
इसकी कोई सीमा तय नही है कि हमे वहां पहुच कर ख़ुशी मिलेगी । इसके लिए दिमाग में सेट मत करो की आप इतने खुश रहोगे या इससे खुश रहोगे । इसके लिए जरूरी है कुछ बातों पर ध्यान देना -
वीकेंड में छुट्टी लें :- दोस्तों जो लोग हमेशा मशीन की तरह कार्य में व्यस्त रहते हैं। उनकी वर्क कैपिसिटी डाउन होती चली जाती है । इसलिए हफ्ते में पांच दिन ही कार्य करें। दो दिन की छुटी से आप एनर्जी फील करेंगे। अपने कार्य पर फोकस कर सकेंगे । जिंदगी में जो कुछ एक्स्ट्रा करना चाहते हो वो कर सकोगे । किसी ने सही लिखा है वक्त कहता है कि-
" जीना है तो इस पल को जी लो ,शायद में कल तक ना रुक पाऊंगा "
" जीना है तो इस पल को जी लो ,शायद में कल तक ना रुक पाऊंगा "
प्रकृति का मजा लें :- दोस्तों ! हमारे स्वस्थ शरीर व जीवन के लिए प्रकृति बहुत जरूरी है । लेकिन जीवन में बढ़ती भाग दौड़ के चलते हम प्रकृति का आनन्द नही उठा पाते । जब की प्रकृति हमारे शरीर को फिट रख सकती है । भगवान ने इतनी सुंदर स्रष्टि रची जिसे देखकर हम लुफ्त उठा सकते हैं। प्रकृति के सुख को गवाना बेकुफी होगी । जिसे देखकर हमारी आँखे कभी नही थकती ।
जो आपके पास है उससे सन्तुष्ट रहें व आगे बढ़ने की कोशिश करें :-दोस्तों ! आप पैसे से अपने बीबी बच्चो व परिवार वालो को सुख खरीद सकते हो लेकिन ख़ुशी नही । सुख जरूरी है लेकिन ख़ुशी इससे भी ज्यादा जरूरी है । अगर ऐसा नही होता तो हर अमीर इंसान खुश होता और गरीब दुखी ।
दोस्तों में कल जगन्नाथ पूरी गई हुई थी । वहा एक झुगी में रह रहे परिवार को देखा वो आपस में कोई बात पर हंस रहे थे और बहुत ही दिखाई दे रहे थे । उस परिवार को देखकर लगा की हम घर ,गाड़ी ,बिजनिस व सब सुख होते हुए भी अंदर से खुश नही रहते और ये इतनी गरीबी में भी खुश । क्या पैसे से ख़ुशी मिल सकती है ?
इस का मतलब ये नही है की आप आगे बढ़ने की कोशिस ना करें इसका मतलब है की जितना आपके पास है उससे सन्तुष्ट रहें उससे इंजॉय करें और इससे आगे बढ़ने की कोशिस करें। इंसानी फिक्रत है की जो उसके पास नही होता उसके बारे में ही सोचता रहता है और जो पास है उसका मजा ही नही ले पाता । कहते हैं ना कि -
" जिंदगी जीने के लिए मिली थी, लोगो ने सोचने में गुजार दी "
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