नरेंद्र मोदी जी द्वारा अचानक 500 और 1,००० रूपये के नोट बंद करने के फैसले से, जिन्होंने नगद में काla
धन इकठा किया हुआ था, वे लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुए है। इससे कुछ भृष्ट लोग काला धन बर्बाद होने पर बौखला गए हैं ।
धन इकठा किया हुआ था, वे लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुए है। इससे कुछ भृष्ट लोग काला धन बर्बाद होने पर बौखला गए हैं ।
इसलिए झूठे बयान बाजी से 125 करोड़ लोगो की परेशानी का मुद्दा उठाकर, जनता को लंबी लाइन में खड़े होकर परेशान होने का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं। जनता को भड़काकर दंगे करवाना चाहते हैं। क्यों की वो बर्बाद हो रहे हैं। जिससे जनता को कोई मतलब नही है।,
वो ये भूल रहे है की जनता आप जैसे लोगो से परेशान है। इसलिए देश में परिवर्तन चाहती है । हर एक ईमानदार इंसान इस ऐतिहासिक बदलाव के साथ है। और उसके लिए कोई भी परेशानी उठाने के लिए तैयार है। इसलिए जनता को यूज करने की कोशिस ना करें कृपया जनता को अलग रखें ।
शोर सिर्फ काला धन रखने वाले मचा रहे हैं। किसी भी ईमानदार इंसान को लाइन में खड़े होने में ऑब्जेक्शन नही है वे सिर्फ बदलाव चाहते हैं। रही लाइन में खड़ी होने की बात तो जनता को इसकी आदत है । जब से देश आजाद हुआ है तब से जनता लाइन में ही तो खड़ी है। जहां भी जाती है उसे लाइन में ही तो खड़ा होना पड़ता है। कहा नही लगती लाइन ?
राशन वितरण , स्कुल एडमिसन ,कोलिज एडमिसन ,हॉस्पीटल टीरीट मेंट ,ट्रेन टिक्ट्स , बस पास ,गैस कनेक्सन, बिजली बिल ,पानी बिल ,इनकम टैक्स ,बर्थ साफिटिकट ,डेथ साफिटिकट मंदिर में दर्शनों के लिए आदि ।
जब इन सबके लिए जनता लाइन में खड़ी रह सकती है तो बैक ,a t m की लाइन में खड़ी क्यों नही हो सकती ?
Baat bilkul theek hai....aapne shai likha hai
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