अगर धन का सोच समझकर उपयोग किया जाए तो छोटी कमाई में भी जीवन में सभी सुख सुविधाएं इकठी की जा सकती हैं और हमारा बजट का सन्तुलन बना रहता है ।
लेकिन कुछ लोग प्लानिग कर के कुछ धन बचा लेते हैं और कुछ नही बचा पाते। जो लोग धन की बचत नही कर पाते वो जरूरत के समय और लोगो से कर्ज लेते हैं। मजबूरी में उन्हें लोन या ब्याज पर पैसे लेने पड़ते हैं । बाद में कर्ज लिया हुआ पैसा देना मुश्किल हो जाता है और ब्याज की रकम दिन पर दिन बढ़ती जाती है ।
हो सकता आज आपके पास किसी चीज की कमी नही हो। या आपको लगता हो कि हमारा अच्छा बिजनिस या जॉब है हमे भविष्य की चिंता करने की क्या जरूरत है ? या हमे धन की बचत करने की क्या जरूरत है ?
लेकिन आप ये भूल रहे हो की भविष्य अनिश्चित है । भविष्य किसी के नियंत्रण में नही रहता। हो सकता है की कल परिस्थिति हमारे पक्ष मे ना हो कल आपको अधिक धन की जरूरत पड़े या मंदी के आते जाते दौर में बिजनिस में मंदी या आपकी छटनी में नम्बर आ जाएं ।
जो चीज आज सुलभ है कल दुर्लभ हो जाए। और नार्मल सब कुछ चलते हुए भी कई चीजे ऐसी है जहां मोटी रकम की जरूरत पड़ती है । जैसे-
लेकिन आप ये भूल रहे हो की भविष्य अनिश्चित है । भविष्य किसी के नियंत्रण में नही रहता। हो सकता है की कल परिस्थिति हमारे पक्ष मे ना हो कल आपको अधिक धन की जरूरत पड़े या मंदी के आते जाते दौर में बिजनिस में मंदी या आपकी छटनी में नम्बर आ जाएं ।
जो चीज आज सुलभ है कल दुर्लभ हो जाए। और नार्मल सब कुछ चलते हुए भी कई चीजे ऐसी है जहां मोटी रकम की जरूरत पड़ती है । जैसे-
बच्चो की उच्च शिक्षा :- आज अगर बच्चो का नर्सरी में भी एडमिसन कराने जाये तो भी मोटी रकम की जरूरत पड़ती है । शिक्षा ही भविष्य की नीव है इसलिए कोई पेरेंट्स ये नही चाहेगा कि उनके बच्चो की नीव कमजोर रह जाये। इसलिए आपको बचत करना अनिवार्य हो जाता है जिससे आगे चलकर शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न करना पड़े । और अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित व उज्वल हो ।
शादी, बीमारी, सेवानिर्वति, अपना घर:- ऐसे और भी कई काम हैं जिनके लिए मोटी रकम चाहिए। जिनके बिना आपका काम नही चल सकता । जहा हमे पैसा लगाना ही पड़ता है । इसलिए इंसान को अपनी कमाई से 10 % बचत करनी अनिवार्य है। तभी आप सकून भरी जिंदगी जी सकते हो ।
पैसे से ही इंसान आत्मनिभर्र बनता है :- आत्मनिर्भर इंसान ही अपनी जिम्मेदारियां बेहतर तरीके से निभा सकता है। जो खुद आत्म निर्भर नही है वो दुसरो की जिम्मेदारी कैसे निभा सकता है ? और जो इंसान अपनी जिम्मेदारी नही निभा पाता उसी के घर में लड़ाई झगड़े होते हैं और समाज में हंसी का पात्र बन जाता है ।
" पैसा भगवान नही, लेकिन पैसे की वेल्यु जीवन में कम नही "
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