ईमानदारी सक्सेस की सीढ़ी है, इसलिए अपने हर दायित्व का ईमानदारी से निर्वाह करें !!
जो व्यक्ति अंदर बहार से एक जैसा व्यवहार रखता है, जिसका वास्तव मे कथनी व करनी में कोई फर्क नहीं होता, उसकी हर बात लोगो को प्रभावित करती है । ईमानदारी में इतनी ताकत है कि तय किये हुए किसी भी लक्ष्य को अपनी बल पर ही पूरा कर देती है । सच्चाई धारण करने वाले व्यक्ति का सम्मान तो बढ़ता ही है साथ मे जुड़ने वालो का विश्वास जम जाता है । यही गुडविल उसको तरक्की की तरफ अग्रसर करती है । सच बोलने वाले इंसान को कभी कुछ याद रखने की जरूरत नही पड़ती ।
सच्चा व ईमानदार व्यक्ति साहसी होता है :- सच्चे व ईमानदार व्यक्ति को किसी से डर नहीं लगता । ऐसे इंसान के जीवन मे छलकपट के लिए कोई जगह नही होती। अपने इन्ही गुणों के कारण वह समाज मे इज्जत व सम्मान पाता है। ईमानदार व सच बोलने वाले व्यक्ति को कभी नीचा नहीं देखना पड़ता, वह सच्चाई और आत्मबल से निरंतर प्रगति करता रहता है। सच्चा इंसान समाज में एक अलग मुकाम हासिल करता है । उसका हर कार्य अनुकरणीय होता है । और लोग भी इनका अनुशरण करते हैं । सच्चे व ईमानदार व्यक्ति ही समाज के स्थाई स्तम्भ होते हैं ,जिन पर समाज टिका हुआ है। । कोई भी कार्य उचित अवसर यानि समय अनुकूल करने से सफलता मिलती है। लेकिन सफलता के मार्ग में कई कठिनाइयाँ आती हैं। एक साहसी व्यक्ति ही उन कठिनाइयों को पार कर सकता है । जीवन में कई अवसर मिलते हैं। साहसी इंसान ही उन अवसरों का लाभ उठा पाता है। भाग्य भरोसे रहने वाले कभी आगे भी नहीं बढ़ पाते। साहसी इंसान कभी भाग्य उदय होने की प्रतिक्षा नही करते। साहसी इंसान ही अपनी असाधारण प्रतिभा, कभी न हार मानने वाला संकल्प, वे ही दुनिया को दिखा पाते हैं, जो भाग्य से नही साहस से काम लेते हैं । अगर आप सहासी हैं तो मेहनत करेंगे लेकिन हार नहीं मानेगे । किसी ने सही कहा है कि -
"सफलता कोई खेल नहीं है जिसके लिए भाग्य का साथ होना जरूरी है। कभी अपने अंदर आलस्य न आने दे क्यों कि आलस्य वह रोग है जो आपको अंदर से जंग लगा देता है "
खुद को इतना सवारे, कि दूसरों मे कमिययां देखने की फुरसत ही ना मिले :- आप खुद को तभी सवाँर सकते हो जब दूसरों की कमियां देखने की बजाए खुद को बेहतर बनाने के बारे में सोचगे। इससे आपका नजरिया ही बदल जायेगा अगर कोई और भी आपके सामने किसी की बुराई करने की सोचेगा तो आप टॉपिक ही बदल देंगे। आम तौर पर हम खुद की कमी व क्वाल्टी पर ध्यान ही नहीं देते । हमेशा दूसरों मे कमी देखते रहते हैं। दूसरों के गुण अवगुणो का अवलोकन करते रहते है। और दुसरो से ही उम्मीद करते हैं, हम चाहते हैं की दूसरे हमारी मदद करें । क्या कभी ये भी सोचा है की और लोग भी आप से कुछ उम्मीद करते होंगे? या और लोग आपके बारे में क्या राय रखते है ?क्या उनकी कसौटियों पर रख कर देखा है ? क्या कभी उनकी कसौटी पर खरे उतरे हो ? जब आप ऐसा सोचोगे तो आप को दूसरों की कमिया देखने की बजाए ,दूसरों से उम्मीद करने की बजाए, खुद को सभालने पर ध्यान दोगे । खुद दूसरों को कुछ देने के बारे में सोचोगे। फिर आप को ओरो में कमी देखने का समय ही नहीं मिलेगा ।
कार्य पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करें :- जो भी कार्य करते हो, उसे करते वक्त एन्जॉय करें । किसी भी काम को लेकर टाल मटोल न करें । जो भी कार्य करें पुरे दिल से करें । ज्यादा तर लोग कार्य के प्रति ईमानदार नहीं रहते, जो बोलते है वो नहीं करते।भ्र्ष्टाचार का रोना तो रोते हैं,क्या इसे दूर करना सिर्फ सरकार का काम है ? सरकार से उम्मीद करना गलत नहीं है लेकिन जब तक देश का हर नागरिक जागरूक नहीं होगा।, जब तक खुद ईमानदारी से काम नहीं करेगा, तब तक भ्र्ष्टाचार जड़ से खत्म नहीं हो सकता । सफलता पाने के लिए आपको मेहनत भी खुद ही करनी पड़ेगी।दूसरों के भरोसे आप सफल नहीं हो सकते। सफल व्यक्ति कुछ नया काम नही करते हैं, वो थकने पर हार मान कर नहीं बैठते,वो हार से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते हैं ।
