Wednesday, June 1, 2016

वर्तमान में जीएं

                                    वर्तमान में जीएं  

आपके जीवन का वर्तमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने वर्तमान के साथ कैसे संबंध रखना चाहते हैं। मित्र संबंध रखना चाहते हो तो मित्र रूप से स्वागत करें। जब मित्र भाव से स्वागत करेंगे तो आप का जीवन मित्र बन जायेगा । लोग आपकी मदद के लिए  बढ़ेंगे,  परिस्थतियां आपके अनुकुल होने लगेंगी ।  दरअसल वर्तमान को  अपना  बनाना अहम का अंत है । अहम के समय जो भी सोचते हो, वो  अतीत या भविष्य के बारे में होता है । जब ऐसा सोचते हैं, तो भय,चिंता ,पछतावा ,अपराधबोध या क्रोध जैसे भाव हमारे मन में आने लगते हैं । अगर आप वर्तमान के साथ शत्रु की तरह व्यवहार करते हैं तो आप कुछ भी कर रहे हो, आप उससे घृणा करने लगते हो । या किसी की निंदा करने लगते हो। हमेशा अपने माहौल की शिकायत करते रहते हो । आपके अंदर हमेशा अंर्त दुवन्ध चलता रहता  है । आप पुरे जीवन को  शत्रु बना लेते  हैं । दरसल समस्या तब आती है जब आप कुछ भी  करने का  विरोध करते  हैं । जब आप दूसरों की दया पर निर्भर  हो जाते  हैं। तब दुनियां आप की ख़ुशी  ना ख़ुशी  तय करने वाली बन जाती है ।    


खुद से  प्रेम करें, जिंदगी में खूब एंजॉय करें:- हम अपनी नजदीकी  के लोगो को इग्नोर कर  देते हैं । मुश्किल से मिलने वाली चीजें आसानी से मिलने वाली चीजों से ज्यादा मूलयवान होती हैं । हमें हमेशा वर्तमान पल का आनद लेना चाहिए । हर पल को महत्वपूर्ण बनाओ। अपने आपको काम में इतना मत झोकों की घर परिवार को ही इग्नोर करने लग जाओ । नही  तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब आप के पास समय भी होगा, और पैसे भी होंगे  लेकिन आपके अपने आपके पास नहीं होंगे । बच्चे बड़े हो गये होगे और भाई बहन रिलेटिव व दोस्त अपनी अपनी ज़िंदगियों में  मस्त हो गए होंगे । और अगर आप लेट हो भी गए हैं तो अब तो जागो । जीवन में कभी अफ़सोस ना करें । रिचर्ड ब्रानसन का कहना है कि -
हमेशा  भविष्य में रहने से भी हम उतने ही धीमे हो सकते हैं जितने की हमेशा पीछे देखने से । वर्तमान में होने वाली चीजें भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी वे  जिनके लिए आप भावी योजनाएं बना रहे हैं " 

कुछ भी करने या बनने के लिए सपने देखना जरूरी है ,लेकिन अगर सिर्फ सपने दखते रहे तो वर्तमान को खो देंगे जबकि वर्तमान (present )ही सत्य (reality ) है वर्तमान में ही आप वो कर सकते हो, जो कल आप को कामयाबी दिलाएगा । हम लोग सपने तो बड़े बड़े देखते हैं लेकिन उनके हिसाब से मेहनत नहीं कर पाते जिसकी वजह से हम टेलेंटिड  होते हुए भी कामयाब नहीं हो पाते। 


समय को पकड़ कर रखें :- जैसे बूंद बूंद से घड़ा खाली हो जाता है, उसी तरह से मिनट मिनट  से घंटे ,घंटो से हफ्ते और हफ्तों से महीने  और महीनों से साल कब बर्बाद हो जाता हैं पता ही नहीं चलता। एक साल की कीमत उससे पूछो जो फैल हुआ हो। एक महीने की कीमत पूछनी है तो उससे पूछो जिसको पिछले महीने तनख्वाह ना मिली  हो । एक हफ्ते की कीमत पूछनी है तो उससे पूछो जो पुरे सप्ताह असपताल में रहा हो ।  एक घंटे की कीमत पूछनी है तो उससे पूछो जिसने किसी का इतजार किया हो ।एक मिंट  कीमत पूछनी है तो उससे पूछो  जिसकी ट्रेन  एक मिनट से मिस हुई हो। एक सेकेंड की कीमत पूछनी है तो उससे पूछो जो दुर्घटना से बल बाल बचा हो । ये जो समय भागा जा रहा है ,इसे पकडे  रखना अनिवार्य है। समय गया तो जिंदगी का एक अंश गया बराबर समझो । समय गवाना जीवन को नष्ट करने के बराबर है । केवल आलस्य प्रमाद या दोस्तो मे फालतू बातो के लिए समय नष्ट करना सबसे बड़ी बेकुफी है । कुछ लोग दिन, तारीख,व सही महूर्त का इंतजार करने के चककर में समय बर्बाद करते हैं ।  " let us do \ start immediately " समय की नियति है की वह बिना हमे रोके   टोके बीतता रहता है । हमारी कोशिस यही होनी चाहिए की हम उसका ज्यादा से ज्यादा सद उपयोग कर सकें । ये बिना रुके ऐसे ही चलता रहेगा आप चाहे इसे सो कर, दोस्तों में या प्रमाद में बर्बाद कर  दो या किसी भी फिल्ड मे समय का सद उपयोग करके ऊचाई हासिल कर  लो । अग्रवाल मूवर्स ग्रुप के चेयरमैन श्री रमेश अग्रवाल  का कहना  है कि -

" समय का  आदर करो ,ठीक से इस्तेमाल करो , ये बात कहते तो है लेकिन इस बात पर ईमानदारी से अमल  किया जाए तो हमारा देश एक वर्ष में कहां  से कहां पहुंच सकता है  " 


" जब आत्म हत्या को पाप समझा जाता है तो समय नष्ट करने को पाप क्यों नहीं समझा जाता । आखिर समय ही तो जीवन है । जब ये बात समझ में आएगी तभी समय का सही उपयोग हो पाएगा "

No comments:

Post a Comment