहती है। जबकि ईर्ष्या स्पर्धा रखने वाले व खुद गर्ज लोग हमेशा तनाव ग्रस्त रहते हैं । ओब्लाइजिंग नेचर से  धर्म की शुरुआत होती है और धर्म से दुसरो की मदद और दुसरो की मदद से मिलती है खुद को ख़ुशी । हमारा घर, परिवार,  समाज  देश सारी दुनियां ही आपसी सहयोग व भाई चारे से चल रही है।

बिना सहयोग व भाई चारे के इंसान आगे नही बढ़ सकता । अपने जीवन में तरक्की नही कर सकता । हम सब ही एक दूसरे की जरूरत हैं ,एक दूसरे के पूरक हैं । एक दूसरे की मदद करके हम खुद की मदद करते हैं। जीवन में आगे बढ़ना चाहते हो तो दुसरो की मदद करो तभी आगे बढ़ पाओगे । कहते भी हैं कि -

"जीवन में जो दुसरो से चाहते हो वो दुसरो को बिना मांगे दो। आप को जब जरूरत होगी तब बिना मांगे आप को मिल जायेगा 



ईश्वर में आस्था रखें ,आस्था आप को परिपक बनाती है !!!


Image result for ईश्वर में आस्थादोस्तों !  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान  धीरे- धीरे  अपने अवगुणों को छोड़ कर परमार्थ की राह पर निकल पड़ता है।जिससे उसके जीवन में परिपक्ता आने लगती है।

आस्था किसी जाति धर्म व्यक्ति विशेष से नही जुडी। आस्था किसी की भी किसी में हो सकती जैसे -  जो लोग भगवान को नही मानते उनकी भी किसी में आस्था हो सकती हैं । प्रकृति में , माँ बाप या किसी अन्य में । और आस्था रखने वाला इंसान वास्तव में एक नेक और सुलझा हुआ इंसान बन जाता है ।

आइये जानते हैं ईश्वर में आस्था रखने वाले  इंसान की  दस पहंचान  -

1  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान दुसरो को बदलने की कोशिस करने की बजाए खुद को बदलने का प्रयास करता है । 


2  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान सामने वाले इंसान के गुण व अवगुणों को नही देखता । सिर्फ अपने कर्मो पर ध्यान देता है । 


3 ईश्वर में आस्था रखने वाले इंसान को हर किसी का द्रष्टिकोण उनके लिए सही है । 


 ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान बदलते वक्त व घटना में छिपी भलाई को देखता है । और विपरीत परिस्थिति में विचलित नही होता । हर हाल में खुश रहता है । 


5  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान दुसरो से अपेक्षाएं नही रखता वो जो भी कार्य घर समाज या देश के लिए करता हैं उसे अपनी जिम्मेदारी व सेवा समझकर करता है ।  


6  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान स्वयं को महत्त्व नही देता । बल्कि हर इंसान में ईश्वर को देखता है । 



7  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान दुसरो की तारीफ करने या निंदा स्तुति की परवाह नही करता वो सिर्फ ईश्वर की निगाह में सच्चा बनना चाहता है। और गलत कार्यो से डरता है ।  

8  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान ऊँच -नीच, गरीब -अमीर, जात -पात में भेद- भाव नही करता ।  

9  ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान ईश्वर पर निर्भर रहता है। ईश्वर के भरोसे कार्य करता है। दुनियां के भरोसे  पर नही । 


10  ईश्वर में आस्था रखने वाले इंसान की खुशियां भौतिक ,पारिवारिक और सामाजिक कार्यो पर निर्भर नही रहती । 



Saturday, December 24, 2016

दुविधा में ना फंसे, दुविधा की स्थिति में फंसे रहने से हाथ में आया सुअवसर छूट जाता है !!!


