Wednesday, December 26, 2018

पराजय स्वीकार नही !!!


 दोस्तों ! प्रत्येक व्यक्ति को अपना मार्ग स्वयं चुनना चाहिए है  | तथा ईश्वर ने जो साधन दिये हैं उनके सहारे ही यात्रा शुरू कर देनी चाहिए  है | जो व्यक्ति प्रगति -पथ की फिसलनों की अधिक परवाह ना करके द्र्ढता पूर्वक बढ़ता जाता है वह अवश्य ही सक्सेस हो जाता है |    

जिंदगी में कभी भी पराजय स्वीकार नही करनी चाहिए | सदैव सामने देखते हुए दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ते रहना | अगर कभी फिसल भी जाओ तो उसकी चिंता नही करनी | ये याद रखो कि नियमित व्यायाम और संघर्ष व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ को उन्नत कर देता  हैं | 

मन में सहास, परमात्मा पर विश्वास रखकर, कर्म करते रहो | सुख और दुःख तो रात दिन की तरह लगे रहते है एक आता है तो दूसरा चला जाता है | हमेशा बीजी रहो खाली दिमाग शैतान का घर होता है इसमें कुछ ना  अजुल फिजूल के विचार चलते ही रहते हैं | 

आलश्य सफलता का सबसे बड़ा शत्रु है | भवुकता में हम अपना समय व एनर्जी वेस्ट करते हैं इससे कोई लाभ नही है | परमात्मा जानता है की किस के लिए क्या उचित है | 

जीवन में आगे बढ़ना है तो एकदम अहंकार शून्य बनो" में" की जगह तुम का प्रयोग करो | आत्म निर्भर बनो सफलता निश्चित है |  | 


जो व्यक्ति ईमादारी व मेहनत से कार्य करता है उस पर परमात्मा की कृपा होती है | प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई ना कोई प्रयोजन है इसीलिए परमात्मा ने यहां भेजा है | 

जीवन में निराशा को कभी स्थान ना दो, खुद पर विशवास रखो | आप पर कभी भी संसार की विपत्तियां व अशांति प्रभाव नही डालेंगी | तुम्हे घबराहट में डालने की बजाये खुद घबरा जाएगी | 

अपनी नाकामयाबियों की शिकायत ना करो उन बच्चों को देखो जो  बच्चे चलने से पहले लाखों बार गिरते हैं फिर भी हार ना मानकर फिर खड़े हो जाते हैं | परमात्मा उनकी सहायता करते है जो खुद की मदद करते है जो जीवन में हार नहीं मानते | किसान को पसीने में लतपत देख बादल भी बर्षा करता हैं |

जब भी ये लगे कि आप हार रहे हो ,आपको किसी की मदद की जरूरत है  तो प्रभु के चित्र के सामने सच्चे मन से ऐसे प्रार्थना करो जैसे वो आपके सामने सच मुच में खड़े हैं तब देखना परमात्मा किसी ना किसी के रूप में आकर आपकी सहायता जरूर करेंगे | 

प्रेम शारीरिक की बजाय मानसिक अधिक होता है | तुम्हारे अंदर अनंत शक्ति छिपी हुई है अत: अपने अंदर झांको खुद पर विश्वास करो | तुम जिस फिल्ड में हो अवश्य सफल होगें | अपने मन के सभी दुर्बल विचारो को निकाल फेंको | अच्छी आदतों का विकास करो | 


ईश्वर हमारे सामने अज्ञानी के रूप में आभाव ग्रस्त के रूप में ,रोगी के रूप में अनाथों के रूप में आते हैं जिससे की उनकी मदद कर हम खुद उन्नत बन सकें |

जिस प्रकार बालक सदैव सहायता के लिए अपने माता पिता की और ही जाता है ,उसी प्रकार सदैव अपने मन को प्रभु की ओर ही मोड़ना तथा जिस भी परिस्थति में श्रीकृष्ण भगवान ने तुम्हें रखा है उसी में संतुष्ट रहना -यह सफलता का सर्वश्रेष्ठ उपाय है | सच्चा मनुष्य -सदैव ऊचे से ऊंचा उठने का प्रयत्न करता है | उच्च आदर्शो के लिए निरंतर प्रयत्न सच्चे आदमी का लक्षण है | 




man ko vansh me kaise kren

Sunday, December 16, 2018

समृद्धि का रहस्य !!!

दोस्तों ! इसमें कोई दो राय नही कि धन -संपति और वैभव ही समृद्धि को मापने का पैमाना है | लेकिन समृद्धि का रहस्य क्या है- यह जानने की लोग कभी चेष्ठा ही नही करते | समृद्धि का रहस्य है समृद्ध विचार |

समय और सृष्टि का चक्र सदैव चलायमान रहता है | और प्रकृति के भंडार असीमित हैं सृष्टि ने तो सभी को समान अवसर दिए हैं जो इनका दोहन कर लेगा समृद्ध कहलायेगा और अकर्मण्य व्यक्ति सदैव भाग्य को कोसता हुआ मिलेगा | 
  
समृद्धि का रहस्य है समृद्ध विचार कितना सरल उत्तर है | कितना सुनिश्चित भी जिसके विचार समृद्ध हैं निश्चय ही उसका पारिवारिक जीवन भी समृद्ध होगा | 

इधर उधर के अनावश्यक कार्यो में लगकर व्यक्ति अपनी क्षमताओं को  नष्ट करता है | समृद्ध बनने के लिए आवश्यक है कि हमारे मन में निरंतर समृद्ध बनने के विचार बने रहे | यह विचार हमे अपने आदर्श की और बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे | और हम सजग व जागरूक रहकर अपने आदर्श व लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील रहेंगे | सजग रहने के कारण व्यक्ति अवसर नही चुकता | 

यदि व्यक्ति उत्साही और स्वालंबी हो तो उसके लिए संसार में किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती | समृद्धि उधमी लोगो की दासी है | यह सृष्टि हमारे ही उपयोग के लिए बनाई गई है | जीवन का अर्थ यातना नहीं ,आनंद तथा उसका उपभोग है | आनंद का अर्थ उछ्रखल  क्रीड़ा या अयाशी नही | विलासिता व अयाशी तो जीवन को पतन के गर्त की और ले जाते हैं | आनंद का वास्तविक मतलब है व्यक्ति की सभी शक्तियों का पूर्ण विकास तथा विकसित क्षमताओ  का विश्व कल्याण के लिए प्रयोग | और नैतिक जीवन में एक प्रकार के संतुलन की श्रष्टि करना

आनंद का अर्थ सुख ,समृद्धि शांति और सदभाव का आगमन तथा दुःख ईष्या एवं द्वेष आदि बुराइयों का नाश है | आनंद जीवन का एक स्वार्णिक पहलू है | भ्र्ष्टाचार जीवन की सुख शांति को सदा -सदा के लिए समाप्त कर देता है | 

मनुष्य के जीवन में आनंद का आविर्भाव उस समय तक नहीं होता जब तक कि वह अपने मन से शंकाओं ,संदेहों ईर्ष्या व दुवेष आदि बुराइयों को दूर नहीं कर देता | भय और शंका जीवन रूपी गंगा में विष घोल देते है | 

समृद्धि सृजनशील व्यक्तियों को ही प्राप्त होती है | पोंगापंथियों को नही | सृजनशील व्यक्ति के मन में ही सर्जन शील विचार आते हैं | यही विचार शक्ति को समृद्धि की और ले जाते हैं | सृजनशीलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है | और सर्जन का उद्गम उसी व्यक्ति के मन में होता है जिसका ह्रदय मुक्त स्वछंद और सरल  होता है | निर्धनता और असफलता का सबसे बड़ा कारण मन की स्क्रीणता है | 

समृद्ध होने का मूल मंत्र है कि व्यक्ति मानसिक दिवालियापन से बचें ,हताश होना छोड़ दें और अपने आपको समृद्ध अनुभव करें | जो व्यक्ति दुसरो को समृद्ध बनाने के लिए उनकी सहायता करते हैं वे ही समृद्ध जीवन बिता सकते हैं | 

यदि हमे एक बार ये ज्ञात हो जाए कि शक्ति का स्रोत हमारे भीतर है तो हमे इधर उधर भटकने की जरूरत ही नही रहेगी | अंतर्मुखी प्रेरणा का स्रोत इतना समृद्ध है कि जो उसे एक बार प्राप्त कर लेता है ,वह संसार की समस्त समृद्धियो का स्वामी हो जाता है | 

जो सदैव यही सोचता रहता है कि वह अभागा है ,दुनियां की सुख समृद्धि उसके लिए नही बनी तो उसे समृद्धि प्राप्त कैसे हो सकती है ? स्वास्थ,ईश्वर-विश्वास ,आस्था और उधम में कमी के कारण ही व्यक्ति सदैव पद दलित बना रहता है | 

जो व्यक्ति ये समझता है समृद्धि हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ,और इसे प्राप्त करने के लिए किया गया कोई भी प्रयत्न कभी निष्फल नहीं होता समृद्धि एक न एक दिन अवश्य उनके चरण चूमती है | 

आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि हम सही ढंग से सोचें | में ऐसे अनेक व्यक्तियों को जानता हूं जो जिंदगी भर प्रसन्ता प्राप्त करने के लिए तरसते रहे ,परंतु प्रसन्न ना हो सकें | उन्होंने अपने जीवन के संबंध में सही दंग से सोचने का प्रयत्न नही किया | वे सोचते कुछ और रहे और करते कुछ और ही रहे | इसका परिणाम ये निकला कि न उन्हें सुख मिला ना समृद्धि ही प्राप्त हुई | 

अपने आपको हीन भावना से मुक्त कीजिए और भली प्रकार समझ लीजिए कि प्रकृति के भंडार अनंत हैं | ईश्वर हम सबकी देखभाल करता है | उस सृष्टि के बनाने वाले के पास किसी चीज की कोई कमी नही है | 

मनुष्य इस सृष्टि का श्रेष्ठतम प्राणी है उसका कर्तव्य है कि वह अपनी पाशविक शक्तियों पर विजय प्राप्त करके उनका प्रयोग मानव जीवन के विकास के लिए करें | सृष्टि निरंतर विकास की और अग्रसर है वह विकास की योजना पर चल रही है | काम करने वाला यहाँ कभी भूखा नही मरता | फिर कर्म करने वाले व्यक्ति को कमी किस बात की ? समृद्धि आपके व्यक्तित्व की देन है भाग्य से उसका कोई संबंध नही | अपने व्यक्तित्व को सुधारिए ,समृद्धि स्वत:आपके पास आकर आपके चरण चूमेगी |   
   
दोस्तों ये समरी  स्वेट मार्डन की बुक "आगे बढ़ो" पार्ट 4 की है | जिसमे समृद्धि का रहस्य बताया गया है | 








   

Wednesday, November 28, 2018

मन के हारे हार है , मन के जीते जीत !!!

दोस्तों ! स्वेट मार्डन "आगे बढ़ो " बुक के अध्याय 3" मन के हारे हार है मन के जीते जीत " में कहते हैं - हमारा मन अपरिमित शक्तियों का भंडार है तन का संचालन मन ही है , और मन की शक्ति अजय है, उसे कोई नही जीत सकता | आज विश्व तथा मानव - सभ्यता का जो स्वरूप है ,वह मन की इसी अपरिमित शक्ति की देन है | मन में जब कुछ आता है ,विचार जागते है ,तभी तन उसे करने को प्रेरित होता है | और कार्य को लक्ष्य तक पहुंचाता है मनुष्य यदि पशु से श्रेष्ठ कहलाया है तो केवल अपनी इसी मानसिक शक्ति के कारण  |

इमर्सन एक बहुत अच्छे लेखक एवं विचारक हुए है | एक बार विधार्थियों की सभा मे भाषण देते हुए उन्होंने कहा था " मनुष्य की हार -जीत का दामोदार मनुष्य के मन पर है " मन के हारे हार है मन के जीता जीत " यह केवल कहावत ही नही है | वरन इस वाक्य में अनंत शक्ति व प्रेरणा भी भरी हुई है | जो व्यक्ति इस कहावत का वास्तविक अर्थ समझ लेता है उसके लिए संसार में कोई भी कार्य असंभव नही है | कठिन से कठिन कार्य  भी संभव व सरल बन जाता है | मनुष्य की इन सभी सफलताओं का रहस्य उसके मन की संकल्प शक्ति में छिपा है |    

मनुष्य जिस बात का चिंतन और मनन करता है और बाद में जिन उद्देशयों की पूर्ति का संकल्प  करता है उनमे मानसिक निश्चय दुवरा सफलता प्राप्त होती है | 

एक बार सनफ्रासोर्सिको नगर में बड़ा भयंकर  तूफान आया | इस संबंध में प्रसिद्ध है कि उस समय लकवे के अनेक भयंकर रोगी रोग से छुटकारा पा गए | वस्तुत : ये कोई चमत्कार की बात नही थी ऐसा होने का कारण रोगियों की मानसिक शक्तियों का एकत्र होना था | 

बात वस्तुत: यह है कि व्यक्ति अपनी क्षमताओं के प्रति सजग नहीं रहता वह यह भूल जाता है कि उसके व्यक्तित्व में शक्ति व प्रेरणा का कितना अथाह समुन्द्र हिलोरे मार रहा है किंतु जब कोई अवसर आता है तो यह सोया हुआ शक्ति का अथाह सागर जाग उठता है |सत्य ही कहा है आने वाली भयंकर चुनौतियां ही मनुष्य को अपनी असीमित शक्तियों के पीछे जागरूक बना देती हैं | 

महापुरषों के ही नही सामान्य व्यक्तियों का जीवन भी कठनाइयों से घिरा रहता है उन्हें भी जीवन में पग पग पर कठनाइयों और बाधाओं  का सामना करना पड़ता है, परंतु कठिन से कठिन परिस्थति में भी यदि व्यक्ति में ये विश्वास स्थिर रहे कि परिस्थतियां बदलेंगी और एक ना एक दिन संकट के दिन पुरे होंगे तो वह अपनी परिस्थतियों पर शीघ्र ही विजय पाने में समर्थ हो जाता है | 

अपने कार्य को पूरा करने का  द्रढ़ संकल्प ही शरीर में उत्साह भरने की सबसे बड़ी कुंजी है |संकल्प का ही दूसरा नाम सफलता है | और व्यक्ति का मन ही इन संकल्पों का स्रोत्र है अत :आपको चाहिए कि अपने मन को कुछ ना होने दें उसमे किसी प्रकार की कमजोरी ना आने दें | उसमे ज़ंग ना लगने दें  | यदि आपका मन प्रफुलित रहेगा तो आप निर्बल शरीर द्वारा भी कठिन से कठिन कार्य करने मे समर्थ हो सकेगें |      




















Saturday, November 24, 2018

मन को वश में कैसे करें ?




दोस्तों ! स्वेट मार्डन ने अपनी बुक "आगे बढो " अध्याय 2 में लिखा है - जिसने अपने मन को वश में कर लिया समझो जग जीत लिया | ऐसा व्यक्ति कभी असफल नही हो सकता | परिस्थतियां स्वत: उसके अनुकूल हो जाती हैं | उसमे शक्ति का अपार भंडार जमा हो जाता है | और इसी शक्ति के बल पर वह ऐसे आश्चर्यजनक कारनामे को अंजाम दे देता है | जिनकी पहले उसमे कभी कल्पना भी नहीं की होती | अपने विचारो पर अटल रहें | फिर देखें कैसे आपकी विजय पताका नही फहराती | 

एक सुप्रसिद्ध व्यक्ति ने कहा है - " चरित्रवान व्यक्ति वह है ,जिसे यह मालूम है कि वह क्या चाहता है तथा जो मन के भावावेशपूर्ण आवेगों में नही बह जाता बल्कि  एक निशिचत सिद्धांत के अनुरूप आचरण करता है "

मन की शक्तियों को नष्ट करने वाले नकारत्मक भाव दैत्य हैं | ये केवल आपके मन को विक्षुब्ध ही नही करते  बल्कि शरीर में विषययुक्त रसायनो का उत्पादन करके उसे विषाक्त भी बनाते हैं | आपको दृढ़निश्चिय कर लेना चाहिए कि आप क्रोध ,चिड़चिड़ापन ईर्ष्या निराशा ,खिन्नता और चिंता को अपना भंयकर शत्रु समझकर अपने जीवन से बहार निकाल देंगे | जो व्यक्ति इन पर विजय प्राप्त कर अपनी इच्छा शक्ति को दृढ़ बना सकता है ,वह अपने सामान्य कार्य सहज में ही संपन कर लेता है |   

आलस्य से बढ़कर मनुष्य का कोई दुश्मन नही है | आलस्य आपको समूल नष्ट करने की क्षमता रखता है | रदरफोर्ड ने कहा है -" आलश्य का एक मात्र इलाज केवल काम करना |स्वार्थ भावना का इलाज है त्याग | अविश्वास का इलाज है दृढ़विश्वास | कायरता का इलाज है -जोखिम भरे काम का बीड़ा उठाना और तन मन धन से उसमे जुट जाना | 


अपने मन में ये दृढ़ विश्वास रखे कि आपका भविष्य बहुत आशापूर्ण उज्ज्वल और सफल है | अपने चारो ओर से प्रश्नताप्रद विचारो को आकर्षित करने का प्रयत्न कीजिय | सदा कष्टों की अपेक्षा कीजिये उनका मजाक उड़ाइये | 

जो मनुष्य प्रातकाल उठकर मूड की बात सोचता है वह चाहे कितना कुशल कार्यकर्ता क्यों ना हो बहुत उत्कृष्ट कार्य नही कर सकेगा क्युकि वह तो मूड का गुलाम है| जो प्रातकाल उठते ही शर्दी व गर्मी को मापने लगते हैं और देखने लगते हैं कि पारा चढ़ रहा या उतर रहा है वह भी दास ही है वह भी कभी सफलता या ख़ुशी प्राप्त करने में सफल नही हो सकता | 


