Monday, November 28, 2016

तंगी काटने के लिए तैयार है लेकिन मोदी जी ऐसा इंतजाम जरूर करें कि काली कमाई वाले लोग काले धन को एड्जेस्ट ना कर पाएं !


  
Image result for not bndi pr aam jnta ka hngamaइस समय प्रधान मंत्री जी पर नोट बंदी के फैसले से किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर  विपक्ष जमकर हंगामा कर रही है । है पिछले दिनो तो हंगामा  इतना बढा कि पुलिस ने  आकर रोका ।  जब की सार्थक बहस के लिए सार्थक राजनीति जरूरी है लेकिन सार्थक बहस के लिए समय किस के पास है ? जिसे देखो आरोप प्रतिरोप लगाने में मसगुल हैं । 


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नोट बंदी पर सदन में चर्चा हो रही है ,कुछ  और लोग अपनी बात रखना चाहते है लेकिन विपक्ष उनके चर्चा में भाग लेने में अड़चन डाल रहा है । 


संसदीय कार्य मंत्री अंनत कुमार ने कहा है कि भृष्टाचार ,काला धन और जाली नोट को खत्म करने और आतंकवाद को खत्म करने को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने ये कदम उठाया है। इस कदम को पुरे देश में एक स्वर से एक सुर से समर्थन मिला है ।  टी वी पर सर्वे कि माने तो 90 % लोग नोट बंदी के मत में हैं ।


काले धन के खिलाप मोदी जी लड़ाई जारी रखें जनता आप के साथ है । आम आदमी की राय है कि तंगी काटने के लिए तैयार है लेकिन मोदी जी ऐसा इंतजाम जरूर करें कि  काली कमाई वाले लोग काले धन को एड्जेस्ट ना कर पाएं।  

नोट बन्दी पर प्रधान मंत्री जी ने सीधे जनता से राय भी पूछी है । किसी तरह का कोई घोटाला नही है । अगर काले धन को रोकने का कोई और ठोस विकल्प है तो बताएं। जनता से यही अपील है कि भड़काऊ भाषणों की परवाह ना करें । 

मोदी जी जैसा दूसरा नेता आपको नही मिलेगा जो जनता  के हित में सोचे ।  काला धन रखने वाले आपको तोड़ने के लिए ये सब कर रहे हैं। लेकिन आप हिम्मत ना हारिये अगर आप हिम्मत हारे तो विपक्ष वाले हराने में देर नही लगाएंगे । मोदी जी ने ये कदम जनता के भरोसे ही उठाया है । इसलिए मोदी जी का ज्यादा से ज्यादा स्पोट करें अफवाहों पर ध्यान ना दें मंजिल हमारे पास है।  



Saturday, November 26, 2016

नोटबंदी से गरीब खुश व काला धन रखने वाले दुखी !



Image result for nit bndi ka asrइसमें कोई शक नही है कि केंद्र सरकार दुवारा 500 और 1000 के नोट बेन करने के फैसले से पुरे देश में अफरातफरी मची हुई है। गांव में रह रही 80 करोड़ जनता कैश पर निर्भर है।


इससे राजनितिक दल ही नही बल्कि आम जनता भी  इसके समर्थन या विरोध में खड़ी है। इससे आम जनता को परेशानी तो हो रही है, लेकिन जनता को घबराने की जरूरत नही है जनता का धन सुरिक्षित है। और दो से तीन महीने के अंदर सारी परस्थिति ठीक हो जाएगी। आगे चलकर इससे आम आदमी को  ही सबसे ज्यादा राहत मिलेगी ।


नारे बाजी करने वालो को जनता की परवाह नही है।जनता की परेशानियों का हवाला देकर  विपक्ष प्रधानमंत्री पर निजी हमले करने लगी हुई है। इन्हें देखकर लगता है कि सत्ताधारी पार्टी नोटबंदी से परेशान होकर खुद को सही साबित करने व नोटबंदी से राजनितिक फायदा उठाने में लगी हुई है। 


रियल इस्टेट मामलो के विशेषज्ञ मनीष प्रताप का कहना है कि देश अब कैशलेस इकोनॉमी की और बढ़ रहा है,जो परिपक्व अर्थव्यवस्था की दिशा में उठाया गया साहसिक कदम है। मनीष प्रताप जी ने कहा है काला धन का बड़े पैमाने पर प्रोपर्टी मार्किट में इस्तेमाल होता है। निवेशक अब अपना कैस इस क्षेत्र में नही खपा पाएंगे । दिल्ली एनसीआर मार्किट में कैश का लेन देन सबसे अधिक होता है। इसलिए दिल्ली एनसीआर की प्रोपटी मार्किट में इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा ।


और विशेषज्ञ का भी मानना है कि नोटबंदी से रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी असर पड़ने की संभावना है। कहा जा रहा है की इससे घर जमीन की किम्मत में काफी गिरावट आ सकती है। जिसकी वजह से बिल्डरों को प्रोपर्टी कम कीमत पर बैचनी पड़ेगी।इससे मध्यम और सामान्य वर्ग के खरीदार के लिए अब सस्ते मकान खरीदना संभव हो पायेगा।


कैशलैस इकॉनमी से टैक्स चोरी रुकेगी, गरीबी घटेगी, दुनिया में रूपये की किम्मत बढ़ेगी। चोरी चकारी की वारदात रुकेगी,आतंक पर लगाम लगेगी ,भ्र्ष्टाचार, काला धन और आतंक रुकेगा। इस फैसले से उच्च शिक्षा ,रियल एस्टेट आम आदमी तक पहुंच सकेगी ।    



Thursday, November 24, 2016

नोट बंदी पर कुछ ही लोगो को नाराजगी क्यों ?



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दोस्तों ! अभी मेरे पास एक पोस्ट आई जिसे पढ़कर में सोचने पर मजबूर हुई और उसे पढ़कर उसके सवालो के आधार पर में ये आर्टिकल लिख रही हूं -



  •   क्या कारण था मोहम्मद गौरी से अकेले पृथ्वी राज चौहान ने ही युद्ध किया ....  बाकी पड़ोसी हिन्दू राजा क्या कर रहे थे ?



  • क्या कारण था अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा ले रहे थे ... बाकी पुरे भारत के राजा कहा थे ?



  • क्या कारण था महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खाँ और ओरंगजेब से युद्ध लड़ रहे थे बाकी के हिन्दू राजा  ?


  • जब  अंग्रेज  सेनापति ह्यूरोज  झांसी की रानी लक्ष्मी बाई से नही जीत पाया तो उसने कूट नीति का प्रयोग करके झांसी के ही विश्वासघाती सरदार दूल्हा सिंह को मिला लिया जिसने किले का दक्षणी दुवार खोल दिया ।  जिससे फिरगी सेना किले में घुस गई । 


तो जब हिंदुओं की आपसी फुट लालच व घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को एक मत व एक साथ नही होने दिया तो ... 

ये मोदी जी का साथ दें ये कैसे संभव हो सकता है ... ?

लालची घमंडी व ईर्ष्यालु लोग मिलकर, मोदी जी को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। वरना काले धन पर इन लोगो का एक मत ? काले धन पर, काले धन रखने वाले ही एक मत हो सकते हैं । 

जब की एक किसान कह रहा है हम सौ रूपये में भी घर चलाएंगे लेकिन काले धन पर रोक लगनी चाहिए । भारत की बेटी कह रही है में चाय पर शादी कर लूंगी लेकिन काले धन पर रोक लगनी चाहिए । फिर ये एक मुठी लोग ही काले धन पर एक मत क्यों हो रहे हैं ? 

मुश्किल में गरीब लोग नही है उनके पास पहले भी पैसे कहा थे ? जो रददी हो गए वे सब खुश हैं । परेशानी तो काला धन रखने वालो को हो रही है। और जो गरीब लोग इनका अपने स्वार्थ में पैसे बदलवाने में लगे हुए हैं वे इनकी हाँ में हाँ मिला रहे हैं । वरना गरीब व मिडिल क्लास लोगो को तो पहली बार पैसा ना होने की ख़ुशी हो रही है ।  

वैसे भी हमारा देश सैकड़ो हजारो सालो से विदेशी आक्रमणों को झेल रहा है । कभी हम सनातनी पुरे विश्व में फैले थे । आज इसी फुट के कारण भारत में भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं । आज ये आखरी मौका है फिर कोई हिन्दूवादी शासक नही मिलेगा । विचार कीजिएगा !!!  