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दोस्तों !  सभी के  जीवन में  कई पल ऐसे आते हैं, जब आपको दो रास्तो में से एक को चुनना पड़ता है । ऐसी स्थिति में कई लोग किंकर्तव्यविमूढ़ होकर बैठ जाते हैं । और वे कार्य को करने से पूर्व व्यर्थ के तर्क वितर्क में पड़ कर समय व्यर्थ करने लगते हैं। इससे मानसिक शक्तियों का नाश होने लगता है । और सही समय पर सही निर्णय ना ले पाने की वजह से हाथ में आया सुअवसर छुट जाता है ।


परिस्थितियों का दास नही दाता बनिये :- कई बार आपको सही -गलत, सत्य -झूठ , बुराई - भलाई ,व उचित अनुचित में से एक को चुनना पड़ता है। मजबूत निर्णय शक्ति वाला इंसान तो तुरंत निर्णय लेकर काम जुट जाता है, लेकिन  दुविधा की वजह से  निर्बल निर्णय शक्ति वाला इंसान जल्दी फैसला नही ले पाता । जिसकी वजह से आया अवसर हाथ से फिसल जाता है और समय गुजर जाने पर इससे पश्च्याताप होता है ।   

सचाई के लिए संघर्ष करें :- उचित रास्ता चुनिए और फिर चाहे कितनी ही समस्या आये  उचित रस्ते को मत छोड़िये। निर्बल निर्णय शक्ति वाले इंसान साहस की कमी व दुविधा में फंसकर काम शुरू करने से पहले ही अंधेरे पक्ष को देखने लगते हैं । जिसकी वजह से काबिल होते हुए भी कुछ नही कर पाते । 


अपने जीवन का कोई  उद्देश्य बनाएं :- जीवन में कोई ना कोई धेय होना अनिवार्य है।  नही तो  इंसान बिना पतवार की नाव की तरह बन जाता है और जैसे बिना पतवार की नाव को लहर कही  भी बहा कर ले जाती हैं। वैसे ही बिना लक्ष्य व उद्देश्य के इंसान का जीवन होता है ।  जहां हालात ले जाना चाहते हैं वहां चला जाता है । मानव जीवन कोई पानी में पड़ा लकड़ी का टुकड़ा नही है, जिधर पानी  का बहाव ले जाये उधर चले जाएं।  मानव जीवन का कोई उद्देश्य व लक्ष्य होता है वह अपनी सारी शक्ति लगाकर अपने प्रयोजन को सिद्ध करने का प्रयास करता है । और एक दिन अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है ।  


सफलता व असफलता का कारण खुद को मानें दैविक शक्तियों को नही :- हमारा खुद का मन ही दैविक शक्तियां है । जिसका मन भृमित है, व्यर्थ के विचारो में उलझा रहता है मष्तिक में व्यर्थ के विचारो का ढेर लगाता रहता है, उन्हें कार्यनिवित करने का प्रयास नही करता  वो असफल हो जाता है। और जिसका जीवन कर्म प्रधान हैं कर्म को ही पूजा मानता है  एक बार निर्णय लेकर तब तक लगा रहता है जब तक वो पूरा ना हो जाये वो सफल हो जाता है । फैलियर लोग  अपनी असफलता छिपाने के लिए दैविक शक्तियों पर ब्लेम डाल देते हैं । जैसे मेरे लक ने साथ नही दिया , परमात्मा को यही मंजूर था, हालात सही नही थे आदि । 


समय रहते सही निर्णय लें, अधिक दुविधा इच्छा शक्ति को कमजोर कर देती हैं  :- जो इंसान समय रहते सही डिशिजन लेते हैं समय भी उनके हाथ में रहता है । जो लोग झिझकते हैं या दुविधा में फंसे रहते हैं उनके हाथो से सुअवसर निकल जाता है । इसलिए अवसर पहंचान कर  तुरंत काम में जुट जाएं । तुरंत डिशिजन का मतलब ये नही है की आप गलत डिशिजन ले लें । बल्कि सोच समझकर सही समय पर सही निर्णय लें । स्वेट मार्डन जी ने कहा है कि -  

" कई बार ऐसे अवसर आते हैं जब हमे तुरंत डिशिजन लेने पड़ते हैं । ऐसे समय में अपने ज्ञान बुद्धि और मष्तिक की सारी शक्ति केंद्रित करके तुरंत निर्णय लेना चाहिए "  

जो निर्णय लो उसे बार बार मत बदलो :- बार बार निर्णय बदलने का मतलब है आपको खुद पर विश्वास नही है । जो इंसान अपना बार बार निर्णय बदलता है वो कभी कामयाब नही हो पाता । आपने देखा भी होगा जो लोग बार बार अपना काम बदलते हैं वे कभी अपनी जिंदगी में कामयाबी का रस नही चख पाते।ऐसे इंसानो को यही माना जाता है की उनके पास ज्ञान ,बुद्धि व विवेक की कमी है । या वो बिजनिस माइड नही हैं । लिए हुए निर्णय को पूरा करने की आदत डालो । 






Friday, December 23, 2016

जीयो जी भर के,जिंदगी नही मिलनी दुबारा !