आत्मनियंत्रण और आत्मसंयम प्राप्त किये बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी महान कार्य को कभी पूरा नही कर सकता | जिस व्यक्ति ने अपनी चित्तवृतियों को वश में कर लिया है वही सुसंस्कृत है महान उपलब्धियों ,अपूर्व सफलताओं और उच्च पद की प्राप्ति के लिए मन की व्रतियों को वश में करना (आत्मसंयम ) पहली शर्त है | 


जब मनुष्य अपने मानसिक विचारो को वश में कर लेता है ,तब  व्यक्तियों से ईर्ष्या करना छोड़ देता है जिनके महान कार्यो को देखकर वह पहले कभी चकित हो जाया करता था | कारण यही है कि उसमे स्वयं शक्तियों का इतना अपूर्व भंडार जमा हो जाता है कि वह शांत होकर आत्मविश्वास से भरपूर रहता हुआ निरंतर अपने लक्ष्य की और बढ़ता चला जाता है | 


जो व्यक्ति सही ढंग से विचार करते हैं जिन्हें कर्तव्य पालन तथा अकर्तव्य की विवेक -बुद्धि प्राप्त हो चुकी है जिन्होंने अपनी चित्तवृतियों को संयम करके अपने वश में कर लिया है लोग उनके सहायक हो जाते | परिस्थतियां भी उनके अनुकूल हो जाती हैं यदि हममे भी ऐसी ही दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो निष्चय ही हम भी ऐसे बन सकते हैं | 

विपत्तियों में अपने मन को सुधारकर उनका मुकाबला करने की शक्ति पैदा करना एक उत्तम गुण है जब आप जानते हैं कि आपको क्या करना चाहिए तो आपका कर्तव्य हो जाता है कि उसे कठिन समझते हुए भी आप अवश्य करें |

अत :अपने मन को वश में करने की शक्ति प्राप्त कीजिये | ऐसी शक्ति प्राप्त कीजिये कि हीन चित्तवृत्तियां आपको अपने लक्ष्य से भृष्ट न कर सकें | कितनी भी कठनाईयां हो आप अपने विचारों पर दृढ़ रहें | आपकी विजय पताका फहराएंगी और आप अपने उद्देश्य में सफल होंगे | प्रेय को छोड़ कर जो श्रेयमार्ग को पकड़ता है ,वह अपने जीवन का उत्थान करने में सफल हो जाता है | 












Sunday, November 18, 2018

गाते गुन गुनाते काम करें !!!



दोस्तों ! संगीत के पीछे अपार शक्ति छिपी है | गायों के गले में बंधी घंटियों की रुनझुन हो या स्त्रियों की पायल की छम -छम स्वर लहरियों में छिपा संगीत  हर सवेदनशील मनुष्य के मन के तारो को झँकृत कर जाता है | मन प्रफुलित तथा प्रसन्न हो जाता है | और इससे जो कार्य शक्ति प्राप्त होती है | वो असंभव कार्य को भी संभव बना देती है | मन में आशा तथा उत्साह का संचार करने के लिए संगीत को अपना साथी बनाइए -फिर देखिये इसका चमत्कार ! 


काम करते करते जब किसी व्यक्ति के मुख से संगीत फूटने लगता है तो उस व्यक्ति की सारी थकान दूर हो जाती है | इस प्रकार प्रसन्नहृदय से जो शक्ति प्राप्त होती है उससे अनेक आश्चर्य जनक कार्य संपन हो जाते हैं | 

एक विद्वान डॉक्टर का कहना है -" शारीरिक परिश्रम ,सर्दी बुखार पौष्टिक भोजन का आभाव ,अंधेरे व अस्वस्छ मकान में निवास, आलस्य प्रियता तथा नशा -यह सब बाते मनुष्य की घोर शत्रु हैं परन्तु इनमे से कोई भी इतना हानिकारक नही है जितना कि क्रोध |

मुझे वो ही व्यक्ति अच्छे लगते हैं ,जो इमरसन की तरह अपने जीवन उद्देश्य को प्राप्त करते हैं | और जिन्हें यह विश्वास होता है कि प्रत्येक भूल को सुधारने के लिए कोई ना कोई उपाय अवश्य है | जो व्यक्ति दुसरो के गुणों को ही देखता है वही व्यक्ति मुझे पसंद है | मुझे व्ही व्यक्ति पसंद है जो सत्य की विजय में विश्वास रखता है जिसे अपने विरोध में भी अनुकूलता दृष्टि गोचर होती है | ऐसे लोग ही राष्ट निर्माता कहलाते हैं | 

मैने अपने स्वभाव की मधुरता को कभी भी समाप्त नही होने दिया और सदा आशा वादी बना रहा कभी निराश हुआ ही नही | में सदा यही मानता  रहा समय और मनुष्य कभी बुरे नही होते | मेरा यह विश्वास है कि इस संसार में अथाह: धन संपत्ति पड़ी है | आवश्यकता है तो सिर्फ इस बात की हम जाए और काम करें तथा धन सम्पति  लें आए | जीवन में मेरी सफलता का रहस्य केवल इतना है कि मैने सदा जीवन के उजले पक्ष पर ही द्रष्टि रखी | 

अस्तु का कहना है कि -यदि कष्ट को हँसते हँसते सहन किया जाए तो वह भी सुखद हो जाता है ,पर यह  तभी हो सकता है जब काम को महान बना दिया जाए | 

बीचर का कहना है कि -उन साथियों से सदा दूर रहो जो जीवन में दुःख भरते हैं और केवल उन्हें अपना साथी बनाओ जो सदा आनंद पूर्ण स्थति में रह सकें | 

प्रसन्न वही रह सकता है जिसे जीवन से आनंद ग्रहण करना आता हो जो हर और से हर अवस्था में आनंद प्राप्त करता रहा है और आनंद के रहस्य को जान चूका है ,वह कभी प्रतिक्षा नहीं करता कि जब उसके पास सुख के साधन एकत्र हो जायेगे तभी उसे आनंद मिलेगा | 

व्यक्ति काम करने के बाद थकान अनुभव करता है , काम करते हुए नही | इसलिए दिन का काम पूरा करने के बाद काम को बंद कर देना चाहिए और मनोरजन में लग जाना चाहिए इससे मष्तिक और शरीर पर पड़ा बोझ हल्का हो जाता है | सच तो ये है कि हम प्रसन्न व संतुष्ट है तो हमे सारी  प्रकृति मुस्कराती हुई प्रतीत होती है | 

आप अपने उद्देश्य को पाने के लिए भरकस कोशिस कर रहे हो तब भी अपने भीतर के संगीत और कविता को दबने मत दीजिए |एक प्रसन्नहृदय और संतुष्ट व्यक्ति घर के सभी लोगो की चित्तवृति को आनंदपूर्वक बना सकता है | क्युकि घर के सुख व आनंद की चाबी ऐसे ही प्रसन्नचित व्यक्तियों के हाथ में होती है | 
    
यदि एक पत्नी अपने घर को स्वच्छ ,उज्जवल एव आनंद दायी स्थान नहीं बना सकती - जहां ,उसका पति विश्राम कर के अपने कष्टों को भुलाकर आराम कर सकें तथा अपनी थकावट करके दोबारा कार्य करने के लिए प्रेरित हो सके - तो ऐसी पत्नी एक सुगड़ पत्नी नही कहला सकती | 

लांगफेलो का कहना है -जो स्त्रियाँ घर का उत्मोत्तम प्रबंधन  करती हैं वही सर्वाधिक सुखी और सर्वाधिक आनंदपूर्ण भी होती हैं | एक उत्तम पत्नी व उत्तम माता कौन  है ? वह धरती पर स्वर्ग से उतरा एक वरदान है | एक पवित्र व कोमल वरदान जिसके स्नेह की महत्त को मापा नही जा सकता | ऐसी स्त्रियां ही अपने घर को सुघड़ बनाती हैं | घर के प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय पर अपने मीठे बोलो का शीतल लेप लगाती हैं और गृहस्ती को ऊंचा उठा देती हैं ऐसी ही स्त्रियां समाज को महान बनाकर संसार की प्रगति में सहायक सिद्ध होती हैं | 

छोटे -छोटे झगड़े ,छोटे -छोटे ताने ,छोटे -छोटे दोष ढूढ़ने की आदत ,आलोचना ,क्रोध ,अधीरता ,अनुदारता अथवा सह्रदयता आदि | अनेक ऐसे कारण हैं जिनसे महिलाओ में मन मुटाव हो जाता है | 

आप किसी से स्नेह करते हैं इतना ही काफी नही है ,उस स्नेह का पूर्ण प्रदर्शन किए बिना आप अपने भावो को दुसरो तक नही पहुंचा सकते |   

गेटे ने कहा है -'' चाहे राजा हो या किसान ,लेकिन सब से सुखी वही इंसान है ,जिसे अपने घर में शांति प्राप्त होती है | 

दोस्तों ये समरी स्वेट मार्डेन की बुक  ''आगे बढ़ो'' पार्ट 1 की है जिसमे स्वेट मार्डेन ने बहुत ही अच्छी तरह खुशाल जीवन  का मन्त्र बताया है|  


Thursday, November 15, 2018

असफलता को सफलता में कैसे बदलें ?