कालेधन के खिलाप मोदी जी का समर्थन!!!



Image result for kala dhan in hindi500 और 100 रूपये के नोट को तत्काल बंद करने से आम आदमी को काले धन से निपटने की उम्मीद तो जगी, लेकिन इससे कई परेशानियां भी बढ़ी हैं । बैंक में लगी लंबी लम्बी कतारे जब तक बैंक में केश लेने पहुँचती हैं तब तक कैश खत्म हो चूका होता है। 


इससे विवाह शादी व बिजनैस करने वालो को थोड़ी दिक्कत ज्यादा है । लेकिन फिर भी  सब मोदी जी के निर्णय से सहमत हैं , मोदी जी के साथ है। जनता को मोदी जी पर विश्वास है और एक उम्मीद उन्हें इस समस्या से जूझने की हिम्मत देता है। कि कल हर इंसान की जिदगी में सकूँन होगा । भृष्टाचार चार में कमी आएगी और काले धन पर रोक लगेगी। और जनता ये भी जानती है-

"जब फ्लाईओवर बनता है तो २-3  साल लग जाते  हैं, अब तो देश बन रहा है सब्र रखिये " 


आज ये जितने भी लोग लंबी लाइन या लड़कियों की शादी का बहाना बनाकर सरकार को घेरकर अपनी राजनीतिक अजेंडा चलाने की कोशिस कर रहे हैं, वे ये भूल गए है कि जनता ये जानती है की नोटों को बदलने की परेशानी तो कुछ दिनों की है । 

लेकिन जो समस्या जनता सालो से सरकार की कुशासन की वजह से अव्यवस्था की वजह से  भ्र्ष्टाचार की वजह से झेल रही है उस समस्या से तो कुछ निजात मिलेगी। और जनता ये  भी सब जानती है कि छटपटाहट की वजह जनता की परेशानी नही  काला धन है  जितने भी लोग शोर मचाने वालो की हाँ में हाँ  वही लोग कर रहे हैं  जो काला धन दाबे बैठे हैं।

जो लोग बेटियों की शादी का हवाला दे रहे हैं, वो सूरत की "दक्षा " से प्रेरणा लें  सकते हैं , जिन्होंने चाय पर शादी करके कालेधन के खिलाप मोदी जी का समर्थन किया । कितनी ही शादी यों में ऐसा देखा गया है की शादी से पहले  किसी की मौत हो जाती है तब पांच लोग जाकर शादी कर लाते हैं । जब घर की समस्या में हम साथ देते हैं तो ये तो देश को बदलने के लिए फैसला किये गए हैं अब साथ देने में कैसी परेशानी ? अब भी तो काला धन मर रहा है । 


आजादी की लड़ाई में लाखों लोगो ने अपना सहयोग दिया अपनी खुशियों की कुर्बानी दीं किसी ने अपना बेटा किसी ने अपना भाई और किसी ने अपना पति खोया था तब जाकर हमे आजादी मिली थी । 


आज भी ये ऐसा समय है जब मोदी जी को समस्त देश वासियों का समर्थन चाहिए। तभी हमारा देश आगे बढ़ सकता तभी सब को साथ लेकर चला जा  सकता । तभी देश तरक्की कर सकता है । लाइन में खडे होने से ज्यादा परेशानी  तो काले धन को इकठा करने वालो से होती  है ।  




Saturday, November 19, 2016

काले धन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' से भृष्ट लोगो की बौखलाहट !

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नरेंद्र मोदी जी द्वारा अचानक 500 और 1,००० रूपये के नोट बंद करने के फैसले से, जिन्होंने नगद में काla
 धन इकठा किया हुआ था, वे  लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुए है। इससे कुछ भृष्ट लोग काला धन बर्बाद होने पर बौखला गए हैं ।  

इसलिए झूठे बयान बाजी से 125 करोड़ लोगो की परेशानी का मुद्दा उठाकर, जनता को लंबी लाइन में खड़े होकर परेशान होने का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं। जनता को भड़काकर दंगे करवाना चाहते हैं। क्यों की वो बर्बाद हो रहे हैं। जिससे जनता को कोई मतलब नही है।,


वो ये भूल रहे है की जनता आप जैसे लोगो से परेशान है। इसलिए देश में परिवर्तन चाहती है । हर एक ईमानदार इंसान इस ऐतिहासिक बदलाव के साथ है। और उसके लिए कोई भी परेशानी उठाने के लिए तैयार है। इसलिए जनता को यूज करने की कोशिस ना करें  कृपया जनता को अलग रखें । 

शोर सिर्फ काला धन रखने वाले मचा रहे हैं। किसी भी ईमानदार इंसान को लाइन में खड़े होने में ऑब्जेक्शन नही है वे सिर्फ बदलाव चाहते हैं। रही लाइन में खड़ी होने की बात तो जनता को इसकी आदत है । जब  से देश आजाद हुआ है तब से जनता लाइन में ही तो खड़ी है। जहां भी जाती है उसे लाइन में ही तो खड़ा होना पड़ता है। कहा नही लगती लाइन ?

राशन वितरण  , स्कुल एडमिसन ,कोलिज एडमिसन ,हॉस्पीटल टीरीट मेंट ,ट्रेन टिक्ट्स , बस पास ,गैस कनेक्सन, बिजली बिल ,पानी बिल ,इनकम टैक्स ,बर्थ साफिटिकट ,डेथ साफिटिकट मंदिर में दर्शनों के लिए आदि । 

जब इन सबके लिए जनता लाइन में खड़ी रह सकती है तो बैक ,a t m  की लाइन में  खड़ी क्यों नही हो सकती  ? 



Thursday, November 17, 2016

शादी बराबर वालो में करें| एक कहानी !!!



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माधव सिह एयरफोर्स से रिटायर मेजर थे,  उनके पिताजी की सैदपुर के बड़े जमीदारो में गिनती थी। कहते हैं कि  माधव सिंह व उनके पिताजी के राज में घर से कोई भी जरूरत मंद कभी खाली हाथ नही लौटा ।   



लेकिन समय का कुछ फेर ऐसा आया की माधव सिंह की मौत अचानक हो गई । सब की मदद करने वाले के बच्चो को औरो की मदद की जरूरत पड़ने लगी । 



लेकिन माधव सिंह की पत्नी सुलक्षणा सुशील व अच्छे खानदान की लड़की थी, इसलिए उसने सब कष्ट सहे लेकिन अपने बेटे रवि व शिव  के लिए माँ बाप दोनों का फर्ज निभाया। खानदान की मान  मर्यादा को आंच नही आने दी । जैसे तैसे सुलक्षणा ने रवि व शिव को पढ़ालिखकर कामयाब किया । 



रवि पढ़ा लिखा होकर भी सामाजिक प्रथाओ का विशेष प्रेमी था । सम्लित कुटम्ब व समाज को साथ लेकर चलने का उपासक था। रवि की इस सादगी से पूरा गांव व रिस्तेदारी रवि का बहुत मान सम्मान करते थे । इससे जो लोग अपने परिवार से मिलकर नही चलना चाहते थे, या सेल्फिश किस्म के लोग रवि से घृणा करते थे । रवि हमेशा सबको यही समझाता की घर परिवार में मिलकर चलने से ही समाज में इज्जत मिलती है । 

सुलक्षणा चाहती थी कि रवि की ऐसी बहु आये, जो उस घर की मानमर्यादा का ख्याल रखे और जो इमेज माधव सिंह के समय थी व मानमर्यादा रवि व शिव इस घर की बनाए रखें । और ये तभी हो सकता है जब घर में बहु डाउन टु अर्थ हो । 


एक दिन प्रीति को उसने कंडे थापते हुए देखा । देखते ही उसके मन में आई की ऐसी ही लड़की मेरे घर के लिए ठीक रहेगी । पढ़ी लिखी भी लग रही है और देखने में सुंदर और सुशील है जरूर किसी अच्छे खानदान की है ।  इस गांव की तो नही लग रही ।