       
Image result for jiyo jee bhar keहैलो दोस्तों ! हर इंसान चाहता है  कि वो हर फिल्ड में सक्सेस हो । सुखी हो, खुश हो लेकिन इस चाहत  की वजह से और और की भूख में अपनी असली ख़ुशी खो देता है । हमेशा 100 से 1000 -२  से 10000 -२ से 100000 -२ से  १००००००-२  से १०००००००-२   से और आगे कमाने व जोड़ने के चक्कर में अपनी हर ख़ुशी हर पल खो देता है । ख़ुशी बहुत कामयाब या धन कमाने से ही नही मिलती । हर पल व सकूंन दायक पल को महसूस करने से, दिल में शांति व सकूंन से मिलती है ।

इसकी कोई सीमा तय नही है कि हमे वहां पहुच कर  ख़ुशी मिलेगी । इसके लिए दिमाग में सेट मत करो की आप इतने खुश रहोगे या इससे खुश रहोगे ।  इसके लिए जरूरी है कुछ बातों पर ध्यान देना -


वीकेंड में छुट्टी लें :- दोस्तों जो लोग हमेशा  मशीन की तरह कार्य में  व्यस्त रहते हैं।  उनकी वर्क कैपिसिटी डाउन होती चली जाती है । इसलिए हफ्ते में पांच दिन ही कार्य करें। दो दिन की छुटी से आप एनर्जी फील करेंगे।  अपने कार्य पर फोकस कर सकेंगे । जिंदगी में जो कुछ एक्स्ट्रा करना चाहते हो वो कर सकोगे । किसी ने सही लिखा है वक्त कहता है कि- 

"  जीना है तो इस पल को जी लो ,शायद में कल तक ना रुक पाऊंगा "


परिवार व दोस्तों के साथ किसी ट्रिप पर जाएं :- कुछ समय अपने व परिवार के लिए निकाल कर कोई ट्रिप प्लान करें इससे आप अपने आपको तरोताजा फील करोगे । और अपना कार्य पहले से भी बेहतर कर पाओगे । कार्य से छुटटी लेने पर आपकी वर्क क्वालटी व वर्क क्वांटिटी कम नही होगी बल्कि बढ़ेगी । आप शांत दिमाग से अच्छा सोच पाओगे और अच्छा कर पाओगे । और ट्रिप पर जाते वक्त परिवार व बच्चो को भी  क्वालटी वक्त दे पाओगें  ।    

प्रकृति का मजा लें :- दोस्तों ! हमारे स्वस्थ शरीर व जीवन  के लिए प्रकृति बहुत जरूरी है । लेकिन जीवन में बढ़ती भाग दौड़ के चलते हम प्रकृति का आनन्द नही उठा पाते । जब की प्रकृति हमारे शरीर को फिट रख सकती है । भगवान ने इतनी सुंदर स्रष्टि रची जिसे देखकर हम लुफ्त उठा सकते हैं। प्रकृति के सुख को गवाना बेकुफी होगी । जिसे देखकर हमारी आँखे  कभी नही थकती ।    


जो आपके पास है उससे सन्तुष्ट रहें व आगे बढ़ने की कोशिश करें :-दोस्तों ! आप पैसे से अपने  बीबी बच्चो  व परिवार वालो को सुख खरीद सकते हो लेकिन ख़ुशी नही । सुख जरूरी है लेकिन ख़ुशी इससे भी ज्यादा जरूरी है । अगर ऐसा नही होता तो हर अमीर इंसान खुश होता और गरीब दुखी ।

दोस्तों में कल जगन्नाथ पूरी गई  हुई थी । वहा एक झुगी में रह रहे परिवार को देखा वो आपस में कोई बात पर  हंस रहे थे और बहुत ही दिखाई दे रहे थे । उस परिवार को देखकर लगा की हम घर ,गाड़ी ,बिजनिस व सब सुख होते हुए भी अंदर से खुश नही रहते और ये इतनी गरीबी में भी खुश । क्या पैसे से ख़ुशी  मिल सकती  है ? 


