
पैसा तो है लेकिन सकुन नही है, परिवार तो हैं, लेकिन रिस्तो की वैल्यू नही है। पहले संस्कार माँ बाप, दादा दादी व घर के अन्य सदस्यों से मिलते थे लेकिन आज परिवार सयुक्त नही रहे जिससे बच्चो को अपनों का साथ नही मिलता । और बाहर जिसे जैसा माहौल मिलता है वो वैसे ही गुण अवगुन सीख लेता ।
हर इंसान सिर्फ पैसे कमाने की मशीन बन चुकी है। आज माँ बाप के पास पैसा है लेकिन बच्चो को प्यार व संस्कार देने के लिए समय नही है । जिसकी वजह से बच्चे एकाकी जीवन जीने पर मजबूर हैं ।
इस पैसे का क्या करा जाए ? आप पैसे से बच्चो के लिए किताब खरीद सकते हो, गाड़ी खरीद सकते हो, मंहगे कपड़े दिलवा सकते हो, अच्छे कॉलिज में एडमिशन करा सकते हो ।लेकिन जो इंसान का व्यक्तित्व होना चाहिए वो आप बच्चो का पैसे से व्यक्तित्व नही बना सकते। उसके लिए बच्चो को आपके संस्कार व समय आपको खुद देना होगा । पीछे न्यूज में आपने एक खबर सुनी होगी कि एक बहुत बड़े पुलिस अफसर का बेटा रेप के केश में पकड़ा गया था
ऐसे हादसों की वजह बच्चे नही उनका माहौल है जो हम अपने बच्चो को दे रहे हैं । हर सुख सुविधा उपलब्ध कराने के चक्कर में हम अपने बच्चो को समय व संस्कार नही दे पाते । जिसका हर्जाना हमारे साथ साथ हमारे बच्चे व समाज को भुगतना पड़ रहा है ।
दोस्तों! हर पेरेंट्स से मेरी एक ही रिक्वेस्ट है की आप अपने बच्चो को पैसे से ज्यादा क्वालटी समय देने की कोशिस करें। एक जिम्मेदार पेरेंट्स बनें आज के बच्चे कल के नागरिक हैं और आने वाले समय को एक अच्छा नागरिक देने की जिम्मेदारी निभाए । आज के बच्चे ही कल देश का भविष्य तय करेंगे । और आप ऐसा नागरिक तभी देश को दे सकोगे जब आज खुद व बच्चो को अपनों की अहमियत समझा सकोगे । सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करोगे । सही गलत में फैसला करना सिखाओगे ।
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