सुलक्षणा  ने प्रीति का पता लगाया ये किस की लड़की  है ? पता चला की प्रीति ब्रह्मजीत की बहु की दूर की भतीजी है । ब्रह्मजीत की बहु बीमार है इसलिए इसे बुलाया हुआ है । बात बातो में पता चला की प्रीति  बहुत ही होशियार व मेहनती लड़की है लेकिन बहुत ही गरीब घर की है  । 


सुलक्षणा कुछ सोच में पड़ गई कि इस लड़की को में अपने घर की बहु बनाना चाहती हूँ पर कही ये कल मेरे घर में आकर उचखल ना हो जाये । कहते है खाली घडा ज्यादा छलकता है कही ये लड़की भी हमारे घर में आकर छलने ना लगे । 


दूसरे ही पल सोचने लगी ये तो समय समय की बात है, मेरे जीवन में भी कुछ समय ऐसा आया था जब मेरे पास भी कुछ नही था । जरूर ये लड़की समझदार निकलेगी । और ये सोचकर उसने प्रीति की शादी अपने बेटे के रवि के साथ करा दी  ।


थोड़े ही दिनों में प्रीति ने अपना रंग दिखाना शुरू किया। प्रीति के भाई बहनो ने  हमेशा के लिए वही डेरा जमा लिया । प्रीति के हाथ में सब कुछ था लेकिन अब उसे अपनी सास का  घर में रहना अखरने लगा । 

 प्रीति सोचती थी की में अपने हसबेंड के साथ चली जाऊ तो मेरे घर वालो का रहना खाना किसी को नही दिखेगा । में अपने भाई बहनो की खुलकर मदद कर सकुंगी  ।  अब हर बात की खबर मेरी सास को रहती है । जिससे मुझे इनके शर्मिंदा होना पड़ता है ।

कई बार प्रीती ने  अपने हसबेंड रवि से साथ चलने के लिए कहा लेकिन रवि चाहता था की प्रीति मेरी माँ के पास रहे । माँ गांव घर व इतनी जमीन ज्यादाद को छोड़ कर कभी  साथ नही चलना चाहेगी । और शिव भी बाहर रहता है माँ को अकेला नही छोड़ सकते । 



जब प्रीति को अपनी एक भी चलती ना दिखी तो प्रीति एक दिन घर छोड़ कर चली गई। प्रीति को ढूढ़ते ढूढ़ते पूरा दिन पुरी रात गई । सुबह 5 बजे  प्रीति का फोन आया कि में जौधपुर के रेलवे स्टेशन पर हुं  रोने लगी की मुझे आप ले जाओ । 


रवि और उस का दोस्त श्याम उसे लेने पहुंचे । तब प्रीति ने फंड फैलाया की मुझे मम्मी ने मरने के लिए मजबूर किया था ।  में मरने के लिए यहां आई थी, लेकिन बच्चो की सोचकर मर ना सकी ।  

जब की इस चाल में प्रीति की बहन व परिवार वाले भी शामिल थे । उन्होंने रवि व रवि के परिवार वालो को परेशान देखकर भी एक बार भी ये नही बताया की प्रीति वहा है।  

उल्टा प्रीति को मारने की व दहेज  के लिए प्रताड़ित करने का मुकदमा दायर करने की धमकी देने लगे । जब की ये सब जानते थे  कि शिव बाहर जॉब करता है। और प्रीति की सास बहुत बुजर्ग है जो खुद दो रोटी बना कर नही खा सकती वह प्रीति को क्या दुःख देगी । 


रवि व रवि के परिवार वाले दुखी थे की अब क्या करें ? प्रीति की हकीकत सामने थी । अगर प्रीति से रिस्ता तोडा जाए तो प्रीति के घर वाले दहेज का नाटक करके लाखों खीचना चाहेगे वो पहले भी प्रीति की भुआ से मिलकर भुआ  की ससुराल वालो के साथ ऐसा कर चुकें हैं । 


इससे समाज में हमारी बेजयति होगी और रवि के भी लड़की है कल कोई अच्छा परिवार उसका रिस्ता नही लेना चाहेगा । प्रीति की करनी की सजा प्रीति व रवि की लड़की को उठानी पड़ेगी । प्रीति तो अपनी भुआ की तरह कही और शादी करके बैठ जाएगी । ये सोच कर रवि व उसके माँ और भाई ने यही डिशिजन लिया की रवि इसे अपने साथ ले जाए । अब प्रीति खुश है। 


लेकिन ये कड़वा सत्य समय भी नही बदल सकता । जो रवि समाज गांव व रिस्तेदारो को मिलकर चलना सिखाता था आज उसी की पत्नी ने रवि का सिर निचा कर दिया आज चाहते हुए भी अपनी माँ की सेवा या देख भाल नही कर  सकता । रवि व माँ और भाई के दिल में हमेशा ये रहेगा की शादी बराबर वालो में की होती तो आज ये नोबत नही आती ।



वाह मोदी जी कमाल कर दिया !


Image result for narendra modi best quotes in hindiइतने महीनों से मोदी जी ने काले धन वालो का आवाहन किया। काला धन लाओ 30 % टैक्स दो और व्हाइट में ले जाओ। लेकिन कालेधन वालो ने अनसुनी कर दी । 

ताजुब की बात तो ये है की 'सर्जिकल स्ट्राइक' से भी कालाधन रखने वाले लोगो ने कुछ नही सीखा ? वे इस गलत फहमी में रहे की उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता वो जो चाहे कर सकते है।  वो मोदी जी के ये वाक्य कैसे भूल गए कि  ... 

" वो लूट रहे हैं सपनों को में चैन से कैसे सो जाऊं , वो बेच रहे हैं भारत को में खामोश में कैसे हो जाऊं " 

मोदी जी खामोश नही रहे और ' काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक' करके एक ही पल में नरेंद्र मोदी जी ने सब की आँखे खोल दी  हैं । अब गरीब हंस रहा है और काले धन वाला अमीर रो रहा है । सब ने यही सोचा था  कि प्रधानमंत्रीय जी भाषण देकर  भूल जाएंगे । वो मोदी जी का नारा कैसे भूल गए -

             " हम वादे नही इरादे लेकर आये हैं " 

जब की मोदी जी ने कभी हवाई वादे नही किए । उनका पहला वादा यही था भ्र्ष्टाचार को खत्म करना व ब्लैक मनी को निकालना हैं ।

गरीब बहुत दिनों के बाद आंखों में सुनहरे सपने सजाएं चैन  की नीद सो रहा है। और काले धन वाले अमीर नीद की गोली लेकर भी करवटें बदल रहा है । मोदी जी ने ये स्तय कर दिखाया है कि  - 

" किसी भी राजनीती पार्टी के लिए उसका घोषणापत्र गीता कुरान और बाइबिल की तरह होना चाहिए "  

वास्तव में मोदी जी ऐसे लीडर है, जिनके पास हर समस्या का समाधान है । जिसके कारण पुरे देश के चहेते लीडर बन गए हैं और विश्व की निगाह उन पर टिकी हुई है । मोदी जी युवा वर्ग के आदर्श बन गए है । 

मोदी जी जो भी कार्य करते हैं उसे पूरी तैयारी से करते हैं और उसे पूरा करने में अपनी जी जान लगा देते हैं । आज सारे भृष्ट लोग मिलकर  मोदी जी की निदां कर रहे हैं। लेकिन मोदी जी बेबाक उनकी आलोचनाओं का मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं । 

हमारे देश को  नरेंद्र मोदी जैसे लीडर की जरूरत है।  जो सच में सच्चा देश भक्त हो, जो नया इतिहास रच सकें । बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधार सकें , सही को सही और गलत को गलत जवाब दे सकें  । 

" डरते वो हैं जो अपनी छवि के लिए मरते हैं ,में तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूं , इसलिए किसी से नही डरता हूँ "

नरेंद्र मोदी जी ने इसकी शूरुआत कर दी हैं। अब हम सबको मोदी जी का साथ देना  है । बैको और एटीएम  के बाहर लोगो की भारी संख्या में भीड़ लगी हुई है घण्टो लोग लाइन में खड़े हैं फिर भी कालेधन को रोकने के लिए जनता  हर परेशानी को झेलने के लिए तैयार हैं । मोदी जी का ये नारा -

 " माना की अंधेरा घना है ,लेकिन दिया जलाना कहा मना है "

मोदी जी बधाई हो । हमारे देश में सच्चे देश भक्तओ  की कमी नही है । हर ईमानदार व देश भक्त आपके साथ हैं । जय हिन्द । 



Tuesday, November 15, 2016

अपनों की अहमियत !!!