इस का मतलब ये नही है की आप आगे बढ़ने की कोशिस ना करें इसका मतलब है की जितना आपके पास है उससे सन्तुष्ट रहें उससे इंजॉय करें और इससे आगे बढ़ने की कोशिस करें। इंसानी फिक्रत है की जो उसके पास नही होता उसके बारे में ही सोचता रहता है और जो पास है उसका मजा ही नही ले पाता । कहते हैं ना कि -

" जिंदगी जीने के लिए मिली थी, लोगो ने सोचने में गुजार दी "








Friday, December 16, 2016

सावधान: आपकी एक गलत आदत आपकी रेप्यूटेशन को खराब कर सकती हैं !!!

  
Image result for reputationदोस्तों ! आज में एक ऐसे इंसान के बारे में बताती हुं - जिसे ज्यादातर लोग पसंद नही करते जब की और लोग उनसे भी बुरे हैं या समाज में उनकी कोई वेल्यु नही है या समाज में किसी काम के नही हैं फिर भी उन्हें  लोग पसंद करते  हैं लेकिन इन्हें ज्यादातर लोग पसंद नही करते । ऐसा क्यों ? 


आप कितने भी प्रतिभाशाली हैं या किसी भी कार्य में आप कितने भी निपुण हो लेकिन कई गलत आदत ऐसी होती जिनहे आप अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं।  और उन्हीं गलत आदतों की वजह से लोगो का नजरिया आपके व्यक्तित्व के प्रति नकारात्मक पहलू को उजागर करता है। इससे समाज में आपकी रेपुटेसन खराब हो जाती हैं। आपकी ही क्या ये गलत आदतें किसी की भी रेट्यूटेशन खराब कर सकती हैं । आइये जानते हैं इन गलत आदतों के बारे में -  

पीठ पीछे बुराई करना :- कई लोग दुसरो के खिलाप गॉसिप करते हुए कुछ ज्यादा ही नीचे गिर जाते हैं जिसकी वजह से बहुत ज्यादा गलत बोल जाते हैं। गॉसिप करने वालो की व सुनने वालो की एक खासियत होती है जिसकी भी गॉसिप करते हैं या सुनते हैं उसके पास घूमा  फिराकर और कई बात जोड़कर उसके पास पहुंचा देते हैं।  गलत बोले हुए शब्द इंसान के स्वाभिमान को ठेस पहुँचाते है। जिससे गॉसिप करने वाला इंसान हमेशा के लिए नजरो से गिर जाता है फिर लाख चाहने के बाबजूद ऐसे इंसान पर विश्वास नही कर  पाते  । कहा गया है -

 " जब तक सांस है ,टकराव मिलता रहेगा ! जब तक रिस्ते हैं घाव मिलता रहेगा ! पीठ पीछे जो बोलते हैं उन्हें पीछे ही रहने दें,रास्ता सही है तो गैरो से भी लगाव मिलता रहेगा " 

धोखा देना :- किसी भी उदेश्य या जाने अनजाने में या जानबूझकर अपने साथी को धोखा देने से इंसान की रेप्यूटेशन खराब कर  देती है ।  कई लोग घर परिवार या समाज में ऐसे होते हैं जो अपने स्वार्थवश या ईर्ष्या व अहंकार के चलते अपने साथियों को धोखा दे देते हैं । इससे दुबारा तुम  उन दोस्तों से मिल तो सकते हो जिन्हें आपने धोखा दिया है लेकिन उनका विश्वास  हमेशा के लिए खो देते हो। कहते भी हैं -

" माफ़ी गलतियों की होती है ,धोखे की नही "  
     

जिम्मेदारियों से भागना :- कोई भी शख्स ऐसे इंसान को पसंद नही करता जो अपनी जिम्मेदारी से भागता हो । ऐसे लोग तुरंत पहंचान लिए जाते हैं और ओर लोग उनसे कन्नी काटने लगते हैं सभी ऐसे लोगो को पसंद करते हैं जो आगे बढ़कर जिम्मेदारी ले सकें । आफिस हो समाज हो या  घर हो ऐसे लोगो की ही समाज में अच्छी रेपुटेशन होती है । 