हाय दोस्तों ! स्वेट मार्डन का कहना है कि - मनुष्य अर्थात आप स्वयं ही अपने भाग्य विधाता हैं | अपनी असफलताओं का दोष भाग्य के सिर मढ़ देने के बजाय यदि आप द्रढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ कठनाईयों का मुक़ाबला करें तो आप अपनी असफलता को सफलता में बदल कर जीवन में सभी प्रकार से ख़ुशिया भरने में कामयाब हो सकते हो |

दरिद्रता का एक मात्र कारण है आपके मन की दरिद्रता | यदि आपका मन दरिद्र है तथा उसमे निर्धनता व आभाव के विचार ही भरे हुए हैं तो आप सम्पन कैसे बन सकते हैं | वस्तुत :आप ये कल्पना ही नही कर पाते कि आपमें भी ऐसी अनेक शक्तियां, सामर्थ्य और योग्यताएं  हैं, जिनके थोड़े से प्रयोग मात्र से आप वर्तमान से कई गुना अधिक संपन बन सकते हैं | 

योग्यता बनाने से बनती है | बार -बार रस्सी के घीसने से पत्थर में निशान पड़ जाता है | जहां चाह वहां राह - जीवन की सारी  उपलब्धियों का स्रोत एक चाह होता है | यदि वयक्ति उत्साही और स्वालंबी हो तो उसके लिए संसार में किसी चीज कि कोई कमी नहीं रहती | खोजने पर वह सभी कुछ प्राप्त कर लेता है | कहा भी तो है  "जिन खोजै तिन पाइया "

दोस्तों ये समरी स्वेट मार्डन की बुक आगे बढ़ो की प्राक्क्थन की है | जिसमे स्वेट मार्डन ने बहुत आसान तरीको से इंसान को आगे बढ़ने की राह प्रसस्थ की है | ये पुस्तक निसंदेह मनुष्य को यही संदेश देती है कि आगे बढ़ना ही जीवन है और रुकना मौत के समान 










Tuesday, October 9, 2018

सफलता के 4 सूत्र !!!



दोस्तों ! सफलता के मार्ग में कई रुकावट आती हैं | और अक्सर लोग इनका इल्जाम दुसरो पर लगाते हैं | लेकिन अगर ध्यान दें तो देखेंगे कि आपकी सफलता में रुकावट आप खुद है | अपनी कुछ गलत आदतों की वजह से सक्सेस की राह में रुकावट बनतें हैं | आइये जानते हैं सफलता के सूत्र - 


1 बिना प्लानिंग के कार्य ना करें :- दोस्तों ! ऐसे लोग जीवन में कभी सक्सेस नही हो सकते, जो सही से प्लानिंग नही करते | सक्सेस की पहली सीढ़ी सही प्लानिंग है | जिसने सही प्लानिंग कर ली सोच लो वो सक्सेस की पहली सीढ़ी चढ़ गया | सक्सेस होने के लिए हर कार्य को करने से पहले उसकी अच्छी तरह से  सोच समझकर प्लानिंग करें, तभी उस कार्य में सक्सेस मिल सकती है | लेकिन हम सोचने के लिए वक्त  ही नही निकालते |  किसी ने सही कहा है कि -

"संसार की सभी समस्याएं आसानी से हल हो सकती हैं यदि इंसान सोचने को तैयार हो ,लेकिन दिक्क्त यह है कि अक्सर मनुष्य यह कोशिश करता है कि उसे कुछ सोचना ना पड़े क्युकि सोचना कठिन  लगता है "

2 टाइम किलर एक्टिविटीज को अवॉइड करें :- काफी कीमती समय अँसेसरी कार्यो  व विचारों में बर्बाद कर देते हैं  | जैसे हम सभी कुछ ना कुछ कार्य करते हैं लेकिन उसमे कुछ भूल या गलती हो जाती हैं तो उस भूल या हानि के बारे में हम सोच सोच कर खुद को पीड़ा पहुंचाते हैं और रुक कर खड़े हो जाते हैं | आप कहेगे ऐसा होना स्वाभिक है तो आप तनिक सूर्य की तरफ देखिये वो हर रात अंधकार से लड़ता है फिर भी शुबह नई ऊर्जा व नये तेज के साथ उदित होता है और संसार को नियमित रूप से प्रकाश देता है  |  

3 विपरीत परस्थतियों के चलते हार ना माने :-  -ए पी जे अब्दुलकलाम जी ने अपने भाषण में एक बात कही थी -
" कोई इंसान कितना भी छोटा क्यों ना हो उसे  हौसला नही छोड़ना चाहिए | मुश्किलें मुशीबतें जिंदगी का हिस्सा हैं और तकलीफें कामयाबी की सच्चाइयां हैं | खुदा ने ये वादा नही किया आसमान हमेशा नीला ही रहेगा ,जिंदगी भर फूलों से भरी राहें मिलेंगी | खुदा ने ये वादा नही किया कि सूरज है तो बादल नही होगें ,ख़ुशी है तो गम नही होगा , सकूंन है तो दर्द नही होगा "


अपने भीतर सोय हुए निष्चयबल को जगाओ सर्वदेश सर्वकाल में सर्वोतम आत्मबल को अर्जित करो आत्मा में अथाह सामर्थय है | अपने को दीन हीन मान बैठे तो विश्व में ऐसी कोई सत्ता नही जो तुम्हें ऊपर उठा सकें | अपने आत्मस्वरूप में प्रतिष्ठित हो गए  तो विश्व में कोई ऐसी हस्ती नही जो आपको दबा सकें | सदा स्मरण रहे कि इधर उधर भटकती व्रतियों के साथ हमारी शक्ति भी बिखरती रहती है | अतः वृतियो को बहकाएं नहीं | तमाम वृतियों को एकत्रित करके जो कार्य करते हैं उसमे लगाएं | 

4 पेशेंस रखें :-  जितना बड़ा वृक्ष होगा उसके बीज के अंकुरित होने की यात्रा भी उतनी ही लंबी होगी | ठीक उसी प्रकार जीवन के शुभ संकल्प जितने श्रेष्ठ होंगे उनको साकार रूप लेने में उतना ही समय लगेगा | संकल्प रूपी बीज ऐसे ही फलित नही हो जाएंगे | परिश्रम रूपी खाद से नित इन्हें सिंचित करना पड़ेगा संकल्प रूपी खाद डालनी पड़ेगी कुसंगरूपी कीड़ा से बचाना होगा | 

उसके बाद आपके सामने बीज नहीं अपितु एक विशाल वृक्ष होगा जिसकी  शीतलता छाया तले अनेको लोग विश्राम व मधुर फलों से तृप्ति पा रहे होंगे और इससे आपको मिल रहा होगा एक परम धन्यता का अनुभव और जीवन की सार्थकता का आनंद | सक्सेस योग्यता,कड़ी मेहनत के साथ साथ समय मांगती है | कार्य को सफल बनाने के लिए जितनी एनर्जी की जरूरत होती है उतनी लगानी ही पड़ती है | आपने दुनियां के जितने भी महान लोगो के बारे में सूना है या देखा है- उन्हें सक्सेस रातो रात  व आसानी से नही मिली | उन्होंने 16 से 18 घंटे सालों काम किया है | मुसीबतों का सामना किया है तब जाकर वे सक्सेस हुए हैं | सच कहा है किसी ने -

"लाख मुश्किलें आए ,बार -बार असफलता सामने आए, लेकिन जिंदगी का मुकाम वही होता है, जो आप तय करते हैं"




Wednesday, September 12, 2018

सक्सेस की सीढ़ी चढ़ना चाहते हो ? अपनी पसंद का कार्य करें !!!