जिंदगी हर लूजर को एक मौका देती है विनर बनने का :- कहते हैं दुनियां में दो तरह के लोग हैं विनर और लूजर। जिंदगी हर लूजर को एक मौका देती है, जिसमे वह विनर बन सकता है । एक जैसी क्वाल्टी रखने के बाबजूद, एक जैसी डिग्री हासिल करने के बाबजूद, एक ही फार्म में काम करने के बाबजूद भी, एक इंसान दिन पर दिन तरक्की करता जाता है और दूसरा मुश्किल से उस काम में बना रहता है । ऐसा क्यों ? जो लोग दिल लगाकर काम करते है, आगे बढ़ कर हर चुनौती का सामना करते हैं, अधिक से अधिक समय लगाते हैं, पुरे डेडिकेशन के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं, ऐसे लोग दिन प्रति दिन आगे बढ़ते जाते हैं। और जो सिर्फ टाइम पास के लिए नौकरी करते हैं, काम पूरा हो या ना हो, घंटो का हिसाब रखते हैं, वे मुश्किल से सिर्फ नौकरी ही बचा पाते हैं।
भरोसा जीतें :- सक्सेस की सीढ़ी आप तब ही चढ़ पाओगे, जब आप मैनेजमेंट के लिए हर तरह से सूटेबल होगे, मेनजमेंट की नजरो में खरे उतरोगे । डिग्री के आधार पर बेसक आपको नई कम्पनी में टॉप पोस्ट पर ज्वाइन करने का मौका मिल जाए ,लेकिन अगर आपने कम्पनी में जूनियर पद से जॉइन किया है तो मैनेजमेंट आपको लंबे समय तक गौर करता है कि आप कितने समर्पित व भरोसे मंद इंसान हैं। भरोसे व विश्वास के आधार पर ही आप को तरक्की मिलेगी ।
नेगेटिव सोच से बचें :- कई लोग जिस संस्थान में काम करते है या जिस के लिए काम करते हैं,उन्ही में कमियां देखना शुरु कर देते है.उन्ही की बुराई करना शुरू कर देते हैं। वो ये भूल जाते हैं कि इससे आप इस संस्था या उस इंसान की तोहीन कर रहे हैं। आप कमियां देखने की बजाए अपनी संस्था की अच्छाई पर ध्यान दें । पूरी तरह तो कोई भी किसी भी कार्य से सेटिस्फाई नहीं हो सकता। इसलिए ऐसी गलती करने से बचें । जो इंसान एक गलती को बार बार दोहराता है वह कभी भी उन्नति नहीं कर सकता।समझदार लोग दूसरों की गलतियों से सीख लेकर अपनी गलतियों को सुधारते हैं ।
आप अपनी अलग पहंचान बनाएं :- आपका जीवन अनमोल है, इसे पशु पक्षी की तरह खा पी और सोकर ना गुजारे । अपनी ऊर्जा का प्रयोग अपनी पहचान बनाने में लगाए । आप ये मत सोचो की आप में कोई गुण नहीं है या कोई अच्छाई नही है। आज ही अयोगता छोड़ दें । ये सिर्फ आपके दिमाग में जानबूझकर विचार डाला गया है। भगवान ने आपको इस दुनिया में भेजा है यही काफी है ये मानने के लिए की आपकी स्रष्टि को जरूरत है ।
'' जब आप अयोगता को स्वीकार करते हो, तो आप स्वाभिक रूप से बंद हो जाते हो ''
- ओशो का चिंतन
अगर आप ये मानते हो कि आप को कुछ नहीं आता, आप कुछ नहीं कर सकते तो आप अपने अंदर झांक कर देखिये, कोई ना कोई क्वाल्टी आपके पास जरूर होगी, उसे पहचान कर उसे निखारिए, इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और कोई भी कार्य आपके लिए असंभव नहीं रहेगा। अपनी अलग पहंचान बनाने के लिए आपको वो कार्य करने होगें, जो और लोग करने की हिम्म्त नहीं रखते।
जहां चाहा वहा रहा :-एप्पल के सस्थापक स्टीव जॉब्स ने कहा है की ऐसी कोई इच्छा नहीं है जिसे आप पूरी ना कर सकें । इसलिए "follow your hard " कई बार हम दूसरों की देखा देखी अपनी लाइन चुनते हैं लेकिन उससे कुछ दिन बाद ही हमारा मन भर जाता है फिर वो काम हम मन से नहीं कर पाते । अगर इंसान अपनी प्रायटीज तय करले, प्लान करके कार्य करें, अपने पैशन को फॉलो करे, तो वह अपने कार्य में नया मुकाम हासिल कर लेता है ।