झूठ बोलना :- कई बार तो मजबूरी वस झूठ बोलना पड़ता है लेकिन कई बार आदत वश भी झूठ बोलते हैं जिसकी कोई जरूरत नही होती । और झूठ जब सामने आता है तो उसे बदला नही जा सकता। एक झूठ को छिपाने के लिए दस झूठ बोलने पड़ते हैं ।और फिर भी वो झूठ छिप नही सकता । इससे रिस्तो में दरार आनी नार्मल बात हो जाती है । कहते हैं कि _

समय और शब्दों का लापरवाही से उपयोग मत करो ,इनमे से कोई भी वापिस नही आते " 


  


Saturday, December 10, 2016

पैसे की बचत कैसे करें ?



Image result for dhan ki bcht kese krenदोस्तों ! कमा तो हर इंसान लेता है लेकिन बचा कोई कोई पाता है। वैसे हर इंसान अपने बजट के अनुसार कुछ पैसे बचाना चाहता है लेकिन बचा नही पाता। ऐसा क्या करें कि जिससे पैसे बच सकें ? आइये जानते हैं की पैसा कैसे बचा सकते हैं - 

सबसे पहले योजना बनाए :- दोस्तों बिना योजना बनाए आप बचत नही कर सकते। योजना बनाकर ही आप अपने बजट से कुछ बचत कर सकते हो। खर्च करने से पहले योजना बनाए की आप को कितना पैसा कहा खर्च करना है। अपने सभी खर्चो के लिए एक नियत धन राशि निर्धारित करें और ये ध्यान रखें की जो राशि जिस खर्चे के लिए निर्धारित की है उससे अधिक खर्च ना हो जाये।अगर आप खर्च करते हुए अपने खर्चो पर नजर नही रखेंगे तो आप बचत नही कर सकेगें।  
  

विलाषिता के खर्चो का त्याग करें :- यदि आप बचत करना चाहते हैं, धनवान बनना चाहते है तो विलासिता के खर्चो पर बुद्धिमानी से कंट्रोल करना अनिवार्य है। विलासिता के कई खर्चो को हम कम कर सकते हैं । इससे हमारे जीवन की गुणवत्ता या कार्य क्षमता प्रभावित नही होगी। तभी आप आगे बढ़ सकते हो वरना हमेशा तंगी का रोना रोते रहोगे ।   

पैसे से पैसा कमाएं  :- धनवान लोग अपना पैसा और पैसा कमाने में लगाते हैं। गरीब लोग अपना पैसा घर खर्च में लगाते हैं,व मिडिल क्लास लोग अपना पैसा  घर खर्च, मंहगे कपड़े, मंहगे फोन, महंगी गाड़ी व महंगा मकान खरीदने में लगाते हैं । जब की अगर आप पैसा बचाना चाहते हो तो तब तक खर्च मत करो जब तक खर्च करना बहुत जरूरी ना हो । हमेशा पैसे से पैसा बनाना आना चाहिए। पैसे से पैसा आप तभी कमा सकते हो जब आप पैसे को कही सही जगह इन्वेस्ट करोगे ।  

बजट से ऊपर खर्च ना करें :- बचत करने वालो को अपने खर्चो का हिसाब रखना जरूरी है जब तक तक आप अपने हर महीने के खर्चो का हिसाब नही रखोगे तब तक बचत करना मुश्किल है । खर्च पर ध्यान रखने से आपको अपनी खर्चीली आदत व बजट को मेंटेन रखने में मदद मिलेगी । 


मार्किट जाने से पहले जरूरी समान की लिस्ट बनाए :-  जब आप ऐसा करोगे तो आप जरूरी अन जरुरी चीजो में फर्क कर सकोगे और आपको बार बार मार्किट नही जाना पड़ेगा ।जितनी बार हम मार्किट जाते हैं उतना ही हम अनजरुरी चीज लेकर आते हैं। जिससे हमारा खर्च अधिक होता है ।और इकठी खरीदारी पर कुछ छूट भी मिल जाती है ।   
  
सोच विचार कर खरीदारी करें :- खरीदारी करने से पहले ये जरूर सोचें की जो आप खरीद रहे हो ये आपके  लिए जरूरी है ? या सिर्फ आप को पसंद आ रही है इसलिए खरीद रहे हो ? जो जरूरी है वही ख़रीदें । कहते भी हैं जरूरत सब की पूरी हो जाती हैं और इच्छाएं किसी की पूरी नही होती । इसलिए पहले जरूरत की चीजें खरीदे व विलासिता की चीजों पर लास्ट में खर्च करें ।  





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Friday, December 9, 2016

जिंदगी में सुखी रहना चाहते हो तो तीन गलत आदत छोड़ दो !




