
दोस्तों ! अभी मेरे पास एक पोस्ट आई जिसे पढ़कर में सोचने पर मजबूर हुई और उसे पढ़कर उसके सवालो के आधार पर में ये आर्टिकल लिख रही हूं -
- क्या कारण था मोहम्मद गौरी से अकेले पृथ्वी राज चौहान ने ही युद्ध किया .... बाकी पड़ोसी हिन्दू राजा क्या कर रहे थे ?
- क्या कारण था अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा ले रहे थे ... बाकी पुरे भारत के राजा कहा थे ?
- क्या कारण था महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खाँ और ओरंगजेब से युद्ध लड़ रहे थे बाकी के हिन्दू राजा ?
- जब अंग्रेज सेनापति ह्यूरोज झांसी की रानी लक्ष्मी बाई से नही जीत पाया तो उसने कूट नीति का प्रयोग करके झांसी के ही विश्वासघाती सरदार दूल्हा सिंह को मिला लिया जिसने किले का दक्षणी दुवार खोल दिया । जिससे फिरगी सेना किले में घुस गई ।
तो जब हिंदुओं की आपसी फुट लालच व घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को एक मत व एक साथ नही होने दिया तो ...
ये मोदी जी का साथ दें ये कैसे संभव हो सकता है ... ?
लालची घमंडी व ईर्ष्यालु लोग मिलकर, मोदी जी को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। वरना काले धन पर इन लोगो का एक मत ? काले धन पर, काले धन रखने वाले ही एक मत हो सकते हैं ।
जब की एक किसान कह रहा है हम सौ रूपये में भी घर चलाएंगे लेकिन काले धन पर रोक लगनी चाहिए । भारत की बेटी कह रही है में चाय पर शादी कर लूंगी लेकिन काले धन पर रोक लगनी चाहिए । फिर ये एक मुठी लोग ही काले धन पर एक मत क्यों हो रहे हैं ?
मुश्किल में गरीब लोग नही है उनके पास पहले भी पैसे कहा थे ? जो रददी हो गए वे सब खुश हैं । परेशानी तो काला धन रखने वालो को हो रही है। और जो गरीब लोग इनका अपने स्वार्थ में पैसे बदलवाने में लगे हुए हैं वे इनकी हाँ में हाँ मिला रहे हैं । वरना गरीब व मिडिल क्लास लोगो को तो पहली बार पैसा ना होने की ख़ुशी हो रही है ।
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