Image result for success chahiyeहैलो फ्रेंड्स ! आप ये तो जानते ही हो हर इंसान लाइफ में सक्सेस चाहता है लेकिन हर इंसान सक्सेस हो नही पाता | जो कार्य परमात्मा ने  हमारे लिए चुना है, जब तक हम उस कार्य को नही करेंगे उस मंजिल तक नही पहुंचेगे जो परमात्मा ने हमारे लिए तय की है तब तक हम सक्सेस नही हो सकते | 

आपने देखा भी होगा कि कई लोग छोटे-छोटे कार्यो मे भी सक्सेस हो जाते हैं | कई लोग बड़ा कार्य करते हैं बहुत पैसा लगाते है लेकिन सक्सेस नही  होते | ऐसा क्यों ? क्यों कि जो कार्य आप कर रहे हैं अगर उसे आप इन्जॉय नही कर रहे तो आप अपनी फिल्ड में सक्सेस नही हो सकते |

इसलिए लाइफ में आप वो कार्य करो जो कार्य करना आपको पसंद है |अपनी हर परेशानी व रुकावटों को इग्नोर करके अपना फोक्स व अपना समय उस कार्य को दो , हर संभव कोशिस करो |  आप खुश भी  तभी रह जब आपने लाइफ में जो चाहा उसे अचीव किया हो | कुछ अचीव किये बिना आप कभी भी खुश नही रह सकते |  

सक्सेस से जीवन ख़ुशी व आनंद से भर जाता है और फैलियर से  हमेशा  टेशन किरिएट होती  हैं | ऐसा नही है कि सक्सेस लोगो की लाइफ में कभी विपरीत परिस्थति नही आती | आती हैं फैलियर लोगो से ज्यादा आती हैं लेकिन सक्सेस लोग अपनी परेशानियों या विपरीत परिस्थतियों की वजह किसी और को नहीं मानते |वो हमेशा उसकी वजह ढूढ़ते हैं उसका सलूशन निकाल कर मंजिल तक पहुंचते है | 

फैलियर लोगो के जीवन में हमेशा बेचैनी चिड़चडाहट रहती है और जब भी उन लोगो से  उनके फैलियर की वजह पूछोगे  ? वे पचास लोगो को अपनी फैलियर की वजह बताएंगे हजारो परिस्थतियों का रोना रो देंगे | रामायण में लिखा है  - 

"किसी को दोष देने से भाग्य की रेखा नही बदल जाती | इंसान अपने ही कर्मो का फल पाता है "

सक्सेस लोगो से उनकी सक्सेस की वजह पूछना वो सिर्फ एक बात बतायेगे की उन्हें सक्सेस चाहिए थी इसलिए सक्सेस हुए | 

दोस्तों ! खुद से पूछो कि आप क्या चाहते हो ? सक्सेस या फैलियर !सक्सेस चाहते हो तो वो करो जो कार्य आपको पसंद है और जो सक्सेस के लिए जरूरी है | उन चीजों पर फोकस मत करो जो आपकी लाइफ में रुकावट पैदा करती हैं | बुरे वक्त में निराश ना हो समय बदलता रहता है जीवन में अच्छे बुरे दिन आते रहते हैं इस समय हाइपर ना हो, चिंतित ना हो, विपरीत परस्थतियों के समय सामान्य लहजे से जिए ठंडा दिमाग रखें ठंडे दिमाग से रहेंगे तो अनजान भय से बच जायेगे | 

हम उस भय के बारे में सोचते रहते हैं जो है ही नही | रास्ते पर चलते रहेंगे तो मंजिल तक पहुंच ही जायेगे | हमारे कर्म या हमारी आदतें ही हमारी परेशानियों का सबब बनती हैं उन पर फोक्स करो जो आपके लिए जरूरी है | हम परिस्थतियों में फंस कर रह जाते हैं | और हमारे हाथ से सुनहरा समय फिसल जाता है | परिस्थति कभी भी अनुकूल नहीं होती उन्हें अनुकूल बनाना पड़ता है | 








Wednesday, August 29, 2018

कुछ मौके जीवन में एक बार ही मिलते हैं !!!

Image result for zindagi bar bar moka nahi detiहाय दोस्तो ! में ललतेश यादव दोस्तों ! किसी ने सच ही कहा है कि आपके जीवन में कल क्या होगा ,या आप कल किस मुकाम पर होंगे ये सब आज के लिए निर्णय ,व कार्य तय करते हैं  |


प्रत्येक मनुष्य के पास प्रचुर अवसर होते हैं :- आपके जीवन में पहला कदम ही सबसे ज्यादा महत्व रखता है | बुद्धि मनुष्य को मिला ईश्वर का ऐसा वरदान है जिसकी वजह से वह नया काम कर सकता और स्वयं को प्रगति के पथ पर ले जा सकता है | जिस पल आप कोई अवसर पाते हैं व आपको लगता है कि आप उसके असली हकदार हैं तो ब्रह्मांडीय शक्तियां पाने लगते हैं | व्यक्ति का निर्माण सफलता और प्रसन्ता के लिए ही हुआ है तुम इसलिए पैदा हुए हो कि इस संसार में ऊचे उठो और उनत्ति करो | 

चौकन्ने रह कर अवसर का इंतजार कीजिए :- लाइफ में कुछ बेटर करने का अवसर मिले इसका सब इंतजार करते हैं | लेकिन अवसर किसी का इंतजार नही करता | अवसर अपने समय पर आता है और चला जाता है | जो लोग जागरूक रहते हैं वे सुअवसर का फायदा उठा कर जिंदगी में उचाईयों को छूते है |  

सक्सेस की राह में कई मुश्किलें भी आती हैं :- जिनके चलते हम कई बार मुश्किलो में सही समय पर सही डिसीजन नही लेते या कार्य नही करते कल पर छोड़ देते हैं | स्वामी उमाकांन्तानंद जी कहते हैं कि -

" कल वो अश्क कुसुम है जिसे किसी ने नही देखा | सब इंतजार करते रहे की कल अश्क कुशम आयेगा,खिलेगा लेकिन वो कभी नही आया |  कल कभी नही आता वो आज ही आता है "

"कल की धार पर ना जाने कितनो की प्रतिभाओं के गले कट गए कितनो के सपने अधूरे रह गए अवसर को कभी चूकना नही यही सफलता का रहस्य है | अब आप सोचोगे की अवसर का पता कैसे चले ? हमेशा सावधान रहे  " 

अवसर का फायदा उठाने के लिए रिस्क लेना जरूरी है :- माँ जब रिस्क लेती है तभी किसी बच्चे को जन्म देती है | पेरेंट्स भी बच्चो की पढ़ाई में रिस्क लेते हैं तभी कोई बच्चा पढ़ पाता | इंसान जब रिस्क लेता हैं तभी लाइफ में सक्सेस  कहलाता | दोस्तों मेरा मानना है की सब से बड़ा रिस्क ये जीवन है जिस का कोई भरोषा नहीं फिर भी पागलों की तरह ये भी कर लें और ये भी ले लें के पीछे भागते रहते हैं | 

जब किस्मत आगे बढ़ने का अवसर दे तो अवसर का फायदा उठाने से ना चूकें :- ये मौका बार बार नही मिलता | पता नहीं दुबारा मौका मिले भी या नहीं | अगर आप एक बार मौका चूक गए तो जिंदगी भर दुसरो के तलवे चाटने और पछताने के सिवाय आपको कुछ नहीं मिलेगा | और आप ये सोच कर पछताते रहोगे कि मुझे मौका मिला था मैने वो मौका खो दिया | इसलिए सावधान जब भी मौका मिले हर विपरीतपरस्थति को इग्नोर करते हुए मौके का फायदा उठाओ | ये याद रखो चुनौतियों के रूप में ही अवसर आते हैं | 

बीता हुआ वक्त लौटकर नही आता :- ये जानते हुए भी कितना समय सोचने व सही डिसीजन लेने मे बर्बाद करते हैं । जिदगी में कामयाब होना है तो वक्त की वेलूय समझनी होगी | दंगल फिल्म में एक डायलोक था -  

" अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करने के लिए भगवान ने इंसान को सीमित समय व सीमित ऊर्जा दी है इसलिए जरूरी है कि इंसान इसका उपयोग सोच समझ कर करें " 

लाइफ में कुछ अच्छा करने के लिए हर दिन हर घण्टे मानसिक रूप से वहां रहना जरूरी है | क्यों कि हमारा मन बहुत ही चंचल है। इधर उधर बातें करने से अच्छा है कि  आप किताब पढें । पढे हुए किसी एक विचार से आप की सोच बदल सकती है और सोच से जिदगी बदल सकती है आपका बात करने का ढंग बदल सकता है | 









Sunday, August 19, 2018

सफल जीवन का रहस्य !!!



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हाय दोस्तों ! में ललतेश यादव | दोस्तों !  कई लोग कहते हैं कि -दूसरे लोगो की मदद क्यों करनी चाहिए ? इससे क्या लाभ ? महान लोगो का कहना है -  जो आपको चाहिए वो देना सीखो | 

 सक्सेस चाहते हो तो दूसरे लोगो को सक्सेस होने में मदद करो , आगे बढ़ना चाहते हो तो दुसरो को आगे बढ़ने में मदद करो  , पैसा चाहिए तो पैसा दो , सहानुभूति चाहिए तो सहानभूति दो ,विश्वास चाहिए तो दुसरो पर विश्वास करो | इज्जत चाहिए तो इज्जत दो , साथ चाहिए तो साथ दो | 

जो आपको चाहिए वो आप दो | जो आप दोगे वही आपको मिलेगा | आपने देखा होगा जो लोग गाली देते हैं उन्हें बदले में गाली ही मिलती हैं , कोई भी गाली देने वाले पर फूल नही बरसाता | प्रकृति का नियम है जो बीज तुम बोते हो वही काटने पड़ते हैं | किसी ने बहुत अच्छी बात कही है - 

" जिंदगी एक प्रतिध्वनि है सब कुछ वापस आ जाता है ,अच्छा बुरा झूठ सच सब  कुछ ''

अत: दुनिया को आप सबसे अच्छा देने का प्रयास करें | और निश्चित ही सबसे अच्छा आपके पास आयेगा | ऐसा नहीं हो सकता जब आपको जरूरत पड़े तो आप मदद चाहो ,और जब किसी सामने वाले को आपकी जरूरत पड़े तो आप ढूढे भी ना मिलो | 