Image result for sukhi zindagiदोस्तों!जिंदगी में सुखी व दुखी रहना इंसान के अपने  हाथ में है । अब आप कहोगे कैसे ? अगर इंसान चाहे तो थोड़ी सी सूझबूझ से अपनी व अपने परिवार, रिलेटिव फ्रेडसर्कल व  क्लीग के साथ अच्छी ताल मेल बिठा कर शकुन से रह सकता है। लाइफ की हर फिल्ड में सक्सेस हो सकता है।आइये जानते हैं कौन सी तीन गलत आदत छोड़नी  हैं -

अपने परिवार वालो की निंदा  ना करें :- अक्सर लोगो में ये आदत होती है कि अपने भाई बहनो या माँ बाप की बुराई करते हैं, सास बहु की और बहु सास की बुराई करती हैं । कई लड़कियां अपने मायके में जाकर ससुराल की और ससुराल में भाई भाबी की बुराई करती हैं।  बहनो ये जान लो जब आप ससुराल वालो के सामने मायके वालो की और मायके वालो के सामने ससुराल वालो की बुराई करते हो तो । इससे नैगेटिव वाइब्रेशन फैलता है । और ये नेगेटिव वाइब्रेशन और नेगेटिव वाइब्रेशन को अपनी तरफ अट्रेक्ट करती है।

 इसलिए लाइफ में कुछ भी नेगेटिव हुआ हो उसकी चर्चा ना करें।जितनी इज्जत आपकी ससुराल में होगी उतनी ही आपकी मायके में होती है। इसलिए ससुराल की मायके में  और मायके की ससुराल में बुराई ना करें।आपने देखा भी होगा की कई बार हम अपना मन हल्का करने के चक्कर में कुछ नेगेटिव बातें शेयर करते हैं उससे और दो चार नेगेटिव बात वहां सुनने के लिए मिल जाती हैं । और मन हल्का होने की बजाए और परेशान हो जाता हैं । 

खुद को कम ना आकें :-  जब तक आप खुद की रिस्पेक्ट नही करते , खुद की तुलना ओरो से करते रहोगे,  खुद को बेसहारा व गरीब मानते रहोगे,  खुद को दीन हीन मानते रहोगे जब तक  आप खुद को इज्जत नही दोंगे तब तक आपकी कोई इज्जत नही करेगा। इसका मतलब ये नही है की आप अकड़ कर  चलें या आपकी ईगो दुसरो को हर्ट करें। लेकिन जहाँ खुद को जितनी रिस्पेक्ट देनी चाहिए उतनी जरूर दें। जब तक आप में सेल्फरिस्पेक्ट नही है तब तक आपकी कोई रिस्पेक्ट नही करेगा । 
   

आसानी से डिस्टर्ब ना हों :-  कई  लोग थोड़ी सी लाइफ में अप डाउन आने से डिस्टर्ब हो जाते हैं, एक बार हार जाने पर दुबारा उठने की कोशिस नही करते, जब की सफलता का रास्ता असफलता से होकर गुजरात है। और कहते भी हैं कि नसीब  जिनके ऊंचे होते हैं ,इम्तहान भी उनके जबरदस्त होते हैं । बताते हैं की इंसान की परेशानियों की दो वजह हैं एक वह तकदीर से ज्यादा चाहता है । और दूसरी वक्त से पहले चाहता है । धैर्य के साथ एकाग्रता बनाकर चलें लाइफ में कितनी भी टेशन आये एक दिन मंजिल मिल ही जाती है ।  






Sunday, December 4, 2016

जीवन में धन की बचत करना क्यों अनिवार्य है ?