Image result for apno ki pehchan दोस्तों ! अब सयुक्त परिवार की परम्परा खत्म हो गई है । इससे जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं । आज का इंसान  अलग रहकर सुखी तो है, लेकिन खुश नही है ।

पैसा तो है लेकिन सकुन नही है, परिवार तो हैं, लेकिन रिस्तो की वैल्यू नही है। पहले संस्कार माँ बाप, दादा दादी व घर के अन्य सदस्यों से मिलते थे लेकिन आज परिवार सयुक्त नही रहे जिससे बच्चो को अपनों का साथ नही मिलता । और बाहर जिसे जैसा माहौल मिलता है वो वैसे ही गुण अवगुन सीख लेता । 

हर इंसान सिर्फ पैसे कमाने की मशीन बन चुकी है। आज माँ बाप के पास पैसा है लेकिन बच्चो को प्यार व संस्कार देने के लिए समय नही है । जिसकी वजह से बच्चे एकाकी जीवन जीने पर मजबूर हैं । 

इस पैसे का क्या करा जाए ? आप पैसे से बच्चो के लिए किताब खरीद सकते हो, गाड़ी खरीद सकते हो, मंहगे कपड़े दिलवा सकते हो, अच्छे कॉलिज में एडमिशन करा सकते हो ।लेकिन जो इंसान का व्यक्तित्व होना चाहिए वो आप बच्चो का  पैसे से व्यक्तित्व नही बना सकते। उसके लिए बच्चो को आपके संस्कार व समय आपको खुद देना होगा । पीछे न्यूज में आपने एक खबर सुनी होगी कि एक बहुत बड़े पुलिस अफसर का  बेटा  रेप  के केश में पकड़ा गया था  
                          
ऐसे हादसों की वजह बच्चे नही उनका माहौल है जो हम अपने बच्चो को दे रहे हैं । हर सुख सुविधा उपलब्ध कराने के चक्कर में हम अपने बच्चो को समय व संस्कार नही दे पाते । जिसका हर्जाना हमारे साथ साथ हमारे बच्चे व समाज को भुगतना पड़ रहा है ।

दोस्तों! हर पेरेंट्स से मेरी एक ही रिक्वेस्ट है की आप अपने बच्चो को पैसे से ज्यादा  क्वालटी समय देने की कोशिस करें। एक जिम्मेदार पेरेंट्स बनें आज के बच्चे कल के नागरिक हैं और आने वाले समय को एक अच्छा नागरिक देने की जिम्मेदारी निभाए । आज के बच्चे ही कल  देश का भविष्य तय करेंगे । और आप ऐसा नागरिक तभी देश को दे सकोगे जब आज खुद व बच्चो को अपनों की अहमियत समझा सकोगे । सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करोगे । सही गलत में फैसला करना सिखाओगे ।   

Monday, November 14, 2016

सक्सेस के 8 रूल्स !!!


            


Image result for safalta ke niyamदोस्तों!  जितने भी लोग आज तक सक्सेस हुए हैं उन्होंने अपनी सक्सेस के कुछ  रूल्स बताए हैं , जिन्हें फॉलो करके वो सक्सेस हुए हैं । जिदगी  में आप बिना रूल्स फॉलो करे सक्सेस नही हो सकते । आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ रूल्स  जिन्हें फॉलो करे बिना आप सक्सेस नही हो सकते -

 1 गलत आदतें छोड़ें :- नरेंद्र मोदी जी ने एक बहुत अच्छी बात कही थी कि - 
        " आप की आदत ही आपका भविष्य तय करती है "

इसलिए दोस्तों जो भी आदतें आपको लगे कि  ये हमारी सक्सेस की राह का रोड़ा हैं उन्हें तुरन्त बदल दें , तभी आप सक्सेस हो सकोगे । और कोई भी आदत बदलना मुश्किल नही है । 21 दिन में आप कोई भी आदत बदल सकते हो । 

2 कार्य की प्रायटी को समझें :-  कौन सा कार्य हमे कौन से नम्बर पर रखना है ये सोचना अनिवार्य है। अगर आप अपने कॅरियर को दूसरे नम्बर रखकर कार्य करते हो, तो आप का कॅरियर नंबर  दो पर ही रहेगा नम्बर  1 पर कैसे हो सकता हैं  ?  तो आप खुद से सवाल करें की आप खुद को कहा देखना चाहते हो ? आप घर को  नंबर 1पर रखना चाहते हो या दोस्तों को नम्बर 1 पर रखना चाहते हो या अपने कैरियर को 1  पर रखना चाहते ? जिसे जिस नम्बर पर रखना चाहते हो उसे उसी हिसाब से प्रयाटी  दो । 


३ पैसे की बजाय काम पर फोकस रखो :- अगर आप का फोक्स पैसो पर हैं तो आप काम की क्वालटी पर ध्यान नही दे पाओगे और अगर आपका फॉक्स काम की क्वालटी पर है तो जब क्वालटी अच्छी होगी तो पैसे अपने आप मिलने लगेंगे । पैसा आपकी क्वालटी तय करती है जैसी आपके कार्य की क्वालटी होगी वैसे ही आपको पैसे मिलेंगे । 


4 अपने साथियों को आगे बढ़ने का मौका दो :- जब सक्सेस की राह पर इंसान निकलता है तो वो दुसरो को इग्नोर कर  जाता है। वो उन्हें सिर्फ अपना साथी समझकर सक्सेस का पूरा श्रेय खुद लेना चाहता जिससे उसके साथियों का मनोबल कमजोर हो जाता है । और सक्सेस का श्रेय ना मिलने की वजह से वो साथ छोडने लगते हैं । 

5 जो भी निर्णय लें उस पर अटल रहें :- ज्यादातर क्या होता है की हम दुसरो के देखा देखी कार्य तो शुरू कर देते हैं लेकिन कुछ ही दिनों में उससे उक्ता जाते हैं फिर उसे बीच में ही छोड़ देते हैं । इसलिए सोच समझ कर ही कोई कार्य करने का निर्णय लें और जो भी निर्णय लिया है उससे पीछे ना हटें। सक्सेस का सबसे पहला रूल्स ही ये है की जो भी आप कर रहे हो उसे लगातार करते रहो बीच में छोड़ कर ना बैठे । 

6 खुद इतनी मेहनत करो , इतना पसीना बहाओ की साथीयों को काम के लिए कहना ना पड़े  :-  दोस्तों ऐसा नही हो सकता की आप बैठे रहो और ओर लोग कार्य करें । ओर भी तभी चलते हैं जब हम खुद उसमे जी जान से लगे हो इसलिए इतनी मेहनत कीजिये की आपके साथी आपसे मोटिवेट होकर खुद देखा देख काम करें।  



7 समस्याओं व विरोध के आगे घुटने ना टेकें :- दोस्तों जितना बड़ा काम होगा उतनी ही बड़ी समस्या सामने आएगी,  उतना ही विरोध होगा। आज तक कोई ऐसा सक्सेस इंसान नही देखा जिसके सामने समस्या ना आई हो जिसका लोगो ने विरोध ना किया हो । समस्याएं इंसान को मजबूत बनातीं हैं । जिसके जीवन में जितनी अधिक समस्याएं आती हैं वो उतना ही अधिक सक्सेस होता है । 


8 जो भी कार्य करो, उसका फायदा किसी ना किसी को जरूर होना चाहिए :- कहते हैं कि -  " आपके किसी कार्य से अगर एक को भी फायदा होता हो उसे जरूर करना चाहिए" 

हर हर कार्य  में अपना ही फायदा नही देखना चाहिए । जब आप औरो को मध्य रखकर कार्य करोगे तो उससे आपको भी फायदा होगा । 


Saturday, November 12, 2016

आप कैसी पड़ोसन हैं ? जाने खुद को !!!