जीवन में वही लोग असफल होते हैं जो लोग सिर्फ अपने हित के लिए काम करते हैं , अपनी जिंदगी अपने तक सिमित रखते हैं|  और जब खुद को जरूरत पड़े तो सोचते हैं कि लोग हमारी हैल्प करें | जब कोई उनकी हैल्फ नही करते तो दुसरो में कमी निकालते हैं,शिकायत करते हैं कि कोई हमारा साथ नहीं देता, हमे कोई नही पूछता ,कोई अपना नही है | ये भूल जाते हैं जब आप कुछ देते हो तभी आपको कुछ जीवन में मिलता है | प्रकृति भी तभी हमे दूसरा सांस देती है जब हम पहला सांस छोड़ते हैं | 

आप खुद से पूछो कि आप किस के हो ?  आपको कब किसी की परवाह   रही है ? आप कब -कब दुसरो की जरूरत पड़े में या उनके सुख दुःख में काम आये हो ? अगर आप खुद से ऐसे सवाल करोगे तो आपको दुसरो से शिकायत नहीं रहेगी |  ब्रेन ट्रैसी कहते हैं कि -


 "सफल लोग दुसरो की मदद के लिए हमेशा अवसर तलाशते रहते हैं ,और वही असफल लोग कहते हैं इससे भला मेरा क्या फायदा ?"


जब तक आप सिर्फ अपना फायदा देखोगे तब तक आप अपनी लाइफ में सक्सेस नही हो सकते | आप उसी काम में सक्सेस होते हो जिससे किसी और को  भी बेनिफिट हो | आपके कार्य से किसी और को कोई बैनिफिट नही है तो आप लाइफ में कभी भी सक्सेस नहीं हो सकते | बाबा रामदेव जब दुनिया में कामयाब हुए जब उन्होंने प्राणायाम से लोगो को  बीमारी मुक्त किया | बिलगेट्स इसलिए सक्सेस हुए इन्होने माइक्रो सॉफ्टवियर बनाया

जीवन की सबसे सुखद अनुभूति देने में है। दुनिया, स्वामी विवेकानंद जी  सुभाषचंद्रबोस , आजाद भगतसिंह ,मदरटरेसा , ए  पी  जे अब्दुल कलाम जैसे - देश को कुछ  देने वालो को याद करती है, ना की लेने वालो को | आप भी उनलोगो को पसंद करते हैं जो आपकी हैल्फ करते हैं ना कि उनकी जो आपसे हमेशा मांगते रहते हैं | 

देने वालो से ही  समाज व दुनिया का कुछ भला होता है।  जब हम किसी को निस्वार्थ कुछ देते हैं  या मद्त करते हैं, तो  लेने वाले का  ह्रदय प्रसन्न होता है | और प्रसन ह्रदय व्यक्ति दिल  से दुआ देता है ।  दुआ यश्स्वी बना देती है। 

देने  का मतलब सिर्फ ये नही है कि आप किसी की रूपये पैसे से ही मद्त करें। जिसे फाइनेंसियल स्पॉट की जरूरत है तो उसे फाइनेंसियल स्पॉट  करें,  जिसे मॉरल स्पॉट की जरूरत है, उसे मोरल स्पॉट करें और जिसे फिजिकली  हैल्प चहिए उसे फिजिकली हैल्प करें। 



देनें का सबसे बड़ा महत्व तो ये है कि जब किसी और की मदद करते हैं , उस से पहले खुद की मद्त हो जाती है।  लेकिन किसी की मदद करते हुए ये जरूर सोचें कि ये मदद आप क्यों कर रहे हो ? मद्त सिर्फ इंसानियत के नाते करें, किसी लालच वश या अहसान जताने के लिए ना करें।



किसी कार्य को करने से अगर एक इंसान को भी बैनिफिट होता है तो वो कार्य जरूर करना चाहिए |  आज का इंसान इतना सेलफिश हो चुका है कि सिर्फ अपने बैनिफिट के बारे में सोचता है वह जो भी कार्य करता है वह उन्हें खुश करने के लिए करता है जिनसे उसे बैनिफिट हो । 



महान लोग वो होते है जो गरीब लाचार लोगो के लिए कुछ करते हैं । जब आप गरीब व् लाचार लोगो के लिए कुछ करते हैं तो इससे आत्मसंतुष्टि  मिलती है | संतुष्ट इंसान ही खुश रहता है | एक चीनी कहावत है - 



" अगर आप कुछ घंटो की शांति चाहते हो तो एक झपकी ले लो और अगर एक सपताह की शांति चाहिए तो पिकनिक पर चले जाए और अगर उम्र भर खुश रहना चाहते हो तो किसी अनजान जरूरत मंद की मदद कर दो ।






Thursday, August 16, 2018

असफलता के ७ कारण !!!




Related imageहाय दोस्तों ! हर इंसान सफलता चाहता है ,लेकिन हर इंसान सफल  हो नही पाता | जिसकी वजह से पूरी लाइफ टेशन ,लाचारी, तंगी, कम्प्रोमाइज करना पड़ता है | छोटी छोटी ख्वाईशो को दबाना पड़ता है | सबसे ज्यादा तो समस्या तब खड़ी होती है जब रिलेटिव ,दोस्त, परिवार वाले आगे निकल  जाते हैं | असफल व्यक्ति को रिलेटिव व दोस्त नकारा समझने लगते हैं | बीबी बच्चो की निगाह में भी वो इज्जत नही रहती | असफल  इंसान डिमोटिवेट होने लगता है खुद से ही सवाल करने लगता है कि में ही असफल क्यों ? में ही गरीब क्यों ? मेरी ही किस्मत साथ क्यों नहीं देती | अपनी विपरीत परस्थतियों के चलते हिम्मत हार जाता है | 

सफल व्यक्ति साठ साल की ऐज में भी एक्टिव होगा ,कॉन्फिडेंस से लबालब होगा ,चाँद तारो को छूने की ख्वाइस रखेगा | खुद को जवान फील करेगा | असफल व्यक्ति 35. ४० साल की ऐज तक आते -आते हिम्मत हार जायेगा, खुद को समय के हवाले कर देगा | असफलता का कारण क्या है ? 

1 बिना सोचे समझे कैरियर चुनना :- दोस्तों ! कैरियर हमेशा वो चुनना चाहिए जो आपका पैशन हो, जिस कार्य को करते वक्त एंजॉय करते हो | मुझे सोशल वर्क पसंद है | इसे आगे कैसे बढ़ाया जाये ,किस को साथ में जोड़ा जाये,किसको हटाया जाये, क्या किया जाये,किस से बचना चाहिए ,कौन हैल्पफुल साबित होगा और कौन हार्मफूल  इसकी प्लानिंग करते हुए ,लोगो से मिलते झूलते हुए में बहुत इन्जॉय करती हूँ | इसलिए ८ ,९ साल में ही मैने  मेहनत कम की और इंजॉय ज्यादा किया | में आज सफल सोसल वर्कर हूँ | 

2 बिना प्लानिंग के कार्य करना :- दोस्तों ! प्लानिंग के बिना तो आप एक किटटी पार्टी भी नही कर सकते | तो लाइफ बिना प्लानिंग के कैसे चल सकती है ? लाइफ में अगर आपने प्लानिंग नहीं कि तो आप पानी में गिरे एक लकड़ी के टुकड़े के सामान आपकी हालत हो जाएंगी जिधर पानी का बहाव  ले जायेगा आप उधर ही बहते चले जाओगे फिर पता नही आपको कभी किनारा मिलेगा भी या नही | 

3 टाइम किलर एक्टविटीज में टाइम बर्बाद करना :- दोस्तों! वट्सऐप देखना , फेसबुक चेक करना ,टी. वी ,देखना , वीडियो देखना ,दोस्तों में गॉसिप करना , आलस्य में पड़े रहना  ये सब टाइम किलर एक्टिवटीज हैं | ये सब तभी तक हमारे लिए हैल्पफुल हैं जब तक ये एक लिमिट मे हैं | अगर हमारा समय इन चीजों में ज्यादा बर्बाद होता है तो ये हमारे लिए हार्म फूल हैं  | 

4 फिजूल खर्च करना :- फिजूल खर्च करने का मतलब है अपने बजट से ज्यादा खर्च करना | अच्छा खाना , अच्छा पहना,घूमना फिरना लाइफ एन्जॉय करना किसी को बुरा नही लगता | लेकिन इन चीजों में टाइम व पैसा खर्च करने की एक लिमट होती है | 25 साल से लेकर अगर 35 साल तक के समय में आपने अच्छी प्लानिंग अच्छी मेहनत कर के आपने कोई मुकाम हासिल कर लिया तो आप को लाइफ में पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी | और अगर आपने ये समय और पैसा मौज मस्ती में उड़ा दिया तो आप पूरी लाइफ टेशन में रहोगे और परिवार व रिलेटिव्स के लिए टेशन क्रियेट करोगे |दोस्तों लाइफ में कोई भी दुसरो की टेशन नहीं लेना चाहेगा | ऐसी स्थति में आपके अपने ही आपसे दूर होने लगेंगे | 