Image result for bachat karneदोस्तों ! जीवन यापन के लिए धन अतिआवश्यक है। धन से व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा और विश्वास बढ़ता है । और  धन के आभाव से व्यक्ति का उत्साह जोश व मानसिक बल डांवाडोल रहता है। धन से ही इंसान सुख सुविधा खरीद सकता। इसलिए संसारिक सुख सुविधा बटोरने के लिए इंसान अधिकाधिक धन कमाने की कोशिस करता है। और धन बचाने की भरपूर कोशिस करता है ।

अगर धन का सोच समझकर उपयोग किया जाए तो  छोटी कमाई में भी जीवन में सभी सुख सुविधाएं इकठी की जा सकती हैं और हमारा बजट का सन्तुलन बना रहता है । 

लेकिन कुछ लोग प्लानिग कर के कुछ धन बचा लेते हैं और कुछ नही बचा पाते। जो लोग धन की बचत नही कर पाते वो जरूरत के समय और लोगो से कर्ज लेते हैं। मजबूरी में उन्हें लोन या ब्याज पर पैसे लेने पड़ते हैं । बाद में कर्ज लिया हुआ पैसा देना मुश्किल हो जाता है और ब्याज की रकम दिन पर दिन बढ़ती जाती  है ।

" कहते हैं मजाक और पैसा बहुत सोच समझकर उड़ाना चाहिए "


हो सकता आज आपके पास किसी चीज की कमी नही हो। या आपको लगता हो कि हमारा अच्छा बिजनिस या जॉब है हमे भविष्य की चिंता करने की क्या जरूरत है ? या हमे धन की बचत करने की क्या जरूरत है ? 

लेकिन आप ये भूल रहे हो की भविष्य अनिश्चित है । भविष्य किसी के नियंत्रण में नही रहता। हो सकता है की कल परिस्थिति हमारे पक्ष मे ना हो कल आपको अधिक धन की जरूरत पड़े या मंदी के आते जाते दौर में बिजनिस में मंदी या आपकी छटनी में नम्बर आ जाएं । 

जो चीज आज सुलभ है कल दुर्लभ हो जाए। और नार्मल सब कुछ चलते हुए भी कई चीजे ऐसी है जहां मोटी रकम की जरूरत पड़ती है । जैसे- 

बच्चो की उच्च शिक्षा :- आज अगर बच्चो का नर्सरी में भी एडमिसन कराने जाये तो भी मोटी रकम की जरूरत पड़ती है । शिक्षा ही भविष्य की नीव है इसलिए कोई पेरेंट्स ये नही चाहेगा कि उनके बच्चो की नीव कमजोर रह जाये। इसलिए आपको बचत करना अनिवार्य हो जाता है जिससे आगे चलकर शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न करना पड़े । और अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित व उज्वल हो ।

शादी, बीमारी, सेवानिर्वति, अपना घर:- ऐसे और भी कई काम हैं जिनके लिए मोटी रकम चाहिए। जिनके बिना आपका काम नही चल सकता । जहा हमे पैसा लगाना ही पड़ता है । इसलिए इंसान को अपनी कमाई से 10 % बचत करनी अनिवार्य है। तभी आप सकून भरी जिंदगी जी सकते हो ।   

पैसे से ही  इंसान आत्मनिभर्र बनता है :-  आत्मनिर्भर इंसान ही अपनी जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से निभा सकता है। जो खुद आत्म निर्भर नही है वो दुसरो की जिम्मेदारी कैसे निभा सकता है ? और जो इंसान अपनी जिम्मेदारी नही निभा पाता उसी के घर में लड़ाई झगड़े होते हैं और समाज में हंसी का पात्र बन जाता है । 
  
समाज में भी धन से ही इज्जत होती है :- जब आपके पास धन होंगा तभी आप कोई समाज में कार्य कर सकोगे या समाज के उथान में आप धन लगा सकोगे। समाज में इज्जत से जीने के लिए धन अनिवार्य हैं। कहते है कि 

" पैसा भगवान नही, लेकिन पैसे की वेल्यु जीवन में कम नही "   






Thursday, December 1, 2016

तीन गलत आदतें इंसान को आगे नही बढ़ने देती !


