Sunday, June 5, 2016

मेहनत कभी बेकार नहीं जाती

                 मेहनत कभी बेकार नहीं जाती  

दो भाई थे उनके साथ मे एक कुत्ता था । वे खेलते खेलते दूर जगल में पहुंच गए । वहा एक कुआ था। बच्चे कुआ के पास में ही गेंद खेलने लगे और बच्चों की गेंद पकड़ते पकड़ते  कुत्ता उस कुएं मे गिर गया  दोनों भाई दयालुता की भावना से रोने लगे । बड़ा भाई ९  वर्ष का था और छोटा ६ वर्ष का था।  दोनों भाई निकालने मे असमर्थ थे । अब करें  तो क्या करें ? बड़े भाई ने सोचा इसे छोड़ कर चलते हैं । लेकिन छोटा उसे छोड़ कर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। और तब बड़े भाई ने सोचा कि क्यों ना जितनी भी जगल मे सुखी झड़िया हैं उन्हें तोड़ तोड़ कर कुएं में डालें इससे कुआ भरता जायेगा और कुत्ता ऊपर आता जायेगा। आइडिया अच्छा  था लेकिन बहुत कठिन था। उन बच्चो ने हार ना मानी और झाड़िया तोड़ तोड़ कर कुएं मे गिराने लगे। फिर कोई राहगीर वहा से निकला तो उसने बच्चो को ये सब करते देखा । लेकिन उसके पास भी  उस सुनसान  जगह पर कोई और तरीका  नही था उस कुत्ते  को निकालने का। और वो भी सूखी झाड़ियों को तोड़ तोड़ का डालने लगा। और जो भी राहगीर आए वो भी उन्हें देखकर इसी काम में लग गए । जब काफी झड़िया अंदर जाने लगी तो कुए में गिरे हुए कुत्ते  ने सारी झाड़ियों को अपने पैरो के नीचे  डालने  लगा और उन्ही झाड़ियों से सीडी  की तरह बनाता गया।  और धीरे धीरे वो ऊपर चढ़ने लगा। जब थोड़े से नीचे रह गया तो लोगो ने उस का पैर पकड़ कर ऊपर खींच लिया ।  

दोस्तों ये कहानी आपको  क्या प्रेरणा  देती है  ?   
  
 मुश्किल समय मे कभी भी घबराकर हार नही माननी चाहिए। हार मानने वाला कभी आगे नहीं बढ़ सकता। जीवन मे हार मानने की बजाए मुश्किलों का सामना करें। सोच समझकर एक एक कदम आगे बढ़ते जाए । तभी आप मुश्किलों को सुनहरे अवसरों मे बदल सकते हो । कहते हैं कि सभी सफलता के पीछे एक दर्दनाक कहानी होती है, तो सभी दर्दनाक कहानी के अंत में दमदार सफलता भी होती है;;;;    






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