
इससे राजनितिक दल ही नही बल्कि आम जनता भी इसके समर्थन या विरोध में खड़ी है। इससे आम जनता को परेशानी तो हो रही है, लेकिन जनता को घबराने की जरूरत नही है जनता का धन सुरिक्षित है। और दो से तीन महीने के अंदर सारी परस्थिति ठीक हो जाएगी। आगे चलकर इससे आम आदमी को ही सबसे ज्यादा राहत मिलेगी ।
नारे बाजी करने वालो को जनता की परवाह नही है।जनता की परेशानियों का हवाला देकर विपक्ष प्रधानमंत्री पर निजी हमले करने लगी हुई है। इन्हें देखकर लगता है कि सत्ताधारी पार्टी नोटबंदी से परेशान होकर खुद को सही साबित करने व नोटबंदी से राजनितिक फायदा उठाने में लगी हुई है।
रियल इस्टेट मामलो के विशेषज्ञ मनीष प्रताप का कहना है कि देश अब कैशलेस इकोनॉमी की और बढ़ रहा है,जो परिपक्व अर्थव्यवस्था की दिशा में उठाया गया साहसिक कदम है। मनीष प्रताप जी ने कहा है काला धन का बड़े पैमाने पर प्रोपर्टी मार्किट में इस्तेमाल होता है। निवेशक अब अपना कैस इस क्षेत्र में नही खपा पाएंगे । दिल्ली एनसीआर मार्किट में कैश का लेन देन सबसे अधिक होता है। इसलिए दिल्ली एनसीआर की प्रोपटी मार्किट में इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा ।
और विशेषज्ञ का भी मानना है कि नोटबंदी से रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी असर पड़ने की संभावना है। कहा जा रहा है की इससे घर जमीन की किम्मत में काफी गिरावट आ सकती है। जिसकी वजह से बिल्डरों को प्रोपर्टी कम कीमत पर बैचनी पड़ेगी।इससे मध्यम और सामान्य वर्ग के खरीदार के लिए अब सस्ते मकान खरीदना संभव हो पायेगा।
कैशलैस इकॉनमी से टैक्स चोरी रुकेगी, गरीबी घटेगी, दुनिया में रूपये की किम्मत बढ़ेगी। चोरी चकारी की वारदात रुकेगी,आतंक पर लगाम लगेगी ,भ्र्ष्टाचार, काला धन और आतंक रुकेगा। इस फैसले से उच्च शिक्षा ,रियल एस्टेट आम आदमी तक पहुंच सकेगी ।
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