       
Image result for pdosi achche hone chahiyeदोस्तों ! अपने घर परिवार से दुर रहने वालो के लिए पड़ोसी ही सुख दुःख के साथी होते हैं । लेकिन हर रिस्ते की तरह पड़ोसीयों से रिस्ते की भी एक सीमा है। और इस सीमा का दोनों को ही ध्यान रखना अनिवार्य है । 

लेकिन कई लोग जाने अनजाने अधिक आत्मीयता या लालच के चक्कर में पड़ोसियों के लिए सिर दर्द बन जाते हैं । रिलेशनशिप एक्सपर्ट का कहना है कि  -

"पड़ोसी तब सिर दर्द बन जाते हैं जब वे जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी करने लगते हैं "

कही ये गलती आप भी तो नही कर  रही ? जाने की आप कैसी पड़ोसन हैं -


1 a आप अपने पड़ोसी के घर समय देखकर जाते हैं ? कि अब वो बिजी नही होगा या सो नही रहे होंगे ?  मेरे जाने से उन्हें डिस्टरबेंस नही होगी । 


 b आपका जब मन करता है तब जाकर बैठ जाते हैं।चाहे उनका काम हो या ना हो चाहे उनके सोने का समय हो ? या कोई उनका रिलेटिव आया हुआ हो ? 


2 a आप उनके हर काम में अपनी राय देती हैं ? चाहे उन्हें अच्छा लगे या ना लगे । क्या सही है क्या गलत है ये बताती हैं ? 


b आप उनकी राय मांगने पर ही राय देती हैं वरना आप उनकी बात चुप चाप सुनती रहती हैं।  

3 a पड़ोसियों के कार्यो में दखलंदाजी करती हैं ।  वो क्या करते हैं ? क्या लाते  हैं ? या क्या किसी को देते हैं ? कैसे किसी से रिस्ते रखते हैं ? क्या उनके बच्चे करते हैं ? क्या पहनते हैं ? 

b आप उनके किसी बात में कोई दखल अंदाजी नही करते हर कार्य में अपनी सहमति जताते हैं । 

4 a क्या आप छोटे छोटे काम के लिए उन्हें परेशान करती हैं ? जैसे हम कही बाहर जा रहे हैं आप हमारे बच्चो को खाना बना देना । या बच्चों को स्कुल से ले आना। हमारे बुजर्गो को देख लेना । 

b आप अपना काम अपने आप कर के जाती हैं ? और पड़ोसियों को परेशान करना उचित नही मानती।  

  
5  a आप डेली जाएं या ना जाएं लेकिन जरूरत पड़ने पर सुख दुःख में साथ देती हैं ?

b आप बेकाम जाकर बैठती हैं और जरूरत पड़ने पर बहाने बनाकर पीछा  छुड़ाती हैं ? 

6 a आप को दुसरो की तरक्की की ख़ुशी होती है ? और आप किसी भी बात में तुलना  करना व्यर्थ  मानतीं ।

b आप किसी भी चीज में पड़ोसियों से तुलना करती हैं ? या उनकी तरक्की से जेलसी होती है ?

 7  a  आप को किसी के सुख दुःख से कोई मतलब नही है आप सिर्फ टाइम पास के लिए  व अपने मतलब के लिए पड़ोसियों को यूज करती हैं ? 

B  आप पड़ोसियों  के सुख में सुखी व दुःख में दुखी होती हैं ?

8 a आप अपनी पड़ोसन की  व्यक्तिगत जीवन  के नैगेटिव पांइट को खोद खोद कर पूछती हैं ? 

 b आप उनके किसी भी नैगेटिव पॉइन्ट पर बात शुरू करके उन्हें टेंशन  नही देना चाहती ?  

9 a क्या आप अपने पड़ोसनो के सामने अपने पैसे गाड़ी गहना कपड़ो या लाइफ स्टाइल को  शो ऑफ करती हैं ? 

b क्या आप नार्मल व्यवहार करती हैं । आप कोई दिखावा या डिगें नही हाँकती  ? 

10 a क्या आप  के रहन सहन से पड़ोसियों को कष्ट ना  हो इन  बातों का ख्याल रखती हो ?   

b अपनी मस्ती में मस्त रहती हो  ? किसी को परेशानी होती है तो हो । 


सही आंसर 1 a ,2 a, 3 b , 4 b, 5 a, 6 A, 7 B, 8 A, 9 B, 10 A |  

   
आइये जानते हैं की हम कैसे पड़ोसी हैं । ये दस सवाल दस नम्बर के हैं अगर इनमे से आप के सात या सात से अधिक नम्बर आते हैं, तो आप बहुत अच्छे पड़ोसी हैं । अगर सात से पांच के बीच में नम्बर हैं तो आप औसत पड़ोसी हैं । अगर आपके पांच से तीन के बीच में नम्बर आते हैं तो आपके पड़ोसी अच्छे हैं जो आपको झेल रहे हैं । 


आज की युवा पीढ़ी एटिकेट्स भूलती जा रही है| चिंता का सबसे बड़ा विषय !!!



Image result for maa baap se jhagda karte bachcheहाय दोस्तों ! आज  कुछ बच्चो के रवैया  को देखकर मन में ये लेख लिखने की प्रेरणा आई । एक तरफ हम इकीसवीं सदी में चल रहे हैं, दिन प्रति दिन प्रोग्रेस की तरफ बढ़ रहे हैं, वही दूसरी तरफ हमारे बच्चे एटिकेट्स भूलते जा रहे  हैं । 

डिग्री  हासिल करने की तो होड़ हैं लेकिन एटिकेट्स पर किसी का ध्यान नही है ।  चिंता का सबसे बड़ा विषय तो ये है की हम पेरेंट्स भी अपने बच्चो के पीछे लाखों खर्च कर के सिर्फ उन्हें डिग्री दिलाने की दौड़ में सामिल हैं। लेकिन एटिकेट्स के मामले में लापरवाह होते जा रहे हैं। जिस का खामियाज हम और हमारे बच्चे आने वाले समय में भुगतेंगे ।  

बच्चो को संस्कार, माँ बाप की सेवा, बड़ो की इज्जत करना , आशिर्वाद लेना, दुआ बदुआ, पूजा पाठ, परिवार से मिलकर चलना सब फालतू की बातें लगती हैं  सब को अन्धविश्वास  बताते हैं । इन्हें समझाओ तो वो बात इन्हें गलत लगती है । जवाब देने में ये अपनी शान समझते हैं, अपना हक समझते हैं । 

अगर  बच्चो के दोस्तों के सामने एक बार उन्हें किसी बात पर टोक दो तो उसमे उन्हें शर्म महसूस होती है । माँ बाप का  डांटना  बच्चो  इन्सल्ट लगती है । किसी से भी दोस्ती कर लेते हैं  और उनके घर आने जाने लगते हैं। 

गलत दोस्तों का साथ सही लगता है। उनका खाना पीना रहना अच्छा लगता। लेकिन ये क्यों भूल जाते हैं कि ये सब अपने पेरेंट्स की खून पसीने की कमाई बर्बाद कर रहे हैं ।

अपनी पसंद की शादी करना चाहते हैं ना करो तो घर से चले जाने की धमकी देते हैं। अधिकतर पढे लिखो को माँ बाप नही चाहिए, सब रिस्ते नाते को तोड़कर चले जाते हैं । इनकी सोच अपनी जिदगी तक सिमित रह गई है । वो ये भूल गए हैं कि - बुरे दिनों के लिए चार लोग चाहिए । 

कई बच्चे तो अच्छे पढे लिखे होते हुए भी पास में रहते हुए अपने पेरेंट्स से अलग रह रहे हैं । पेरेंट्स के जीते जी उनकी कमाई में से हिस्सा ले रहे हैं और जो  अभी नही देना चाहते उन्हें देने के लिए मजबूर कर देते हैं  ।

 ये तक भूल जाते हैं कि उनके अभी और भाई बहन अनमैरिड हैं । इस बात पर वे लड़ने झगड़ने लगते हैं। बोलते वक्त ये तक भूल जाते हैं कि वो अपने पेरेंट्स से  बात कर रहे हैं। जब की पेरेंट्स बच्चो को बाधते नही हैं वे सिर्फ इतना चाहते हैं की बच्चे किसी त्यौहार ख़ुशी या अच्छे दिन में साथ साथ हो । जिंदगी का एक पहलु । 

 न्यू जनरेशन अपने सामने किसी को समझती ही नही है। किसी ने एक दो डिग्री क्या ले लीं खुद को सबसे अधिक समझदार समझने लगते हैं ।अपनी डिग्री के सामने किसी के अनुभव की कोई अहमियत ही  नही समझते। 