5  कंडीशन फेवर में ना होना :- कई बार कार्य तो शुरू कर देते हैं लेकिन कंडीशन  फेवर में ना हो तो  कार्य मे सफल नही हो पाते  जैसे - आप गाड़ी मकैनिक हैं आपको गाड़ी रिपेयर करनी है लेकिन आप बीमार हो गए आप गाड़ी टाइम पर रिपेयर नही कर पाए तो गाड़ी का मालिक किसी और से गाड़ी रिपेयर करायेगा | अगर आप उसका काम एक दो बार समय से नही कर पाए  या गुड़ क्वालटी नही दे पाए तो वो आपसे आगे काम नही करायेगा |  

6 निगेटिव सोच होना :- अगर आपकी सोच नेगेटिव है तो आप लाइफ मे कभी भी सफल नही हो सकते | आपको दो दोस्तों की रियल स्टोरी बताती हूँ - दो दोस्तों ने गाड़ी लीं | एक सिर्फ खर्च के बारे में सोचता इतने का डीजल लग गया , इतने परमिट में लग गए , इतने टोल टैक्स  में लग गए , इतने  क़िस्त में चले गए, इतने रिपेरिंग में लग गए, इतने ड्राइवर लेगा | इसमें इतना खर्च हो जाता है बचता तो कुछ है ही नही | दूसरा सोचता  है चलो गाड़ी ने अपना खर्चा तो निकाला अब कम बचा है आगे ज्यादा बच जायेगा क़िस्त उतर जाएगी तो गाड़ी अपनी हो जाएगी,अब नही भी बच रहा तो आगे बचा कर देगी | डिफरेंट सोच की वजह से नेगेटिव सोच वाले इंसान ने तो दो साल में गाड़ी नुकसान में बेची और जिसकी सोच पोजेटिव थी उसके पास आज ९० गाड़ी हैं | वो अपनी कंपनी का मालिक है और नेगेटिव सोच वाला इंसान आज भी एक ट्रांसपोट में नौकरी कर रहा है | आप सोचो कैसा बनना चाहोंगे ?


7 समय पर चूक जाना :- समय बड़ा बलवान है, जिसके फेवर में समय होता है उसे पूजवा देता है और जिसके अपोजिट हो जाए उसे धरती पर रेंगने के लिए मजबूर कर देता है | पूजे वो लोग जाते है जो अपनी हर विपरीत परस्थति को चीरते हुए लक्ष्य तक पहुंचते हैं | लेकिन जो लोग समय की वैल्यू नही समझते ,समय को चूक जाते है, समय उनहे बर्बाद कर देता है | एक लड़का इंजीनियर बनने के लिए शहर जाता है, वो वहां गलत दोस्तों में रह कर गलत कार्यो में इनवॉल हो जाता है अफेयर में फंस कर टाइम से पहले लव मैरिज कर लेता है |  अब आप बताइये कि समय उसे पुजवायेगा या खाक छानने मर मजबूर कर देगा ? 



Tuesday, August 7, 2018

क्यों बिखरते हैं रिश्ते ?


Related imageहाय दोस्तों ! में कई दिन रिलेटिव्स के साथ रही | मेरे मन में बार बार एक ही विचार आ रहा था कि रिस्तो में खटास क्यों आ जाती है | जो रिश्ते परिवेश हमे परमात्मा ने दिये, हम उन्ही से क्यों दुर रहना चाहते  हैं ? उन्हें क्यों अवॉइड करने लगते हैं ? क्यों उनसे मिलकर टेशन होती हैं ?  बहुत सोचा, ओरो के नजरिये से भी देखा, मुझे इसके कई कारण नजर आए - 

1 अशिकक्षता :- दोस्तों अशिक्षक लोगो को ज्यादातर लड़ते झगड़ते पाया जाता है | ऐसे लोग अपने फर्ज पर ध्यान ना देकर अपने हक के लिए लड़ते झगड़ते रहते हैं | झगड़ो की वजह क्या है ? ये सोचने की बजाय उनका सलूशन ढूढ़ने की बजाए एक दूसरे की कमी निकाले जाते हैं | कई बार तो गाली गलोच तक  पहुंच जाते हैं | जब कि गाली गलौच के बारे में कबीर दास जी कहते हैं -

"आवत गाली एक है, उलटत होये अनेक , कह कबीर मत उलटिये रहे एक की एक "

अगर ये सोच कर सामने वाले की गलती अवॉइड कर दी जाये तो | रिश्ते बिखरने से बच सकते हैं | लेकिन जब भी लड़ाई झगड़े होते हैं तो इंसान गुस्से में अपने दिल की भड़ास निकालने के चककर मे बहुत ज्यादा कड़वा बोल जाते हैं | वो कड़वे शब्द जिंदगी भर सूल की तरह चुभते हैं | इसलिए रिश्तो में कभी भी कडवे शब्दों का इस्तेमाल ना करें | रहीम जी ने कहा था -

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए ,टूटे फिर ना मिले मिले गांठ पड़ जाए "

2 अपेक्षाएं :- दोस्तों ! रिस्तो में अपेक्षाएं ना रखें, ज्यादा अपेक्षा रखने वाले लोगो के रिस्तो में खटास आ जाती है | कामयाब लोग आगे बढ़ने के लिए सोचते रहते है जिसकी वजह से जितनी अपेक्षा परिवार वाले या रिलेटिव उससे करते हैं, उन पर वह खरा नही उतर पाता जिससे परिवार वाले कटने लगते हैं | जिसके पास पैसा होता है वो सोचता है कि आगे कैसे बढ़ा जाए ,और जिसके पास  नही होते या कम होता है  वो सोचता है मुझे मदद मिल  जाए | दोनों अपने नजरिये से सही होते हैं और अपने नजरिये के चलते एक दूसरे से दूर  होते जाते हैं |  जबकि अगर एक दूसरे के नजरिये से देखें तो एक दूसरे में प्रेम बना रह सकता है | जिसके पास ज्यादा हैं वो बडी जिम्मेदारियां या खर्चे खुद उठाकर परिवार की टेशन कम कर सकता है, और जिनके पास पैसा नही है वो ये सोच कर तसल्ली कर सकते हैं कि चलो बड़ा खर्चा ये संभाल लेते हैं हमे अपना घर ही चलाना हैं | लेकिन ये होता नही है आप उन लोगो की जितनी मदद करो उन लोगो की उतनी अपेक्षाएं बढ़ने  लगती हैं | वो ये नहीं सोचते कि आप पर अपना घर खर्च चलाना मुश्किल है तो ये इतना कैसे कर सकता है | 

3 ईर्ष्या :- दोस्तों हर इंसान अपने कर्म , बुद्धि , योग्यता  व भाग्य के अनुसार जीवन में सक्सेस या अनसक्सेस होता है।लेकिन अन्सक्सेस इंसान, सक्सेस इंसान से ईर्ष्या वश कटने लगता है अपने फैलियर व दुःख की वजह दुसरो को मानने लगता है । जिसकी वजह से रिस्तो में कड़वाहट आने लगती है । रामदेव बाबा ने कहा है कि -

" हमारे सुख दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या विपरीत परिस्थितियां नही हैं अपितु हमारे अच्छे या बुरे विचार होते हैं "

4 घमंड :- दोस्तों लाइफ में जब दुःख आता है तो अपने याद आते हैं| और जब सुख आता है, पैसा बढ़ता है तो इंसान में घमंड आने लगता है | वो ये भूल जाता है सुख दुःख दोनों भाई -भाई हैं जो जीवन में साथ चलते हैं | अगर आज गरीबी है तो कल अमीरी भी आएगी और आज बहुत पैसा है तो कल तंगी भी आयेगी | लेकिन इंसान थोड़ा सा पैसा आते ही ये भूल जाता है कि आपको पहले भी दुसरो की हेल्फ की जरूरत पड़ी थी और आगे भी पड़ सकती है | बुजर्ग कहते हैं -

"तीन पीढ़ी में इतिहास बदल जाता है | पहली अगर बहुत रहीस है तो बच्चे इतने कामयाब नही होंगे नार्मल बन कर रह जायेगे और तीसरी पीढ़ी गरीबी में जिंदगी व्यतीत करेगी| और अगर पहली पीढ़ी गरीब है तो दूसरी पीढ़ी बहुत मेहनत करेगी और तीसरी पीढ़ी रहीस बन जाएगी "













Sunday, July 22, 2018

कुछ तो निस्वार्थ कर जाओ!!!



