'' शिकारी आएंगा जाल बिछाएगा, दाना डालेगा फंसना मत ''
दूसरे दिन शिकरी आया, जाल बिछाया, दाना डाला ये सब बूढ़ा तोता देख रहा था। तोता बोलने लगा शिकारी आएंगा , जाल बिछाएगा, दाना डालेगा फंसना मत। शिकारी को बड़ा दुःख हुआ कि ये तो बहुत समझदार हो गए , अब तो हम भूखे मर जाएंगे लेकिन थोड़ी ही देर में क्या देखता है की वही तोता ये बोलता हुआ- शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, फंसना मत कहता हुआ जाल पर जा बैठा और फंस गया । इतनी ही देर मे वो समझदार पक्षी आ गया । और उन्हें फंसे हुए देखकर बोला की मैने तो आप को समझाया था फिर आपने ये गलती कैसे कर दी । बूढ़ा तोता बोला जैसे आपने कहा था मैने तो वैसे ही बोला और फंस गया । तब उस बुजर्ग पक्षी ने समझाया की जैसे बोल था वैसे ही करना था तभी तो बचते । अब बूढ़ा तोता बोल की अब हम क्या करें ? बूढ़ा पक्षी बोला की जब ये अपने घर ले जाएं तो अपनी गर्दन मरे हुए तोते की तरह लटका देना और जब ये मरा हुवा समझकर जाल से बहार निकाल कर रखें तभी उड़ जाना । तोते ने ऐसा ही किया और वो बच गया।अगले दिन फिर शिकारी ने जाल बिछाया और वो फिर फंस गए । इतने मे फिर बूढ़ा पक्षी आया फिर बूढ़ा तोता बोल अब क्या करें ? वह उसके कान में बोला की सब के सब एक साथ उड़ जाओ और कही ऐसी जगह उतर जाना जहां चूहा हो वे आपके जाल को काट देंगे। बूढ़े तोते ने सब के कान मे बताया और सारे एक साथ उड़ गए, शिकारी ये देखता रह गया। और वो चूहे के पास जाल लेकर पहुंच गए जाल चूहे ने कुतर दिया ।
इस कहानी से क्या सीख ली ? इससे जीवन में यही सीख मिलती है कि जो भी पढ़ो , जो भी जानो उसे जीवन मे उतरो तभी आप कामयाब होंगे नहीं तो आप कितना ही पढ़ लें, सुन ले, सीख़ लें उसका कोई फायदा नही है जब तक वो जीवन मे नहीं उतारा ।
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