 बच्चे  पेरेंट्स को सिखाते हैं कि आप को कुछ नही पता। बच्चो से कोई पूछे की आप क्या जानते हो ? सिर्फ चार डिग्री ले लीं और हो गये समझदार या लाखों कमा कर समझदार बन गए। जितना कमा रहे हो उसमे खुद का गुजारा नही है और पेरेंट्स को सीख़ दे रहे हैं । 


बच्चे ये क्यों भूल जाते हैं कि आज जो भी कुछ तुम हो वो सिर्फ पेरेंट्स की वजह से हो आज जो डिग्री तुम लिए बैठे हो वो पेरेंट्स ने दिलवाई हैं । उन पेरेंट्स ने दिलवाई है जिन्हें आज तुम अपनी ईगो के चलते हर बात में निचा दिखाते हो । 



Friday, November 11, 2016

माँ बाप का विश्वास क्यों तोड़ देते हैं बच्चे ? हिंदी कहानी


Image result for SKULL JATI LADKI" मॉम! मै टयूसन जा रही हूं ! परसो से एग्जाम हैं कुछ डाउट पूछने हैं टीचर से , इसलिए देर से आऊँगी। किताबें हाथ में उठाते हुए अंजली बोलती जा रही थी ।  

"अंजली को खुद टयूसन छोड़ कर आओ, अकेले जाना लड़कियों का ठीक नही है " अंदर से अंजली के पापा बोले । 

"पापा! " नाराज होती हुई अंजली  ने कहा, देखो  ना मॉम पापा कैसे करते हैं ? 

थोड़े दिनों में जब में कॉलिज जाऊगी क्या वहां भी आप मुझे छोडने जाएगी ? अब में बड़ी हो गई हूँ आपके साथ स्कुल या ट्यूशन जाते मुझे शर्म आती है ! बच्चे मजाक खीचते हैं !   

मॉम पापा पर नाराज होते हुए बोली "  ठीक कह रही है ! तब  ये कॉलिज जाएगी,या कही बाहर पढेगी तब भी इसे कॉलिज में छोड़ने जाऊँगी क्या ? अब बड़ी हो गई है अपना भला बुरा जानती है। अपने बच्चों  पर  विश्वास करना सीखो ।

जाओ बेटी ध्यान से जाना। अंजली ने मॉम को थैक्स कहा और ट्यूसन चली गई । 

पापा मॉल में गए और ये देख कर घबरा गये कि अंजली किसी लड़के के साथ । पापा बदहवास अंजली के पास पहुंचे ! और बोले यहां चल रहा है तेरा टयूशन ? अंजली का हाथ पकड़ कर खीचते हुए  मॉल  से बाहर चले गयें  । 

घर आकर मॉम के सामने खड़ा कर के बताया, कि  तेरी लाड़ली मॉल में किसी लड़के के साथ पिक्च्चर देखने गई थी। ये टयूसन चल रहा है ? यही है इसकी समझदारी ? इतना ही भला बुरा समझती है ये । शर्म आनी चाहिए तुमको इसे समझा नही सकती ?  इतनी छूट क्यों देती हो ? मेरी इज्जत की तुम्हें कोई परवाह नही है । 

मॉम का सिर शर्म से झुका जा रहा था ,वो बस एक ही बात सोच रही थी कि मेरी बेटी ने ही मेरा विश्वास तोड़ दिया । मैने इसकी हर बात पर विश्वास किया और इसने ऐसा करते हुए मेरे बारे में बिलकुल भी नही सोचा  । कि मॉम डेड़ पर क्या बीतेंगी ?  

क्या माँ बाप से बढ़ कर बच्चो का कोई हित चाह सकता है ? ' नही "  जो माँ बाप  बच्चो के हित के लिए सब कुछ कर सकते हैं। कम से कम उन माँ बाप का विश्वास तो मत तोड़ो ।

बच्चो की गलतियों को सिर्फ माँ बाप ही समाज से छुपा सकते हैं उन्हें सुधार सकते हैं । बच्चे अपनी जिदगी में निजी डिशिजन लेकर आगे तो बढ़ते हैं लेकिन कुछ कदमो पर ही डगमगा जाते हैं । 



Wednesday, November 9, 2016

कार्य कल पर टालने की आदत बदलें !!!



Image result for kal kare so aaj karजो लोग अपने कार्य को कल पर टालते हैं उनका जीवन, घर, आफिस, रिस्ते सब बिखरे रहते हैं । उनका काम करने के तरीके सब के सब उबाऊ होते हैं । और जो लोग हर कार्य को आज अभी और इसी वक्त करने में लगे रहते हैं उनका हर कार्य अट्रेक्टिव होता है । उन्हें देखकर उनसे मिलकर अच्छा लगता है ।

उनका घर ऑफिस व जीवन हमेशा सवरा हुआ मिलता है । और आपको एक बात और माननी होगी की जिन लोगो को काम टालने की आदत होती है  वो जरूरी और गेर जरूरी में फर्क नही कर पाते ।  वे जरूरी से जरूरी कार्य भी कल पर टाल देते हैं । 


अगर काम टालने की आदत को बदलना चाहते हो तो कुछ बातो का हमेशा ख्याल रखें जैसे -



हर कार्य का समय निर्धारित करें :-  जो भी समय निर्धारित करो उसी समय पर वो कार्य करने की कोशिस करो। अगर आप कुछ दिन ऐसा करोगे तो आप उसे करने के हैबुच्वल हो जाओगे और फिर आप छोड़ना भी चाहोंगे तो भी नही छोड़ पाओगे । उस समय फिर आपको ये लगेगा की आपको ये कार्य कर लेना चाहिए । 



जरूरी व अनजरूरी कार्यो में फर्क करें :- ऐसा करने से आप जरूरी कार्य को पहले करेंगे । और अनजरूरी कार्यो को बाद के लिए छोड़ दोगे । नही तो हम कई बार अंससरी कार्यो में समय बर्बाद कर देते हैं ।  


गापीस करने की आदत को बदलें :-  कई बार हम आपसी बातो में लग कर कार्य नही कर पाते। इसलिए काम करते वक्त गापीस में ना लगें । अक्सर ये होता है की आपस में बात करने बैठ गए तो फिर वो कार्य टल ही जाता है ।  


हार्डवर्किंग कार्यो को पहले करें :-  हम छोटे छोटे कार्यो में फंस कर बड़े कर्यो को कल पर छोड़ देते हैं । और फिर उनमे पूरा समय ना दे पाने की वजह से उस काम की क्वालटी डाउन हो जाती है । और आप ये अच्छी तरह से जानते हो कि  एक समय  कार्य  देर से हो तो चल सकता है लेकिन क्वालटी से समझौता नही हो सकता । 


समय व्यर्थ ना गवाएं :- लेडीज में ये आदत अक्सर होती है की वो अपने कार्यो को अहमियत नही देती । और उन्हें कल पर टालती रहती हैं । जिससे वे उस कार्य में एक्सपर्ट होते हुए भी काम को सही समय और सही क्वालटी से  नही कर पाती ।  


उबाऊ कार्यो में हाथ ना डालें :-  ज्यादातर काम कल पर टालने का रीजन ही ये होता है कि  जो कार्य हमे पसंद नही होते उन्ही कार्यो  को हम कल पर टालते हैं । इसलिए जो काम आप नही कर सकते उस कार्य को आप किसी और से करवाएं ।  




Monday, November 7, 2016

अनुभव के बिना डिग्रीयां सिर्फ कागज के टुकड़े हैं !!!