हाय दोस्तों ! कहते हैं कि वाहन हो या जीवन जब भी पहिया धरती मे फस जाता है तब किसी की सहायता के बिना नही निकलता | हम सभी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए कभी ना कभी दुसरो की मदद की जरूरत पड़ती है | आज किसी और को हमारे सपोट की जरूरत है, कल हमे  किसी के सपोट की जरूरत पड़ सकती है | महाभारत में लिखा है कि -

जीवन हो या वाहन जब भार मर्यादा से ज्यादा बढ़ जाए, पहिया तभी भूमि में धसता है " 

आज किसी और के जीवन की गाड़ी का पहिया धंसा हुआ है कल हमारे जीवन की गाड़ी का पहिया धंस सकता है | फिर क्यों हम एक दुसरे की मदद करने से कतराते हैं ? क्यों हम मै और मेरे तक सिमित रह जाते हैं ? क्यों हम मै और मेरे से ऊपर नही सोच पाते ? हम खुद में खुद के परिवार में खुद के समाज में इतने मग्न हो जाते हैं कि हमे दुसरो का दुःख ,परेशानी , जरूरत दिखाई ही नहीं देती | समाज के झूठे दिखावे में अनलिमिट खर्च करते हैं, समय बर्बाद करते हैं | लेकिन जरूरत मंदो के बारे में एक बार भी नही सोचते | चाहे वो अपने ही भाई बहन क्यों ना हो | जबकि -

"खुद गर्ज दुनिया में ये इंसान की पहंचान है ,जो पराई आग में जल जाए वो इंसान है "

ईश्वर ने हमे सिर्फ अपने लिए जीने के लिए नही भेजा | सिर्फ अपने लिए जिए और अपने लिए मरें ये गलत है | मै इसके समर्थन में नही हूं | दुनियां में इंसान बन कर आये हो तो कुछ तो इंसानो वाले कार्य करो |  एक गाना है -


"अपने लिए जिए तो क्या जिए ,जी ले दिल जमाने के लिए " 

किसी एक की मदद, किसी एक को सहारा, किसी एक की लाइफ चेंज कर के इस दुनिया से जाओ | एक नई सोच और नई विचार धारा समाज में छोड़ कर जाओ | 

आपके हालात कितने ही बद से बदतर हो लेकिन अपने टारगेट के प्रति समर्पण होना चाहिए | आप के पास सौ हैं तो आप उसमे से दस रूपये दुसरो की मदद के लिए खर्च कर सकते हो, हजार हैं तो सौ कर सकते हो, लाख हैं तो हजार कर सकते हैं और करोड़ हैं तो लाख कर सकते हो | 

ज्यादातर लोग अपने व अपने बच्चो के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं | लेकिन ये भूल जाते हैं कि बच्चो के अपने कर्म हैं, अपनी किस्मत है, जैसा वो करेंगे, जैसा उनकी किस्मत में लिखा है वो उन्हें मिल जायेगा | उनकी किस्मत आप नही बदल सकते | कर्म हमारे हाथ में है, कर्म करने के लिए हम आजाद हैं | कर्म अच्छे करें या बुरे करें लेकिन फल उस ईश्वर के हाथ में है | कोई भी कर्म करते हुए अपना होश ना खोए | ये जरूर सोच लें कि- 

कर्म करने के लिए हम आजाद हैं और फल भोगने के लिए मजबूर "

वैसे भी जो धन तिजौरी में बंद पड़ा है किसी की मदद में , किसी गरीब  लड़की की शादी करने में या किसी धार्मिक कार्य करने में खर्च नही किया जाता ऐसे धन का क्या करोगे ?  बच्चों के लिए जोड़ोगे ?

 "बच्चों को विरासत में धन देने की बजाए संस्कार दो, हॉइयर एजुकेशन दो जिससे कल वो आपकी विरासत पर नियत ना रखें, बल्कि आपसे ज्यादा कमा सकें ,आपसे बेटर लाइफ जी सकें और समाज में आपका नाम रोशन कर सकें  "  

हम सीधे साधे लोग है दुसरो की बातो में आकर डिसीजन ले लेते हैं | आप जो भी सोचते हैं उसे कर डालें | समय के अनुसार सोच बदलती रहती है | थोड़ी देर कुछ सोचते है और थोड़ी देर बाद में कुछ और सोचने लगते हैं | ज्यादा ना सोचे, ज्यादा सोचने से  सही डिसीजन नही ले पाते | ईश्वर पर भरोषा रखें, पोजेटिव सोचें, नेगेटिव सोच वाले लोगो से दूर रहें |  और बड़े से बड़ा लक्ष्य बना कर जीवन में आगे बढ़े | 






Wednesday, July 18, 2018

जो समय के साथ चलते हैं उनके ही सफलता कदम चूमती है !!


Related imageहाय दोस्तों ! दोस्तों समय रेत की भांति मुठी में से कब फिसल जाता है पता ही नही चलता।विभिन्न जिम्मेदारियां निभाते-निभाते हमे ये ही पता नही चलता कि हमारी उम्र कब बीत गई,कितनी बीत गई । इन सबके बीच में कही ना कही हमारे कुछ सपने छूट जाते हैं । फिर एक समय ऐसा आता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और हमारे लिए वक्त ठहर सा जाता है। ऐसा क्यों होता हैं ? क्यों हम समय के साथ खुद को नही बदल पाते ? क्यों हमारे जीवन में ठहराव आ जाता है ।


लाइफ में जब भी समय मिले अपने सपने साकार करने की शुरुवात कर देनी चाहिए । सी एस लुइस ने कहा है कि -

"आप कभी भी इतने बूढ़े नही हो सकते कि एक नया लक्ष्य निर्धारित ना कर सको या एक नया सपना ना देख सको "
आप को अनुशासित जीवन जीना होगा, नही तो वक्त  हाथ से निकल जायेगा :- बीता हुआ वक्त तो हाथ नही आ सकता लेकिन जो समय चल रहा है उसका सही उपयोग करना आना चाहिए। समय की एक- एक मिनट किमती है । समय अपनी गति से चलता रहता है । 

समय के साथ कदम मिलाकर चलने में ही मानव जीवन की भलाई है । जो समय के साथ चलते हैं उनके ही सफलता कदम चूमती है । और जो समय के अनुसार नही चल पाते वे सफलता से दूर होते जाते हैं । हर साँस के साथ जीवन की एक अमूल्य निधि समय की घट रही है । जो समय का महत्व समझते है उन्हें समझो की नई जिंदगी मिल गई है और जो समय की वेल्यु नही समझते उन्हें समझो की वे भाग्य व भविष्य को ठुकरा रहे हैं। जो बहुत बलवान है शक्ति शाली है | जो समय को ठुकराते हैं उन्हें समय ठुकरा देता है । 


खोया हुआ धन व स्वास्थ एक बार को वापिस मिल भी सकता है लेकिन बीता हुआ वक्त कभी भी वापिस नही आता:- जो समय के महत्व को समझते है वो कभी भी अपना समय बर्बाद नही करते। एक-एक घन्टा जुड़कर हफ्ता बन जाता है, हफ्ता महीना और महीना को साल बनते पता ही नही चलता । सही कहा था किसने कि- 
" गपसप मारने वाले लोगो को मना करना सीखो । क्यों कि अगर आप मना ना कर पाए तो आप समय से पिछड़ जाओगे "
जिदगी का पुरा समय खाना, पीना, सोना, दोस्तों के साथ मस्ती करने में मत गवाओ :- जिदगी का मजा लो लेकिन इसे बर्बाद मत करो। आनंद बहारी चीजो से नही मिलता बल्कि हमारी भीतरी स्थिति से मिलता है। बाहरी सुख तो क्षणिक होते हैं। लेकिन आनंद  अपने अंदर से  ही मिलता है और अंदर तब मिलता है जब हमारे अंदर सकारत्मक सोच शांति और अध्यात्म हो  । 


समय रूपी संपदा की किम्मत पर कोई भी सफलता पाई जा सकती है :- जो भी दुनिया में महापुरुष हुए हैं उन्होंने समय की पूजा की है । और जो आलसी होते हैं  वे समय को चूक जाते हैं । इसलिए समय का संयम रखना परम् आवश्यक है। जितना सफलता के लिए परिश्रम व पुरषार्थ जरूरी है उतना ही समय समाजस्य जरूरी है | मनुष्य की तरक्की का सबसे बड़ा रोड़ा अनियमतता है।समय के समाजस्य से श्रम सम्पत्ति बनता है । कार्य का सही समय पर करना कार्य के प्रति ईमानदारी है । 


समय के पाबंद होना सीखें व्यर्थ के कार्यो में:- समय बर्बाद करने की बजाय लक्ष्य तय करे और उसे पाने के लिए सही स्ट्रेजी बनाकर कड़ी मेहनत करे| हम रोजमर्रा की जिदगी में इतने उलझ जाते हैं की काम को महत्व ना देकर फिजूल के कार्य में समय नष्ट करते हैं । और महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़ देते हैं। अगर आप बदलते हुए समय के साथ नही चलोगे तो पीछे रह जाओगे। जिंदगी में दोस्त सबसे पहली रिक्वारमेंट है लेकिन अगर आपके दोस्त ही टाइम पास हैं तो जिदगी में पीछे धकेलेंगे । इस लिए पहले ये जरूर सोच लें की ये लोग आपको सहयोग देगे या पीछे धकेलेंगे। ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहो जो आपको पीछे धकेलते हो। आपके पास सिर्फ 24 घण्टे हैं और इन्ही घण्टो में आपको सारे कार्य करने है। और व्यवस्थित ढंग से करने है।