Image result for गलत आदतदोस्तों ! कोई भी इंसान किसी और की वजह से लाइफ में  ना फैल हो सकता है और ना ही परेशान। बल्कि अपनी ही गलत आदतों की वजह से इंसान लाइफ में फैल व परेशान रहता है। इंसान परेशान व असफल होता है उन आदतो की वजह से जिन पर शुरू में  तो ध्यान नही देता लेकिन धीरे धीरे आदतों से मजबूर हो जाता है । लाइफ में सक्सेस होने के लिए गलत आदतों को छोड़ना पड़ता है और अच्छी आदतों को डालना पड़ता है । 


लेकिन आज हर इंसान खुद को बदलने, अपनी गलत आदतों को बदलने, अपने हालातो को बदलने में लगा है । स्टूडेंट अच्छी रेंक लाना चाहता है और पढे लिखे अपनी बिजनिस आगे बढ़ाना चाहते हैं ये बहुत ही अच्छी सोच है । अगर इंसान अपनी लाइफ में अच्छा कर ले तो समाज व देश के लिए बेहतर कर  सकता है । 


हमारे कर्म व सोच ही इंसान को अच्छा या बुरा बनाता है । अगर इंसान अपनी गलत आदतों को छोड़ दे तो वह अच्छा बन जाता है और अगर गलत आदत डाल ले तो वह गलत बन जाता है । इंसान  की तीन गलत आदते इंसान को आगे नही बढ़ने देती । 



अगर इन तीन आदतों से इंसान बचें तो जिदगी की हर फिल्ड में आगे बढ़ सकता है । 


1 घमंड :- घमंडी इंसान ना तो खुद खुश रह सकता है और ना किसी औरो को खुश रहने देता है । हर जगह वो खुद को अहमियत देना चाहता है और जहा उसकी थोड़ी सी पूछ नही होती वहा वह  टेशन किर्येट कर  देता है । आगे बढ़ते हुए इंसान को पीछे धकेलने की कोशिस में लग जाता है । किसी ने  सही कहा है कि -

" शेर पालो, बिच्छू पालो, नाग पालो लेकिन घमंड कभी मत पालो " 

क्यों कि घमंड खतरनाक से खतरनाक जानवर से भी बढ़कर खतरनाक है । ये कब इंसान को कहा चोट पहुंचाए पता नही । और अगर आप आगे बढ़ना चाहते हो लाइफ में खुद सक्सेस चाहते हो तो दुसरो को सक्सेस बनाओ । 


2 ईर्ष्या :- आज कल 10 में से 7 लोग हमे ऐसे मिलेंगे जो अपने  दुःख से अपनी नाकामयाबी से दुखी नही हैं,  दुखी हैं तो दुसरो के सुख से दुसरो की कामयाबी से । इससे कुछ हासिल नही होता ऐसे लोग अपना तो कीमती समय फालतू की बातो में बर्बाद करते ही हैं साथ में दुसरो की तरक्की में भी रोड़ा बनते हैं । और ये तो आप मानोगे ही की रोड़ा बनने वाले इंसान किसी को पसंद नही आते । ऐसे लोग सब के बीच रहते हुए भी जिदगी में अकेले रह जाते हैं ।  


3 लालच :- लालची इंसान अपने थोड़े से लालच के लिए दुसरो को बड़े से बड़ा नुकसान पहुंचाने से नही चुकता । नोटबंदी पर भी आपने देखा होगा की कुछ लोगो ने थोड़े से लालच में आकर ओरो के नोट बदलवाए हैं । इससे क्या होगा ? क्या आप उस पैसे से आगे बढ़ सकोगे ?  जब कि अपनी बिना मेहनत के मिली दौलत तुम्हे शकुन नही दे सकती। और आप लोगो ने देखा भी होगा जिन घरो में रिश्वत का या दो नम्बर का पैसा आता हैं वहा कभी शांति नही मिलती, उनके बच्चे कभी कामयाब नही होते । ऐसे पैसे से बड़ी गाड़ी या मकान बनाकर आप सुख तो खरीद सकते हो लेकिन ख़ुशी नही । ख़ुशी ईमानदारी में है बेईमानी का पैसा बेईमानी में चला जाता है । 


और ना ही बेईमान इंसान किसी के सुख दुःख में  काम आता । ऐसे इंसान का बर्बाद होना तय है । इसलिए खुद को चैक कीजिये कही ये गलत आदत आप में भी तो नही  है अगर हैं तो इन्हें दूर कीजिये तभी आप लाइफ में आगे बढ़ सकोगे ।