    
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24 साल पहले जब मेरी शादी हुई तो बदनसीबी से मुझे ऐसा परिवार मिला जो बिखरा हुआ था। जहाँ रिस्तो की किसी को कोई कदर नही थी। किसी को किसी की परवाह नही थी । इससे उस घर में लड़ाई झगड़े व बर्बादी शुरू हुई । 




 मेरे हस्बेंड व उनके भाई  जॉब करने लगे । मेरे हसबेंड के मन में ये बात थी की अगर मेरे छोटे भाई कामयाब हो गए तो घर में शन्ति बन जाएगी और फिर से घर, घर बन जायेगा । इसलिए उन्होंने घर की सारी जिम्मेदारी ले ली । 


मुझे अपने हसबेंड का अपने परिवार के  पीछे पैसा खर्च करना अच्छा नही लगता था । कुछ मेरे ससुराल वालो का भी मेरे व  हसबेंड के  प्रति रवैया अच्छा नही था । ऐसे में ऊपर से तो सब नार्मल  लगता था लेकिन अंदर ही अंदर में  इस परिवार खिंची खिंची रहती थी । 



जब उनका छोटा भाई ग्रेजुएशन के लिए शहर गया तो हर खर्चे के लिए वो मेरे हसबेंड के पास फोन करते । इस बात से मुझे चीड़ होती थी । एक दिन मैने अपने हसबेंड से गुस्से में कहा की क्या ये भिखारी की तरह जब देखो जब मांगते रहते हैं । क्या ये अपने बेटे की फ़ीस भी नही भर सकते ।  


मेरे हसबेंड ने मुझे समझाया की समय समय की बात है। चलता रहता है कोई बात नही थोड़े दिन की बात है वो कामयाब हो जायेगा फिर हमे देने की जरूरत नही होगी ।   


इस बात को हुए सालो बीत गए। मेरा बेटा  c.a  कर रहा था। उस समय मेरे हसबेंड के बिजनेस में ऐसा उतार चढ़ाव आया की मुझे अपने बेटे की कोचिंग की फ़ीस के लिए हर बार किसी ना किसी से मांगना पड़ा ।  


अब मेरा घमंड टूट चूका था और में उनकी बजाए खुद को भिखारन महसूस कर रही थी। जरूरत मंद की जो मदद करे वही अमीर है । वरना इस दुनियां में जब आपको जरूरत में फँसना पड़े तो दुनियां में खुद से बड़ा भिखारी कोई नही होता ।


उस दिन मुझे समझ  में आया कि अनुभव के बिना डिग्री सिर्फ कागज का टुकड़ा हैं । जैसे डिग्री ले लो और अनुभव ना हो तो डिग्री कागज के टुकड़े के समान रहती है। ऐसे ही मेरे संस्कार भी अनुभव के बिना अधूरे थे । मुझे भी जिदगी का अनुभव उस दिन हुआ । 

कहते है कि - " बड़े टुक खा लो लेकिन बड़े बोल मत बोलो" । " आकाश का थूका अपने मूहं पर आकर पड़ता है" । ये बुजर्गो ने सही कहावतें बनाई हैं । हमे समय रहते जीवन में  सीख उतार लेनी चाहिए । नही तो कई बार जिदगी गलतियों को सुधारने का मौका नही देती । 



Sunday, November 6, 2016

मेहनत से बनता है भाग्य !!!



Bhagya Aur Karma Quotes in Hindi Anmol Vachan दोस्तों ! ल + लक्ष्य  क+ केंद्रित  मतलब लक्ष्य पर केंद्रित होकर कड़ी मेहनत करने से ही भाग्य  बनता है । जो इस बात को मानकर मेहनत करते हैं वो अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं । और जो नही मानते वे समय हालात स्थिति  या रिस्तो को दोष देते हैं । आपको एक कहानी सुनाती हूं -  


सोमेश और नरेश दोनों जुड़वाँ भाई थे । दोनों एक साथ पले, पढे, बड़े हुए । थे तो दोनों जुड़वा भाई लेकिन दोनों की आदत अलग थीं । सोमेश मेहनत पर विश्वास करता था लेकिन नरेश हमेशा भाग्य के भरोसे रहता था । 

दोनों भाई एक ही शहर में आ गए । सोमेश जॉब करता था । और नरेश को एक दुकान खुलवा दी गई। सोमेश अपने कैरियर को लेकर सीरियस था, इसलिए हर काम पर बहुत ध्यान देता। जॉब के साथ साथ वह अपने मैनेजर से  आगे बढ़ने के लिए बिजनैस के बारे में सीखता रहता  ।   
  
लेकिन नरेश की काम में कोई रूचि नही थी। वो हर चीज भाग्य भरोसे   छोड़ देता था । नरेश  दुकान पर व दुकान से आने के बाद अपने दोस्तों में गपसप करने में समय बर्बाद करता। और जितना दुकान में बचता वो पैसा दोस्तों व घूमने फिरने में खर्च कर देता । अपनी अपनी आदतों की वजह से ( सोमेश व नरेश)  के बीच दूरियां बढ़ती गई ।    

नरेश व उसके दोस्त सोमेश का मजाक खीचते । मजाक खीचते वक्त बोलते कि सोमेश हमेशा नोकरों की तरह काम में लगा रहता है । अरे इसी तरह लगा रहा तो इंजॉयमेंट कब करेगा।मिलेगा तो वही जो भाग्य में लिखा है । 

सोमेश उन्हें समझाने की कोशिस करता कि भाग्य कुछ नही होती ।मेहनत से ही कामयाबी मिलती है । इंजॉयमेंट तो कभी भी कर लेगे । पहले में जॉब में और आप मार्किट में पैर तो जमाओ । तभी तो लाइफ में कामयाब हो सकेंगे । 

लेकिन नरेश  व उसके दोस्त  सोमेश पर बहुत हंसते। की अभी से संघर्ष करेगे तो लाइफ इंजॉय क्या बुढ्ढे हो कर करेगे । अभी इंजॉय करो संघर्ष तो पूरी जिदगी चलता रहेगा । सोमेश का ध्यान अपने काम के प्रति और नरेश अपने दोस्तों में आगे बढ़ता ही गया । 

इस बीच में नरेश ने काफी पैसा बर्बाद किया और सोमेश ने कई बार नरेश की मदद। लेकिन नरेश ने अपनी आदतें नही बदली इसके चलते सोमेश व नरेश के बीच दुरी बढ़ती गई  ।

सोमेश ट्रांसफर होकर दुसरे शहर चला गया। और कभी कभी किसी के विवाह आदि जैसे कार्यक्रम में थोड़ी देर के लिए मिलते। सोमेश सबके यहां पहुंचता लेकिन नरेश मन मोजी था कही चला जाता कही टाल मरता । इसलिए समय के चलते एक दूसरे से  सालो नही मिले । 

समय बहुत ही तेज गति से चलता है । 17 साल बाद एक घटना घटी । नरेश एक बहुत बड़ी कंपनी में इंटरव्यू देने गया । उसके सामने ही सोमेश आया और एक आफिस चला गया । नरेश ने सोचा की सोमेश भी इस कंपनी में जॉब करता होगा  ।    

जब नरेश को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया तो नरेश ये देखकर भौचक्का रह गया। कि जिस भाई का में और मेरे दोस्त मजाक उड़ाते थे वो आज इस कंपनी का मालिक है। सोमेश को सामने देखकर नरेश का सिर शर्म से झुक गया । 

जब बोर्ड के अन्य लोगो ने नरेश का इंटरव्यू  लिया । तो थोड़ी ही देर में नरेश को रिजेक्ट कर दिया और बोले की ना तो आपके पास कोई डिग्री है।  और न ही किसी अच्छी कंपनी में जॉब का कोई एक्सपीरियंस है । अत: आप इस पोस्ट के योग्य नही हैं । ये सुनकर नरेश की आखों में आंसू आ गए वह सोमेश की तरफ मुड़ा ।

इतनी ही देर में सोमेश वहा से उठकर बहार चला गया ।  बाहर आकर नरेश ने सोमेश से कहा भाई में पिछले कई  साल से परेशान हूं । दुकान बंद हो चुकी है  काफी कर्जा है । और जिस भी कंपनी में इंटरव्यू देता हूं वो ही मुझे रिजेक्ट कर देते हैं । मुझे कोई छोटी मोटी जॉब दे दे  तो मेरे भी बच्चे पल जायेंगे । 

सोमेश ने  सोचने के लिए समय मांगा और अपना कार्ड देते हुए तीन दिन बाद फोन पर बात करने के लिए कहा । सोमेश दो दिन बाद ही नरेश से मिला। और नरेश से बोला " मेरी कम्पनी में  सब काबिल लोग हैं "  और सब कड़ी मेहनत में बिलीव करते हैं। उनमे से कोई  भी ऐसा नही है जो मौज मस्ती  या भाग्य भरोसे रहता हो। हर इंसान संघर्ष से ही यहां तक पहुँचा है ।

मैने पहले भी कई बार मौके दिए थे। लेकिन तुम खुद को नही बदल सकते । अगर मैंने तेरे को कम्पनी में रखा तो तेरे देखा देख और लोग भी लापरवाही करने लगेंगे। और में उन्हें ना कुछ कह पाऊंगा और ना ही कंपनी से निकाल पाऊगा। तेरी वजह से  में खुद बर्बाद हो जाउगा । 

नरेश बोला तो आप मुझे कोई काम नही दोगे ? सोमेश हल्की सी मुश्कान में बोला नही में अपनी कम्पनी में ऐसा आदमी नही रखना चाहता। जो कि भाग्य भरोसे  रहे व अपने कीमती समय को कैरियर से ज्यादा मौज मस्ती में उड़ा  दे । 



Saturday, November 5, 2016

जातिवाद- बनता जा रहा है समाज के लिए अभिशाप !!!


Image result for jativad in hindiदोस्तों! यूं तो हिन्दू धर्म  प्रेम ,दया, सहिणुता,  व त्याग का प्रतीक है । लेकिन अब देखें तो जातिवाद के नाम पर बहुत अधिक भेद भाव बढ़ता जा रहा  है । जब की भारत देश अनेकताओं में एकता का देश है ।

जातिवाद की लड़ाइयों से समाज को सिर्फ नुकसान हो रहा है।  और  हमारे समाज को कई समस्याओ का समान करना पड़ रहा है। 


लोग ये भूलते जा रहे हैं कि ऋषियो ने जाति सिर्फ कार्य के आधार पर बाटी थी। जैसे- 

पढ़ाई लिखाई करके समाज को सही राह दिखाने वालो को ब्राह्मण। 

खेती करने व देश की  रक्षा व जरूरत मंद  की मदद करने वालो  का बीड़ा उठाने वालो को क्षत्रिय ।

आयत निर्यात ( यानी व्यापार ) करके समाज का हित  करने वालो को वेश्य । 

 मानव सेवा और छोटे मोटे कार्य करने वालो को शुद्र  में बांटा था । 


और अगर आज भी ये बटवारा यहां तक ही रहे तो सही है । इससे अधिक बाटने पर  तो सिर्फ नुकसान ही है । जिससे हमारा गांव, शहर, समाज देश तरक्की करने की  बजाय गरीबी, बेहाली, अशिक्षा व  बेरोजगारी की दल दल में फसता जायेगा। इस समय हमे आपस में लड़ने की बजाए  अशिक्षा ,गरीबी, बेरोजगारी, बेहाली व आतंकवाद जैसे बड़े मसलों से लड़ना चाहिए । 

जातिवाद की लड़ाई ने तो हमारे लिए कई समस्याएं पैदा की हैं जैसे -      

आरक्षण :-  आरक्षण के चलते योग्य बच्चे रह जाते हैं और अयोग्य चुन लिए जाते हैं । आप को ये तो मानना पड़ेगा कि  90 %  नम्बर लाने वाला 60 % नम्बर लाने वाले से अधिक योग्य है ? और जब आरक्षण के चलते 90 % वाला इंसान रिजेक्ट कर दिया जायेगा और 60 % वाला चुना जाएगा तो  इससे हमारी आने वाली जनरेशन की नीव कमजोर रह जाएगी । और योग्य इंसान को रहते देख मेहनत करने वाले डिमोटिवेट होंगे । 

झगड़े :- जातिवाद के चलते अब आपस में इतनी नफरत बढ़ चुकी है की अब लड़ाई सही गलत की नही रही बल्कि जात पात की बन चुकी है । जिसकी वजह से अहम मुद्दों पर तो लोगो का ध्यान  ही नही जाता। जब की मानवता का नारा है। 

   " हिन्दू मुश्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई " 

" जाति  तोड़ो राष्ट्र जोड़ो "        

ऑनर  कॉलिग :-ऑनर कॉलिग के चलते हर साल कई हजार केस कोर्ट में चल रहें हैं ।  अपने ही अपने बच्चो को मौत के घाट  उतार रहे हैं सिर्फ इसलिए की बच्चो ने अपने पसंद से जीवन साथी चुना । जब की जीवन साथी चुनने की छूट तो पहले भी दी जाती थी । 

जहाँ हमारा फॉक्स देश को एक जुट होकर नई पहंचान दिलाने में होना चाहिए। वहां हम आपस में लड़ लड़ कर अपनी एनर्जी पैसा व योग्यता को बर्बाद कर रहें हैं। जब की सब जानते हैं जाति वाद की लड़ाई सिर्फ सत्ताधारी अपने लालच के चलते करवाते हैं जिनका ना कोई धर्म है और ना कोई ईमान । इनका एक नारा है -

" फुट डालो राज करो "

और भोली भाली जनता इनके चक्कर में आकर अपना , समाज व देश का अनहित कर बैठती है । और अपनी ही लगाई आग में झुलस रही है । 


सच परेशानीयों में फंसने से बचाता है !!!


   
Image result for chor chori  na kren to kya krenचंदूराम शहर का नामी चोर था। उसके पास अपार धन था लेकिन वो अनपढ़ था।  ये बात उसे हमेशा अखरती थी। एक दिन चंदूराम चोर ने सोचा कि - में अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर चोर बनाऊंगा ।

ये सोच कर चंदूराम ने अपने बेटे को किसी रिश्तेदार के घर भेज दिया । और उनसे कहा की आपको जितने पैसे चाहिए वो में दुंगा लेकिन मेरे बेटे को तुम अच्छी तरह पढ़ाना। रिश्तेदार गरीब थे उन्होंने पहले मना किया लेकिन फिर पैसे की बात सुनकर वो राजी  हो गए । 


चंदूराम को एक डर था की उनके रिश्तेदार गरीब तो हैं, लेकिन सत्यवादी हैं कही उनके बेटे में उनका ये गुण ना आ जाए । ये सोच कर उन्होंने अपने रिश्तेदार को समझाया की मेरे बेटे को अपने सत्यवादी व्यवहार से दूर रखना। आपका सिर्फ एक काम है की आप मेरे बेटे को पढ़ा लिखा दें ।  


चंदूराम का रिश्तेदार अपने बच्चो के साथ चंदूराम चोर के बच्चे को भी पढ़ाता। लेकिन जब भी बात सच कहने की आती तो वो चुप हो जाता । और अपने बच्चो को अकेले में बुलाकर कहता बच्चो कितनी  भी परेशनियों में क्यों ना फंसे हो ! फिर भी सच बोलना आपका एक सच बड़ी से बड़ी परेशानी से बचा लेगा । चंदूराम के बेटे ने ये बात सुन ली । 

चंदू राम का बेटा पढ़ लिख कर घर आया । चंदूराम ने अपने बेटे को अपने ही रस्ते पर चला दिया। और उसको पहली चोरी राजा के घर करने के लिए भेजा । 

राजा भेष बदल कर अपने राज्य में घूम रहा था । राजा ने  लड़के से पूछा तुम कौन हो ? लड़के ने कहा में चोर हूँ ! राजा ने कहा तुम कहा जा रहे हो ? लड़का बोला में राजा के महल में चोरी करने जा रहा हूँ ! राजा उस सच को सुनकर स्तम्भ रह गया ।

लड़के के बारे में आगे जानने के लिए ,राजा  ने लड़के से कहा में भी चोर हूं ! में राजा के महल में पहले जा चूका हूँ । राजा की तिजोरी में बेसकीमती हीरे हैं। इन्हें चुराओ!  आधे आधे बाट लेगे।  

राजा ने लड़के को रास्ता बताया । लड़के ने तिजोरी का ताला तोडा  वहां देखा की तीन  हीरे हैं। लड़के ने दो हीरे लिए और राजा को एक हीरा दे दिया । राजा ने पूछा वहां दो ही हीरे थे ?  लड़का बोला नही वहां तीन हीरे थे । अगर में तीनो लाता तो उन्हें बाटने में दिक्कत होती इसलिए में एक वही छोड़ आया ।   

राजा ने चोर की सचाई देखकर, दिन निकलते ही ढिढोरा पिटवा दिया ।जिस चोर ने राजा के महल में चोरी की है राजा उसे अपना मुनीम बनाएगा । ये सुनकर सब चौके की एक चोर को मुनीम?  राजा ने कहा वो लड़का ही मुनीम बनने योग्य है। क्यों कि उसमे ईमानदारी व सच पर चलने का गुण है । और  मुनीम में ये दोनों गुण होने अनिवार्य हैं ।